लक्ष्य हो दुर्लभ, पुरुषार्थ प्रबल हो हिमालय यात्रा गंगा के साथ

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 15 жов 2024
  • जीवन में कैसी भी स्थिति, परिस्थिति हो, उससे बाहर निकलने का हमारा विश्वास प्रबल होना चाहिए। लक्ष्य कितना भी दुर्लभ हो, हमारा पुरुषार्थ प्रबल होना चाहिए। आज गंगोत्री से ऊपर गौमुख चेकपोस्ट पर स्थित राम मंदिर की यात्रा कराएंगे। यह यात्रा तो 2-3 किलोमीटर की है लेकिन एक महात्मा से मिलने के लिए गंगा किनारे किनारे लंबी यात्रा हो गई। महात्मा तो नहीं मिले लेकिन वापस लौटने की जगह वहीं से राममंदिर की यात्रा की। कठिन थी लेकिन आनंद के साथ पूरी हुई। आप भी इस यात्रा का आनंद लीजिए और जीवन में भय मुक्त रहिए।
    हमारे दूसरे यूट्यूब चैनल पर महापुरुषों के अनुभव सुनने के लिए
    Shailendra saxena
    Type kijiye और सत्संग का आनंद लीजिए।

КОМЕНТАРІ • 585