होशंग शाह का मक़बरा (मांडव ज़िला धार मध्यप्रदेश) तफ्सील discription में देखें
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- Опубліковано 10 лют 2025
- #मक़बरा_होशंग_शाह_गोरी (मांडव ज़िला धार मध्यप्रदेश)
ये खूबसूरत मक़बरा मांडव की दुरुस्त इमारतों में एक है।इस मकबरे को सुल्तान होशंग शाह (1406-1435) ने अपनी जिंदगी में ही बनाना शुरू किया जिस की तकमील सुल्तान महमूद शाह(1436-1479) खिलजी के दौर में हुई।सफेद संगमरमर का ये खूबसूरत मक़बरा जामे मस्जिद के अहाते में वाकेअ है।इस की छत पर एक बड़ा गुम्बद और चार छोटे गुम्बद बने हुए हैं।जो मकबरे की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।मकबरे के अंदर संगमरमर की बनी सुल्तान होशंग शाह की कब्र और शाही खानदान की दीगर कब्रें हैं।
मुग़ल बादशाह शाहजहां के दौर में ताजमहल के इंजीनियर सन 1659 में इस मकबरे का मुआयना करने आए फिर इसी तर्ज पर आगरा में ताजमहल बनाया गया।न सिर्फ ताजमहल बल्कि मुगल दौर में तामीर हुए तमाम मकबरों का ये नक्शे अव्वल है।
मकबरे के सहन की लंबाई 227 और चौड़ाई 220 है।
ये मक़बरा अपने दौर की आला फनकारी का शाहकार है,दुनिया भर के पर्यटक हर साल इस मकबरे को देखने मांडव आते हैं।
ये मुस्लिम दौर की इमारतें हैं जो सदियों से भारत की शान बनी हुई हैं।
सुल्तान होशंग और सुल्तान महमूद शाह का दौर मालवा का सब से सुनहरा दौर रहा है जिस दौर में दुनिया भर के बड़े बड़े ओलमा,सूफिया, इंजीनियर,महिरे फन,मालवा में जमा हो गए थे।अफ़सोस चौदहवीं और पंद्रहवी सदी ईस्वी का ये इंटरनेशनल शहर आज विरान हो गया।
राह के नक्श मुसाफिर का पता देते हैं
कौन किस शान से गुज़रा है बता देते हैं
Aricle written by Maulana Ruknuddin Raza Barnagar Dist.Ujjain M.P.
Mo.no.8224995916
9993156497 #सल्तनतें_मालवा #historical #इतिहास_की_एक_झलक @highlight
Andaj e bayan MASHALLAH 🌹 SHUKRIYA
वाह.. खूबसुरत
बहुत अछाहै बहुत सुन्दर है ❤Nasifubibn वाराणासी है सुन्दर है ❤Junaid
Masa allaha
Mandu. A great place to visit.
Musalmano ko chahiye ki Mandu nam ke bajaye Shadabad bola karen aur likha karen.
EXCELLENT.
Good video
❤
मुघल द ग्रेट
अलहमदुलिल्लाह मै पिछले साल यहा गया था,
यहा के जामा मस्जिद मे नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है,टुरिस्ट चप्पल जुते पहनकर यहा वहा घुमकर बेहुर्मती करते है.
यहि हाल मांडू के जहाज महल की मस्जिद का भी है.
Camera ko nacha kiyon rahy thy aaram sy dikhaty to kia hota
Koi nai baat nahi pahle talvar dhal aur gupti jalti tthi aaj pen ke alfaz chalte hai toh bolo ilm bada ya daulat akl wale kahenge kalam q ki ye ek aaisa hathiyar hai jisse aaise kahi tajo ki tamir ki jaa sakti hai kalam zinda tthi aur rahegi iske ulat ye sano saukat mahel ye siwaye khandhar ke aur kuch bhi nahi kalam zindabad
Musalmano ko chahiye ki Mandu nam ke bajaye Shadabad bola karen aur likha karen.
Ek baat aur samaj a gai ke woh log akhirat ko yaad rakhte theyy
Masjed ma namaz para 😢😢😢