माया से परे अलौकिक ज्ञान - महाशय अमित श्री सत्संग

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  • Опубліковано 27 січ 2025

КОМЕНТАРІ •

  • @jankiprasad9666
    @jankiprasad9666 Рік тому +2

    कहे सुने कि है नहीं, देखा दिखी नाय।
    सार शब्द जब चीन्हीं,तब ही मिलेगा आय।।

  • @geetaagrawal1276
    @geetaagrawal1276 5 місяців тому

    Prem pranam swami ji ❤️🙏🙏🙏

  • @mangilalsoni2410
    @mangilalsoni2410 Місяць тому

    Guru ji aap ke charano me koti koti pranam

  • @manishagambhir2364
    @manishagambhir2364 8 місяців тому +1

    Prem Pranam Swami Ji 🌹🙏

  • @sachdevafootwear7747
    @sachdevafootwear7747 Рік тому +2

    Namastey

  • @Niyam-l3f
    @Niyam-l3f 7 місяців тому

    Jab mein tha to Hari nahi… jab Hari hei to’ mein Nahi🙏🙏🙏 Prem Pranam ji.. abhie dhrudata ane me der hai ji.

  • @ramankumarkapila3911
    @ramankumarkapila3911 Рік тому +1

    Hari Om Guruji

  • @divy_vani
    @divy_vani Рік тому +2

    एकता के ज्ञान की अदभुत अनुभूति❤❤❤🎉🎉🎉🙏🌹धन्यवाद गुरुदेव जी।

  • @goyalubi
    @goyalubi 11 місяців тому +2

    प्रणाम
    काश जिस जिस को ये भ्रम है सबको आत्मज्ञान हो I और ये सारे भ्रम समाप्त हो जाए कि
    हे आत्मन प्रणाम
    कृपया इस जीव जगत के माया जाल से बाहर निकले यहाँ हर कोई स्वयं सम्मोहित हैं I बस हर कोइ अपने को कुछ ना कुछ मान कर बैठा है I ना कोई यहां शरीर हैं ना ही मन विचारों या अनंत यादे इच्छायें हैं I ये सब सिर्फ स्वयं द्वारा निर्मित माया ही है I इसका सत्य जागृत अवस्था में नही हो पाता है I तो सबको आत्म ज्ञान की प्राप्ति की और जीते जी जागरण की और चलना चाहिए I वैसे तो इसे शब्दों में नहीं समझा जा सकता है क्यूं वो निशब्द हैं परम मौन है और सिर्फ वही एक हैं सब मैं समान रुप से वही सर्वव्यापी है I वही तुम हो और सदा से हो तुम ही हो सदा शिव I तुम्हार होना ही एकमात्र सत्य है I तो थोड़ा भीतर सरक जाओ थोड़ा डूब जाओ उतरो उस मौन मैं और कुछ से ना कुछ हो जाओ और पियो उस आनंद को तब जानोगे I मानने के सब भ्रम को छोड़ो और जानने के मार्ग को पकड़े I
    एक परम अज्ञानी

    • @Gupta_T
      @Gupta_T 8 місяців тому

      Main to divine mein merge hokr dobara sansar mein trap ho gayi,gyaan aa raha per trap material mein feel hota hai

    • @Gupta_T
      @Gupta_T 8 місяців тому +1

      Aapse baat ho sakti hai plz

    • @goyalubi
      @goyalubi 8 місяців тому

      @@Gupta_Tप्रणाम आपको दिव्य आत्मन अवश्य 🕉🙏🙏🙏🕉

  • @purshotamawatramani2933
    @purshotamawatramani2933 Рік тому +1

    स्वामी जी प्रणाम बहुत अच्छे प्रवचन ऐसा प्रेक्टिकल अनुभव एक एक शब्द समझा और प्रैक्टिकल अनुभूति होने लगी बहुत बहुत धन्यवाद

    • @vasudevsarvam
      @vasudevsarvam  Рік тому

      Wellcome ji

    • @Gupta_T
      @Gupta_T 8 місяців тому

      ​@@vasudevsarvamit means pain bhi main hun healing bhi main hi hun,I'm right na

  • @sanjayk2330
    @sanjayk2330 Рік тому +2

    🙏🙏🙏

  • @purshotamawatramani2933
    @purshotamawatramani2933 Рік тому +3

    सामने दृश्य में मैं ही हूं ऐसी अनुभूति कभी-कभी होती है क्योंकि पुरानी आदत और संसार किसी ने बनाया है ऐसी मान्यता पक्की बैठी हुई

  • @deep4413
    @deep4413 6 місяців тому

    🙏🏻

  • @ashokkhattri2220
    @ashokkhattri2220 Рік тому

    Prem naman

  • @Am_am_am_am_am0
    @Am_am_am_am_am0 Рік тому +1

    This depth , Bafre 🙏

  • @Anita-k3g9
    @Anita-k3g9 8 місяців тому

    🙏🙏🙏🙏🙏.........

  • @dineshkumar-pu1nm
    @dineshkumar-pu1nm Рік тому +1

    🙏🙏🌺🌺🌺

  • @srinivasrao2954
    @srinivasrao2954 Рік тому

    Kya baat hai sir

  • @purshotamawatramani2933
    @purshotamawatramani2933 Рік тому +3

    मैं अंदर भी हूं बाहर भी हूं यह तब यह है जब मैं हूं बिना मेरे यह यह नहीं है अतः मेरी सत्ता है मैं ही सर्व व्यापक हूं जो भी सामने दिखता है केवल कहने मात्र है

  • @krishnajain8750
    @krishnajain8750 Рік тому +1

    आपके हर शब्द मे एक अलग ही गहराई होती है जी
    हांजी otherness है कहा।। 🙏🏼🕉💕💃

  • @IAmAvaniPatel
    @IAmAvaniPatel Рік тому +1

    ❤ Thank You ❤

  • @nitinladha1076
    @nitinladha1076 6 місяців тому

    Sansarbhav mai ka vikalp hai

  • @devendarkumar1146
    @devendarkumar1146 7 місяців тому

    शिवलिंग क्या है

  • @hemantvaswani70
    @hemantvaswani70 Рік тому

    ❤❤

  • @sandeeptaneja2752
    @sandeeptaneja2752 Рік тому +1

    🙏🙏🙏🙏♥️

  • @k.kbansal4656
    @k.kbansal4656 Рік тому +2

    जाग्रत में होना और होश दोनों हैं,स्वप्न में होना और होश दोनों हैं लेकिन सुषुप्ति में होना है परंतु होश नहीं है,होश सो जाता है।जागने पर होश जागता है तब होने को होश मिलता है तब कहता है कि सुषुप्ति में कुछ भी पता नहीं चला।अर्थात होश तो अभी सोने और जागने वाले के साथ ही इसलिए होश सो जाता है लेकिन होना सोता जागता नहीं है इसलिए सुषुप्ति में होना तो जागता रहता है परंतु होश के सो जाने से होने को कुछ भी पता नहीं चलता है।इसे ऐसे भी समझो कि सुषुप्ति में मिट्टी का होना तो था लेकिन मिट्टी को अपने होने का होश नहीं था।जागने पर मिट्टी मटका बनकर कहती है कि मै हूँ।अर्थात मटकी होकर ही मिट्टी को होश आया कि मै हूँ।अब सारे बर्तनों में मिट्टी का ही होना है लेकिन मिट्टी अपने को मटकी जानकर जिसको देख रही है वह मिट्टी के होने से बना हुआ होते हुए भी अन्य बर्तन ही देख रही है।खुद को जब तक मटकी मानकर देखेगी तबतक बर्तन ही दिखेंगे।मिट्टी नहीं दिखेगी।इसलिए जबतक अपने होने को जीवभाव का होना मानकर,जीव के होश से अन्य को देखेंगे तो अपना होना होते हुए भी अन्य का होना ही दिखेगा। क्योंकि पहला बटन ही गलत लगा लिया है।होश और होना दोनों मैं ही हैं।होना तीनों अवस्था में एकरस है।होश ही अपने नित्यहोने को भूलकर अनित्य होने से चिपका हुआ है।अनित्य होने को अनित्य होना जानकर अनित्य का त्याग करते ही नित्य होना ज्यूँ का त्युं ही सदा अंगसँग है।इसलिये अन्य को देखने पर मैं दिखाई नहीं देता है।और स्वयं को देखने पर अन्य दिखाई नहीं देता है।

  • @knowledgeforbetterliving3184
    @knowledgeforbetterliving3184 Рік тому +1

    U mean to say ki dusra koi he hi nahi subme me hi hu?

  • @nitinladha1076
    @nitinladha1076 17 днів тому

    Mai non-human species hai,char ke pare

  • @Gupta_T
    @Gupta_T 8 місяців тому

    But Practically its dificult bcoz mind always play negative games

  • @KuldeepSingh-oh8cl
    @KuldeepSingh-oh8cl 11 місяців тому

    Jo Log Lok Lokantar Ki Baatein Karte Hain, Multiverse Ki Baatein Karte Hain, Devi Devtao Ki Baatein Karte Hain Kya Vo Sab Exist Karte Hain???? Anant Koti Brahmaand, Anek Brahma, Vishnu Mahesh, Fir In Sabke Lok, Unme Devi Devta Aur Na Jane Kya Kya

  • @shyamsinghgaikwad73
    @shyamsinghgaikwad73 3 місяці тому

    Sab Jhoot.