भारतीय धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ईश्वरीय शक्तियों की उपासना अलग-अलग रूपों में की जाती है। हिन्दू धर्म में तैंतीस करोड़ देवताओं को उपास्य देव माना गया है व विभिन्न शक्तियों के रूप में उनकी पूजा की जाती है। आजकल परेशानियों, कठिनाइयों के चलते हम ग्रह शांति के उपायों के रूप में कई देवी-देवताओं की आराधना, मंत्र जाप एक साथ करते हैं। जो कि सकारात्मक प्रभाव देने की बजाय नकरात्मकता का संचार करते हैं। शुक्र के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र की दशा में निम्न मंत्रों का पाठ प्रतिदिन या फिर शुक्रवार के दिन करने पर समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है। मुंह के अशुद्ध होने पर मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर विपरीत फल प्राप्त हो सकते हैं। कला, शिल्प, सुंदरता, बौधिक-समृद्धि, प्रभाव, ज्ञान, राजनीति और समाज में मान- प्रतिष्ठा शुक्र-देवता की कृपा से प्रयाप्त होते हैं l शुक्र प्रेम का ग्रह माना जाता है। शुक्र देव की पूजा करने से प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल होती है। प्रेम का पूरा मामला शुक्र ग्रह पर र्निभर करता है। शुक्र मजबूत है तो रिश्ते बनेंगे। वैसे बहुत कुछ बाकी ग्रहों के शुक्र से मिलन पर भी निर्भर करता है। जातक के जीवन में मुख्य रूप से शुक्र ग्रह प्रेम की भावनाओं को प्रदर्शित करता है। 'मून' यानी चन्द्र मन का जातक होने के कारण जब शुक्र के साथ मिलन करता है तो प्रेम की भावनाएं जागृत होती है। कुंडली में पांचवां भाव हमारे दिल के भावों को प्रस्तुत करता है। विशेषकर प्रेम संबंधों को। राशियों के अनुरूप प्रेम संबंधों से सरोबार जातक की पहचान सरल नहीं है क्योंकि शुक्र के अलावा अन्य ग्रह भी रिश्तों के बनने-बिगड़ने में बड़ी अहम भूमिका निभाते हैं। हर शुक्रवार करें इन मंत्रों का जाप, लव लाइफ में होगा सुधार मिलेंगे मनचाहे परिणाम: शुक्र देव के सामान्य मन्त्र: " ॐ शुं शुक्राय नमः " शुक्र देव के बीज मन्त्र: " ॐ द्राम द्रीम द्रौम सः शुक्राय नमः " शुक्र देव के गायत्री मन्त्र: " ॐ शुक्राय विद्महे , शुक्लाम्बर - धरः , धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोदयात " शुक्र देव के वैदिक मन्त्र: " ॐ अन्नात्परिश्रुतो रसं ब्रह्म्न्नाव्य पिबत् - क्षत्रम्पयः सोमम्प्रजापति ! ऋतेन सत्यमिन्द्रिय्वीपानं-गुं -शुक्र्मन्धस्य - इन्द्रस्य - इन्द्रियम - इदं पयो - अमृतं मधु !!" शुक्र देव के पौराणिक मन्त्र: " ॐ हिमकुंद - मृनालाभं दैत्यानां परमं गुरुं ! सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रन्माम्य्हम !!" शुक्र देव के ध्यान मन्त्र : " दैत्यानां गुरु : तद्वत श्वेत - वर्णः चतुर्भुजः ! दंडी च वरदः कार्यः साक्ष - सूत्र - कमंड - लु: !!"
Do not be anxious about anything, but in every situation present your requests to God by prayer with thanksgiving. And the peace of God which transcends all understanding shall guard your minds and hearts in Christ Jesus. Phil 4:6-7
Privileged listening to this mantra 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Aabhar 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jai Shri shukra dev🙏🙏🙏🙏🙏
Om Shu Sukray Namah :🙏
Om Shukrana namah.
भारतीय धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ईश्वरीय शक्तियों की उपासना अलग-अलग रूपों में की जाती है। हिन्दू धर्म में तैंतीस करोड़ देवताओं को उपास्य देव माना गया है व विभिन्न शक्तियों के रूप में उनकी पूजा की जाती है। आजकल परेशानियों, कठिनाइयों के चलते हम ग्रह शांति के उपायों के रूप में कई देवी-देवताओं की आराधना, मंत्र जाप एक साथ करते हैं। जो कि सकारात्मक प्रभाव देने की बजाय नकरात्मकता का संचार करते हैं। शुक्र के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र की दशा में निम्न मंत्रों का पाठ प्रतिदिन या फिर शुक्रवार के दिन करने पर समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है। मुंह के अशुद्ध होने पर मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर विपरीत फल प्राप्त हो सकते हैं। कला, शिल्प, सुंदरता, बौधिक-समृद्धि, प्रभाव, ज्ञान, राजनीति और समाज में मान- प्रतिष्ठा शुक्र-देवता की कृपा से प्रयाप्त होते हैं l
शुक्र प्रेम का ग्रह माना जाता है। शुक्र देव की पूजा करने से प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल होती है। प्रेम का पूरा मामला शुक्र ग्रह पर र्निभर करता है। शुक्र मजबूत है तो रिश्ते बनेंगे। वैसे बहुत कुछ बाकी ग्रहों के शुक्र से मिलन पर भी निर्भर करता है। जातक के जीवन में मुख्य रूप से शुक्र ग्रह प्रेम की भावनाओं को प्रदर्शित करता है।
'मून' यानी चन्द्र मन का जातक होने के कारण जब शुक्र के साथ मिलन करता है तो प्रेम की भावनाएं जागृत होती है। कुंडली में पांचवां भाव हमारे दिल के भावों को प्रस्तुत करता है। विशेषकर प्रेम संबंधों को। राशियों के अनुरूप प्रेम संबंधों से सरोबार जातक की पहचान सरल नहीं है क्योंकि शुक्र के अलावा अन्य ग्रह भी रिश्तों के बनने-बिगड़ने में बड़ी अहम भूमिका निभाते हैं।
हर शुक्रवार करें इन मंत्रों का जाप, लव लाइफ में होगा सुधार मिलेंगे मनचाहे परिणाम:
शुक्र देव के सामान्य मन्त्र: " ॐ शुं शुक्राय नमः "
शुक्र देव के बीज मन्त्र: " ॐ द्राम द्रीम द्रौम सः शुक्राय नमः "
शुक्र देव के गायत्री मन्त्र: " ॐ शुक्राय विद्महे , शुक्लाम्बर - धरः , धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोदयात "
शुक्र देव के वैदिक मन्त्र: " ॐ अन्नात्परिश्रुतो रसं ब्रह्म्न्नाव्य पिबत् - क्षत्रम्पयः सोमम्प्रजापति ! ऋतेन सत्यमिन्द्रिय्वीपानं-गुं -शुक्र्मन्धस्य - इन्द्रस्य - इन्द्रियम - इदं पयो - अमृतं मधु !!"
शुक्र देव के पौराणिक मन्त्र: " ॐ हिमकुंद - मृनालाभं दैत्यानां परमं गुरुं ! सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रन्माम्य्हम !!"
शुक्र देव के ध्यान मन्त्र : " दैत्यानां गुरु : तद्वत श्वेत - वर्णः चतुर्भुजः ! दंडी च वरदः कार्यः साक्ष - सूत्र - कमंड - लु: !!"
Konsa mantra karana chahiye
Om Shiri Shukra dev Maharaj
Pranam guruji
Om dram drim drom sah shukaray namah
Jai Shukra Dev 🙏
Jay sukra dev
Jai shukra dev ji
सुंदर
🙏🙏💗💗💗
💗💗🙏🙏🙏🙏
26.6.21
Nice voice.
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤
Do not be anxious about anything, but in every situation present your requests to God by prayer with thanksgiving. And the peace of God which transcends all understanding shall guard your minds and hearts in Christ Jesus. Phil 4:6-7
Jai shukra dev ❤
Jai sukra devi ji