खण्डेला का नाम यदुवंश के 89वें राजा मधु के विभिन्न पुत्रों में से एक पुत्र खडकसेन के नाम से खण्डेला पडा। खडकसेन जी के पिता राजा मधु एक पराक्रमी तथा प्रजाप्रिय राजा थे। खडकसेन जी अपने पिता से किसी बात पर नाराज होने के कारण अपनी पत्नी, पुत्र तथा एक छोटे भाई को व अपने सैनिकों को लेकर नये राज्य की स्थापना के लिए राजमहल से निकल गये। खडकसेन जी अपनी कुलदेवी माँ कालका के परम भक्त थे तथा माता का इष्ट हमेशा अपने साथ रखते थे। माँ कालका के आशीर्वाद से खडकसेन अपने पिता के राज्य से 400 मील पूर्व दिशा में अपना राज्य स्थापित किया। वहां पर पहले चौहान राजपूतों का राज्य था परन्तु युध्द में उन्हें ललकारा और चौहान राजपूत युध्द में हार गये और खडकसेन जी की विजय हुई उसके बाद खडकसेन जी ने वहा पर खण्डेलगढ का किला बनवाया, कालिका माता जी का शिखर बंध मंदिर बनवाया तथा कृष्ण भगवान का मंदिर बनवाया खडकसेन जी से ही खरवड राजपूतों की उत्पत्ति हुई । खडकसेन जी की रानी सौभाग्य कंवर पवार धारा नगरी की राजकुमारी थी । खडकसेन जी के बाद खडकसेन जी के वंश में संग्रामसिंह जी हुए इन्हों के समय मे ही मानकराव निर्वाण चौहानो ने वापस खण्डेला पर आक्रमण कर दिया और खण्डेला इनसे छुट गया, खण्डेला छूटने के बाद ये द्वारिका की तरफ विक्रम संवत 1125 ( सन् 1068) में निकल पड़े।
मेरे पूर्वज यही से गए थे राज कुमारी के साथ दहेज़ में रूपनगढ़ हम मार्या गोत गोत्र वसिष्ट पराशर ब्राह्मण खंडेला के ह चार भाई गई थे किशन गंद अजमेर रूपसिंघ राठोड जी ने हमे चार भाइयो को 100 ,100 बिगाह खेती दी और रूप श्याम जी का मंदिर की पूजा , जय खंडेला बाबा जी की जय राई माता जी की मेरी जड़े खंडेला से ह
M toh ek aam insan hu koi CM PM nahi fir bhi Na jane kyu मेरा दिल कचोटने लगा , Khandela ko indragandhi nehar pariyojna ka pani milna chahiye ya koi dusari nehar pariyojna banyi jani chahiye , Jo bhi Rajneta yha par Rajneeti kar rahe h yahi unse nivedan h khandela ki samsya suljhayi jaye .
Kayam khan ke samaye olu rao nirwan khandela ke shasak the raisal ke samaye pipaji nirwan the Nardev nirwan w pipaji ke beech ek lambi srankhala rhi hogi mathur ji rawat ka nam bhi aya v kang ka nam bhi aya please nirwan shasakon ke bhi jankari uplabadh krayen
हमें बहुत ही अच्छा लगा कि आपने खण्डेलवाल समाज की उत्पति और धरोहर के बारे में जानकारी पर प्रकाश डाला है।
धन्यवाद।
Thanks and Regards
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आप ने इतिहास की
🙏🙏
I love my Khandela city ❤❤❤❤😊😊
Beautiful City
Verry good khandela city nolaajy
खण्डेला का नाम यदुवंश के 89वें राजा मधु के विभिन्न पुत्रों में से एक पुत्र खडकसेन के नाम से खण्डेला पडा। खडकसेन जी के पिता राजा मधु एक पराक्रमी तथा प्रजाप्रिय राजा थे। खडकसेन जी अपने पिता से किसी बात पर नाराज होने के कारण अपनी पत्नी, पुत्र तथा एक छोटे भाई को व अपने सैनिकों को लेकर नये राज्य की स्थापना के लिए राजमहल से निकल गये। खडकसेन जी अपनी कुलदेवी माँ कालका के परम भक्त थे तथा माता का इष्ट हमेशा अपने साथ रखते थे। माँ कालका के आशीर्वाद से खडकसेन अपने पिता के राज्य से 400 मील पूर्व दिशा में अपना राज्य स्थापित किया। वहां पर पहले चौहान राजपूतों का राज्य था परन्तु युध्द में उन्हें ललकारा और चौहान राजपूत युध्द में हार गये और खडकसेन जी की विजय हुई उसके बाद खडकसेन जी ने वहा पर खण्डेलगढ का किला बनवाया, कालिका माता जी का शिखर बंध मंदिर बनवाया तथा कृष्ण भगवान का मंदिर बनवाया खडकसेन जी से ही खरवड राजपूतों की उत्पत्ति हुई । खडकसेन जी की रानी सौभाग्य कंवर पवार धारा नगरी की राजकुमारी थी । खडकसेन जी के बाद खडकसेन जी के वंश में संग्रामसिंह जी हुए इन्हों के समय मे ही मानकराव निर्वाण चौहानो ने वापस खण्डेला पर आक्रमण कर दिया और खण्डेला इनसे छुट गया, खण्डेला छूटने के बाद ये द्वारिका की तरफ विक्रम संवत 1125 ( सन् 1068) में निकल पड़े।
आपने जो बताया उसका सोर्स क्या है?अगर कोई लिंक हो तो बताएं।
@@TravelGuide badvaji ki pothi aur vimla bhandari ji ki pustak salumbar ka itihas vali usme likh rakha hai
Good information 😎👍
Thanks 👍
मेरे पूर्वज यही से गए थे राज कुमारी के साथ दहेज़ में रूपनगढ़ हम मार्या गोत गोत्र वसिष्ट पराशर ब्राह्मण खंडेला के ह चार भाई गई थे किशन गंद अजमेर रूपसिंघ राठोड जी ने हमे चार भाइयो को 100 ,100 बिगाह खेती दी और रूप श्याम जी का मंदिर की पूजा , जय खंडेला बाबा जी की जय राई माता जी की मेरी जड़े खंडेला से ह
Mera goan khandela pr garv hai mujhe... Bhut hi achhi jaankari...
Gajab
Thanks and Regards
👌Very nice
बहुत ही सुपर जानकारी है
🙏
Good Information 🙏🙏
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M toh ek aam insan hu koi CM PM nahi fir bhi Na jane kyu मेरा दिल कचोटने लगा , Khandela ko indragandhi nehar pariyojna ka pani milna chahiye ya koi dusari nehar pariyojna banyi jani chahiye , Jo bhi Rajneta yha par Rajneeti kar rahe h yahi unse nivedan h khandela ki samsya suljhayi jaye .
🙏🙏
Super
Thanks and Regards
Kayam khan ke samaye olu rao nirwan khandela ke shasak the raisal ke samaye pipaji nirwan the Nardev nirwan w pipaji ke beech ek lambi srankhala rhi hogi mathur ji rawat ka nam bhi aya v kang ka nam bhi aya please nirwan shasakon ke bhi jankari uplabadh krayen
हमारे पूर्वज भी खडेला से ही निकले हे
🙏
Very good
Thanks
Kya aap kripya bata skte hai ki Kurukshetra yudh mai khadakpur ke raja kon the aur kiski aur se yudh mai lade the. Jai Bhawani
🙏🙏
Wow bro thanks 👍
Welcome 👍
जय पीपाजी निरबाण
🙏🙏
Veer shekhawat rajao ne yaha aajadi ke bad tak raj raha ❤❤❤
🙏🙏
खण्डेला से बेहतर कुछ भी नही
और जितने भी मायर्या पाराशर ब्राह्मण यही के ह और कही भी हमारी जड़े नहीं खंडेला ही ह और खंडेला बाबा के नाम से ही जानते बाबा खंडेला जाने जाते ह
Super
Thanks