Jai Siya Ram Jai Jai Siya Ram | Sri Ram Navami Special 2023

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  • Опубліковано 20 бер 2023
  • 'Jai Siya Ram' is a celebration of spirituality and devotion. Savour the joyful sankirtan by Anandmurti Gurumaa and experience the rapturous bliss of chanting "Jai Siya Ram".
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    Sung & Composed : Anandmurti Gurumaa
    Rhythm & Percussions : Rakesh, Prashant
    Chorus: Gandharva Mahavidyalaya
    Music, Recorded, Mixed & Mastered: Kanchman Babbar at G-Studios
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    जय सिया राम जय जय सिया राम ।
    बिनु सतसंग बिबेक न होई।
    राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।।
    सतसंगत मुद मंगल मूला।
    सोइ फल सिधि सब साधन फूला।।
    मंगल भवन अमंगल हारी।
    द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी।।
    आत्माधारं स्वतन्त्रं च सर्वशक्तिं विचिन्त्य च ।
    चिन्तयेच्चेतसा नित्यं श्रीरामःशरणं मम ॥ ४॥
    एक अनीह अरूप अनामा।
    अज सच्चिदानंद पर धामा।।
    ब्यापक बिस्वरूप भगवाना।
    तेहिं धरि देह चरित कृत नाना।।
    नित्यात्म गुण संयुक्तो नित्यात्मतनुमण्डितः ।
    नित्यात्मकेलिनिरतः श्रीरामःशरणं मम ॥ ५॥
    बंदउँ नाम राम रघुवर को।
    हेतु कृसानु भानु हिमकर को।।
    बिधि हरि हरमय बेद प्रान सो।
    अगुन अनूपम गुन निधान सो।।
    गुणलीलास्वरूपैश्च मितिर्यस्य न विद्यते ।
    अतोवाङ्मनसा वेद्यः श्रीरामःशरणं मम ॥ ६॥
    नाम रूप गति अकथ कहानी।
    समुझत सुखद न परति बखानी।।
    अगुन सगुन बिच नाम सुसाखी।
    उभय प्रबोधक चतुर दुभाषी।।
    नित्यमुक्तजनैर्जुष्टो निविष्टः परमे पदे ।
    पदं परमभक्तानां श्रीरामः शरणं मम ॥ ९॥
    रूप बिसेष नाम बिनु जानें।
    करतल गत न परहिं पहिचानें।।
    सुमिरिअ नाम रूप बिनु देखें।
    आवत हृदय सनेह बिसेषें।।
    कर्ता सर्वस्य जगतो भर्ता सर्वस्य सर्वगः ।
    आहर्ता कार्य जातस्य श्रीरामःशरणं मम ॥ ७॥
    नाम जीहँ जपि जागहिं जोगी।
    बिरति बिरंचि प्रपंच बियोगी।।
    ब्रह्मसुखहि अनुभवहिं अनूपा।
    अकथ अनामय नाम न रूपा।।
    ऋषिरूपेण यो देवो वन्यवृत्तिमपालयत् ।
    योऽन्तरात्मा च सर्वेषां श्रीरामःशरणं मम ॥ १२॥
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