मूर्खों,पाप पुण्य सिर्फ इंसान से होता है पशु पक्षियों ,कीड़े मकोड़ों मेंढक सर्प आदि से न तो पाप होता है और न पुण्य ।इसलिए गंगा में रहने से मेंढक को पाप पुण्य नहीं स्पर्श करता।
@@SatyaLal-t7q सच में ही आपके भीतर पिता परमेश्वर से मिलने की जबरदस्त प्यास है तो मैं आपकी सेवा के लिए तैयार हूं। लेकिन आपसे पहले ही कह देता हूं कि मामला ज्यादा कठिन है। प्रभु के लिए दुनियां से टकराने की हिम्मत होनी चाहिए। कुछ भी हो सकता है। मैं आपसे कह दूं कि बहुत आसान मामला है।
@@mr.hemantmusic2081 सच में ही किसी के भीतर परमेश्वर से मिलने की प्यास है तो मैं आपकी हर तरह की सहायता करने के लिए तैयार हूं। लेकिन यह मामला कठिन है। वह भी थोड़ा बहुत नहीं बहुत ज्यादा तुम्हारे भीतर दुनियां से टकराने की हिम्मत होनी चाहिए तारे
भगवान बुद्ध का जन्म केवल बुद्ध पूर्णिमा में 23 तारीख, सम्राट अशोक का जन्म लगभग 304 ईशा पूर्व में हुआ तारीख महीना साल ज्ञात नहीं है तो श्री राम, श्री कृष्ण, और भी देवी देवताओ का दिन कैसे पता चला गया है भगवान बुद्ध और सम्राट अशोक DOB बताए। गुजरात के समुद्र में द्वारिका नगरी और राम सेतु के बारे में भी बताएं
आप मुझे केवल एक सवाल का जवाब देते हैं मैं आपका शिष्य बनने के लिए तैयार हूं और जहां बुलाएंगे वहींआ जाऊंगा यह बता दे बता दे कि इस संसार में परमेश्वर की भक्ति पूजा आराधना या गुणगान क्यों हो रहा है वह भी केवल एक शब्द में नहीं तो मैं आपको पाखंडी गुरु मानूंगा।
"मन की शांति और ज्ञान के लिए।" बौद्ध धर्म में परमेश्वर की पूजा का विचार नहीं है, बल्कि ध्यान, करुणा और सत्य का अनुसरण करने पर जोर दिया गया है। भगवान का गुणगान या भक्ति इसलिए हो रही है क्योंकि लोग अज्ञान (अविद्या) के बंधन से मुक्त होना चाहते हैं। भक्ति का अर्थ यहाँ है - अपने अंदर की चेतना को जागृत करना, जो जीवन के दुखों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। "यह व्यक्ति की आस्था और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि वह भक्ति को किस रूप में देखता है। बौद्ध धर्म से लेकर अन्य धर्म, सभी इसे अलग-अलग तरह से परिभाषित करते हैं। लेकिन मुख्य रूप से भक्ति का उद्देश्य आत्मिक संतोष और जीवन में संतुलन पाना है।"
🌱🌿🍁🍂🍃🍀☘️
Thanks 🙏🏻🙏🏻
नमो बुधाय 🌹🙏🌹🙏
नमो बुद्धाय 🙏🏻🙏🏻
जय गुरू
Thanks 🙏🏻👍🏻✔️
नमो बुद्धाय
नमो बुद्धाय 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Namo budhaye 🙏🙏🙏
नमो बुद्धाय 🙏🏻🙏🏻
मूर्खों,पाप पुण्य सिर्फ इंसान से होता है पशु पक्षियों ,कीड़े मकोड़ों मेंढक सर्प आदि से न तो पाप होता है और न पुण्य ।इसलिए गंगा में रहने से मेंढक को पाप पुण्य नहीं स्पर्श करता।
❤ namo Budha ji
नमो बुद्धाय 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Worshipping and praying are not the solution of the problems ❤
@@kartarbhagwat407 आप कभी भी नहीं समझ सकते अध्यात्म को। यह इतना सूक्ष्म विषय है कि परमेश्वर की दया अनुकंपा के बिना समझ नहीं आ सकता।
🙏🌹
Thanks 🙏🏻🙏🏻👍🏻✔️
Namo buddhay
नमो बुद्धाये 🙏🏻🙏🏻
😊😊😊😊
Thanks 🙏🏻👍🏻✔️
Jai bhudh ji मुझे रास्ता दिखाये..
नमो बुद्धाय 🙏🏻🙏🏻
@@SatyaLal-t7q सच में ही आपके भीतर पिता परमेश्वर से मिलने की जबरदस्त प्यास है तो मैं आपकी सेवा के लिए तैयार हूं। लेकिन आपसे पहले ही कह देता हूं कि मामला ज्यादा कठिन है। प्रभु के लिए दुनियां से टकराने की हिम्मत होनी चाहिए। कुछ भी हो सकता है। मैं आपसे कह दूं कि बहुत आसान मामला है।
@@mr.hemantmusic2081 सच में ही किसी के भीतर परमेश्वर से मिलने की प्यास है तो मैं आपकी हर तरह की सहायता करने के लिए तैयार हूं। लेकिन यह मामला कठिन है। वह भी थोड़ा बहुत नहीं बहुत ज्यादा
तुम्हारे भीतर दुनियां से टकराने की हिम्मत होनी चाहिए
तारे
Man m uthne wale sabhi sawalo ka jawab
Thanks 🙏🏻👍🏻
भगवान की सिर्फ कल्पना की जा सकती है
❤🎉😢
Thanks 🙏🏻👍🏻✔️
आस्था मे विश्वास करना चाहिए परन्तु अंधविश्वास मे नही ।
Right 👍🏻🙏🏻✔️
भगवान की आराधना करना गलत नहीं है बल्कि आडंबर करना गलत है
Right 👍🏻✔️
🙏🌹🤣
नमो बुद्धाय 🙏🏻🙏🏻
ध्यान और पूजा से शांति मिलती है। तो इसको करने में परहेज कैसा। तुम लोग भी तो करते हो किसी ना किसी की और हमें ज्ञान दे रहे हो
अपने विचार रखने के लिए धन्यवाद 👍🏻
⭐️🌻🙏🏼🌼🌼🙏🏼🌼🌼🙏🏼🌻⭐️🏳️
Thanks 🙏🏻🙏🏻 👍🏻
भगवान बुद्ध का जन्म केवल बुद्ध पूर्णिमा में 23 तारीख, सम्राट अशोक का जन्म लगभग 304 ईशा पूर्व में हुआ तारीख महीना साल ज्ञात नहीं है तो श्री राम, श्री कृष्ण, और भी देवी देवताओ का दिन कैसे पता चला गया है
भगवान बुद्ध और सम्राट अशोक DOB बताए।
गुजरात के समुद्र में द्वारिका नगरी और राम सेतु के बारे में भी बताएं
सभी पूजा पाठ करते है तरीका अलग है
Right 👍🏻✔️
Bahirmukhi pooja paath ahankar tak le jata hai
Koi aatmik uunti nahi .
*समय निकालकर जरूर पढ़िएगा अनमोल पवित्र पुस्तकें*
*📖 गीता तेरा ज्ञान अमृत*
drive.google.com/file/d/1UQBnY3OkUhs4j9rC8-S0AJ0LgWw6HuQ2/view?usp=drivesdk
*📖 ज्ञान गंगा*
drive.google.com/file/d/1UqcFtjod7cTJYRyjDqXTARzs-ZLXyhlS/view?usp=drivesdk
*📖 जीने की राह*
drive.google.com/file/d/1UcgyWypXGNM_a6jp4YIJWs2frzhZjpdn/view?usp=drivesdk
@SamNath-lr8un thanks 🙏🏻🙏🏻✔️
पुजया पाटया कोइ गालया नाही कुछभी गालतया नाही इशाय ज्ञान होतया नाही
भगवद्गीता
Thanks for comment 😊
आप मुझे केवल एक सवाल का जवाब देते हैं मैं आपका शिष्य बनने के लिए तैयार हूं और जहां बुलाएंगे वहींआ जाऊंगा यह बता दे बता दे कि इस संसार में परमेश्वर की भक्ति पूजा आराधना या गुणगान क्यों हो रहा है वह भी केवल एक शब्द में नहीं तो मैं आपको पाखंडी गुरु मानूंगा।
"मन की शांति और ज्ञान के लिए।"
बौद्ध धर्म में परमेश्वर की पूजा का विचार नहीं है, बल्कि ध्यान, करुणा और सत्य का अनुसरण करने पर जोर दिया गया है। भगवान का गुणगान या भक्ति इसलिए हो रही है क्योंकि लोग अज्ञान (अविद्या) के बंधन से मुक्त होना चाहते हैं। भक्ति का अर्थ यहाँ है - अपने अंदर की चेतना को जागृत करना, जो जीवन के दुखों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
"यह व्यक्ति की आस्था और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि वह भक्ति को किस रूप में देखता है। बौद्ध धर्म से लेकर अन्य धर्म, सभी इसे अलग-अलग तरह से परिभाषित करते हैं। लेकिन मुख्य रूप से भक्ति का उद्देश्य आत्मिक संतोष और जीवन में संतुलन पाना है।"
पुजा करने से मन को सिर्फ सांती मिलती हैं मोक्ष नहीं उसके लिए कर्म करना जरूरी है जया कर्म वैसा फल
सकारात्मक ऊर्जा के लिए
क्योंकि कर्म तो स्वयं ही करना होगा
सिर्फ अपनी आवशक्ताओं की पूर्ति की चाह के कारण
डर के वजह से अगर डर खतम हाे और विवेक जगे तब सिर्फ श्रध्दा रहेगी जाे शिवाय करुना के कुछ नही जय गुरूजी
Budha bhi vishnu bhagawan ke avatar hai
Thanks 🙏🏻👍🏻✔️
अबे चुप ।पाखंडी कहि का।
कोण बोला रे 🤬💥
बौद्ध किसी के अवतार नहीं हैं पर हर किसी को नहीं समझाया जा सकता है
बौद्ध किसी के अवतार नहीं हैं पर हर किसी को नहीं समझाया जा सकता है
Yes 1000000000% useless to humanity
😂
जीवन अनमोल है thanks for comment 🙏🏻🙏🏻✔️
Namo buddhay
Thanks 🙏🏻🙏🏻
🙏🙏
Thanks for comment 😊