योगेन्द्र यादव जी को कॉलेजियम सिस्टम हटाने की वकालत करनी चाहिए। भारत की न्यायपालिका पर कुछ परिवारों का कब्जा है क्यों नहीं क्रिमिलियर हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट पर लागू होता है।
Bhai mujhe lagata hai waha collegium ko hatakar politics ke hath me judiciary Dene se axa hai waha bhi cast census ke hisab se reservation system lagane ka samay aa gaya hai Nhi politics ke hath me judiciary jane se hal ECI wala hi hoga gov ke hath ki kathputli
गुलाम मानसिकता अभी खत्म नहीं हुआ है | आप सवर्णों में वर्गीकरण एवं क्रीमीलेअर की चर्चा पर क्यों विचार क्यों नहीं देते हैं ? EWS पर उचित निर्णय क्या है ? लेटरल इन्टिरी पर आप के विचार क्या है ? जागो बहुजन जागो |
@@jagdishbauddh3988 हे मूर्खानंद, जब प्रमाण एकत्रित हो जाएंगे कि ब्राह्मण या बनिया का हीं ईडब्ल्यूएस पर एकाधिकार हो रहा है, तो उनके लिए भी वर्गीकरण होना चाहिए। सवर्णों में क्रिमी लेयर से क्या तात्पर्य है जब उनका आरक्षण ही आर्थिक आधार पर है जैसा ओबीसी का है? चमन चु...ए हो तुम? जब नारा ही है 'जिसकी जिसकी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। फिर वाल्मिकी, धोबी, आदि की हिस्सेदारी क्यों नहीं बढ़नी चाहिए?
Jinhone bodh dharam swikar ker liya.unko reservations se htana chahiye.ve ab smanta vale religion Mai h.ab inko bhedbhav ka samna bhi nhi kerna padta h.
वाल्मिकी समाज में भेजिए और पता लगाइए की कितने ग्रेजुएट हैं कितने इंटरमीडिएट है।कितने आठवीं दसवीं पास है तो आपको पता लग जाएगा।वे शिक्षा के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार ही नहीं है।
Absolutely right, जितना समय sc,stc ki अन्य जातियों को मिला इतना ही समय वाल्मीकि जाति ko mila hai और इतने समय के बाद भी वाल्मीकि जाति में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा नहीं हुई जिससे विकास की मुख्य धारा से पिछड़ गये
योगेंद्र, तुम सराफत का चोला उतारकर धीरे-धीरे आग लगा रहे हो। जातियों की गणना के बारे में साफ-साफ बोलना चाहिए और जातियों की गणना करवानी चाहिए। जिनकी जितनी संख्या है, उतना लाभ देना चाहिए। रही बात बैल्मीकी और अनुसूचित जातियों की, उन्हें ऊँचा उठाने के लिए मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि वे पढ़ सकें और नौकरी पा सकें। अगर कोई क्रेमी लेयर में आता है तो अच्छी बात है, सभी को क्रेमी लेयर में लाओ। जो दालदल में जा चुके हैं, उन्हें वापस दालदल में लाने की बात मत करो। तुम्हारे जैसे लोग जब SC/ST के ऑफिस से बाहर आते हैं, तो बाहर जाकर जाति सूचक शब्द बोलते हैं। जाकर देखो, विश्वविद्यालय में SC के छात्रों के प्रवेश की स्थिति क्या है। सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में MBBS की सीटों पर देखो। अगर अनुसूचित जातियों में क्रेमी लेयर है, तो NFS क्यों है? यहाँ तुम्हारे जैसे लोग हैं जिन्होंने OBC में क्रेमी लेयर को नहीं बचाया। बात करने का हक तुम्हें नहीं है। तुम आम आदमी पार्टी से भी निकाले गए थे और तुम्हारी पार्टी 'सवराज पार्टी' विफल हो गई। तुम बोलने लायक नहीं हो, कृपया घर जाओ और भजन करो या प्रवचन दो। यूट्यूब पर कथा सुनाओ। तुम्हारी दुकान चलती रहेगी, लेकिन अनुसूचित जातियों और जनजातियों के बारे में मत बोलो।
योगेंद्र जी मेरा सवाल है की कलेजीयम जो न्यायलय में लागू है क्या इसे बंद किया जाना चाहिए? जय भीम, जय संविधान, जय भारत! 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿❤️❤️❤️❤️❤️👍🏿👍🏿👍🏿👍🏿👍🏿✌🏿✌🏿✌🏿✌🏿🚴🏿🚴🏿🚴🏿🚴🏿
योगेंद्र यादव समझदार और बुद्धिमान हैं शानदार विश्लेषण करते हैं जो पिछड़ गए हैं उन्हें आगे लाने की जरूरत है लेकिन उसके लिए जातीय जनगणना जरूरी है जो कि bjp नहीं कराना चाहती समाजिक न्याय नहीं देना चाहिए
इससे बड़ा मूर्ख और देशद्रोही दूसरा कोई नहीं है। विशेष योग्यता रखने वाले विशेषज्ञों को UPSC के माध्यम से lateral entry का विरोध करना देश की प्रगति के प्रति के षड़यंत्र है।
योगेंद्र यादव जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने तर्कावर प्रमाण के आधार पर वंचित दलित लोगों के साथ दिया बाबासाहेब आंबेडकर ने सभी अनुसूचित जातीय आरक्षण का लाभ मिलने की कवायत किती
जैसे न्यायपालिका में कॉलोजीयम के माध्यम से जज बन रहे हैं उसी तरह लेटरल इंट्री के माध्यम से सचिव बनाने की परम्परा मोदी सरकार शुरू की है, बहुजनों को हर स्तर पर विरोध करना पड़ेगा!
योगेंद्र जी सादर नमस्कार आप जिस मुकरता के साथ हर बात का जवाब देते हैं वह हमें बहुत पसंद आता है आपकी हर बात नहीं होती है आप बड़े से बड़े सवाल को बड़ी सरलता के साथ हल कर देते हैं आपको धन्यवाद नमस्कार
@@shashiranjanyadav7559 भाई एक पिता के 2 पुत्र हो और फिर उन पुत्रो से जो आगे की जेनरेशन बनी वो अलग नही हो जाती है, उसका मूल(डीएनए) एक ही होता है,, ग्वालवंश भी यदुवंश(चंद्रवंशी क्षत्रिय) का ही एक उपवंश है। फर्क इतना ही है की अहीर तलवार चलाते थे और उन्ही में से कुछ लोग गौ पालन और गौ सेवा करते थे, इसका ये मतलब नहीं है की उनका मूल डीएनए अलग हो गया, भगवान कृष्ण पैदा जेल में हुए थे और पले बढे नंद बाबा के यहां थे, कृष्ण के पिता वासुदेव और नंद बाबा एक ही परिवार के थे और भाई थे।यदुवंशी(अहीर) चंद्रवंशी क्षत्रिय होते हैं। Obc(आरक्षण) में आने की वजह से ठाकुर ये ये बात हजम ही नही कर पाते की यादव क्षत्रिय हैं, जबकि वेद पुराण से लेकर भगवत गीता तक में लिखा है की यदुवंशी क्षत्रिय होते हैं, राजनीति करने वाले लोगो ने यादवों के इतिहास को बहुत तोड़ा मरोड़ा है।
योगेन्द्र जी में खुद जाट समुदाय से आता हूँ. लेकिन हरियाणा में आप जैसे कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री या आप मुख्यमंत्री बनो तब हरियाणा में एक अच्छा सामाजिक सरोकार बनेगा
😊 यादव जी आप समझदार ने फिर आप sc st को तोड़ने क्यो बात करते पहले मनु तोड़ा अब आप जैसे लोग आप को पत्ता मेरे मित्र है वाल्मीकि उसे घर मे तीन आईएएस है जो पढ़ेगा वो बढ़ेगा सीवर मे काम करने वाले इस लागु करने पर भी आईएएस नहीं बनेगे
योगेंद्र जी एक प्रबुद्ध इंसान होने के साथ ही एक विख्यात समाज विज्ञानी व राजनीति के विद्वान हैं । ऐसे लोग देश में बहुत कम हैं । वे अपने लक्ष्य में सफल हों शुभकामनाएं ।
पत्रकार महोदय जी योगेन्द्र यादव जी से ये कहो इन लोगों को सरकार से E W S आरक्षण क्यों नहीं दिलवा दे जब स्वर्ण जाती को मिल सकता है तो इनको क्यों नहीं मिल सकता
, योगेंद्र यादव जी बहुत ही सुंदर व्यक्तित्व कितनी है बहुत सुंदर व्यक्ति हैं बहुत ही तरीके से तरीके से उन्होंने अपना व्यक्तित्व रखा जो कि काबिले तारीफ है यू आर ग्रेट सर।
क्या इस देश में पढ़ना-लिखना अपराध है? क्या सिर्फ जाति ही एकमात्र आधार होना चाहिए नियुक्तियों में? साठ फीसदी सीटें तो जाति के आधार पर भरी ही जाती है, चालिस प्रतिशत लोग यदि अपनें मेरिट से सेलेक्ट होंगे तो देश का अहित नहीं होगा, हित ही होगा। आपको ऐसा क्यों लगता है कि इन चालिस प्रतिशत में केवल अपर कास्ट के लोग ही आएँगे? क्या मेरिट सिर्फ़ अपर कास्ट में ही होती है। आपको क्यों समझ नहीं आता कि जेनरल मतलब अपर कास्ट नहीं होता। जो भी समाज पढेगा-लिखेगा वो मेरिट में आएगा और जेनरल सीट पर नियुक्त होगा।
मैं तो योगेंद्र यादव जी को समझदार समझता था। मगर आज यह बहम दूर हो गया। यादव जी से मेरा एक सवाल है कि जब रिजर्वेशन लागू हुआ। तब सभी SC जातियों की स्थिति एक जैसी थी। जिन जातियों ने शिक्षा को अपनाया, उन्होंने रिजर्वेशन का लाभ उठाया। जो पढ़ेगा वह रिजर्वेशन का लाभ उठाएगा। जो जातियां शिक्षा में बढ़े। उनको लाभ मिला। शिक्षा पर किसी भी जाति के लिए प्रतिबद्ध नहीं है। इतना होने के बाद भी SC ST का आज तक कोटा पूरा नहीं किया।NFS लगा कर पोस्ट खाली छोड़ दिया जाता है। यदि वर्गीकरण किया गया तो और भी पोस्ट खाली कर दी जाएंगी।
1.आप आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था की स्थिति का आकलन कीजिये। 2.आपके पास कोई डाटा है कि किस समुदाय को कितना आरक्षण मिला। 3.क्या छुआछूत खत्म हो गयी. 4.जिन लोंगों को नही मिला उसका क्या कोई सर्वे है।
कांग्रेस की यही परेशानी है । उसमें नेताओं के पास विजन नहीं है । वरना राजीव जी ने ओबीसी को अपना जनाधार बनाना चाहते थे । लेकिन कांग्रेस के ही कुछ नेता उनका ध्यान भटकाने के लिए घपले घोटाले में भटका दिया गया ।
कांग्रेस में भी वर्चस्व उन्हीं लोगो का है जो भाजपा को चला रहे हैं ,राहुल गांधी के अतिरिक्त दूसरी तीसरी पंक्ति में स्वर्ण भरे है और उसकी दुर्गती का कारण भी यही है
सभी शहरों मेँ बालमीकि समाज हु।मैने इनको केवल शहरी निकाओँ का मैँबर बनते तो सुना है लेकिन किसी भी शहरी निकाए का अध्यक्ष बनते नहीं सुना, जबकि यह समाज हर शहर मेँ है।जहां आरक्षित पद हैं ब हाँ भी आरक्षित बर्ग खुद बन जाते हैं लेकिन बालमीकि समाज के प्रतिनिधि को नहीं बनाते हैं।
योगेंद्र सर माननीय सुप्रीम कोर्ट को पहले सभी बड़े बड़े पदों पर sc st obc का प्रतिनधित्व तय करें फिर विभाजन करके जो अति पीछे हैँ उनको भी सुधार करे या दोनों को ek साथ लागु करे
पुरे भारतवर्ष का मूल अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण के वर्गीकरण का समर्थन करता है पूरे भारतवर्ष में मूल अति पिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 40% के करीब है जिसकी हालात वर्तमान समय में राजनीतिक आर्थिक सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से एससी एसटी से भी ज्यादा गया गुजरा है इसलिए ओबीसी के आरक्षण का वर्गीकरण बहुत ही जरूरी है इसी प्रकार महा दलितों एवं पहाड़ी आदिवासियों की भी हालत बहुत ही खराब है दलितों एवं मैदानी आदिवासियों के मुकाबले ।।
उपवर्गीकरण के विरोध में तर्क 1-इससे एन एफ एस बढ़ जाएगा जिन सीटों पर उपयुक्त महादलित प्रार्थी नहीं मिलेगा, उन सीटों को पहले फारवर्ड दलित प्रार्थी द्वारा भरा जाएगा। 2- चयनित महादलित की नियत ठीक नहीं होगी देश के सभी धर्मों की सभी जातियों के लोग अपनी जाति की बात आने पर जातिवादी और मनुवादी बन जाते हैं। फॉरवार्ड दलित समाज के लोगों द्वारा भारत बंद में प्रयोग की गई भाषा को देखें। 3. आरक्षण को विभिन्न हथकंडों द्वारा खत्म कर दिया जाएगा। निराधार बात है। यदि महादलित जातियां भी सिस्टम में नोकरी में उच्च पदों पर आयेगी तो एकजुटता आयेंगी और आंदोलन इतना मजबूत हो जायेगा कि NFS जैसी व्यवस्था हमेशा के लिए दफन हो जाएंगी। असल में विरोध एक जाति के वर्चस्व के टुटने के डर से उपजा हुआ है। और बाबा साहब ने कहा है जाति का विनाश होना ही है। उप वर्गीकरण के विरोधी जातिवाद में डुबे है। होना ये चाहिए कि जो दलित जातियां आरक्षण पाकर आगे बढ़ती है उनका दायित्व कि वह समाज में जाति के विनाश के लिए कोशिश करें। जब दलित समाज में सभी जातियों का विनाश हो जाएगा तो उपवर्गीकरण की जरूरत भी खत्म हो जायेगी। आज जाति पर नाज करने की जगह जाति का विनाश करने की जरूरत है। उप वर्गीकरण वास्तव में जाति का विनाश करने का ही मंत्र है। जब महादलिक जातियां सत्ता में आएगी तो फॉरवर्ड दलित जातियों को उनसे रिश्ता करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। जाति का विनाश होगा और दलित समाज एकजुट होगा। आगे चलकर इसी तरह पूरा देश भी एकजुट होगा। जाति के विनाश का यही महामंत्र है कि सत्ता को जितना अधिक हो सके बांटिये। आपके उपवर्गीकरण के विरोध का असली कारण भी कहीं ना कहीं आपके जातिय वर्चस्व के समाप्त होने का डर है। "दलित आरक्षण भी वास्तव में हिन्दू समाज का उपवर्गीकरण ही था।"
योगेंद्र यादव सर बहुत बुद्धिमान और एक कुशल व्यक्तित्व के धनी और शोषित समाज के दर्पण है और सोशल reformer हैं ऐसे नेताओ को संसद में जरूरत है विडंबना है इस देश का योग्य लोग बाहर रह जाते है और अकुशल व्यक्ति अंदर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रीय संगठन के आपके विचार सुनकर बड़ा दुख हुआ। कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति से rashtraको बड़ा नुकसान उठा ना पड़ा जो जग जाहिर है।
योगेन्द्र यादव जी EWS 10% सुदामा कोटा आर्थिक अधार पर आरक्षण देना क्या यह सही है और ईसका फायदा कौन ले रहा है ईसपे थोड़ा ज्ञान दिया करो आप की बातें दलित विरोधी है
योगेंद्र जी आपके द्वारा इस मुद्दे पर बहुत तर्कपूर्ण बाते कही गयीं हैं, अपने वंचित लोगो की आवाज बड़े मंच पर उठाई हैं हमारा पूरा dsc समाज आपका आभारी हैं हम आपका दिल की गहराइयों से सम्मान करते हैं❤🙏🙏
योगेंद्र यादव जी मैं आपको बहुत बड़ा विद्वान समझता था लेकिन आप विद्वान नहीं है आप जो आरक्षण का विश्लेषण कर रहे हैं वह सही नहीं है बल्कि आप एससी एसटी को गुमराह कर रहे हैं जब सर्वोच्च न्यायालय के पास कोई भी एससी एसटी के सरकारी कर्मचारियों का डाटा नहीं है तो वर्गीकरण कैसे ठीक होगा इसीलिए हम तो यह कहेंगे की सरकार जातिगत जनगणना कराकर जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी साझेदारी आबादी के हिसाब से सभी जातियों को हक मिले हम तो यही चाहते हैं की कोई किसी का हक ना मारे और यह नियम एक जाति पर नहीं बल्कि भारत की सभी जातियों पर लागू हो सभी जातियों को जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी मिले ऐसा मेरा सोचना है।
My experience in Delhi Villegas confirmed that their is rampant UNTOUCHABILITIS amongst different S/Cs and only 2 or 3 Castes people had benefited amongst 16 SC's notification of 1950.
आरक्षण का फायदा सिर्फ चमार जाति और मीणा जाति के लोग उठा रहे बाकि दलितो या पिछड़ा दलितो को इसका कोई फायदा नही मिल रहा है सिर्फ दो जातिया इसका फायदा उठा रही है आरक्षण सबको बराबर मिलना चाहिये और जातिगणना होगी हो सबको फायदा मिलेगा
आरक्षण के वर्गीकरण से जिन जातियों का फायदा होगा उन जातियों को अभी तक पता भी नहीं है कि उन्हें वर्गीकरण के बाद कितना फायदा होगा इसी से पता चलता है कि यह जातियां कितनी पिछड़ी हुई है दलित के दबंग जातियों के मुकाबले।
जब भारत देश आजाद हुआ तब जो जाति का विस्तार था आज 140 करोड़ की भर्ती हो गई है और उसे वक्त जो बस्ती थी वह 40 से 50 करोड़ थी तो आज यह सभी जातियों के अंदर जो जो बढ़ोतरी हुई है तो उसे मुताबिक उनको आरक्षण मिलना चाहिए उसे वक्त की जो बस्ती थी उसके मुताबिक 7.5% और 15% मिली थी तो आज तो उनकी बस्ती बढ़ गई है तो उसे मुताबिक मिलना चाहिए आरक्षण यह बिल्कुल 100% सच है जिसकी जितनी संख्या भारी उनको उनको इतनी हिस्सेदारी मिलना ही चाहिए और आज आरक्षण का दायरा बढ़ाना चाहिए यह एक सच्ची सच्ची बात है अकेले की है के पाई जाती है जनगणना हो जावे जिसकी जितनी संख्या है उसमें तभी उनका उनका हक मिलना चाहिए हिंदुस्तान के ऊपर सभी का हक है तो फिर यह सरकार क्यों नहीं कर रही यही सवाल है आज होनाचाहिए औरकरना ही पड़ेगा उसमें कोई शक सुबह नहीं है आज नहीं तो कल कल नहीं तो परसों यह बात फिर क्यों जस्ट नहीं ले रहे हैं जो भी 27 स्थान पर बैठे हैं वह जब बाबासाहेब ने बात करके की बात कह कर आज एससी एसटी ओबीसीके भगवान मानते हैं उनको यही होना चाहिए
योगेन्द्र यादव जी बहुत अच्छे विशलेषक हैं ❤❤❤❤
योगेंद्र जी ,कोटा पूरा कराइए, बाल्मीकि समाज सहित सभी को इसका लाभ मिलेगा.
योगेन्द्र यादव जी को कॉलेजियम सिस्टम हटाने की वकालत करनी चाहिए। भारत की न्यायपालिका पर कुछ परिवारों का कब्जा है क्यों नहीं क्रिमिलियर हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट पर लागू होता है।
योगेन्द्र यादव जी, इतनी सीधी भाषा से लगता है किसी राज्य के राज्यपाल बनने वाले हैं ।
He is speaking for anyone
'jjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjj#jzb@ legendary film ka song 😊😊😊@@balwantram1926
Bhai mujhe lagata hai waha collegium ko hatakar politics ke hath me judiciary Dene se axa hai waha bhi cast census ke hisab se reservation system lagane ka samay aa gaya hai
Nhi politics ke hath me judiciary jane se hal ECI wala hi hoga gov ke hath ki kathputli
अगर ये नही हुआ तो आप अपने भाइयों को उपवर्गीकरण से लाभ नही लेने देंगे। बहुत शानदार तर्क है आपका।
योगेंद्र जी आप को साधुवाद........ निनार विश्लेषण ..के लियें।
गुलाम मानसिकता अभी खत्म नहीं हुआ है | आप सवर्णों में वर्गीकरण एवं क्रीमीलेअर की चर्चा पर क्यों विचार क्यों नहीं देते हैं ? EWS पर उचित निर्णय क्या है ? लेटरल इन्टिरी पर आप के विचार क्या है ? जागो बहुजन जागो |
Savarno pe konsa aehsan karti hai sarkar jo vargikaran karegi ?
Unka to khun hi chusa jata hai
Absolutely Right sir
तो आपके हिसाब से ईडब्ल्यूएस में क्रीमीलेयर लागू नहीं है जब कि आपकी जानकारी के लिए बता दूं ईडब्ल्यूएस क्रीमीलेयर के साथ ही दिया गया था और लागू है भी।
@@jagdishbauddh3988 हे मूर्खानंद, जब प्रमाण एकत्रित हो जाएंगे कि ब्राह्मण या बनिया का हीं ईडब्ल्यूएस पर एकाधिकार हो रहा है, तो उनके लिए भी वर्गीकरण होना चाहिए।
सवर्णों में क्रिमी लेयर से क्या तात्पर्य है जब उनका आरक्षण ही आर्थिक आधार पर है जैसा ओबीसी का है?
चमन चु...ए हो तुम?
जब नारा ही है 'जिसकी जिसकी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।
फिर वाल्मिकी, धोबी, आदि की हिस्सेदारी क्यों नहीं बढ़नी चाहिए?
Jinhone bodh dharam swikar ker liya.unko reservations se htana chahiye.ve ab smanta vale religion Mai h.ab inko bhedbhav ka samna bhi nhi kerna padta h.
Mera favourite Yogendra Yadav ji mahan Gyani Ho i am from Bangalore
वाल्मिकी समाज में भेजिए और पता लगाइए की कितने ग्रेजुएट हैं कितने इंटरमीडिएट है।कितने आठवीं दसवीं पास है तो आपको पता लग जाएगा।वे शिक्षा के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार ही नहीं है।
Respected sir ji you said Absolutely Right
Thanks so much sir
Absolutely right, जितना समय sc,stc ki अन्य जातियों को मिला इतना ही समय वाल्मीकि जाति ko mila hai और इतने समय के बाद भी वाल्मीकि जाति में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा नहीं हुई जिससे विकास की मुख्य धारा से पिछड़ गये
Tu itna hosyar h to janral fight karna
Balmiki ko padhayee me mandetry kar do..
योगेंद्र, तुम सराफत का चोला उतारकर धीरे-धीरे आग लगा रहे हो। जातियों की गणना के बारे में साफ-साफ बोलना चाहिए और जातियों की गणना करवानी चाहिए। जिनकी जितनी संख्या है, उतना लाभ देना चाहिए। रही बात बैल्मीकी और अनुसूचित जातियों की, उन्हें ऊँचा उठाने के लिए मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि वे पढ़ सकें और नौकरी पा सकें। अगर कोई क्रेमी लेयर में आता है तो अच्छी बात है, सभी को क्रेमी लेयर में लाओ। जो दालदल में जा चुके हैं, उन्हें वापस दालदल में लाने की बात मत करो। तुम्हारे जैसे लोग जब SC/ST के ऑफिस से बाहर आते हैं, तो बाहर जाकर जाति सूचक शब्द बोलते हैं। जाकर देखो, विश्वविद्यालय में SC के छात्रों के प्रवेश की स्थिति क्या है। सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में MBBS की सीटों पर देखो।
अगर अनुसूचित जातियों में क्रेमी लेयर है, तो NFS क्यों है? यहाँ तुम्हारे जैसे लोग हैं जिन्होंने OBC में क्रेमी लेयर को नहीं बचाया।
बात करने का हक तुम्हें नहीं है। तुम आम आदमी पार्टी से भी निकाले गए थे और तुम्हारी पार्टी 'सवराज पार्टी' विफल हो गई। तुम बोलने लायक नहीं हो, कृपया घर जाओ और भजन करो या प्रवचन दो। यूट्यूब पर कथा सुनाओ। तुम्हारी दुकान चलती रहेगी, लेकिन अनुसूचित जातियों और जनजातियों के बारे में मत बोलो।
योगेंद्र जी मेरा सवाल है की कलेजीयम जो न्यायलय में लागू है क्या इसे बंद किया जाना चाहिए? जय भीम, जय संविधान, जय भारत! 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿❤️❤️❤️❤️❤️👍🏿👍🏿👍🏿👍🏿👍🏿✌🏿✌🏿✌🏿✌🏿🚴🏿🚴🏿🚴🏿🚴🏿
योगेंद्र यादव समझदार और बुद्धिमान हैं शानदार विश्लेषण करते हैं जो पिछड़ गए हैं उन्हें आगे लाने की जरूरत है लेकिन उसके लिए जातीय जनगणना जरूरी है जो कि bjp नहीं कराना चाहती समाजिक न्याय नहीं देना चाहिए
Fir to obc ko bhi sub classified krna chahiye
@@Vikrantvarman-x2d अबे पैदाइशी चु... ओबीसी में क्रीमी लेयर प्रारंभ से ही है और अनेक राज्यों में पिछड़ा और अतिपिछड़ा में वर्गीकरण हो चुका है।
इससे बड़ा मूर्ख और देशद्रोही दूसरा कोई नहीं है।
विशेष योग्यता रखने वाले विशेषज्ञों को UPSC के माध्यम से lateral entry का विरोध करना देश की प्रगति के प्रति के षड़यंत्र है।
Incompete knowledge of deppress society
@@vrijendrakaushal3152 you are the epitome of sociologists
योगेंद्र यादव जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने तर्कावर प्रमाण के आधार पर वंचित दलित लोगों के साथ दिया
बाबासाहेब आंबेडकर ने सभी अनुसूचित जातीय आरक्षण का लाभ मिलने की कवायत किती
समझना होगा योगेन्द्र यादव जी के गहन विश्लेषण को। बाल्मीकि समाज को वास्ताव में बहुत कम लाभ हुआ है। सबसे ज्यादा लाभ पासवान,रविदास , धोबी पासी को हुआ है।
ये लोग वही बातें बोल रहे हैं जो बाबा साहब अम्बेडकर को उस समय अलग आरक्षण की मांग पर मनुवादी लोग बोलते थे।
जैसे न्यायपालिका में कॉलोजीयम के माध्यम से जज बन रहे हैं उसी तरह लेटरल इंट्री के माध्यम से सचिव बनाने की परम्परा मोदी सरकार शुरू की है, बहुजनों को हर स्तर पर विरोध करना पड़ेगा!
आपको जानकरी हीं नहीं? ये फैसला 2004 चली आ रही थी????
योगेंद्र जी सादर नमस्कार आप जिस मुकरता के साथ हर बात का जवाब देते हैं वह हमें बहुत पसंद आता है आपकी हर बात नहीं होती है आप बड़े से बड़े सवाल को बड़ी सरलता के साथ हल कर देते हैं आपको धन्यवाद नमस्कार
योगेन्द्र यादव जी पक्षपात रहित विश्लेषण करने के लिए जाने जाते हैं।
आरे भाई यादव टाइटल यूज करो न कहे गोत्र का यूज कर रहे है
@@shashiranjanyadav7559यादवों का मुख्य गोत्र अत्री है, चाहे वे कितने ही उपगोत्रों में बटे हों।
@@curious88 आरे भैया ये साला साउथ वाला राव साहब वाला सब बोलता है अत्री गोत्र यादव का नही होता है तुम लोग गोवाला हो अहीर गोवला अलग होता है
@@shashiranjanyadav7559 भाई एक पिता के 2 पुत्र हो और फिर उन पुत्रो से जो आगे की जेनरेशन बनी वो अलग नही हो जाती है, उसका मूल(डीएनए) एक ही होता है,, ग्वालवंश भी यदुवंश(चंद्रवंशी क्षत्रिय) का ही एक उपवंश है। फर्क इतना ही है की अहीर तलवार चलाते थे और उन्ही में से कुछ लोग गौ पालन और गौ सेवा करते थे, इसका ये मतलब नहीं है की उनका मूल डीएनए अलग हो गया, भगवान कृष्ण पैदा जेल में हुए थे और पले बढे नंद बाबा के यहां थे, कृष्ण के पिता वासुदेव और नंद बाबा एक ही परिवार के थे और भाई थे।यदुवंशी(अहीर) चंद्रवंशी क्षत्रिय होते हैं। Obc(आरक्षण) में आने की वजह से ठाकुर ये ये बात हजम ही नही कर पाते की यादव क्षत्रिय हैं, जबकि वेद पुराण से लेकर भगवत गीता तक में लिखा है की यदुवंशी क्षत्रिय होते हैं, राजनीति करने वाले लोगो ने यादवों के इतिहास को बहुत तोड़ा मरोड़ा है।
Thank you for your valuable information
सुप्रीम कोर्ट को सीधे सीधे कहनां चाहिए था कि जाति जनगणना कराओ और सबको उसके जनसंख्या प्रतिशत के हिसाब से हिस्सेदारी दो। फिर कोई विरोध होता ही नहीं।
योगेंद्र यादव वास्तव में एक बहुत बेस्ट विश्लेषक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को अलग से आरक्षण होना चाहिए
योगेन्द्र जी में खुद जाट समुदाय से आता हूँ. लेकिन हरियाणा में आप जैसे कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री या आप मुख्यमंत्री बनो तब हरियाणा में एक अच्छा सामाजिक सरोकार बनेगा
😊 यादव जी आप समझदार ने फिर आप sc st को तोड़ने क्यो बात करते पहले मनु तोड़ा अब आप जैसे लोग आप को पत्ता मेरे मित्र है वाल्मीकि उसे घर मे तीन आईएएस है जो पढ़ेगा वो बढ़ेगा सीवर मे काम करने वाले इस लागु करने पर भी आईएएस नहीं बनेगे
मनुवादी विचार है आपका ,बाल्मिकी क्यों नहीं पढ़ सकता,उसे आरक्षण मिलेगा तो वो भी आगे बढ़ेगा । सारी मलाई खुद खा जाना चाहते हैं।
@@ManojMishra-eu8ioright
Apko unka hg dene me kya diktat,h
Manuwadi Vichar samay ke sath sabhi ke bhitar aata h
Valmikis and other depressed classes should get their right
योगेंद्र जी एक प्रबुद्ध इंसान होने के साथ ही एक विख्यात समाज विज्ञानी व राजनीति के विद्वान हैं । ऐसे लोग देश में बहुत कम हैं । वे अपने लक्ष्य में सफल हों शुभकामनाएं ।
पत्रकार महोदय जी योगेन्द्र यादव जी से ये कहो इन लोगों को सरकार से E W S आरक्षण क्यों नहीं दिलवा दे जब स्वर्ण जाती को मिल सकता है तो इनको क्यों नहीं मिल सकता
Samjik nyay
EWS को आरक्षण केन्द्र की मोदी सरकार ने उची जातियो को बोनस मे दिया है , जो कि असंवैधानिक है ।
bilkul milega tab sc ka reservation chodhe , ews le do reservation nhi dia jaa sakta
इसे कहते हैं सही और साहसिक विष्लेषण
, योगेंद्र यादव जी बहुत ही सुंदर व्यक्तित्व कितनी है बहुत सुंदर व्यक्ति हैं बहुत ही तरीके से तरीके से उन्होंने अपना व्यक्तित्व रखा जो कि काबिले तारीफ है यू आर ग्रेट सर।
Yoginder yadav ji is neutral and justified intelligence persons
जो सिने खाली रह जाती है, उसे जेनरल वालों से भर दिया जाता है। योगेन्द्र जी
इसपर बोलना चाहिए।
क्या इस देश में पढ़ना-लिखना अपराध है? क्या सिर्फ जाति ही एकमात्र आधार होना चाहिए नियुक्तियों में? साठ फीसदी सीटें तो जाति के आधार पर भरी ही जाती है, चालिस प्रतिशत लोग यदि अपनें मेरिट से सेलेक्ट होंगे तो देश का अहित नहीं होगा, हित ही होगा। आपको ऐसा क्यों लगता है कि इन चालिस प्रतिशत में केवल अपर कास्ट के लोग ही आएँगे? क्या मेरिट सिर्फ़ अपर कास्ट में ही होती है। आपको क्यों समझ नहीं आता कि जेनरल मतलब अपर कास्ट नहीं होता। जो भी समाज पढेगा-लिखेगा वो मेरिट में आएगा और जेनरल सीट पर नियुक्त होगा।
जनरल मतलब अपर कास्ट होता है क्या?
योगेन्द्र यादव जी आज तक मैं मुगालते में था, लेकिन आपकी समीक्षा स्वागत योग्य है।
योगेंद्र जी योग्यता के आधार बना कर सीट खाली दिखाकर सामान्य कोटे से भरा जाता है। उप वर्गीय करण से कोटा कहा से पूरा होगा।इससे सामान्य वर्ग को लाभ होगा।
योगेन्द्र सर नमस्कार, आपका दिया गया बयान बहुत ही ज्ञानवर्धक रहा। आपसे पूरी तरह से सहमत हूं।
मैं तो योगेंद्र यादव जी को समझदार समझता था। मगर आज यह बहम दूर हो गया। यादव जी से मेरा एक सवाल है कि जब रिजर्वेशन लागू हुआ। तब सभी SC जातियों की स्थिति एक जैसी थी। जिन जातियों ने शिक्षा को अपनाया, उन्होंने रिजर्वेशन का लाभ उठाया। जो पढ़ेगा वह रिजर्वेशन का लाभ उठाएगा। जो जातियां शिक्षा में बढ़े। उनको लाभ मिला। शिक्षा पर किसी भी जाति के लिए प्रतिबद्ध नहीं है। इतना होने के बाद भी SC ST का आज तक कोटा पूरा नहीं किया।NFS लगा कर पोस्ट खाली छोड़ दिया जाता है। यदि वर्गीकरण किया गया तो और भी पोस्ट खाली कर दी जाएंगी।
Very nice
Absolutely Right sir
Absolutely right whatever you have expressed the real situation in every government departments .
Valmiki ke agent h
Right
Right ❤
Yogendra Yadav ji ne bahut hi sunder vichar vyakti karte hai ❤
यादव साहब आप S.C.walon को चाहे राजा बना दीजिये लेकिन कभी भी S.C.वाले लोगों को वह सम्मान इस समाज में उच्च जातियों के सामान इज्जत नहीं मिल सकता है .
I fully agree with Yogendra ji
भारत के महान सपूत माननीय योगेन्द्र यादव जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। परशुराम पटेल एडवोकेट इंडिया।
Yogendra ji ki analysis lajwab h
आप सामाजिक न्याय के समर्थक हैं
ये बहुत अच्छी बात है
Yogendera Yadav ji ne bhut achhe tark se jankari di or ye upvergikarn bhut jaruri h.
योगेन्द्र यादव जी का तर्क सत्यता से परे है।
आप अपने तर्क रखें जो उनसे बेहतर और तार्किक हो।
Iske gaon me bi isko juty marty hai
Ye ek ferji neta hai jo dalali se ghar chala rahe hai
@@musafir-em9id Tera Modi Shah Yogi Vishnu Avatar hai.
Tumlog besharam Jahil kaaum ho
Jis prakar se tumhara title hai .
Excellent thoughts Jogender ji.
योगेंद्र यादव जी ने बहुत ही अच्छे तरीके से विचार व्यक्त किया है
Ghati vichar
योगेन्द्र यादव जी,जिस ईमानदारी व निष्पक्षता से अपने विचार व्यक्त करते हैं, समकालीन भारत में ऐसी शख्सियत विरल ही हैं।
डा योगेन्द्र यादव के विचारों से मैं सहमत हूँ
योगेंद्र जी को सुनना हमेशा मंत्र मुग्ध करता है।
Yogender yadav sir aap jo bhi bol rahe ho wo bilkul sahi bol rahe ho
प्रोफेसर योगेंद्र यादव विद्वान और रत्न हैं। वे जो भी बोलते हैं, उसे ध्यान से सुनना चाहिए क्योंकि वे अपनी बात बिल्कुल सटीक ढंग से कहते हैं।
Ye kis ke professor hai han desh ko bhramit karne mai mahir hai
जातिवादी हैं
Yogendra Yadav ji bahut achhi baat Bolte hai
पी डी ए जिंदाबाद अब दलित, पिछड़ा वर्ग, आदिवासी, अल्पसंख्यक सब संगठित होकर अपने हक अधिकार पाने के लिए संघर्ष करेंगे
पीडीए मतलब परिवार डेवलपमेंट एसोसिएशन
PDA ne Dhokha de Diya toti chor ne
@@ShrirajKesariya😂
@rohitgautam3679 यादव और कांग्रेस के डीएनए में ही धोखा है
Very good debate and analysis.😊
योगेंद्र जी आप इस विषय मे अपनी बकवास बन्द कीजिये।आप rss के एजेंडे पर काम कर रहे हो।
बिल्कुल गलत है। अकादमिक डिबेट या बहस में खुद को निष्पक्ष रखना परता है। और योगेंद्र जी निष्पक्ष हैं, इस में कोई शंका नहीं है।
बहुत बढीया विश्लेषण किया है योगेंद्रजीने. मा सुप्रीम कोर्टने एकदम सही निर्णय दिया है. हम वंचित समुह के हकमे इस निर्णय का स्वागत करते है.
Har koi vanchit he SC me…. Kisi ka hak nhi mar skte aap…. Thoda to compete krna ho hoga
1.आप आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था की स्थिति का आकलन कीजिये।
2.आपके पास कोई डाटा है कि किस समुदाय को कितना आरक्षण मिला।
3.क्या छुआछूत खत्म हो गयी.
4.जिन लोंगों को नही मिला उसका क्या कोई सर्वे है।
समाजिक न्याय ज़रुरी सबको भागीदारी मिले
कांग्रेस की यही परेशानी है । उसमें नेताओं के पास विजन नहीं है । वरना राजीव जी ने ओबीसी को अपना जनाधार बनाना चाहते थे । लेकिन कांग्रेस के ही कुछ नेता उनका ध्यान भटकाने के लिए घपले घोटाले में भटका दिया गया ।
कांग्रेस में भी वर्चस्व उन्हीं लोगो का है जो भाजपा को चला रहे हैं ,राहुल गांधी के अतिरिक्त दूसरी तीसरी पंक्ति में स्वर्ण भरे है और उसकी दुर्गती का कारण भी यही है
सभी शहरों मेँ बालमीकि समाज हु।मैने इनको केवल शहरी निकाओँ का मैँबर बनते तो सुना है लेकिन किसी भी शहरी निकाए का अध्यक्ष बनते नहीं सुना, जबकि यह समाज हर शहर मेँ है।जहां आरक्षित पद हैं ब हाँ भी आरक्षित बर्ग खुद बन जाते हैं लेकिन बालमीकि समाज के प्रतिनिधि को नहीं बनाते हैं।
योगेंद्र यादव जैसे लोगों को पार्लियामेंट में होना चाहिए। जिनको समाज की बहुत गहरी समझ है।
He is just brilliant
यहां तो जो लोग बस में चढ़ जाते हैं कि बस, कोई और ना चढ़े. 😢
योगेंद्र सर माननीय सुप्रीम कोर्ट को पहले सभी बड़े बड़े पदों पर sc st obc का प्रतिनधित्व तय करें फिर विभाजन करके जो अति पीछे हैँ उनको भी सुधार करे या दोनों को ek साथ लागु करे
पुरे भारतवर्ष का मूल अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण के वर्गीकरण का समर्थन करता है पूरे भारतवर्ष में मूल अति पिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 40% के करीब है जिसकी हालात वर्तमान समय में राजनीतिक आर्थिक सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से एससी एसटी से भी ज्यादा गया गुजरा है इसलिए ओबीसी के आरक्षण का वर्गीकरण बहुत ही जरूरी है इसी प्रकार महा दलितों एवं पहाड़ी आदिवासियों की भी हालत बहुत ही खराब है दलितों एवं मैदानी आदिवासियों के मुकाबले ।।
भैया पहले यह तो बताओ कि इनको हिस्सेदारी कितनी मिली है। पहले इनको पूरा हिस्सा तो देदो फिर वर्गीकरण कर देनां।
उपवर्गीकरण के विरोध में तर्क
1-इससे एन एफ एस बढ़ जाएगा
जिन सीटों पर उपयुक्त महादलित प्रार्थी नहीं मिलेगा, उन सीटों को पहले फारवर्ड दलित प्रार्थी द्वारा भरा जाएगा।
2- चयनित महादलित की नियत ठीक नहीं होगी
देश के सभी धर्मों की सभी जातियों के लोग अपनी जाति की बात आने पर जातिवादी और मनुवादी बन जाते हैं। फॉरवार्ड दलित समाज के लोगों द्वारा भारत बंद में प्रयोग की गई भाषा को देखें।
3. आरक्षण को विभिन्न हथकंडों द्वारा खत्म कर दिया जाएगा।
निराधार बात है। यदि महादलित जातियां भी सिस्टम में नोकरी में उच्च पदों पर आयेगी तो एकजुटता आयेंगी और आंदोलन इतना मजबूत हो जायेगा कि NFS जैसी व्यवस्था हमेशा के लिए दफन हो जाएंगी।
असल में विरोध एक जाति के वर्चस्व के टुटने के डर से उपजा हुआ है। और बाबा साहब ने कहा है जाति का विनाश होना ही है। उप वर्गीकरण के विरोधी जातिवाद में डुबे है।
होना ये चाहिए कि जो दलित जातियां आरक्षण पाकर आगे बढ़ती है उनका दायित्व कि वह समाज में जाति के विनाश के लिए कोशिश करें। जब दलित समाज में सभी जातियों का विनाश हो जाएगा तो उपवर्गीकरण की जरूरत भी खत्म हो जायेगी। आज जाति पर नाज करने की जगह जाति का विनाश करने की जरूरत है। उप वर्गीकरण वास्तव में जाति का विनाश करने का ही मंत्र है। जब महादलिक जातियां सत्ता में आएगी तो फॉरवर्ड दलित जातियों को उनसे रिश्ता करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। जाति का विनाश होगा और दलित समाज एकजुट होगा। आगे चलकर इसी तरह पूरा देश भी एकजुट होगा। जाति के विनाश का यही महामंत्र है कि सत्ता को जितना अधिक हो सके बांटिये। आपके उपवर्गीकरण के विरोध का असली कारण भी कहीं ना कहीं आपके जातिय वर्चस्व के समाप्त होने का डर है।
"दलित आरक्षण भी वास्तव में हिन्दू समाज का उपवर्गीकरण ही था।"
योगेंद्र यादव सर बहुत बुद्धिमान और एक कुशल व्यक्तित्व के धनी और शोषित समाज के दर्पण है और सोशल reformer हैं ऐसे नेताओ को संसद में जरूरत है विडंबना है इस देश का योग्य लोग बाहर रह जाते है और अकुशल व्यक्ति अंदर।
ई वुचिजीवी या चमचा जीवी है वास्तविक रूप से आर एस एस के वैचारिक फुलचन है
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रीय संगठन के आपके विचार सुनकर बड़ा दुख हुआ। कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति से rashtraको बड़ा नुकसान उठा ना पड़ा जो जग जाहिर है।
लेकिन ये सब असंवैधानिक तो है आरक्षण कोई आर्थिक आधार पर नहीं दिया था।।
बहुत सुंदर और सही विश्लेषण है।धन्यवाद!
योगेन्द्र यादव जी EWS 10% सुदामा कोटा आर्थिक अधार पर आरक्षण देना क्या यह सही है और ईसका फायदा कौन ले रहा है ईसपे थोड़ा ज्ञान दिया करो आप की बातें दलित विरोधी है
Great openion ❤🎉
योगेंद्र यादव जैसे लोग समाज में जहर बोलने का कार्य करते हैं और समाज को बांटने का कार्य करते हैं ऐसे लोगों से सावधान रहे ।
Accha ji.Smaaj ko baant kr kis ne nafrat phailai hai.
योगेंद्र जी आपके द्वारा इस मुद्दे पर बहुत तर्कपूर्ण बाते कही गयीं हैं, अपने वंचित लोगो की आवाज बड़े मंच पर उठाई हैं हमारा पूरा dsc समाज आपका आभारी हैं हम आपका दिल की गहराइयों से सम्मान करते हैं❤🙏🙏
किसे ले आए जिसे कुछ नहीं पता!
किरमलियर लागू होना चाहिए ,कुछ लोग मलाई खा रहे हैं वंचित को मिलना चाहिए
योगेंद्र यादव जी मैं आपको बहुत बड़ा विद्वान समझता था लेकिन आप विद्वान नहीं है आप जो आरक्षण का विश्लेषण कर रहे हैं वह सही नहीं है बल्कि आप एससी एसटी को गुमराह कर रहे हैं जब सर्वोच्च न्यायालय के पास कोई भी एससी एसटी के सरकारी कर्मचारियों का डाटा नहीं है तो वर्गीकरण कैसे ठीक होगा इसीलिए हम तो यह कहेंगे की सरकार जातिगत जनगणना कराकर जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी साझेदारी आबादी के हिसाब से सभी जातियों को हक मिले हम तो यही चाहते हैं की कोई किसी का हक ना मारे और यह नियम एक जाति पर नहीं बल्कि भारत की सभी जातियों पर लागू हो सभी जातियों को जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी मिले ऐसा मेरा सोचना है।
Yogender Yadav ji great thoughts ❤
1990 main ye yogendra yadav baba sahab ke bare main ujul phijul bat karte the
Yogendra ji ne Creamy leyer k baare mein bahut hi achchhi debate ki hai. . .😊😊😊
योगेन्द्र जी आप कोर्ट के क्रीमी लेयर के बारे में क्या ख्याल रखते हैं पहले यहाँ से सुरु क्यों नहीं।
सबसे बड़ा फ्रॉड तो यही है । बिना पेंदी का लौटा
Akhilesh Yadav ko Yogendra Yadav ki is tarah ko Dhyan se sunna aur samajhna chahie
योगेंद्र यादव एक बीजेपी का स्लीपर सेल है
Right 👍
Yogender yadav is really explain actual condition of our country population and democracy.He is very brilliant person.
My experience in Delhi Villegas confirmed that their is rampant UNTOUCHABILITIS amongst different S/Cs and only 2 or 3 Castes people had benefited amongst 16 SC's notification of 1950.
YOGENDRA YADAV KO DHAMKI MILI H BJP KI TARAF SE KI TU SIRF CHAPLUSI KR BS...😂😂😂😂
One of the most intellectual minds in our country !! Wise and witty 🌟
ED ka dar.
आदरणीय योगेन्द्र यादव जी बहुत ही काबिल हैं । लोकसभा चुनाव के समय उनके विचारों को सुनने का अवसर मिला ।
जिसकी ढाढी मै ही आरक्षण दिख रहा बह क्या बतायेगा
बामण का ?
Supreme Court JUDGEMENT is correct.
100% agreed with Yogendra जी.
Jai samvidhan Jai Yogendra yadav ji says right.
एक प्रश्न छूट गया , आगामी बिहार चुनाव में ,प्रशांत किशोर की भूमिका ??
आरक्षण का फायदा सिर्फ चमार जाति और मीणा जाति के लोग उठा रहे बाकि दलितो या पिछड़ा दलितो को इसका कोई फायदा नही मिल रहा है सिर्फ दो जातिया इसका फायदा उठा रही है आरक्षण सबको बराबर मिलना चाहिये और जातिगणना होगी हो सबको फायदा मिलेगा
Yogendra ji ko sunana bahut accha lagta hai inka vishleshan imandari se hota hai
आरक्षण के वर्गीकरण से जिन जातियों का फायदा होगा उन जातियों को अभी तक पता भी नहीं है कि उन्हें वर्गीकरण के बाद कितना फायदा होगा इसी से पता चलता है कि यह जातियां कितनी पिछड़ी हुई है दलित के दबंग जातियों के मुकाबले।
जातिवाद खत्म कर गरीबी उन्मूलन कार्य कर उन्नतिशील देश बनाने पर जोर देना चाहिए, राष्ट्र सर्वोपरि है। शुभकामनाएं, जय भारत वंदेमातरम
Yogendra Yadav ko salute karta hun Dil se
जब भारत देश आजाद हुआ तब जो जाति का विस्तार था आज 140 करोड़ की भर्ती हो गई है और उसे वक्त जो बस्ती थी वह 40 से 50 करोड़ थी तो आज यह सभी जातियों के अंदर जो जो बढ़ोतरी हुई है तो उसे मुताबिक उनको आरक्षण मिलना चाहिए उसे वक्त की जो बस्ती थी उसके मुताबिक 7.5% और 15% मिली थी तो आज तो उनकी बस्ती बढ़ गई है तो उसे मुताबिक मिलना चाहिए आरक्षण यह बिल्कुल 100% सच है जिसकी जितनी संख्या भारी उनको उनको इतनी हिस्सेदारी मिलना ही चाहिए और आज आरक्षण का दायरा बढ़ाना चाहिए यह एक सच्ची सच्ची बात है अकेले की है के पाई जाती है जनगणना हो जावे जिसकी जितनी संख्या है उसमें तभी उनका उनका हक मिलना चाहिए हिंदुस्तान के ऊपर सभी का हक है तो फिर यह सरकार क्यों नहीं कर रही यही सवाल है आज होनाचाहिए औरकरना ही पड़ेगा उसमें कोई शक सुबह नहीं है आज नहीं तो कल कल नहीं तो परसों यह बात फिर क्यों जस्ट नहीं ले रहे हैं जो भी 27 स्थान पर बैठे हैं वह जब बाबासाहेब ने बात करके की बात कह कर आज एससी एसटी ओबीसीके भगवान मानते हैं उनको यही होना चाहिए
मतलब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के जिस प्रकार एक पत्रकार को जो सवर्ण था उसे नाम पूछकर बेइज्जती किया शर्मा हो यही चाहते है सभी। क्या ऊँची सोच है
क्या SC के वो लोग जो कई पीढ़ी से क्लास 1 ऑफिसर परिवार से आते हैं
वो भी क्रीमी लेयर में नही आते है
4:48 योगेन्द्र यादव जी अनुसूचित जात जनजाति के शिक्षा पर बात करिये जब तक यह पढ़ाई नहीं करेंगे तब तक इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं आएगा
True opinion of Yogendra Yadav ji...!