मृत्युभोज कुरीति या रीति?
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- Опубліковано 20 чер 2020
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आज ये सब सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि भारत में गुरुकुल तोड़े गए और आज सनातनी अपने धर्म की शिक्षा से बंचित रह गए हमे वापिस सनातन धर्म की शिक्षा देनी चाहिए 🙏🙏🚩🚩
हर हर महादेव मृत्यु भोज के बारे में सुनकर प्रसन्नता क्योंकि अज्ञान के वशीभूत होकर लोग अपने सर पर सर्च कर लेते हैं अतः कर्ज लेकर ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए यह सुनकर मन को बहुत अच्छा लगा हर हर महादेव
Kisiki mritu par mahapatar pandit bahut khaana khaatey hay
Koi yadi brahamno ko bhoj karvaye to kya use karj lena padta he 😂 sadi karj leke ki jati he uspe vichar kar murkh
महाराज जी का मार्गदर्शन सदा ही अद्भुत होता है मन को संतुष्ट करने वाला होता है... 🙏🙏ॐ श्रींमन्नारायणाय नमः ।।
इस तरह से बड़ा मनोवैज्ञानिक करम है, शोकातुर परिवार इस प्रकार शोक से उभरते है🕉
हे धर्म रक्षक आपके श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन करते हैं।
मृत्यु संस्कार से उत्पन्न दुख के छेदन और आत्मा के कल्याण हेतु घर को आनन्दमय, सुखमय, व्यवहारमय बनाने के लिए यह शास्त्र विधान है. सुरीति.
महाशय जिस परिवार मे खुद ही खाने को ना हो उसको इस रीति को करने के लिए कर्ज लेना पड़ता ऐसे मे दुख छेदन नही और भार बड़ता हैं
@@rajkumarashre1763 यह भी शास्त्रों में विदित है।
श्री गुरुवर शंकराचार्यजी आपने बताया कि ग्यारहावे दिन महापात्र को भोजन करवाना चाहिए। इस विधान में महापात्र से क्या तात्पर्य है ,कृपया मार्गदर्शन करने की कृपा करें।🙏
बहुत सही, सुंदर विवेचन, उपयुक्त मार्गदर्शन 🙏
शांकराचार्या जी महाराज को शत: शत: नमन
महाराज जी आपके द्वारा प्रश्न उत्तर का जो शिल सीला चलाया गया है यह सनातन धर्म के लिये बहुत जरुरी है
विशेष आपके द्वारा दिये गये सटीक उतरों से इस धर्म की जितनी क्षति हुई है उसकी पूर्ति निश्चित होंगी
गुरु महाराज जी को सादर प्रणाम 🙏 मैरा मानना है कि जब कोई भी हिन्दू संस्कृति में प्रथा चल रही है वह सभी सत्य है क्योंकि घर में आएं हुए अतिथि के समान मैं भोज रखा जाता है क्योंकि हमारा धर्म हमें यह सिखाता है कि अतिथि देवो भव जो दूरी तय करके आते हैं उन्हें खाली पेट नहीं भेजा जाता है इसलिए मृत्यु भोज श्रेष्ठ जय सनातन संस्कृति 👏🚩🙏💐📿🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩हरि ॐ नमो नारायण जी
सनातन धर्म ही पूर्ण सत्य है और इसके विधान ही धर्म और कर्म का सर्वोत्तम मार्ग है । हर हर महादेव।
श्रद्धेय संत जी के श्रीचरणों में नमन, 🙏🙏🙏🙏🙏
परम पूज्य शंकराचार्य जी के शिष्य महाराज जी बहुत सही एवं सटीक जानकारी देने के लिए साधुवाद ||
जय श्री महाकाल ओम् जय श्री महाकाल
आप की जय हो पूज्यवर शंकराचार्य जी। मुझे आशीर्वाद दिजिए कि मै अपने माता-पिता को सभी सुख दे पाऊं।
आपका उत्तर प्रसन्न करने वाला है।
चरण स्पर्श 🙏, बहुत सुन्दर तरीके से विश्लेषण किया है आपने, बहुत - बहुत आभार 💐
आदरणीय शंकराचार्य जी ने सभी समस्याओं का उत्तर दे दिया..शास्त्र के अतिरिक्त दिखावे के लिए की गई महंगी भोज जिसमे कई प्रकार के पकवान बहुत सारे लोगो को परोसे जाते है...इससे निश्चित ही ऐसे लोगो पे दबाव पड़ता है जो अभावग्रस्त होते है..
गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे🇮🇳⚛️🔱🔱🔱🇮🇳🛐🕉️❤❤❤❤❤❤
बहुत अद्भुत दुर्लभ आदरणीय सत् सत् नमन
Hari Om. Excellent Answers by Jagadguru. My Pada Namaskarams to Pujya Swamyji. Om namo Narayanaya
सत्य रूप में आप सनातन के सच्चे पथ प्रदर्शक है...सादर प्रणाम
शहरीकरण जो हुआ है उसमे ये कुरीति बन गई गांवों मे सहयोग किया जाता है दुखी परीवार को हर प्रकार उचित होता है
महाराज श्री को मेरा दण्डवत प्रणाम 🙏
आज आपने मेरी शंका का समाधान कर दिया।
महाराज श्री जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
शंकराचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
मृत्यु भोजन अवश्य कराना चाहिए. सटीक जानकारी दी आपने.
ॐ नमः शिवाय।
परम् संतोष की अनुभूति हुई, महाराज जी।
सुंदर वचन
उचित मार्गदर्शन के लिए साधुवाद 🙏🏻
महाराज जी के चरणों मे शत शत प्रणाम.!!🙏🌷🙏
धनवान लोग तो अपनी मान बड़ाई के लिए सब कुछ कर लेते हैं लेकिन समस्या हो जाती है किसी निर्धन व्यक्ति को,जो कर्ज लेने की नौबत पर आ जाता है और इसी रीति रिवाज ने दहेज प्रथा को बहुत अधिक बढ़ावा दिया है जिससे कुछ बेचारे निर्धन लोग बेटी की शादी के बाद कई वर्षों तक कर्ज के तले दबे रहते हैं
मृत्यु भोज कभी भि कू रीति नहीं हो सकता । स्वामी जी का उपदेश सर्वथा ग्रहण योग्य ।
नमस्ते के साथ गुरुजी आपका बात तो सत्य हैं परंतु बिहार के पंडितों ने इतने पाखंड फैला रखा है दान पूर्ण करने का श्राद्ध कर्म में की चप्पल से लेकर कपड़े लाता बिछड़ना तकिया खटिया तंबाकू और अनाज में भूसे वाला और बगैर भूसे वाला और इसके उपरांत में रुपया पैसा सारे चीज का दान का विधान बना लिया है और मेरे साथ भी 12 मार्च को यही होने जा रहा है इससे बचने का उपाय बताइए
परम पूज्य स्वामी जी के श्री चरणों में दंडवत प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम
सभी को एक जगह एकत्रित होकर श्रद्धांजलि देना चाहिए अगर साथ देना है तो मृत्यु भोज नहीं होना चाहिए एक निर्धन परिवार पहले से ही अपने प्रियजनों की मृत्यु तथा क़र्ज़ में डूबा रहता है ऐसे में मृत्यु भोज नहीं होना चाहिए यह समय की मांग है धार्मिक सुधार आवश्यक है।
उत्तम विचार श्री शंकराचार्य जी 🙏
Shree charno me pranam
Aapke shree charno mai KOTI KOTI NAMAN
Guru dev bhagwan jii ke shree Charan me koti koti pranam 🙏🙏
Very good news Pandit ji 👍👍👍 Namaste sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🍒🍒🍒🌻🌻🌻🌹🌹🌹🌴🌴🌴🍓🍓🍓🌲🌲🌲🍋🍋🍋🍈🍈🍈 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩🇮🇳🚩🚩🚩
राधे राधे महाराज जी प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राधे 🙏🙏🚩🚩
Respectful pranaamas..Welcome.
Aap kitni sahi baat kahte hai guru ji .....Jai shri ram
गुरुदेव के श्री चरणों में प्रणाम
Guru ji aap bahut ache se answer dete ho
पुज्य स्वामीजी के पावन चरणों में वंदन 🙏🏼🙏🏼
Fir se hamare Rashtra me gurukul vidyalay shuru ho jane chahiye aur ap jaise shikshak hone chahiye pranam
Swami shri ko 🙏🙏🙏
Guru ka sahi margdarsan Joy sri Krishna
गुरु जी को कोटि कोटि नमन
आपने सारा भ्रम दूर कर दिया
सतगुरु देव जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम.
बहुत सुंदर । धन्यवाद
श्री चरणों में नमन
महाराज जी के चरणों मे प्रणाम। हमारे यहां जम्मू में बहुत बहुत बहुत अंधविश्वास है। जैसे कि औरते और लड़कियों को भगवान शिव जी के ऊपर जल नही चढ़ाना नही होता, जबकि 99 प्रतिशत लोगों को यह भी पता भी की शिवलिंग पर जल क्यों चढ़ाया जाता है ।किसी की मृत्यु के बाद चाहे कर्ज़ भी लेना पड़े पर किसी चारजी को बहुत सारा सामान देना और लोगों को भोजन करवाना (just a party) पीपल को बढ़ का पेड़ कहना और मानना,
❤❤❤❤❤ अति सुंदर हर हर महादेव ओम नमः शिवाय ओम
🙏🙏🙏 Om Jai Guru
Shri shri ke charano m koti koti naman ,har har mahadev
Bahut sundar gurudev pranaam
महाराज को नमन 🙏🙏🙏
Radhe Radhe🙏 Guru Ji🙏
Hare Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏
हरे कृष्ण जी महाराज जी
गुरुजी आपके चरणों में सादर प्रणाम... 🙏🙏
मेरा पहला प्रश्न यह है कि ...
क्या शौच जाने के बाद संध्या मंत्र जाप करने के लिए स्नान करना जरूरी है.
मेरा दूसरा प्रश्न यह है कि...
मैं अपने छात्र जीवन से सरस्वती मंत्र का जाप करता आ रहा हूं. वर्तमान समय में शिक्षक की नौकरी कर रहा हूं. किंतु मैंने गुरु मंत्र भी लिया है. अब मैं गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वाला हूं. मुझे आगे किस मंत्र का जाप करना चाहिए.
प्रणाम 🙏🙏🙏
Jay Sanatan hamen Apne Sanatan Garv hai Maharaj Jay Siyaram Maharaj Shri ke charno mein dandvat pranam
Jay Gurudev, 🌹🙏
बहुत ही सुन्दर
Jai shree ram Krishna hari 🌷
🕉️प्रणाम गुरु जी🙏
अति उत्तम विचार गुरूदेव 🙏
प्रणाम आचार्य श्री 🙏🙏🙏🙏
PRANAM GURUDEV
HAR HAR MAHADEV
Jai shree krishna 🙏🙏
Maharaj shree ke charno me koti koti pranam
Jai shivshakti❤️🙏
।।जय जय श्री गुरूदेव।।
बहुत ही अच्छा ,अस्पस्ट सब्जेक्ट स्पस्ट हो गया
Jai ho
बहुत सुंदर गुरुदेव जी 🙏🙏🙏🙏🙏
मैं गुरूदेव श्री आचार्य से समर्थित हूँ,
जय श्री सीताराम
Jai Siya Ram 🙏
Sadar charan sparsh guruji
Jay shree gurudev 🙏🌿
Dhanyawad 🙏 gurudev
Bhot badiya smadhan
Maharaj ji 🙏
6:00 very true. when we lost our family members // my mother //we felt the same. once we did the bhojan, my mothers family came and consoled us and that filled up the gap / i felt the sinking feelings gone. In bhoj we did simple "'dal-chawal'' only but that was satisfactory to all. when peoples comes a far they stay over night, some half days and some full day that feels up emptyness of house. then once again we are socially accepted. subh karma starts over. for a full month ( say 3 month ) we reduced puja karams temple visits as we ourselves were feeling un-clean. gradually we got cleaned up and started behaving normal. it takes times and lots of efforts.
स्वामी जी चरण स्पर्श पृणाम
Ji dhanyawad 🙏🙏🙏
Jai guru dev
आदिकाल में विदेशों में भी 12 दिनों का अवकाश होता था |
आज भी हॉलीवुड अमेरिका की फिल्मों में ऐसे कहानी में दिखाया जाता है उदहारण फिल्म का नाम है Troy, युवराज सेनापति Hector के मृत्यु भोज में 12 दिन का राजकीय शोक, भोज और त्यौहार, जिससे मृत आत्मा को सुख शान्ति और आनन्द से मुक्ति मिले |
Satya gyan
Har Har Mahadev.
🙏🙏🙏जय सनातन 🙏🙏🙏
स्वामी जी आपके विचार हमें बहुत अच्छे लगते हैं कृपा करके आप अपने मत का पता बताइए ताकि हम आपके चरण स्पर्श कर सकें मैं शिव शंकर उपाध्याय मुरादाबाद
हमारे गुजरात में भी कुछ लोगो में ऐसा रिवाज है की सव यात्रा में जो जाते है तेर वे दिन उन सभी को मृत्यु भोज के लिए बुलाया जाता है उनका ऋण उतरने के लिए मगर मेरा मानना हे की हम किसकी सव यात्रा मे जातेहे वो तो हमरा कर्तव्य हे. में इस लिए मृत्यु भोज में नहीं जाता. और मेरी अंगत मान्यता ये है की मृत्यु भोज शास्त्र मुजब ही करना चाहिए और जो सार्वजनिक मृत्य भोज के बदले गौ माता को अपने हाथोसे भोज कराया जाय जिसे मृतक आत्मको भी पुण्य मिलेगा और इस प्रकार से गौ माता की सेवा भी करसकेंगे.
Jai shree ram
जय हो
Jay ho maharaj
Thanks swamiji
Jai Gurudev Jai Sanatan