राही जी! भगवान अपने भक्तों की रक्षार्थ हमेशा पहरा बिठाए रखते हैं |रावण जानकी जी को धमाका रहा है, लेकिन हनुमान जी अशोक वृक्ष पर बैठे सुन रहे हैं और सोच रहे हैं कि अगर रावण ने सीता माता पर वार किया तो मैं आज ही रावण का काम तमाम कर दूंगा | दूसरे त्रिजटा के रूप में कोई और नहीं माता पार्वती ही थीं, जो सोच रही हैं कि अगर इस दुष्ट ने सीता पर वार किया तो मैं त्रिजटा रूप छोड़ दुर्गा रूप धारण कर इस दुष्ट रावण का संहार आज ही कर दूंगी |
कल्पना जी! आपने फिल्मी धुन को बहुत बेहतरीन गाया है और शेर में शहर और गांव का विवेचन कर हम गाँव वालों की छाती चौड़ी कर दी | बाकी कथानक भी ज्ञानवर्धक रहे |
संतोष राही जीभी कीर्तन जगत के सम्राटों में आगे नहीं है तो पीछे भी नहीं है उनकी सैली निराली हम आपके दीवाने हैं जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
राही जी! भगवान अपने भक्तों की रक्षार्थ हमेशा पहरा बिठाए रखते हैं |रावण जानकी जी को धमाका रहा है, लेकिन हनुमान जी अशोक वृक्ष पर बैठे सुन रहे हैं और सोच रहे हैं कि अगर रावण ने सीता माता पर वार किया तो मैं आज ही रावण का काम तमाम कर दूंगा |
दूसरे त्रिजटा के रूप में कोई और नहीं माता पार्वती ही थीं, जो सोच रही हैं कि अगर इस दुष्ट ने सीता पर वार किया तो मैं त्रिजटा रूप छोड़ दुर्गा रूप धारण कर इस दुष्ट रावण का संहार आज ही कर दूंगी |
कल्पना जी! आपने फिल्मी धुन को बहुत बेहतरीन गाया है और शेर में शहर और गांव का विवेचन कर हम गाँव वालों की छाती चौड़ी कर दी | बाकी कथानक भी ज्ञानवर्धक रहे |
बहुत सुंदर गायन व गीत 🙏🏻👌🏻
हृदय स्पर्शी संगीत, नवीन कथानक ,सुंदर गायन ,मनमोहक प्रस्तुति । ईश्वर आप को आसमान की उचाईयों तक पहुचाये।
Very nice
Very nice