बैद्यनाथ धाम की नामकरण हमारे यहां के अनुसार एक कथा है कि वहां पर पहले वहां पर जंगल हुआ करता था बैजु नाम का ग्वाल रोज गाय चराया करते थे तो एक दिन क्या दे़खते हैं कि उसकी एक गाय वहां खड़ी है और उसके थन से दूध की धारा अपनेआप गिर रही है तो वह चरवाहा उस सिला पर अपनी लाठी से वार करने लगा और अब उसका रोज का काम हो गया लाठी मारना एक एैसा हुआ कि लाठी मारना भूल गया और शाम को जब खाना खाने बैठा तब उसे याद आया सिला पर लाठी मारना भूल गया तब वह लाठी लेकर दौड़े दौड़े आये और लाठी मारने लगा तब भोले बाबा प्रकट हुए और आसिर्वाद दिया पहले आप तब मैय तब से नाम पड़ा बैद्यनाथ धाम ऊं नमः शिवाय हर हर महादेव
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बैद्यनाथ धाम की नामकरण हमारे यहां के अनुसार एक कथा है कि वहां पर पहले वहां पर जंगल हुआ करता था बैजु नाम का ग्वाल रोज गाय चराया करते थे तो एक दिन क्या दे़खते हैं कि उसकी एक गाय वहां खड़ी है और उसके थन से दूध की धारा अपनेआप गिर रही है तो वह चरवाहा उस सिला पर अपनी लाठी से वार करने लगा और अब उसका रोज का काम हो गया लाठी मारना एक एैसा हुआ कि लाठी मारना भूल गया और शाम को जब खाना खाने बैठा तब उसे याद आया सिला पर लाठी मारना भूल गया तब वह लाठी लेकर दौड़े दौड़े आये और लाठी मारने लगा तब भोले बाबा प्रकट हुए और आसिर्वाद दिया पहले आप तब मैय तब से नाम पड़ा बैद्यनाथ धाम ऊं नमः शिवाय हर हर महादेव