क्या ईसा मसीह भारत आये थे? ईसा मसीह भारत क्यों आये थे ? यीशु मसीह की भारत यात्रा ||

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  • Опубліковано 13 вер 2024
  • #jesuschrist #JesusinIndia #Christianity
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    in this video we are trying to understand whether Jesus Christ came to India or not? There are many proofs and evidence that tell that Jesus came to India where he lived from 13 to 30 years. The purpose of this video is not to hurt anyone's religious sentiments!
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    The lost age of Jesus,
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    दोस्तो इस वीडियो में ये समझने की कोशिश की जा रही है कि यीशु मसीह भारत आए थे या नहीं? बहुत से ऐसे प्रमाण और साक्ष्य हैं जो बताते हैं कि यीशु भारत आये थे या वह 13 से 30 वर्ष तक कहाँ पर रहे थे।
    इस वीडियो का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावना को आहत करना नहीं है!
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    यीशु मसीह और भारत,
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    यीशु मसीह का अज्ञात जीवन,
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КОМЕНТАРІ • 13

  • @virendrakumarsinghsingh3082
    @virendrakumarsinghsingh3082 28 днів тому +1

    Sir जी बौद्ध मे मिलता है तिब्बत के बौद्ध ग्रन्थ मे इनका उल्लेख है उस समय कोई हिन्दू नहीं महायनी थे

    • @commonprophets
      @commonprophets 28 днів тому

      Bauddh se pahle Hindu the

    • @EkIshwar
      @EkIshwar  27 днів тому

      बौद्ध ग्रंथ में क्या है ये मुझे नहीं मालूम। कृपया मुझे बताएं. बौद्ध ग्रंथ का संदर्भ भी दे, यदि संभव हो तो कृपया स्क्रीनशॉट दें ताकि मैं आसानी से समझ सकूं। धन्यवाद।
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  • @aeyshaeman4752
    @aeyshaeman4752 3 місяці тому

    apka such wrong h moses or jesus ki God ek hi h, us sarbajanin. God ne hi 2 noko beja ta insan ko ek God ki puja krnekliye

  • @Abhirampurty-my2oe
    @Abhirampurty-my2oe Місяць тому

    Or tala achase baible pad ke message banahe ga ta acha rahe ga... Jesus Bharat nehi ayata ok

  • @Orion_08
    @Orion_08 23 дні тому

    ईसा मसीह ने भारत आकर हिंदु धर्म का ज्ञान लिया होंगा ऐसा नहीं लगता क्यों की ईसा मसीह के समय हिंदू धर्म का कोई अस्तित्व दिखाई नहीं देता और सम्राट अशोक से पहले ना कोई संस्कृत भाषा का सबूत मिलता है। ईसा मसीह भारत आए थे, या नहीं इसपर चर्चा तिब्बती बौद्ध पांडुलिपियों से शुरू होती है। लगता है आप के अंदर का अब्राहमिक धर्म अभी भी जीवित है, इसलिए आप जानबूझकर उसे नजर अंदाज कर रहें है। क्या करें आप की भी मजबूरी हम समझ सकते है। सच्चाई बताकर खुद को विदेशी साबित करना आसान काम नहीं है।

    • @EkIshwar
      @EkIshwar  22 дні тому +1

      यह सही है की हिन्दू सब्द का प्रचलन जीसस के समय नहीं था. लेकिन यह भी सही है की ऋग्वेद की पशुपति सील में भगवान शिव की आराधना का वर्णन है इसलिए हम यह नहीं कह सकते की हिन्दू धर्म किसी दूसरे नाम से या सनातन नाम से प्रचलित नहीं था. हमे यह मान के चलना चाहिए की सिंधु घाटी सभ्यता और हिन्दू धर्म में निरंतरता है और मिचेल देनिमो ने अपनी पुस्तक 'द सरस्वती फ्लौस ऑन ' में इस बात का पर्याप्त प्रमाण दिया है.
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    • @Orion_08
      @Orion_08 21 день тому +1

      @@EkIshwar मैं आपको बड़ी विनम्रता से कहना चाहूंगा, जिस सिंधु घाटी सभ्यता की भाषा अब तक पढ़ी नहीं जा सकी उसमें आपने पशुपतिनाथ कहां से ढूंढ़ लिया ? और उसे वैदिक सभ्यता से कहां से जोड़ दिया ? जहां तक सिंधु घाटी सभ्यता के Archeological Evidences की बात कि जाए तो वो समन परंपरा से मेल खाते है, ना की वैदिक सभ्यता से। जिस भाषा को संस्कारित होने में 300 ई. पू. से 7 वी शताब्दी तक का समय लगा उस भाषा के ऋग्वेद को आप बुद्ध से पहले कहां फिक्स कर रहे हो। और वैसे भी आपका ये फर्जी वैदिक काल कागज पर घटा है, आज के भारत में कभी घटा ही नहीं। रही बात सनातन शब्द की जहां तक मेरी जानकारी है ‘सनातन’ शब्द वैदिक सभ्यता नहीं है। वो वामपंथी और ब्राम्हणवादी इतिहास अब पुराना हो रहा है सर, अब उसकी असलियत सामने आने लगी है।

    • @EkIshwar
      @EkIshwar  18 днів тому +1

      @@Orion_08 1. सिंधु घाटी सभ्यता में एक सील मिली है जिसमे शिव की ध्यान करते हुए तस्वीर है इसको पशुपतिनाथ माना जाता है लेकिन यह मुख्य बिंदु नहीं है इसमें अनेक व्याख्याए हो सकती है।
      2. सिंधु घाटी सभ्यता और भारत की वर्तमान सभ्यता में निरंतरता है और मिचेल डेमिनो ने अपनी पुस्तक 'Saraswati flows on ' में इस बात को विस्तृत समझाया है। उन्होंने दिखाया है की हमारे सांस्कृतिक चिन्ह और हमारी भाषा सब सिंधु घाटी सभ्यता से निकली है।
      3. ऋग्वेद का मूल लेखन 3500 ईशा पूर्व हुआ था भाषाविद बताते है और ऋग्वेद ही वैदिक है तो इससे वैदिक संस्कृति का पुराण होना प्रमाणित होता है।
      मै सनातन शब्द का नाम नहीं ले रहा हु बल्कि मै तो इसका उपयोग भी नहीं कर रहा हू। मै तो ये कह रहा हु की जो वर्तमान हिन्दू धर्म है और वर्तमान अब्राहमिक धर्म है वह एक ही जड़ से आये है, हम किसी भी नाम से जाने।

    • @Orion_08
      @Orion_08 18 днів тому +1

      @@EkIshwarआपने ये कहां की 3500 ई. पू. में ऋग्वेद लिखा गया। तो मेरा सवाल ये है कौनसी भाषा में लिखा गया ? किस चीज पर लिखा गया ? और कहां लिखा गया ? कौनसी लिपि में लिखा गया ? और किन सबूतों के आधार पर आपने ये तय किए किया की ई. पू. 1500 में ऋग्वेद लिखा गया ? क्या सिर्फ भाषा के आधार पर ही आपने ये तय कर दिया की वैदिक संस्कृत सबसे पुरानी है या कुछ सबूत भी है ? क्या पाली प्राकृत को इंडो-यूरोपियन भाषा का भाग माना जाता है क्या ? क्या पाली प्राकृत का पुरातात्विक प्रमाण सबसे पुराना है या संस्कृत का ? कागज के अलावा सरस्वती नदी के आपके पास क्या पुरातात्विक प्रमाण है ?

    • @bapparawal9709
      @bapparawal9709 2 дні тому

      ​@@Orion_08उस जमाने में पाली नाम की कोई भाषा ही नहीं थी। गौतमबुद्ध के प्रवचन तो मागधी भाषा में दिये गये थें।

  • @mohdflame3944
    @mohdflame3944 3 місяці тому

    jiska praman nahi usko mane kese 😂

    • @EkIshwar
      @EkIshwar  3 місяці тому +2

      Vichardhara ki samanata bhi ek praman hai.