@@kasimkadari2769[22/08, 07:53] Gurchet Singh Rajput: इश्क की बेताबी मे खुदा बन्दा बन गया,खुद तमाशाई बना खुद तमाशा बन गया,अपना ही राज बताने को मोहम्मद बना फिर खुद ही सूली पर अनलहक चढ़ा [22/08, 07:53] Gurchet Singh Rajput: मै नही कहता अनलहक,यार कहता है कि कह, जब नही कहता हूँ मैं,दिलदार कहता है कि कह। अनलहक= मै खुदा हूँ। हिम्मत नही कि राज़ मंसूर का छुपाऊँ मैं,क्या करूँ जब फाँसी का फंदा कहता है कि कह।
हमारा काम है लोगों तक वो पहोंचाना जो हमारे बुजुर्गों से हम तक पहोंचा है हम ये नहीं चाहते की कोई आंख बंद करके हमारी किसी भी बात पर अमल करे पहले खुद तहक़ीक़ करे सिर्फ़ किताबों से नहीं अंदर अपने जमीर से भी सवाल करे की क्या हक़ है उसके बाद कोई नतीजा निकले 👍
🫂जी भाई हक़ फरमाया आपने लेकिन किसी के दिल में क्या है कैसे पता लगाएंगे? अल्लाह तो नियतों पर फैसले करता है लेकिन बंदा तो किसी की नियतों को जान नही सकता बंदा तो आमाल,किरदार ,यही पैमाना है लिबास का सूफ़ियत से कोई ताल्लुक नहीं 👍
🙏 बहोत अच्छा सवाल है आपका भाई कुरान ए हकीम में आया है की सिर्फ अल्लाह के जिक्र से कल्ब को सुकून मिलता है लेकिन ये सूफ़ी,औलिया अल्लाह ही होते हैं जो हकीक़त में रियाकारी की इबादत से दूर करके हकीकी अल्लाह की इबादत और उसके महबूब हुज़ूर सरवरे क़ायनात मुहम्मद मुस्तफ़ा स. अ .व. ❤की मोहोब्बत दिलों में उतार देते हैं तब जाके रूह को कूवत मिलती है
🥰मशवरे के लिए शुक्रिया भाई बाकी अल्लाह की जो मर्ज़ी वैसे बाबा गिरी को कारोबार नहीं बनाया हमने ना ही हमारे बड़ों ने ये तो बस हमारी हर जुमेरात को ज़िक्र महफ़िल होती है उसीमे तालीम तरबियत भी होती है तो हमने सोंचा इसे लोगों तक भी पहुंचाया जाए बस इतना ही मकसद है हमारे चैनल का की औलिया अल्लाह की तालीम जो सरकारे दोजहाँ मोहम्मद मुस्तफा स. अ.व. से सीना बा सीना चली आई है वो लोगों तक पहुंचे 🫂
@@SufiSahabQadri1000Ziyarat [22/08, 07:53] Gurchet Singh Rajput: इश्क की बेताबी मे खुदा बन्दा बन गया,खुद तमाशाई बना खुद तमाशा बन गया,अपना ही राज बताने को मोहम्मद बना फिर खुद ही सूली पर अनलहक चढ़ा [22/08, 07:53] Gurchet Singh Rajput: मै नही कहता अनलहक,यार कहता है कि कह, जब नही कहता हूँ मैं,दिलदार कहता है कि कह। अनलहक= मै खुदा हूँ। हिम्मत नही कि राज़ मंसूर का छुपाऊँ मैं,क्या करूँ जब फाँसी का फंदा कहता है कि कह।
बुतों से उम्मीदें और खुदा से न उम्मीदी मुझे बता तो सही और काफिरी क्या है। बुतपरस्ती= काबा,मस्जिद,मन्दिर,चर्च,गुरूद्वारा,किताबें, ग्रन्थ,पोथियां,गीता,कुरान,बाइबिल
बहोत अच्छा सवाल है आपका भाई👍 सूफ़ी नाम हुज़ूरे अकरम नूरे मुजस्सम स. अ. व. के कुछ ख़ास सहाबी जिन्हें असहाबे सोफ़हा कहा जाता था वहां उनके नक्शे कदम पे जो चले और आक़ा ए दोजहां स.अ.व. की ज़ात तक रसाई पाई सिर्फ़ और सिर्फ़ उनकी तालिमात नहीं बल्कि ज़ात तक रसाई हासिल करे वही हैं असली सूफ़ी बाकी हर कीमती चीज़ का डुप्लीकेट होता है वैसे ही सूफ़ी के हुलिए में भी लुटेरे बैठे हैं ।
👍सूफ़ी नाम तसव्वुफ़ से निकला है इसका मतलब है मासिवाय अल्लाह के कोई और मकसद ही ना बचा हो जिंदगी में नियत ,अमल ,तालीम , सुलूक सब अल्लाह के लिए हो इस नाम का एक ऐतिहासिक मतलब यहां से भी मिलता है युनानी में एक लफ्ज़ कहा जाता था सोफ़ोज़ उसका मतलब होता है इल्म बांटना, या हक़ को आगे तक पहुंचना ये ये भी सूफ़ी की ही पहचान है हम कोशिश करेंगे की इसपर एक और मुकम्मल वीडियो बनाया जाए और हज़रत से सवालात की जाए वो मजीद इसपर रोशनी डालेंगे ताकि आप हज़रात भी मुतमईन हो सकें और हम भी फैजियाब हो सकें 🫂
@@SHAHRUKHSHAIKH-p4k yah Sufi hujur ne kaha ya aur kisi ne kaha yah Naam Sufi tasu UF se nahin aaya hai ek Arabi word hai dusra uska yah Janna bahut jaruri hai
Jis se sawal kiya woh Pareshan kya jawab du ? U.P aur BIHAR k sabhi sufi hai chahe Kabadi wala ho .chahe Sabzi wala. QUR'AN me Allah Rooh ki Giza Allah k Ziker ko keh raha hai .SUFI Rooh ki Giza Kab kaise ho Gaya. Astagfirullah. Aaj k Sufi Qawwaliyo BEPARDAGI Benamzi k Ashiq
अला बे ज़िक्र अल्लाहे तत्मइनल कुलूब, (al Quraan), अल्लाह का जिक्र क़ल्ब को सुकून देती है रूह की गिज़ा नहीं है जब तक कोई क़ामिल मुर्शीद ना मिले हक़ तक नहीं पहोंचा जा सकता 👍
Peer shariat pe chalte huye batin pak karta hai jise shariat nahi malum wo peer nahi ho sakta ❤
बहोत खूब भाई आप शरीयत के बड़े जानकर लग रहे हैं आप पीर साहब बन जाइए
@@SHAHRUKHSHAIKH-p4k
Pyare bhai, shariat ke bina tariqat nahi hai. Sahi to bola hai. Yeh jahilon ke ilawa har kisi ko maloom hai.
मेरे रामराय कौन जाने गुण तेरे,
तेरे सेवक को भौ दुख नाहि
जम नही आवें नेड़े (नानक साहिब)
Masha allaha jawab hai la jawab
🙏💓🫂💐
@@kasimkadari2769[22/08, 07:53] Gurchet Singh Rajput: इश्क की बेताबी मे खुदा बन्दा बन गया,खुद तमाशाई बना खुद तमाशा बन गया,अपना ही राज बताने को मोहम्मद बना फिर खुद ही सूली पर अनलहक चढ़ा
[22/08, 07:53] Gurchet Singh Rajput: मै नही कहता अनलहक,यार कहता है कि कह,
जब नही कहता हूँ मैं,दिलदार कहता है कि कह।
अनलहक= मै खुदा हूँ।
हिम्मत नही कि राज़ मंसूर का छुपाऊँ मैं,क्या करूँ जब फाँसी का फंदा कहता है कि कह।
Bahot khoob sarkar
सबके मुकद्दर में अच्छी बातें देखना ,सुनना नहीं होता जिसे गंदगी , फ़हाशी बेहयाई वाली वीडियो देखने सुनने की आदत है उसे ये सब कहां हजम होगा 🥰
🤲🥰
❤❤❤❤❤
हमारा काम है लोगों तक वो पहोंचाना जो हमारे बुजुर्गों से हम तक पहोंचा है हम ये नहीं चाहते की कोई आंख बंद करके हमारी किसी भी बात पर अमल करे पहले खुद तहक़ीक़ करे सिर्फ़ किताबों से नहीं अंदर अपने जमीर से भी सवाल करे की क्या हक़ है उसके बाद कोई नतीजा निकले 👍
Bahot khub wazahat ki aapne❤
🙏💓🫂💐
Peer Dhundo Tarash Ke ❤️
Mashaallah Bhot khub
🙏💓🫂💐
❤❤
Sufi ahele nigaah hote hai sufi tarke dunya hote hai sufi bahar ka huliya banane se nahi hote Dil hi muttaki ,
🫂जी भाई हक़ फरमाया आपने लेकिन किसी के दिल में क्या है कैसे पता लगाएंगे? अल्लाह तो नियतों पर फैसले करता है लेकिन बंदा तो किसी की नियतों को जान नही सकता बंदा तो आमाल,किरदार ,यही पैमाना है लिबास का सूफ़ियत से कोई ताल्लुक नहीं 👍
Asli sufi dekhna to ALRA TV pr dekhen.
Aur dekhen hi nhi balki sufi bane ki taleem bhi len wo bagair kisi najraane aur kisi bait ke
सूफी संत रुह की गिजा है? या अल्लाह का जिक्र और याद ए इलाही रूह की गिजा है ।
🙏 बहोत अच्छा सवाल है आपका भाई
कुरान ए हकीम में आया है की सिर्फ अल्लाह के जिक्र से कल्ब को सुकून मिलता है लेकिन ये सूफ़ी,औलिया अल्लाह ही होते हैं जो हकीक़त में रियाकारी की इबादत से दूर करके हकीकी अल्लाह की इबादत और उसके महबूब हुज़ूर सरवरे क़ायनात मुहम्मद मुस्तफ़ा स. अ .व. ❤की मोहोब्बत दिलों में उतार देते हैं तब जाके रूह को कूवत मिलती है
🌹🌹🌹🌹🌹
Brai karam sufi sahab ka 🎤 Mick zara achhachha quality ka lagaiye
Ji bhai jaan 🙏
Business kro ye sab mat kro wrna duniya me hisab hoga ab time nahi lagta hai pahle jaise sahi raste per aajoa . jareef ka haal. To sab jante hai ....
🥰मशवरे के लिए शुक्रिया भाई बाकी अल्लाह की जो मर्ज़ी वैसे बाबा गिरी को कारोबार नहीं बनाया हमने ना ही हमारे बड़ों ने ये तो बस हमारी हर जुमेरात को ज़िक्र महफ़िल होती है उसीमे तालीम तरबियत भी होती है तो हमने सोंचा इसे लोगों तक भी पहुंचाया जाए बस इतना ही मकसद है हमारे चैनल का की औलिया अल्लाह की तालीम जो सरकारे दोजहाँ मोहम्मद मुस्तफा स. अ.व. से सीना बा सीना चली आई है वो लोगों तक पहुंचे 🫂
Haq hai ❤❤❤❤❤
👍💐🫂💓
🙏🙏🙏🙏🙏
जबतक किसी की असल को ना जानें उसकी काट नहीं करनी चाहिए
Haq.....Sabir
Haq haq haq🫂
@@SufiSahabQadri1000Ziyarat [22/08, 07:53] Gurchet Singh Rajput: इश्क की बेताबी मे खुदा बन्दा बन गया,खुद तमाशाई बना खुद तमाशा बन गया,अपना ही राज बताने को मोहम्मद बना फिर खुद ही सूली पर अनलहक चढ़ा
[22/08, 07:53] Gurchet Singh Rajput: मै नही कहता अनलहक,यार कहता है कि कह,
जब नही कहता हूँ मैं,दिलदार कहता है कि कह।
अनलहक= मै खुदा हूँ।
हिम्मत नही कि राज़ मंसूर का छुपाऊँ मैं,क्या करूँ जब फाँसी का फंदा कहता है कि कह।
Aapke Alfaaz gawaahi de rahe hain aapki pahunch Khwaja Gareeb Nawaz tak hai
@@SufiSahabQadri1000Ziyarat इश्क के बाजार में रूहें बिकती है, मैं बेचना चाहता हूँ मगर खरीदार नही।
@@ShamsuddinAli-ib6wh मैं अपने मुर्शिद की दरे खाक हूँ।
तेरा आस्तां तो न मिल सका,तेरे राह गुजर की जमीं सही।
Aapse Jo milega bas wahi aapko pahchan payega
❤❤❤ ❤❤
💓🫂💐
बुतों से उम्मीदें और खुदा से न उम्मीदी
मुझे बता तो सही और काफिरी क्या है।
बुतपरस्ती= काबा,मस्जिद,मन्दिर,चर्च,गुरूद्वारा,किताबें,
ग्रन्थ,पोथियां,गीता,कुरान,बाइबिल
एक फक्र सिखाता है सय्याद को नकचीरी,
एक फक्र से खुलते हैं असरारे जहांगीरी |
एक फक्र है शब्बीरी उस फक्र में है मीरी,
मीरासे मुसलमानी सरमायाए शब्बीरी
Ye halakat ka rasta hai ,jo sacche nahi hai sufi nahi unka anzam danger hoga .
जी सही कहा भाई जो रहबर के शक्ल में रहजन हैं उनकी हलाक़त होती रहेगी 🫂
Are Hazrat aapto Roshan Zameer ho ye bataao meri Date of Birth kya hai ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha
Quraan sharif padho tarjume se. allah ne jisko padhne aur us per amal karne ke liye bataya h usko chodkar. Log bhatak rahe.
Sufi Naam pahle Kahan se aaya iska kya matlab hai yah Janna bahut jaruri hai tab to yah samajh mein aaega
बहोत अच्छा सवाल है आपका भाई👍 सूफ़ी नाम हुज़ूरे अकरम नूरे मुजस्सम स. अ. व. के कुछ ख़ास सहाबी जिन्हें असहाबे सोफ़हा कहा जाता था वहां उनके नक्शे कदम पे जो चले और आक़ा ए दोजहां स.अ.व. की ज़ात तक रसाई पाई सिर्फ़ और सिर्फ़ उनकी तालिमात नहीं बल्कि ज़ात तक रसाई हासिल करे वही हैं असली सूफ़ी बाकी हर कीमती चीज़ का डुप्लीकेट होता है वैसे ही सूफ़ी के हुलिए में भी लुटेरे बैठे हैं ।
Shukriya aapane bataya Lekin Sufi Naam kis Naam se nikala hai is Janna jaruri hoga
👍सूफ़ी नाम तसव्वुफ़ से निकला है इसका मतलब है मासिवाय अल्लाह के कोई और मकसद ही ना बचा हो जिंदगी में नियत ,अमल ,तालीम , सुलूक सब अल्लाह के लिए हो इस नाम का एक ऐतिहासिक मतलब यहां से भी मिलता है युनानी में एक लफ्ज़ कहा जाता था सोफ़ोज़ उसका मतलब होता है इल्म बांटना, या हक़ को आगे तक पहुंचना ये
ये भी सूफ़ी की ही पहचान है हम कोशिश करेंगे की इसपर एक और मुकम्मल वीडियो बनाया जाए और हज़रत से सवालात की जाए वो मजीद इसपर रोशनी डालेंगे ताकि आप हज़रात भी मुतमईन हो सकें और हम भी फैजियाब हो सकें 🫂
@@SHAHRUKHSHAIKH-p4k yah Sufi hujur ne kaha ya aur kisi ne kaha yah Naam Sufi tasu UF se nahin aaya hai ek Arabi word hai dusra uska yah Janna bahut jaruri hai
Aap hi Bata dijiye Bhai jaan🙏
Inka address nahi bataya aapne take dusre log bhi inse Jude
🥰 मेरे भाई जुड़ने के लिए ये चैनल ही काफ़ी है अगर आपका कभी मिलने का मन हो तो पूछिएगा हम एड्रेस भेज देंगे 🫂
@@SHAHRUKHSHAIKH-p4kji bhaiji hume milna hai hum Nagpur sea hai ji
Mumbai me rahte hain Hazrat ji
@@SHAHRUKHSHAIKH-p4k inn kaa address milega Hazrat ji kaa
Hazrat ji mumbai kurla East me rahte hain
🙏💓💐🪔
Nakli sufi he
Jis se sawal kiya woh Pareshan kya jawab du ? U.P aur BIHAR k sabhi sufi hai chahe Kabadi wala ho .chahe Sabzi wala. QUR'AN me Allah Rooh ki Giza Allah k Ziker ko keh raha hai .SUFI Rooh ki Giza Kab kaise ho Gaya. Astagfirullah.
Aaj k Sufi Qawwaliyo BEPARDAGI Benamzi k Ashiq
अला बे ज़िक्र अल्लाहे तत्मइनल कुलूब, (al Quraan),
अल्लाह का जिक्र क़ल्ब को सुकून देती है रूह की गिज़ा नहीं है जब तक कोई क़ामिल मुर्शीद ना मिले हक़ तक नहीं पहोंचा जा सकता 👍
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