यदि आप हिंदी भाषा के नौ रसों को जानते हैं और आपने पहचान लिया कि यह करुण रस की रागनी है तो आप वास्तव में ही एक प्रबुद्ध श्रोता है । कविता को इतना मान सम्मान देने के लिए आभार आपका🎉🎉
करण मरे की सुणके मां की ममता छलक जाती है ममता क्या दर्षाती है दर्द समझों मां का आंसु आ जायेंगे क्या गायकी क्या कवताई है प्रोफेसर साहब विजय पाल जी रोंगटे खड़े कर देने वाली रागनी है 😂😂😂😂 नरेश सैन बजीणा तोशाम भिवानी
वाह । वाह । वाह
बड़े भाई साहब को बारंबार प्रणाम🎉
Super duper
आभार सर
करुणा रस को भाई विजयपाल ने बहुत बेहतरीन लिखा रागिनी में और सुरेंद्र भाई ने भी बहुत बढ़िया सुनाया हे 🎉🎉🎉
यदि आप हिंदी भाषा के नौ रसों को जानते हैं और आपने पहचान लिया कि यह करुण रस की रागनी है तो आप वास्तव में ही एक प्रबुद्ध श्रोता है । कविता को इतना मान सम्मान देने के लिए आभार आपका🎉🎉
आज के समय का बहुत ही सभ्य कलाकर है बड़े भाई सुरेन्द्र
🎉🎉❤
Super ❤❤❤
🎉🎉❤
बहुत अच्छे ❤❤❤
🎉🎉
Very good dear brother God bless you
धन्यवाद 🎉सज्जन भाई🎉❤
करुणा रस के साथ क्या बात है पुरानी यादों को ताजा कर दिया प्रोफेसर विजयपाल जी ने इनका का बार बार धन्यवाद इस प्रकार की रागनी बनाने के लिए😅
यदि आपकी यादें यह रागिनी ताजा कर पाए तो इससे बढ़कर मेरे लिए कोई पारितोषिक नहीं हो सकता। धन्यवाद सर🎉
करण मरे की सुणके मां की ममता छलक जाती है ममता क्या दर्षाती है दर्द समझों मां का आंसु आ जायेंगे क्या गायकी क्या कवताई है प्रोफेसर साहब विजय पाल जी रोंगटे खड़े कर देने वाली रागनी है 😂😂😂😂 नरेश सैन बजीणा तोशाम भिवानी
कविता के मर्म को आपने समझा महाशय नरेश सेन जी । आपके मन मंदिर में इस कविता ने जगह बनाई मेरे लिए यही काफी है🎉
SCD रागनी भाई जी वरी नाइस अत्री साहब विजय पाल जी वै सुरेन्द्र शर्मा जी क्या गायकी है दर्द भरी😢😂😢❤। तर्ज वसी ये रागनी
शुक्रिया जी
बारंबार धन्यवाद