नमस्ते आर्य जी मुझे जनेऊ के बारे में जानना है एक वीडियो जनेऊ बारे में भी बना दीजिए क्या नियम है कब कब बदलना चाहिए ओर संध्या पर भी बनाए सुबह को कैसे करनी ओर शाम को कैसे करनी
Namaste acharya ji . Antarjatiy vivah ka vaidik Sanskriti me kya sthan hai ,, kripaya udaharan sahit batane ki kripa karen . Gita me Jo varn Sankar ki bate kahi gayi hain uski uhi vyakhya karen. Aapka karya nishchit hi sarahniya hai.
कोई प्रेत नहीं इसका प्रमाण मैं खुद हु.... मैं बहुत डरपोक किसिम का इंसान था बहुत से इतना डरता था अँधेरे मे मूतने नहीं निकलता..। लेकिन जब से पता चला वेद भुत पिशाच को नहीं मानता अब मैं अकेले एक अँधेरे शहर जिंदगी गुजर दूंगा घंटा कोई डर नहीं लगता
भूत का अर्थ होता है बीता हुआ काल,,, और प्रेत का अर्थ होता है शव,,जब तक उसका दाह संस्कार नहीं किया गया,, उसके बाद की जितनी भी डराने की कहानी है सब झूठी है धन्यवाद
ऋषि सर मुझे यह पता नहीं है कि प्रेत का मतलब क्या होता है गंथ में लेकिन इस बात का मैं पुष्टि करता हूं की जीव आत्मा भटकती है सभी जीवात्मा की बात नहीं करता वैसे लोगों की जीवआत्मा जो लोग आत्महत्या करते हैं या जिन लोगों की अकाल मृत्यु होती है जो बूढ़े होकर मरते हैं उनका नहीं भटकता है 100% लेकिन जो आत्महत्या करते हैं उनमें 50% लोगों की जीव आत्मा भटकती है क्योंकि मैं इसे सिद्ध कर सकता हूं मैंने जितना जाना है उसे पता चलता है यह दूसरे व्यक्ति के शरीर पर भी कंट्रोल करती है यह किसी व्यक्ति के शरीर को कंट्रोल करने के लिए उसे व्यक्ति के मन को कंट्रोल करते हैं क्योंकि मन मस्तिष्क को कंट्रोल करता है और मस्तिष्क पूरे शरीर को और इस बात को मैं 100% सच मानता हूं जीव आत्माएं मन के जरिए शरीर को कंट्रोल करती है दूसरे व्यक्ति के लेकिन यह दूसरे व्यक्ति के शरीर में पीड़ा भी दे सकती है आपके मन को बेचैन भी कर सकती
@@DharmaSamratOffcial वाक्य शुद्धि पर ध्यान केन्द्रित करो, साथ ही आपकी दीन हीन विचारों पर आपकी उद्धार की भावना करुणा का भाव प्रस्फुटिट होता है। आपकी बुद्धि शुद्ध और समाहित हो ऐसा चन्द्रमौलिश्वर भगवान् से प्रार्थना है। l l lनारायण ।
@@vaibhavPandey-b1qमहोदय नारायण कभी असत्य कहते हैं यदि कहते हैं तो फिर वो नारायण नहीं है दूसरा इनकी नारायण संज्ञा क्यों है इसलिए आपका वाक दोष सुधारिए आर्य
बहुत उत्तम, आपने पूरे संदर्भ के साथ स्पष्टीकरण किया है. अन्यों की तरह हवा हवाई फायरिंग नहीं की.
ओम.
बहुत अच्छी वीडियो है। अच्छे प्रमाण दिये है
Rishi ji aapko pahli baar dekh Kar achha lga
नमस्ते आर्य जी
मुझे जनेऊ के बारे में जानना है
एक वीडियो जनेऊ बारे में भी बना दीजिए
क्या नियम है कब कब बदलना चाहिए
ओर संध्या पर भी बनाए सुबह को कैसे करनी ओर शाम को कैसे करनी
Namaste acharya ji .
Antarjatiy vivah ka vaidik Sanskriti me kya sthan hai ,, kripaya udaharan sahit batane ki kripa karen . Gita me Jo varn Sankar ki bate kahi gayi hain uski uhi vyakhya karen.
Aapka karya nishchit hi sarahniya hai.
@@Themanmyself जी ठीक है
@@DharmaSamratOffcial dhanyawad
Ye saare granth kaha le khareed sakte hai
कोई प्रेत नहीं इसका प्रमाण मैं खुद हु.... मैं बहुत डरपोक किसिम का इंसान था बहुत से इतना डरता था अँधेरे मे मूतने नहीं निकलता..। लेकिन जब से पता चला वेद भुत पिशाच को नहीं मानता अब मैं अकेले एक अँधेरे शहर जिंदगी गुजर दूंगा घंटा कोई डर नहीं लगता
सादर प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🚩
@@अनिकेतगौतम-ध7न प्रणाम
भूत का अर्थ होता है बीता हुआ काल,,, और प्रेत का अर्थ होता है शव,,जब तक उसका दाह संस्कार नहीं किया गया,,
उसके बाद की जितनी भी डराने की कहानी है सब झूठी है
धन्यवाद
शायद वो खुद को भटकती हुई प्रेत आत्मा मानते h😂
✅✅✅✅✅✅✅✅✅✅✅✅💯👍
Intro me sarve bhavantu.. ka reference dena sir
ऋषि सर मुझे यह पता नहीं है कि प्रेत का मतलब क्या होता है गंथ में लेकिन इस बात का मैं पुष्टि करता हूं की जीव आत्मा भटकती है सभी जीवात्मा की बात नहीं करता वैसे लोगों की जीवआत्मा जो लोग आत्महत्या करते हैं या जिन लोगों की अकाल मृत्यु होती है जो बूढ़े होकर मरते हैं उनका नहीं भटकता है 100% लेकिन जो आत्महत्या करते हैं उनमें 50% लोगों की जीव आत्मा भटकती है क्योंकि मैं इसे सिद्ध कर सकता हूं मैंने जितना जाना है उसे पता चलता है यह दूसरे व्यक्ति के शरीर पर भी कंट्रोल करती है यह किसी व्यक्ति के शरीर को कंट्रोल करने के लिए उसे व्यक्ति के मन को कंट्रोल करते हैं क्योंकि मन मस्तिष्क को कंट्रोल करता है और मस्तिष्क पूरे शरीर को और इस बात को मैं 100% सच मानता हूं जीव आत्माएं मन के जरिए शरीर को कंट्रोल करती है दूसरे व्यक्ति के लेकिन यह दूसरे व्यक्ति के शरीर में पीड़ा भी दे सकती है आपके मन को बेचैन भी कर सकती
मानसिक रोग है इलाज करवाओ भाई
भूतकाल अर्थात जो बीत चुका है
ऋषि जी जैसा विद्वान व्यक्ति आर्य समाज जैसे पाखंडवादी संगठन में केसे हो सकता है देखकर बड़ा दुख होता है
@@truthteller-b9y विद्वान ही आर्य बनते है।
@@DharmaSamratOffcial आर्य बनो पर आर्य समाजी नही
@@truthteller-b9y आर्य समाज में ही रहते है, इस लिए समाजी ही होते है।
@@DharmaSamratOffcial समाजी शब्द बहुत बदनाम हो चुका है
@@truthteller-b9y बदनाम तो सब से ज्यादा पुराणि शब्द है
Good but apka Title kuch or hai or content kuch or
हमारी आत्मा कई शरीरों में कैद रहती है..
न शंकराचार्य सही कह रहे हैं न आप...
जैसे स्थूल शरीर है उसी तरह सूक्ष्म शरीर भी होती है.. अनेक प्रकार के स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर, कारण शरीर आदि हैं...
महोदय अपना मत रखिए
अपनी दुर्गन्धपूर्ण वाक्यों को विस्तृत न करो । नारायण ।
@@vaibhavPandey-b1q आप कृपया रोना बंध करे
@@DharmaSamratOffcial वाक्य शुद्धि पर ध्यान केन्द्रित करो, साथ ही आपकी दीन हीन विचारों पर आपकी उद्धार की भावना करुणा का भाव प्रस्फुटिट होता है। आपकी बुद्धि शुद्ध और समाहित हो ऐसा चन्द्रमौलिश्वर भगवान् से प्रार्थना है। l l lनारायण ।
@@vaibhavPandey-b1qमहोदय नारायण कभी असत्य कहते हैं यदि कहते हैं तो फिर वो नारायण नहीं है दूसरा इनकी नारायण संज्ञा क्यों है इसलिए आपका वाक दोष सुधारिए आर्य
यार तुम लोगो कोर्स भी करते हो फिर भी तुम बड़के वाले मूर्ख हो
तो तुम क्यू कर रहे हो
namste guru ji