चीफ़ की दावत ॥ भीष्म साहनी ॥ Chief Ki Daawat ॥ Bhism Sahni ॥ The Golden Stories

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 9 лют 2025
  • चीफ़ की दावत ॥ भीष्म साहनी ॥ Chief Ki Daawat ॥ Bhism Sahni ॥ The Golden Stories
    Writer - भीष्म साहनी ॥ Bhism Sahni
    Narrator - ज्योति ॥ Jyoti
    My other Channel's Link :-
    Empower The Life - / @empowerthelife5830
    Divine Soul - / @divinesoul6873
    The Golden Stories 2.0 - / @thegoldenstories2.0
    Bhisham Sahni - भीष्म साहनी
    भीष्म साहनी (8 अगस्त 1915-11 जुलाई 2003) का जन्म रावलपिंडी (पाकिस्तान) में हुआ। आप आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से थे। 1937 में लाहौर गवर्नमेन्ट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एम ए करने के बाद साहनी ने 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद उन्होंने भारत आकर समाचारपत्रों में लिखने का काम किया। वे अंबाला, अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में साहित्य के प्रोफेसर बने । मास्को में विदेशी भाषा प्रकाशन गृह में अनुवादक के काम में कार्यरत रहे। उन्हें 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1975 में शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार), 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड तथा 1998 में भारत सरकार के पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं; उपन्यास: झरोखे, तमस, बसन्ती, मायादास की माडी, कुन्तो, नीलू निलिमा निलोफर; कहानी संग्रह: मेरी प्रिय कहानियां, भाग्यरेखा, वांगचू, निशाचर; नाटक: हनूश, माधवी, कबीरा खड़ा बजार में, मुआवज़े; आत्मकथा: बलराज माय ब्रदर; बालकथा: गुलेल का खेल।

КОМЕНТАРІ • 13