ऊँ ऊँ ऊँ, महर्षि दयानंद सरस्वती जी महान आत्मा एवं सनातन धन के रक्षक थे। महर्षि दयानंद सरस्वती जी का सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक अतिउत्तम गुणों से भरपूर है। हम प्रतिदिन सत्यार्थ प्रकाश पढ़ता हूँ।
जब मै 10वी कक्षा का छात्र था। जब मेरे स्कूल में एक दिन आर्य समाज के भजन उपदेश आए जब मुझे सत्यार्थ प्रकाश का पता चला। आर्य समाज का पता चला था। जीवन में बहुत कुछ मिल गया।
Maharishi Dayand Saraswati ji ko koti_2 Naman ,Arya Samaj Amar rahe,Sawami Aryavesh ji apka bhi bahut dhanyawad ,Arya Samaj ke yogdan ke liye,Om Namaste ji
बहुत सुँदर ज्ञानवर्धक प्रवचन,, परँतु आपने जो विधवा वाली बात कही है उस पर एक बात पूछना चाहता हूँ कि यदि किसी की धर्मपत्नी का स्वर्गवास हो जाए तो उसके साथ समाज का व्यवहार क्या होता था कैसा होता था और आज भी उसके साथ कैसा व्यवस्था, व्यवहार, होता है,क्या यह सब भारतीय समाज मे बहुत से पुरूष नही झेलते?? उनके साथ भी अधिकतर ऐसा ही व्यवहार किया जाता है समाज उनको भी कँही जीने नही देता,,आखिर क्योँ??उसका क्या कसूर?वह फिर से समाज मे नया गृहस्थ जीवन प्रारँभ नही कर सकता,,अनुभव बता रहा हूँ, कृपया उत्तर अवश्य दीजिएगा,,क्योँकि आपकी संवेदनाएं महिलाओं के साथ तो हैँ पुरुषों के साथ नही हैँ, इसलिए ऐसा लिखना पडा। 🙏🚩
मैंने कल ही सत्यार्थ प्रकाश के कुछ समुल्लास पढे। सत्य मे पहले तो हदय को झटका लगा। परंतु वेद ही मूल है। यह बात स्वीकार की। और मैंने मूर्ति पूजा को अस्वीकार कर दिया है। मै भी आर्य समाज में आना चाहता हूँ। कोई आर्य मार्ग दिखाए
एक प्रश्न और है आप कृपया उत्तर देँ :-मोहनदास कर्मचँद गाँधी ने भारत मे भगत सिंह चन्द्रशेखर आजाद और सुखदेव,, इन राष्ट्रप्रेमी नौजवानो का आजादी के वीरोँ का केस क्यों नही लडा??? इसका कोई उत्तर हो तो लिखेँ
आर्य समाज के प्रचार से पिछड़ा वर्ग दलित समाज पूरा बदल चुका है आर्य समाज से जितना फायदा दलित समाज को मिला है किसी को नहीं मिला और सनातन धर्म को इतना बड़ा नुकसान हुआ है कि नास्तिक ही बना दिया एक जगह फायदा दूसरी जगह नुकसान
महर्षि दयानंद सरस्वती सत्यार्थ प्रकाश के सप्तम समुल्लास पृष्ठ 163 पर बता रहे हैं कि परमात्मा साधक के पाप क्षमा नहीं करता है जबकि यजुर्वेद अध्याय 8 के मंत्र 13 में कहा है कि परमात्मा साधक के किए हुए घोर से घोर पाप भी क्षमा कर देता है तो क्या महर्षि जी परमात्मा के विधान को जानते हैं?
चौथा समुल्लास पढा हैं बहुत ही सुंदर लिखा है jo kuchh logon ki smjh me nhi aata h to bahut kuchh galt bolte he. bachchon ke nam, bimar pariwar, gotr adi ya niyog , ye vichar kr dikho,
Rampal ne aadhi sacchai batai h, khud book le aur khud padhein.. manipulate ki hui baate na sune. Mene b rampal.k video dekhe the but wo jaan bujh k burgala rahe h sachai ka aadha roop bata k. Isiliye apne kukarmo ki saja jail me bhog rhe h rampal. Baaki sabka apna dimaag hota hai jisko jo sahi lage🙏
महर्षि दयानंद नशेड़ी ने सत्यार्थ प्रकाश के समूल्लास 4 के पृष्ठ 71 पर लिखा है कि जिस लड़की के भूरे नेत्र या जिसका नाम पार्वती गंगा काली आदि आदि हो तो उनसे विवाह न करे। विचार करें फिर तो भगवान शिव जी से भी गलती बन गई कि उसने पार्वती नाम की लड़की से विवाह कर लिया?
क्या महर्षि दयानंद सरस्वती के ऐसे विचारों से समाज सुधार होगा महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश के समुल्लास 4 पृष्ठ 102 पर अपने अनुयायियों की सुहागिन स्त्रियों को भी आदेश दिया है कि वह भी किसी गैर पुरुष से पशु तुल्य क्रम अर्थात नियोग करें विचार करें क्या यह सही है?
Durbhawba se aise arop nhi lagaiye, mai Arya samaji nhi hu lekin satyarth prakas padha h, swamiji ne aisa nhi kaha h, granthon me ullikhit baton ka ullekh kiya h, aur en baton ka virodh kiya h ki ved me aisi vyavastha nhi h, balki acharyon ne tatkalik paristhitiyon k anusar apni vyawastha ki thi, GAlat baton ko nhi failayen ye namra nivedan h
Pagal aadmi hai kya dayanand Was the first Who proclam india for the Indians yani Bharat keval bhartiyoon ka hai or tum jaise murakh rampal ke chele aand baand bakte hain dub mro
अब वेद पढ़ें तो और अच्छा लगेगा।हम वेदायन परिवार, कानपुर से हैं। हम और आप एक ही कार्य कर रहे हैं और वह भी वेदायन के नाम से।यह सुखद संयोग है।वेदायन चारो वेदों का लघु रूप है।इसमें चुने हुए सूक्त हैं आर्यभाषा में काव्यानुवाद सहित।हम इसका सरस पाठ करते हैं।वेद लोगों को जोड़ते हैं। हमारे पास सभी वर्गों के युवा वेदपाठ तथा वेदार्थ सीख रहे हैं और वेद का प्रामाणिक धातुज अर्थ करने में हमारे सहायक भी हैं।उनमें महिलायें भी हैं।वेद में सबको समान अधिकार है, कोई भेदभाव नहीं है।वेद में महिला तथा निम्न वर्ग के परिवारों से आये ऋषि भी हैं। वेद, संस्कृत व्याकरण, वैदिक इतिहास पर हमने बहुत कार्य किया है।आपको हमारे चैनल और वेबसाइट देखने से ज्ञात हो जायेगा। हिन्दुओंको रावण की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वह ब्राह्मण था।एकता आवश्यक है, एकता का आधार वेद हैं।हिन्दू विचार करें कि हमारे धर्म में वेद का क्या स्थान है।मदरसों में कुरान पढ़ाते हैं, विद्यालयों में वेद को अनिवार्य कीजिए।मन्दिरों में वेद स्थापना कराएंँ।वेद के समय विश्व विजेता सिकन्दर भी हार कर भाग गया।वेद को छोड़ा तो हम पर गुलाम वंश भी शासन कर गया।हर मुसलमान कुरान पढ़ता है, हर ईसाई बाइबल पढ़ता है, हर सिख गुरुग्रन्थ साहब का पाठ करता है। आप ऐसा हिन्दू खोजिये जो वेद पढ़ता हो, आपको उत्तर मिल जायेगा कि देश का मजाक किसने बनाया है। वेद पढ़ो, बाबाओं से बचो। वेद में एक सर्वव्यापी ईश्वर की उपासना है, उसे ओम् कहा गया है। ब्रह्म, विष्णु, शिव, वायु, अर्यमा, इन्द्र, आदित्य, सोम आदि उसके ही गुणवाचक नाम हैं।देवता शब्द का अर्थ देवत्व, दिव्यता, दिव्यगुण होता है, कोई शरीरधारी नहीं। सरस्वती की पूजा करने वाले मूर्खों ने नारी को वेद से दूर किया, दलितों को वेद से दूर किया।पुरी का शंकराचार्य निश्चलानन्द अभी भी ऐसी बकवास करता रहता है।परन्तु वेद में मिलावट नहीं की जा सकी है।उसकी भाषा अति प्राचीन है और पाठ की सुरक्षा के अनेक उपाय किये गये हैं।अर्थ करने में लोगों ने अनर्थ किया है, परन्तु मूल संस्कृत मन्त्र में परिवर्तन नहीं है।वेदों के मन्त्रों का सही और सटीक अर्थ जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर पुस्तक सूची देखें। हमारे फोटो पर क्लिक कर चैनल पर आयें, वीडियो देखें, उनपर कमेंट करें। हम प्रमाण सहित उत्तर देंगे। v4.simplesite.com/#/pages/443... web. vedayan.simplesite.com। email. paliwalprakashanvedicsahitya@gmail.com।
ऋषि दयानंद बहुत महान थे। आज हजारों लाखों दयानंद की देश में आवश्यकता है।
Hatt....
ऊँ ऊँ ऊँ, महर्षि दयानंद सरस्वती जी महान आत्मा एवं सनातन धन के रक्षक थे। महर्षि दयानंद सरस्वती जी का सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक अतिउत्तम गुणों से भरपूर है। हम प्रतिदिन सत्यार्थ प्रकाश पढ़ता हूँ।
दयान्दजी के बारे मे जानकारी पाकर में धन्य होगया । जय हो दयान्दजी की जय हो ।
मैं वहुत ही मूर्ख, अधर्मी, पापी, दुष्ट, दुराचारी, स्वभाव का आदमी था, लेकिन जव मैंने सत्यारथ पढा तो मेरा जीवन, स्वभाव, करम, गुण सव कुछ वदल गया है
बहुत सुंदर।। सत्यार्थ प्रकाश बहुत ही अच्छा ग्रन्थ हैं।। हर परिवार में सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक होनी चाहिए और सबको पढ़ना चाहिए।।
स्मोलास 4 भी
सत्यार्थ प्रकाश पढे मालुम हो गि
सत्यार्थ प्रकाश पड़ के मेरा तो जीवन ही बदल गया
Satyarth prakash ne meri jivan badal dali🙏🚩
।।महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज को सत सत नमन।।
गर्व से कहो हम आर्य है
Swamiji DHANYAVAD. SADAR . PRANAM. JI.
Bhut hi bdiya Swami ji nmskar
Great swami ji apka speech behad upyogi or sarthak hai
Bahut sundar video jai ho rishi dayanand ki namaste swami ji
इस प्रकार के प्रवचन हमें अपने आस पास के सभी निज पिर्यो को सुनाते रहना चाहिए।
परनाम गुरु देव जी बहुत अच्छा
Sawami Dayanand ji aak bhut mahan maha Sant thee me unko karbad Naman Katya hu
Vedic dharm ki jai sawami dayanand ji amar rahen
Om namaste ji Swami ji
Very good
जब मै 10वी कक्षा का छात्र था। जब मेरे स्कूल में एक दिन आर्य समाज के भजन उपदेश आए जब मुझे सत्यार्थ प्रकाश का पता चला। आर्य समाज का पता चला था। जीवन में बहुत कुछ मिल गया।
Nice work
Life changing speech
.
बहुत ही अच्छा है सर जी
Maharishi dayanand Saraswati j ko koti,koti, Naman,mkarya
Very good speech
ओम, om.
I joined aryasamaj due to styarthprakash
Such bat ha swamiji
Maharishi Dayand Saraswati ji ko koti_2 Naman ,Arya Samaj Amar rahe,Sawami Aryavesh ji apka bhi bahut dhanyawad ,Arya Samaj ke yogdan ke liye,Om Namaste ji
Jay ho rusi dayanandji
Nice speech
सादर नमस्ते जी 🙏🏻🙏🏼🌺🔥✅💥☀️🚩
🙏🙏🙏
वैदिक धर्म की जय
Satyarth prakash ek amar granth hai. Rishi dayanand ki jai ho.
🙏🙏🌹🌹
बहुत सुँदर ज्ञानवर्धक प्रवचन,, परँतु आपने जो विधवा वाली बात कही है उस पर एक बात पूछना चाहता हूँ कि यदि किसी की धर्मपत्नी का स्वर्गवास हो जाए तो उसके साथ समाज का व्यवहार क्या होता था कैसा होता था और आज भी उसके साथ कैसा व्यवस्था, व्यवहार, होता है,क्या यह सब भारतीय समाज मे बहुत से पुरूष नही झेलते?? उनके साथ भी अधिकतर ऐसा ही व्यवहार किया जाता है समाज उनको भी कँही जीने नही देता,,आखिर क्योँ??उसका क्या कसूर?वह फिर से समाज मे नया गृहस्थ जीवन प्रारँभ नही कर सकता,,अनुभव बता रहा हूँ, कृपया उत्तर अवश्य दीजिएगा,,क्योँकि आपकी संवेदनाएं महिलाओं के साथ तो हैँ पुरुषों के साथ नही हैँ, इसलिए ऐसा लिखना पडा। 🙏🚩
very nice thought
आज भीआर्य समाज दुनिया को जगा रहा
स्वामी दयानंद की जय
Satyarath parkash padh kar apna jivan sarthik banoy sawami ji ko namaste.
Jai arya
🙏🙏
Ati sunder
Very nice
bhut badiya vidio
मैंने कल ही सत्यार्थ प्रकाश के कुछ समुल्लास पढे। सत्य मे पहले तो हदय को झटका लगा। परंतु वेद ही मूल है। यह बात स्वीकार की। और मैंने मूर्ति पूजा को अस्वीकार कर दिया है। मै भी आर्य समाज में आना चाहता हूँ। कोई आर्य मार्ग दिखाए
7755041905
सम्पर्क कीजिए यदि आवश्यकता है तो
Satyarth,prakash,jaroor padhe, m k Arya
जय आर्यव्रत जय आर्य
satyath prakash kalyug ki geeta jisne iska mulyavan gyan Jana uska jivan anand mai ho jata hai aur vaykati dharam ke marg par chalne lagta hai
सप्रेम नमस्ते
नमस्ते स्वामी जी
वैदिक धर्म की जय अगर जीवन मे आमुल परीवर्तन लाना है तो ऋषि दयानंद का अमर ग्रँथ सत्यर्थप्रकाश जरुर पढे
Ishwar,ajar Amar,hai,om nam kaj, Jap Kare
Maharshi dayanand ki jai
Hello...
Baijayanti ooom sadare Namaste 🙏
Arya samaj mujhe naya janam diya
मैं हेमंत कुमार आर्य गांव नीमूचाना से हु
ओ३म्
S
Jisne like Kiya wo mahan...mere comment konlike karo
एक प्रश्न और है आप कृपया उत्तर देँ :-मोहनदास कर्मचँद गाँधी ने भारत मे भगत सिंह चन्द्रशेखर आजाद और सुखदेव,, इन राष्ट्रप्रेमी नौजवानो का आजादी के वीरोँ का केस क्यों नही लडा???
इसका कोई उत्तर हो तो लिखेँ
आर्य समाज के प्रचार से पिछड़ा वर्ग दलित समाज पूरा बदल चुका है आर्य समाज से जितना फायदा दलित समाज को मिला है किसी को नहीं मिला और सनातन धर्म को इतना बड़ा नुकसान हुआ है कि नास्तिक ही बना दिया एक जगह फायदा दूसरी जगह नुकसान
Araya samaz mai sabi hindu jati ka sawagat karta hai acchi bat hai koee ved buaa nahi . Jai arya samaz
Bhai jî apne guru ko samman dena chahiye
Ishwar,ko Jane,aur,mane
वैदिक सत्य सनातन धर्म की जय हो
नमन है महर्षि दयानंद सरस्वती जी 🙏
Vedo kee or lauto
Gandhi wahi vyakti tha jisne Swami Shraddhanand ke hatyaare ko apna bhai btaya tha. Gandhi jaise neech insaan ko aapko glorify nhi krna chahiye.
Binod
Binod
Binod
क्या विवेकानंद मांसाहारी थे?
जी,
स्वामी विवेकानंद कभी मांसाहारी नहीं थे यह आपकी कथित कपोल कल्पना है मात्र है मिशन आर्यावर्त जी
Mission Aryavart कोई प्रमाण भी है आपके पास KSA Hai unke baare mein
@@user-mq7vn2nt3r विवेकानंद साहित्य पढ़ लो पता चल जाएगा ।
थे
महर्षि दयानंद सरस्वती सत्यार्थ प्रकाश के सप्तम समुल्लास पृष्ठ 163 पर बता रहे हैं कि परमात्मा साधक के पाप क्षमा नहीं करता है जबकि यजुर्वेद अध्याय 8 के मंत्र 13 में कहा है कि परमात्मा साधक के किए हुए घोर से घोर पाप भी क्षमा कर देता है तो क्या महर्षि जी परमात्मा के विधान को जानते हैं?
अबे गधे ! यजुर्वेद में पाप को दूर करने के लिए नहीं बल्कि पाप भावना को दूर करने के लिए कहा गया है
Bilkul nahi parmatma kisi ke pap smma nahi karta or tum jaise log kya janne veddon ke barre mein
सत्यार्थ प्रकाश का चौथा समुल्लास भी पढा हैं कभी
जी पढ़ा है जी
प्रेरणादायक सत्य वचन
Mine who PDA hai
चौथा समुल्लास पढा हैं बहुत ही सुंदर लिखा है jo kuchh logon ki smjh me nhi aata h to bahut kuchh galt bolte he. bachchon ke nam, bimar pariwar, gotr adi ya niyog , ye vichar kr dikho,
4th सम्मुलास प्रक्षिप्त है, महर्षि दयानंद सरस्वती के द्वारा लिखित नही है।
आप सन्त रामपाल जी और दयानद को सुनो आपको सबूत के साथ दयानन्द की सच्चई जानो
रामपाल पाखंडी है
Rampal To froad Hai
Rampal ne aadhi sacchai batai h, khud book le aur khud padhein.. manipulate ki hui baate na sune. Mene b rampal.k video dekhe the but wo jaan bujh k burgala rahe h sachai ka aadha roop bata k. Isiliye apne kukarmo ki saja jail me bhog rhe h rampal. Baaki sabka apna dimaag hota hai jisko jo sahi lage🙏
😂😂😂😂😂😂😂
महर्षि दयानंद नशेड़ी ने सत्यार्थ प्रकाश के समूल्लास 4 के पृष्ठ 71 पर लिखा है कि जिस लड़की के भूरे नेत्र या जिसका नाम पार्वती गंगा काली आदि आदि हो तो उनसे विवाह न करे।
विचार करें फिर तो भगवान शिव जी से भी गलती बन गई कि उसने पार्वती नाम की लड़की से विवाह कर लिया?
भड़वा है तू रामपाल का चेला
नरेंद्र जी नरेंद्र जी महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने जितना कार्ड्स नारी उत्थान के लिए किया शायद किसी महापुरुषों ने किया होगा
क्या महर्षि दयानंद सरस्वती के ऐसे विचारों से समाज सुधार होगा
महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश के समुल्लास 4 पृष्ठ 102 पर अपने अनुयायियों की सुहागिन स्त्रियों को भी आदेश दिया है कि वह भी किसी गैर पुरुष से पशु तुल्य क्रम अर्थात नियोग करें
विचार करें क्या यह सही है?
Koun hai tu bewakuf ki aulad jo dayanand k bare me ulta seedha bol rha hai
Durbhawba se aise arop nhi lagaiye, mai Arya samaji nhi hu lekin satyarth prakas padha h, swamiji ne aisa nhi kaha h, granthon me ullikhit baton ka ullekh kiya h, aur en baton ka virodh kiya h ki ved me aisi vyavastha nhi h, balki acharyon ne tatkalik paristhitiyon k anusar apni vyawastha ki thi,
GAlat baton ko nhi failayen ye namra nivedan h
यह बात मनुस्मृति के अनुसार कही है उन्होंने क्योंकि मनुस्मृति में यही लिखा हुआ है
और इसमें अनिवार्यता नहीं बल्कि अपनी और अपने पति तथा परिवार के लोगों की सहमति से ही यह सब हो सकता है अन्यथा नहीं
Pagal aadmi hai kya dayanand Was the first Who proclam india for the Indians yani Bharat keval bhartiyoon ka hai or tum jaise murakh rampal ke chele aand baand bakte hain dub mro
दयानद भांग हुक्का शुल्फा ओर वेद का कोई ज्ञान नही था। प्रणायाम से तो जिंदा नही हुए तो भाइयो ये प्रक्रिया गलत है
आप रामपाल पाखंडी के चेले चपटे हो
16 bar Jahar Yog ke dwara nikala Gaya
योगाभ्यास करके अपनी बुद्धि को थोड़ा विकसित होने का अवसर देना अन्यथा अन्तकाल में बहुत आंसू बहेंगे
दयानन्द को जहर दिया तो वो तो परमात्मा के भक्त थे। जहर का असर नही होना चाहिए मीरा को जहर दिया। कुछ नही हुआ। इसका मतलब दयानन्द की भक्ति सही नही
Tu to kisi ka bhakt hoga tu jahar peeke dekh
Wo bhakta the na ki jaadugar
मैं बहुत ही मूर्ख, अधर्मी, पापी, दुष्ट, दुराचारी, स्वभाव का आदमी था, लेकिन जव मैंने सत्यारथ पढा तो मेरा जीवन, स्वभाव, करम, गुण सव कुछ वदल गया है
अब वेद पढ़ें तो और अच्छा लगेगा।हम वेदायन परिवार, कानपुर से हैं। हम और आप एक ही कार्य कर रहे हैं और वह भी वेदायन के नाम से।यह सुखद संयोग है।वेदायन चारो वेदों का लघु रूप है।इसमें चुने हुए सूक्त हैं आर्यभाषा में काव्यानुवाद सहित।हम इसका सरस पाठ करते हैं।वेद लोगों को जोड़ते हैं। हमारे पास सभी वर्गों के युवा वेदपाठ तथा वेदार्थ सीख रहे हैं और वेद का प्रामाणिक धातुज अर्थ करने में हमारे सहायक भी हैं।उनमें महिलायें भी हैं।वेद में सबको समान अधिकार है, कोई भेदभाव नहीं है।वेद में महिला तथा निम्न वर्ग के परिवारों से आये ऋषि भी हैं। वेद, संस्कृत व्याकरण, वैदिक इतिहास पर हमने बहुत कार्य किया है।आपको हमारे चैनल और वेबसाइट देखने से ज्ञात हो जायेगा। हिन्दुओंको रावण की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वह ब्राह्मण था।एकता आवश्यक है, एकता का आधार वेद हैं।हिन्दू विचार करें कि हमारे धर्म में वेद का क्या स्थान है।मदरसों में कुरान पढ़ाते हैं, विद्यालयों में वेद को अनिवार्य कीजिए।मन्दिरों में वेद स्थापना कराएंँ।वेद के समय विश्व विजेता सिकन्दर भी हार कर भाग गया।वेद को छोड़ा तो हम पर गुलाम वंश भी शासन कर गया।हर मुसलमान कुरान पढ़ता है, हर ईसाई बाइबल पढ़ता है, हर सिख गुरुग्रन्थ साहब का पाठ करता है। आप ऐसा हिन्दू खोजिये जो वेद पढ़ता हो, आपको उत्तर मिल जायेगा कि देश का मजाक किसने बनाया है। वेद पढ़ो, बाबाओं से बचो। वेद में एक सर्वव्यापी ईश्वर की उपासना है, उसे ओम् कहा गया है। ब्रह्म, विष्णु, शिव, वायु, अर्यमा, इन्द्र, आदित्य, सोम आदि उसके ही गुणवाचक नाम हैं।देवता शब्द का अर्थ देवत्व, दिव्यता, दिव्यगुण होता है, कोई शरीरधारी नहीं। सरस्वती की पूजा करने वाले मूर्खों ने नारी को वेद से दूर किया, दलितों को वेद से दूर किया।पुरी का शंकराचार्य निश्चलानन्द अभी भी ऐसी बकवास करता रहता है।परन्तु वेद में मिलावट नहीं की जा सकी है।उसकी भाषा अति प्राचीन है और पाठ की सुरक्षा के अनेक उपाय किये गये हैं।अर्थ करने में लोगों ने अनर्थ किया है, परन्तु मूल संस्कृत मन्त्र में परिवर्तन नहीं है।वेदों के मन्त्रों का सही और सटीक अर्थ जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर पुस्तक सूची देखें। हमारे फोटो पर क्लिक कर चैनल पर आयें, वीडियो देखें, उनपर कमेंट करें। हम प्रमाण सहित उत्तर देंगे। v4.simplesite.com/#/pages/443... web. vedayan.simplesite.com। email. paliwalprakashanvedicsahitya@gmail.com।
Very good
satyath prakash kalyug ki geeta jisne iska mulyavan gyan Jana uska jivan anand mai ho jata hai aur vaykati dharam ke marg par chalne lagta hai
Satyarth,prakash,jaroor padhe, m k Arya