जिस तरह ब्रज के संतों ने पंडित प्रदीप मिश्रा को राधा रानी के मंदिर में प्रवेश निषेध कर दिया है, क्या अब गूगल को भी दुनिया से क्या इंडिया से बनवा देंगे क्यों?
अब सारे लोग जिनहोने गुरू को भला बुरा बोला वो तो सचचे है जो माफी मागी ओर हमेसा फलदार पेड ही छूकता है वो तो खूद शिव कै अंस हे ऊनको जितना गिराओगै वो ऊतनै ही बडगे पर तूमहारा किया होगा रे तूम सोचो अपने बारे मै
@kundkeshwarmahadev-cz2bt वायु पुराण के अनुसार प्रजापति दक्ष शिव को यज्ञ भाग से वंचित कर दिए थे और देवसमाज से बहिष्कृत कर स्वर्ग से निकाल दिए थे और समय के अंत तक के लिए धरती पर रहने का सजा सुनाये थे तब से महादेव शिव धरती पर ही रह रहे है वे तो देवता ही नहीं है तो वे भगवान् कैसे हो सकते है 🤔
हर हर महादेव🙏❣️ हा शमशान में रहते हैं क्यों कि वो जीते मनुष्य को भी स्वीकार करते हैं और मृत्यु के बाद भी तभी तो उज्जैन में महाकाल राजा की भस्म आरती होती है 🙏❣️ इसलिए तो उन्हे देवता नहीं बल्की देव के देव महादेव कहते हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यम ॐ नमः शिवाय 🙏❣️🙏❣️ हर हर महादेव 🙏❣️ हर हर महादेव 🙏❣️हर हर महादेव 🙏❣️ हर हर महादेव शंभु 🙏❣️
@@jwalachouhan2667 देव के देव महादेव कहते है किन्तु जिनको यज्ञ भाग से वंचित कर देव समाज से बहिष्कृत कर दिया गया जिन्हे युग के अंत तक स्वर्ग छोड़ कर धरती पर रहने का सजा दिया गया क्या सच में वे देवो के देव महादेव है क्या वे किसी को मोक्ष दे सकते है नहीं दे सकते है स्वयं आदिशंकराचार्य अपने प्रश्नोत्तर रत्नमालिका में कहे है की मोक्ष मुकुंद की भक्ति से प्राप्त होगा तो क्या वे किसी को स्वर्ग दे सकते है नहीं दे सकते क्योंकि उनको देवसमाज से बहिष्कृत कर स्वर्ग से निकाल दिया गया है वे किसी को स्वर्ग देने अधिकारी नहीं है हाँ वे अपने भक्तों को अपने गणो में शामिल जरूर कर सकते है और ये सही है की महाकाल की चिता भस्म से आरती होती है लेकिन क्या कापालिक और अघोरियों की तरह एक आम इंसान चिता भस्म लगा कर अपने घर में प्रवेश कर सकता है जबकि शमशान से वापस आने के बाद कोई अपने घर में बिना स्नान किये प्रवेश नहीं करता है तो चिता भस्म कोई दिव्य वस्तु नहीं है बल्कि एक तामसिक वस्तु है कोई चिता भस्म को प्रसाद के रूप में अपने घर नहीं ले जाता |
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।। श्रीकृष्ण योगेश्वर है धर्म की स्थापना के लिए आते हैं रास लीला करने नहीं। ब्रह्म तत्व का विस्तार से वर्णन किया है गीता में ओम् तत् सत् और ओम् शब्द अनेक बार आया है राधा नहीं। सत्य सनातन वैदिक धर्म की परम्परा के अनुसार एक पत्नी व्रत का विधान है यदि कोई अनेक पत्नी रखता है तो क्या वह महान सदाचारी और योगेश्वर बन सकता है?श्रीकृष्ण ने माता रुक्मिणी से विवाह किया जिसने प्रधुम्न जैसे योग्य पराक्रमी पुत्र को जन्म दिया और जन्म से लेकर अंतिम समय तक संघर्ष किया अंत में शरीर छोडा माता रुक्मिणी सती हुई क्या आप इसे नहीं मानते? गीता में श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि मेरा जन्म और कर्म दिव्य है मुझे कोई कार्य करने की आवश्यकता नहीं फिर भी मैं कार्य करता हूँ क्यों कि आम जनता मेरा अनुसरण और उदाहरण प्रस्तुत करती है। धन्यवाद।। ओम् तत् सत्।। ओम् शान्ति शान्ति शान्ति।।
Google ko bhagvaan nahi hai vo vahi bolta hai jo jaankaari usme dala jata hai Radha Rani ka janm sthan Barsana hai aur sadiyon se log Barsana hi jate hai Radha Rani kei darshan kei liye na ki raval gaon mei ab Baidyanath JYTIRLING TEN HAI EK BAIDYANATH MEI EK PARLI MEI AUR EK MADHYA PRADESH MEI KAUN SA ASLI HAI KOI BATAYE
Bilkul sahi kaha apne,,sab apna parbhav jamana chahte hai
अब सारे लोग जिनहोने गुरू को भला बुरा बोला वो तो सचचे है जो माफी मागी ओर हमेसा फलदार पेड ही छूकता है वो तो खूद शिव कै अंस हे ऊनको जितना गिराओगै वो ऊतनै ही बडगे पर तूमहारा किया होगा रे तूम सोचो अपने बारे मै
Guruvar ki prasidhi se kasht hai logon ko sanch ko aanch nahi Raadhe Radhe 🙏Shree shivay namastibhyam🙏🙏
Sach bola apne ❤
Google तो अब आया है.
Pardeep mishra ji se log jalte h
राम भक्त भये काकभुशुण्डि कृष्ण भक्त भये तोता। शंकर भक्त भये भस्मासुर लठम् लठ्ठा ही होता।। ओम् तत् सत्।। ओम् शान्ति शान्ति शान्ति।। आर्य पुत्र।।।
😂Ha apni guru bhkti uthana chahte hai
@kundkeshwarmahadev-cz2bt वायु पुराण के अनुसार प्रजापति दक्ष शिव को यज्ञ भाग से वंचित कर दिए थे और देवसमाज से बहिष्कृत कर स्वर्ग से निकाल दिए थे और समय के अंत तक के लिए धरती पर रहने का सजा सुनाये थे तब से महादेव शिव धरती पर ही रह रहे है वे तो देवता ही नहीं है तो वे भगवान् कैसे हो सकते है 🤔
Esliy shiv shamshaan me rahte he
हर हर महादेव🙏❣️ हा शमशान में रहते हैं क्यों कि वो जीते मनुष्य को भी स्वीकार करते हैं और मृत्यु के बाद भी तभी तो उज्जैन में महाकाल राजा की भस्म आरती होती है 🙏❣️ इसलिए तो उन्हे देवता नहीं बल्की देव के देव महादेव कहते हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यम ॐ नमः शिवाय 🙏❣️🙏❣️ हर हर महादेव 🙏❣️ हर हर महादेव 🙏❣️हर हर महादेव 🙏❣️ हर हर महादेव शंभु 🙏❣️
@@jwalachouhan2667 देव के देव महादेव कहते है किन्तु जिनको यज्ञ भाग से वंचित कर देव समाज से बहिष्कृत कर दिया गया जिन्हे युग के अंत तक स्वर्ग छोड़ कर धरती पर रहने का सजा दिया गया क्या सच में वे देवो के देव महादेव है क्या वे किसी को मोक्ष दे सकते है नहीं दे सकते है स्वयं आदिशंकराचार्य अपने प्रश्नोत्तर रत्नमालिका में कहे है की मोक्ष मुकुंद की भक्ति से प्राप्त होगा तो क्या वे किसी को स्वर्ग दे सकते है नहीं दे सकते क्योंकि उनको देवसमाज से बहिष्कृत कर स्वर्ग से निकाल दिया गया है वे किसी को स्वर्ग देने अधिकारी नहीं है हाँ वे अपने भक्तों को अपने गणो में शामिल जरूर कर सकते है और ये सही है की महाकाल की चिता भस्म से आरती होती है लेकिन क्या कापालिक और अघोरियों की तरह एक आम इंसान चिता भस्म लगा कर अपने घर में प्रवेश कर सकता है जबकि शमशान से वापस आने के बाद कोई अपने घर में बिना स्नान किये प्रवेश नहीं करता है तो चिता भस्म कोई दिव्य वस्तु नहीं है बल्कि एक तामसिक वस्तु है कोई चिता भस्म को प्रसाद के रूप में अपने घर नहीं ले जाता |
Ohh bhai mandir ka board hatwa do toh ab …! Ohh bro editing nhi he koi or uth ni paarha he toh jal rhe he unse
Sach keh rahi hai. Behana..sab log jalte hai.. pandit mishra gurujise..basss guruji ko apne samne samne zukana chahtehai..ghamandi..Radha Mata ke naam par..jal kukde pakhndi..sant aise hotehai. Kya..
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।। श्रीकृष्ण योगेश्वर है धर्म की स्थापना के लिए आते हैं रास लीला करने नहीं। ब्रह्म तत्व का विस्तार से वर्णन किया है गीता में ओम् तत् सत् और ओम् शब्द अनेक बार आया है राधा नहीं। सत्य सनातन वैदिक धर्म की परम्परा के अनुसार एक पत्नी व्रत का विधान है यदि कोई अनेक पत्नी रखता है तो क्या वह महान सदाचारी और योगेश्वर बन सकता है?श्रीकृष्ण ने माता रुक्मिणी से विवाह किया जिसने प्रधुम्न जैसे योग्य पराक्रमी पुत्र को जन्म दिया और जन्म से लेकर अंतिम समय तक संघर्ष किया अंत में शरीर छोडा माता रुक्मिणी सती हुई क्या आप इसे नहीं मानते? गीता में श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि मेरा जन्म और कर्म दिव्य है मुझे कोई कार्य करने की आवश्यकता नहीं फिर भी मैं कार्य करता हूँ क्यों कि आम जनता मेरा अनुसरण और उदाहरण प्रस्तुत करती है। धन्यवाद।। ओम् तत् सत्।। ओम् शान्ति शान्ति शान्ति।।
Google ko bhagvaan nahi hai vo vahi bolta hai jo jaankaari usme dala jata hai Radha Rani ka janm sthan Barsana hai aur sadiyon se log Barsana hi jate hai Radha Rani kei darshan kei liye na ki raval gaon mei ab Baidyanath JYTIRLING TEN HAI EK BAIDYANATH MEI EK PARLI MEI AUR EK MADHYA PRADESH MEI KAUN SA ASLI HAI KOI BATAYE