ये मेरा विचार है महाराज जी कि जो जितना भजन करता है उसे उतना ही सत्संग समझ में आता है। कबीर जी या फिर किसी भी महापुरुष की बातों को समझने साधना की ऊंची अवस्था होना चाहिए
शर्मा जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद मानव जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण है।यह जीवन हमे कंकड़ पत्थर बटोरने के लिए नहीं बल्कि आध्यात्मिक लाभ आत्मलीनता का परम सुख अर्जित करने के लिए मिला है और ये काम प्रत्येक ब्यक्ति कर सकता है अपने मन इंद्रियों को संयमित करने पर आत्मिक सुखों की अनुभूति होती है Mo 6263000143
हरि ॐ तत्सत, श्री राम जय राम जय जय राम, साहेब जी यह मन ही काल का बकील है,यह सभी जीवों को फसाता रहता है,काल जाल से अलग नहीं होने देता,सत्य नाम सुमिरन में बहुत बाधा उत्पन्न करता है, सदगुरु आये दिया जग हेला, जागो मेरे प्यारे जागो रे,इस मन से हमें सावधान रहना चाहिए, ॐ श्री हरिः,
हरि ॐ तत्सत, श्री राम जय राम जय जय राम, साहेब जी आपके मुखारविंद से निकले हुए प्रत्येक शव्द बहुत ही अशर कारक है,जो मन को सुधार ने के लिए चोट पहुंचाते हैं, ओर मन को निर्मल करते हैं, ऐसे शव्द भाग्यशाली पुरुषों को ही प्राप्त होते हैं,ॐ श्री हरिः,यहां मंत्र मणि बिषय ब्यालके,मेटित कठिन कू अंक भालके, राम राम सब कोई कहे, राम न चीन्हें कोय, घट घट में वह रम रहा, राम कहावे सोय,उस परम तत्व को जानों, पानी में मीन पियासी,मोहे सुन सुन आवत हांसी,आतम ज्ञान बिना नर भटके कोई मथुरा कोई काशी,जिन शब्दों के उच्चारण से अखियां भींग जाय ह्रदय द्रवित हो जाय, ॐ श्री हरिः,
।।मुक्तक छंद भजन।।जानी हमने निराली की महिमा सतगुरु की।।सारशबद धुर धुन जाग्रत परमेश्वर, सकल सृष्टी का ऐकेश्वर।।संत कबीर जी ने खोज निकाली की महिमा सतगुरु की-जानी हमने--।।00।।सारशबद धुन सब दुख टारे, लोक और परलोक दोनो संवारे।।डूबत को सारशबद उबारे, सदा रहे खुशहाली कि महिमा सतगुरु की।।जानी हमने--।।01।।सारशबद उत्तम तीरथ भाई, करते है जो नेक कमाई।।कर्म हीन रहे खाली कि महिमा सतगुरु की।।जानी हमने--।।02।।सारशबद सब मिल कर पाओ, समय ना अपना व्यर्थ गंवाओ।।अंत पिटे ना ताली की महिमा सतगुरु की।।जानी हमने--।।03।।सालिकराम शरण मे आया, साँई अरुण जी को शीश झुकाया।।परमेश्वर की रखवाली की महिमा सतगुरु की।।जानी हमने--।।03।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी,,7898158018,,🙏🏻🌹
साहेब जी आप मान्यता को ही सत्य मान रहे हैं कि मृत्यु परिवर्तन है, इसका क्या प्रमाण है, अपना आत्माराम भी इसी शरीर में हैं, पांच भूतों की शक्ति से ही शरीर और जीव का निर्वाह है ये शक्ति ही महत्वपूर्ण है जिससे जीवन चलता है आप बोल रहे हैं, इसे ही परमात्मा या जीवात्मा कह्ते हैं, कर्म हम जैसा करेंगे वैसा ही हमारा स्वरूप रहेगा और अंत में शारीर छूटने पर मृत्यु, तभी सारे मुकदमों और झंझटों से पीछा छूटेगा, ये ही वास्तव और प्रामाणिक मुक्ति है सो called गुरुजन संत महात्मा खुद भ्रमित हैं और समाज को भी भ्रमित कर रहें हैं, ये सब बंद होना चाहिये ताकि साधुओं ने देश में जो अराजकता और अधर्म phaila rekha है वो समाप्त हो, और ये लोग देश निर्माण में produ tive काम करें GDP बढ़े, शरीर में beej से ही दूसरा शरीर बनता है, beej प्रकृति के पाँच भूतों की देन हैं इसी लिए ये ही परम शक्ति शाली है स्रजन और विनाश इसी से है कोई पुनर्जन्म प्रमाणित नहिं है इसलिए प्रारब्ध भी कुछ नहीं और कर्म के अनुसार जन्म मिलेगा तो ये सरासर अंध विश्वास है जो संत-महात्मा ही फैलाये जा रहे हैं आप जीवन में सुधार की बातेँ करें अपने अनुभव शेयर करें तो अछा है, अप्रमाणिक बातेँ गुमराह करती हैं.
महाशय जी आपका विचार अच्छा है सामाजिक दृष्टि से ये तो मानना ही पड़ेगा कि आज आप अच्छा काम करते हैं लोगों की सेवा करते है तो लोगो का आशीर्वाद व शुभकामनाएं आपको मिलेगी। और आप निरर्थक लोगो को सताने उन्हें लूटने का काम करेंगे। तो लोग आपको गली ही देंगे अतः आप अच्छा ही काम करते चले लोगो की दुआएं बटोरे। भविष्य में क्या होता है इसकी चिंता बिल्कुल भी न हो।
हे मुनिवर! आप ने अपने perception बिल्कुल सही कहा। हम सब एक दूसरे से सीखते हैं बस priority मे अंतर हो जाता है। अच्छे steps संभावित यह हो सकते हैं 1. पर्सनेलिटी development ie UQ, PQ IQ EQ SQand DQ levels. इसको बनाना. यह राष्ट्र निर्माण में भी बहुत उपयोगी है. इस व्यक्तित्व को बनाने के लिए एक अच्छा इंसान होना बेहद जरूरी है। अच्छा इंसान देश का अच्छा नागरिक होता है। 2. बीजक को समझना एक कुंजी जैसी है। ये सेल्फ growth के लिए बहुत लाभदायक है। 3. Chart out priority, planning, and execution Accordingly becoz... What v want v donot get ,what v get v don't enjoy,what v enjoy does not give us satisfaction,what v feel that satisfaction is permanent is prooved to be boring,every happiness is a haunting fear and exiety. Life is a series of crises and congratulations,What then is the way? Where one should seek the solace of life?????? So introspection ( आत्म दर्शन,आत्म ज्ञान ( बीजक) may may not be the essential tool ,depend upon the individual desired value.....💞🙏💞
Saheb bandagi saheb 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
साहेब बंदगी, साहेब बंदगी, साहेब बंदगी,
Sri sadgurudev bhagavan ki gajb ka satay ghan sunne ko mila aap ke sath me satay ghan sunne ko mila aap ki jay ho
ये मेरा विचार है महाराज जी कि जो जितना भजन करता है उसे उतना ही सत्संग समझ में आता है। कबीर जी या फिर किसी भी महापुरुष की बातों को समझने साधना की ऊंची अवस्था होना चाहिए
Saheb bandagi saheb bandagi saheb bandagi
पहली बार मैं कबीर को सुन रही हूं।
बहुत सुंदर सत्संग...💐
दर्शन और अध्यात्म के मेल की अद्भुत अभिव्यक्ति
शर्मा जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद
मानव जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण है।यह जीवन हमे कंकड़ पत्थर बटोरने के लिए नहीं बल्कि आध्यात्मिक लाभ आत्मलीनता का परम सुख अर्जित करने के लिए मिला है
और ये काम प्रत्येक ब्यक्ति कर सकता है
अपने मन इंद्रियों को संयमित करने पर आत्मिक सुखों की अनुभूति होती है
Mo 6263000143
SatShahib SatGuruDada Grib Dass Mharajkijaiho
साहेब।बंधी sahebmji
सत साहेब सत्य कबीर धन धन सतगुरु
हरि ॐ तत्सत, श्री राम जय राम जय जय राम, साहेब जी यह मन ही काल का बकील है,यह सभी जीवों को फसाता रहता है,काल जाल से अलग नहीं होने देता,सत्य नाम सुमिरन में बहुत बाधा उत्पन्न करता है, सदगुरु आये दिया जग हेला, जागो मेरे प्यारे जागो रे,इस मन से हमें सावधान रहना चाहिए, ॐ श्री हरिः,
साहेब बंदगी, सत्य वचन कहें हैं साहेब, जीवन के विषय में सद्गुरु कबीर के विचारों की बहुत सटीक व्याख्यान के लिए हार्दिक धन्यवाद.
Thanks
Saheb bandagi saheb 🙏🙏🙏
B k mehta
Saheb
Bandagi
Saheb
हरि ॐ तत्सत, श्री राम जय राम जय जय राम, साहेब जी आपके मुखारविंद से निकले हुए प्रत्येक शव्द बहुत ही अशर कारक है,जो मन को सुधार ने के लिए चोट पहुंचाते हैं, ओर मन को निर्मल करते हैं, ऐसे शव्द भाग्यशाली पुरुषों को ही प्राप्त होते हैं,ॐ श्री हरिः,यहां मंत्र मणि बिषय ब्यालके,मेटित कठिन कू अंक भालके, राम राम सब कोई कहे, राम न चीन्हें कोय, घट घट में वह रम रहा, राम कहावे सोय,उस परम तत्व को जानों, पानी में मीन पियासी,मोहे सुन सुन आवत हांसी,आतम ज्ञान बिना नर भटके कोई मथुरा कोई काशी,जिन शब्दों के उच्चारण से अखियां भींग जाय ह्रदय द्रवित हो जाय, ॐ श्री हरिः,
saheb bandgi tray bar
Sadar saheb bandagi saheb ji 😊🙏🙏🙏🙏
।।मुक्तक छंद भजन।।जानी हमने निराली की महिमा सतगुरु की।।सारशबद धुर धुन जाग्रत परमेश्वर, सकल सृष्टी का ऐकेश्वर।।संत कबीर जी ने खोज निकाली की महिमा सतगुरु की-जानी हमने--।।00।।सारशबद धुन सब दुख टारे, लोक और परलोक दोनो संवारे।।डूबत को सारशबद उबारे, सदा रहे खुशहाली कि महिमा सतगुरु की।।जानी हमने--।।01।।सारशबद उत्तम तीरथ भाई, करते है जो नेक कमाई।।कर्म हीन रहे खाली कि महिमा सतगुरु की।।जानी हमने--।।02।।सारशबद सब मिल कर पाओ, समय ना अपना व्यर्थ गंवाओ।।अंत पिटे ना ताली की महिमा सतगुरु की।।जानी हमने--।।03।।सालिकराम शरण मे आया, साँई अरुण जी को शीश झुकाया।।परमेश्वर की रखवाली की महिमा सतगुरु की।।जानी हमने--।।03।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी,,7898158018,,🙏🏻🌹
👌👌👌🌹🌺🌷👏👏👏 sadar saprem saheb bandgi saheb ji subh prabhat🌷🌺🌹👏👏👏
Saheb bandgi
सादर बन्दगी साहैब जी बहुत सुंदर विचार
Saheb bandagi
बहुत सुंदर साहेब बंदगी साहेब
Thanks
Bhaut acha shatsang 🙏🙏🙏🙏
ਸੁਕਰੀਆ ਜੀ
🙏સપ્રેમ સાહેબ બંદગી સાહેબજી 🙏
Very very Thanks
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब जी 🙏🙏🙏 चली जा रही है, उमर धीरे धीरे। सुबह शाम और दोपहर धीरे धीरे।🙏🌹
Good
आपकी कृपा बनी रहे, साहेब बन्दगी
Sahib bandagi Sahib Ji
खूब मस्त रहो बेटा आत्म कल्याण को साधना की ओर आगे बढ़ो अभी समय है अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा।
Rambechan
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब जी 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
Saheb bandgi
Saheb bandagi saheb ji
Sadhgurujikecharanome
Kotikotinamanbanadagi
Sahebbanadagi
Àdipurbhujkutch
बिनु सत्संग विवेक न होई
Kabir bijak atrat tatav gayaan ki tijori sho khojhe autre bhwshgar ke para
Hame bijak book dene ki kirpa kare !!
साहेब जी आप मान्यता को ही सत्य मान रहे हैं कि मृत्यु परिवर्तन है, इसका क्या प्रमाण है, अपना आत्माराम भी इसी शरीर में हैं, पांच भूतों की शक्ति से ही शरीर और जीव का निर्वाह है ये शक्ति ही महत्वपूर्ण है जिससे जीवन चलता है आप बोल रहे हैं, इसे ही परमात्मा या जीवात्मा कह्ते हैं, कर्म हम जैसा करेंगे वैसा ही हमारा स्वरूप रहेगा और अंत में शारीर छूटने पर मृत्यु, तभी सारे मुकदमों और झंझटों से पीछा छूटेगा, ये ही वास्तव और प्रामाणिक मुक्ति है सो called गुरुजन संत महात्मा खुद भ्रमित हैं और समाज को भी भ्रमित कर रहें हैं, ये सब बंद होना चाहिये ताकि साधुओं ने देश में जो अराजकता और अधर्म phaila rekha है वो समाप्त हो, और ये लोग देश निर्माण में produ tive काम करें GDP बढ़े, शरीर में beej से ही दूसरा शरीर बनता है, beej प्रकृति के पाँच भूतों की देन हैं इसी लिए ये ही परम शक्ति शाली है स्रजन और विनाश इसी से है कोई पुनर्जन्म प्रमाणित नहिं है इसलिए प्रारब्ध भी कुछ नहीं और कर्म के अनुसार जन्म मिलेगा तो ये सरासर अंध विश्वास है जो संत-महात्मा ही फैलाये जा रहे हैं आप जीवन में सुधार की बातेँ करें अपने अनुभव शेयर करें तो अछा है, अप्रमाणिक बातेँ गुमराह करती हैं.
महाशय जी आपका विचार अच्छा है
सामाजिक दृष्टि से ये तो मानना ही पड़ेगा कि आज आप अच्छा काम करते हैं लोगों की सेवा करते है तो लोगो का आशीर्वाद व शुभकामनाएं आपको मिलेगी। और आप निरर्थक लोगो को सताने उन्हें लूटने का काम करेंगे। तो लोग आपको गली ही देंगे अतः आप अच्छा ही काम करते चले लोगो की दुआएं बटोरे। भविष्य में क्या होता है इसकी चिंता बिल्कुल भी न हो।
Tumhe to bharat ka pradhanmantri hona chahiye.
हे मुनिवर! आप ने अपने perception बिल्कुल सही कहा।
हम सब एक दूसरे से सीखते हैं बस priority मे अंतर हो जाता है। अच्छे steps संभावित यह हो सकते हैं
1. पर्सनेलिटी development ie
UQ, PQ IQ EQ SQand DQ levels. इसको बनाना. यह राष्ट्र निर्माण में भी बहुत उपयोगी है.
इस व्यक्तित्व को बनाने के लिए एक अच्छा इंसान होना बेहद जरूरी है। अच्छा इंसान देश का अच्छा नागरिक होता है।
2. बीजक को समझना एक कुंजी जैसी है। ये सेल्फ growth के लिए बहुत लाभदायक है।
3. Chart out priority, planning, and execution Accordingly becoz...
What v want v donot get ,what v get v don't enjoy,what v enjoy does not give us satisfaction,what v feel that satisfaction is permanent is prooved to be boring,every happiness is a haunting fear and exiety. Life is a series of crises and congratulations,What then is the way? Where one should seek the solace of life??????
So introspection ( आत्म दर्शन,आत्म ज्ञान ( बीजक) may may not be the essential tool ,depend upon the individual desired value.....💞🙏💞
Confrontation*
आप के विचार बिलकुल सही है।