संत रामपाल जी ने अपना पूरा जीवन मानव समाज तक सतभक्ति और सत्यज्ञान पहुँचने के लिए न्योछावर कर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व उसके बाद दिन-रात संघर्ष कर घर-घर जाकर सत्यज्ञान की अलख जगाई। वास्तव में संत रामपाल जी महाराज का जीवन मानव कल्याण के लिए संघर्ष का पर्याय बन गया।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है, मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख नहीं रहता।
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है। ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है, ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है।
सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" हैं। हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।। ‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721 नानक देव जी कहते हैं:- हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।
💠पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
यह काल का संसार है। यहाँ हर तरफ धोखाधड़ी है। काल नहीं चाहता कि किसी को पूर्ण परमात्मा का भेद और भक्ति प्राप्त हो। यहाँ तक कि काल(ब्रह्म) गीता ज्ञान दाता का भेद इसकी पत्नी दुर्गा के सिवाय इनके पुत्रों ब्रह्मा विष्णु महेश को भी नहीं है। प्रमाण के लिए अपने सदग्रन्थों को पढें व संत रामपाल जी के सतसंग सुने,नामदीक्षा लेकर कल्याण कराऐं। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी।
Kabir, satyug me sat sukrut kah tera,treta naam munindra Mera,dwapar me karunamay kahaya, kalyug naam Kabir dharaya, adhik jankari ke liye padhe pustak Gyan gangaa.
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है। ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
सत साहेब जी बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज पूर्ण तत्व दर्शी संत जी भगवान जी की जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
त्रेतायुग में मुनीन्द्र जी ने चंद्रविजय भाट को कैसे शरण में लिया? | Sant Rampal Ji Satsang
❤सतसाहबजी ❤
जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही स्वयं (कविर्देव) हैं l
ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਗਿਆਨ
Parmatama Das koti koti dadwat parnaam
Bandhi chhod sat guru rampal ji maharaj ki jay ho 🙏🙇🏻♂️❤🥰🌸
विश्व में जन्म मृत्यु के बंधन को काटने वाले बंदीछोर कबीर परमेश्वर है ।और कुर्आन शरीफ का बाखबर संत रामपाल जी महाराज है।
सत साहेब जी
माया सगी न तन सगा,सगा न ये संसार ।
सच्चे एको सतगुरु,जग के सिरजनहार ।।
Great sat sang hai
अद्भूत और अनमोल सत्संग वचन
अनमोल वचन
बहुत ही अनमोल परमात्मा का
“गरीब, सेवक हो कर उतरे, इस पृथ्वी के माहि।
जीव उधारन जगतगुरु, बार-बार बलि जांही।।😊
Sat Saheb ji 🎉🎉🙏🎉🎉🎉 hai
बहुत सुन्दर अनमोल वचन सत्संग ज्ञान है
सिर सोंप्या गुरुदेव को, सफल हुआ यह शीश।
नितानंद ईस शीश पर, आप बसो जगदीश।।
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
🪷 सत्संग रुपी अमृत ज्ञान 🌻👏👏🏻🌷🎋
संत रामपाल जी ने अपना पूरा जीवन मानव समाज तक सतभक्ति और सत्यज्ञान पहुँचने के लिए न्योछावर कर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व उसके बाद दिन-रात संघर्ष कर घर-घर जाकर सत्यज्ञान की अलख जगाई। वास्तव में संत रामपाल जी महाराज का जीवन मानव कल्याण के लिए संघर्ष का पर्याय बन गया।
सतगुरु देव जीकी जय 🙏🙏🙏🙏🙏
अमर कथा
Sat sahib ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
वेदों में प्रमान है कबीर साहेब भगवान है
कबीर, हमहीं अलख अल्लाह हैं, मूल रूप करतार।
अनंत कोटि ब्रह्मांड का, मैं ही सृजनहार।।
Kabir GoD is a GoD's of GoD, Maalik SAT SAHiB ji 🙏🙏
अलख पुरुष मुनीन्द्र साहेब की जय
कबीर, सुता संत जगाविए, जो करें राम का जाप।
यहे तीनों सुता भला, साकट सिंह और सांप।।
गरीब, सब पदवी के मूल हैं, सकल सिद्धि है तीर।
दास गरीब सत पुरूष भजो, अविगत कला कबीर।।
पर्वत पर्वत मैं फिरा, कारण अपने राम।
राम जैसे संत मिले, जिन सारे सब काम।।
Supreme God is Kabir
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है
True certified spritual knowledge
अति उत्तम सत्संग
Bandi chord sadguru rampalji bhagwan ji ki jai ho daya krna data mujh nich per😢😢😢😢😢😢
❤❤❤❤❤सत सहेब बंदी छोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज की जय हो
❤सत साहेब जी प्रणाम मेरा सुबीकारकरे जी
Amazing knowledge amazing satsang
अनंत कोटी भ्रमांड का,एक रती नहीं भार !
सतगुरु पुरुष कबीर हैं,कुल के सिर्जनहार !!
Anmol vachan ♥️🙏
बिना धणी की बंदगी,सुख नहीं तीनो लोक।
चरण कमल के ध्यान से,गरीब दास संतोष।।
सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार। तो भी बराबर है नहीं , कहे कबीर विचार।।
Kabir supreme God
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है,
मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख
नहीं रहता।
anmol sty katha
कबीर परमात्मा पाप का शत्रु है, पाप विनाशक हैं।
कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शांति दायक है - यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32
अनमोल ज्ञान
Sat sahibe ji
सत्य ज्ञान है अब पता चला मंदोदरी और विभीषण साधु स्वभाव के क्यों थे
गुरु बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझें ना सार रहे अज्ञानी।🙏
Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Bhagwan Ji ki Jay Ho 🙏🙇🏻🌹
Very nice satsang
बंदी छोड़ सतगुरु संत रामपालजी भगवान की जय हो 🙏
True gyan
Nice satsang
Amar katha
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
Great gyan
Kamal
Jay data
Anamol satsang
Very Nice
पवित्र कुरान प्रमाणित करती है अल्लाह कबीर साहेब ही हैं।
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 52
कबीर ही पूर्ण प्रभु है तथा कबीर अल्लाह के लिए अडिग रहना।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है, ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है।
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सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" हैं।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
नानक देव जी कहते हैं:-
हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।
💠पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
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ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार
परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
यह काल का संसार है। यहाँ हर तरफ धोखाधड़ी है। काल नहीं चाहता कि किसी को पूर्ण परमात्मा का भेद और भक्ति प्राप्त हो। यहाँ तक कि काल(ब्रह्म) गीता ज्ञान दाता का भेद इसकी पत्नी दुर्गा के सिवाय इनके पुत्रों ब्रह्मा विष्णु महेश को भी नहीं है। प्रमाण के लिए अपने सदग्रन्थों को पढें व संत रामपाल जी के सतसंग सुने,नामदीक्षा लेकर कल्याण कराऐं।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी।
Kabir, satyug me sat sukrut kah tera,treta naam munindra Mera,dwapar me karunamay kahaya, kalyug naam Kabir dharaya, adhik jankari ke liye padhe pustak Gyan gangaa.
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
Sat shaheb jii 🙏❤️❤️❤️❤️
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
अच्छा सत्संग
अनमोल तत्व ज्ञान
Anmol gayan guru ji
Anmol gyan
Very nice satsang
Acha gyan h
Nice satsang
Very Nice
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Very nice satsang
Anmol gyan
Very nice
Anmol gyan
Very nice satsang
Anmol gyaan