बहुत बहुत धन्यवाद। छठ गीतों की इन चारों गायिकाओं पर सटीक और सार्थक जानकारी देने के लिए। काली देवी और भिखारी ठाकुर तो करीब करीब समकालीन ही थें । और दोनों आंचलिक संगीत को ही अपनाया। इन दिनों विभूतियों से सम्बंधित जानकारी भी संजोने की कृपा करें। धन्यवाद।
बहुत बहुत धन्यवाद।इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए। बातों में कुछ जातिवाद ज्यादा ही मुखर था। फिर भी जानकारी बहुत अच्छी लगी। विंध्यवासिनी देवी का एक गाना जरूर बजाना चाहिए था। मैं तुरकौलिया मोतिहारी से हूं। संगीत में रुचि रखता हूं। छठ पर्व संगीत का इतिहास जानकर अच्छा लगा। अब चल रहा हूं युटुब पर विंध्यवासिनी देवी का गाना सर्च करने।
भूपेंद्र हजारिका जी एक बहुत महान संगीतकार थे, पर ये आपको याद रखना चाहिए कि जो छठ धुन होती है वो पारंपारिक लई के साथ पहले भी गयी जाती रही है , जब कोई रेडियो नहीं सुनता था तब भी हमारी नानी-दादी इसी धुन मे गाती थी, ऐस मेरी माँ कहती है, छठ गीत की धुन पारंपरिक है, इसमे किसी का कॉपीराइट नहीं है🙏 छठ महापर्व है हमारा और ये पारंपारिक गीतों और धुनों से कालांतर से सुशोभित है.
Bhupen Hazarika se pahle ka bhi geet hamne upload kiya hai Kali devi ka ap suniye fir apko antar pata chalega. Bahut jyada antar nahi hai but achchha khasa antar hai
विश्लेषण में आपने मेहनत किया है। जिस दौर में विंध्यवासिनी देवी जी पटना आकाशवाणी में थी, उस दौर में मेरे दादा पंडित जगन्नाथ शुक्ल भी पटना आकाशवाणी में थे। दादा जी चौपाल के पटवारी जी थी।
छत के गीतों को गाने की अपनी पारम्परिक शैली है। भूपेन हज़ारिका जी ने यह शैली नहीं दी है। गीतों के संगीत और वाद्य यंत्रों संयोजन किया है। अच्छे पारम्परिक गीतों की पहचान यही है कि उनकी मौलिक शैली संरक्षित रहती है। इसलिए परंपरा को किसी एक संगीतकार या गायक का समानार्थी नहीं बनायें।
आपने फिर विडीओ ध्यान से देखा ही नहीं हमने विडीओ में कहा है कि हो सकता है भूपेन हज़ारिका उस समय बिहार आकर बिहार में छठ का गीत गाने वाली औरतों से मिले हो, उनके धन को समझा हो, जैसे गैंग ओफ़ वासेपर में स्नेहा ने किया था म्यूज़िक देते समय।
@@NewsHunters_ प्रश्न हो सकने का नहीं है। लोकगीत में अच्छे संगीतकार केवल वाद्य, ताल, और लया का संयोजन करते हैं।गायन शैली को वे अक्षुण्ण रखते हैं। इसलिये यह कहना गलत है कि शारदा सिन्हा सहित सभी गायकों ने भूपेन हज़ारिका की नकल बिना उन्हें श्रेय दिये की है। इन गायकों के गीतों में लय और बहुधा वाद्यों की भिन्नता भी है। शैली का साम्य तो अपेक्षित ही है।
छठ के गीत कई हजार सालों से गया जा रहा है वो भी अपने पूरे शुद्ध अंदाज में । कोई भी गीतकार या गायक ने इन गीतों को नहीं बनाया बस इन्होंने ने इन गीतों को जग जाहिर किया है ।
‘Aurat’ word comes from Arabic word ‘awrah’ meaning female body parts that are to be modestly covered, implying owner of body parts that are to be modestly covered. Aurat has a very sexist connotation to the description of a woman. That’s why ‘Mahila’ is a more dignified word.
विंध्यवासिनी देवी मेरी माँ की भोजपुरी सिंगर थीं ... माँ बिना एक दिन गैप के हर दिन विंध्यवासिनी देवी के गीत गाती थीं ... विंध्यवासिनी देवी का हर गीत उनको कंठस्थ था ... मैं बहुत बच्ची थी उस समय इसलिए मुझे पूरा याद नहीं है कि कौन कौन से गीत थे ... लेकिन कहती थी कि रेडियो में पटना स्टेशन लगा दो अभी विंध्यवासिनी देवी का प्रोग्राम आएगा ...
पहली बात, छठ गीत सैकड़ो साल पहले से गाये जा रहे है अपने पूर्ण विशुद्ध लोकधुन और बोल के साथ। दूसरी बात, किसी फलाना, तवायफ और ढिमकाना ने छठ गीत का आविष्कार नही किया, ये पारंपरिक गीत है। तीसरी बात, काली देवी, विंध्यवासिनी देवी, शारदा सिन्हा और अनुराधा पौडवाल ने इसे रिकॉर्ड जरूर करवाया है। चौथी बात, लोकगीत और लोकधुन किसी की बपौती नही। पांचवी बात, अपनी बातों का कोई ऑथेंटिक लिंक भी शेयर कीजिये, हवा में बाते नही कीजिये।
Pahali baat ham bhi mante hai ki chhat geet bahut purane hai. Dusari bat hamne avishkar shabd ka istemal kiya hi nahi. Teesari baat hamne video me bola hai. Apne video fir dhyan se dekha hi nahi. Hamne bataya hai ki kis PhD thesis me Kali devi ke bare me jankari hai. Sharda Sinha aur kali devi ka preshar bharti ko diye interview ka jikra Kia.
@@NewsHunters_ पहली बात, आपके विडियो में तवायफ और उनके योगदान का ईतना महिमामंडन शुरुआत में ही था कि पूरा वीडियो देखने की इच्छा ही खत्म हो गई। दूसरी बात, जिस थीसिस की वकालत आप कर रहे है, वैसे थीसिस दो-दो सौ में बिकते है।
@@NewsHunters_ सुप्रीम कोर्ट भी बहुत बड़ी संस्था है, वो भी पैसों पे बिक जाती है, ये तो खैर एक यूनिवर्सिटी ही है। वैसे आपको बता दूं भारत की एक बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी से हम खुद पीएच. डी. है।
जै हिंद सर, मैं उत्तराखंड से हूं, मैं आपके द्वारा दी गई विशुद्ध जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं । इस प्रकार की जानकारी देने से हमारी संस्कृति का सबको पता चलता है। मैं पुराने भोजपुरी गाने, पुराने भोजपुरी धार्मिक गाने और छठी मईया के गाने बहुत पसंद करता हूं और सुनता हूं पर इसका इतिहास पता नहीं था आज ज्ञात हुआ कि किसने सबसे पहले इन गानों को गाया और किसने इन गानों की धुन बनाई।
लोकधुन पर किसी एक का अधिकार नहीं होता है। यह परम्परागत होता है जिसे सदियों से गाँव की महिलाएँ पुरूष गाते आये हैं। जैसे- सोहर। बधाइया, चैती आदि। उसी तरह छठ गीत का भी एक पारम्परिक धुन और गायन शैली है।
कुछ भी हो बिल्कुल नई जानकारी मुझे लगा. बहुतों के comments पढ़े, जो कि काफी विरोधाभास है. जिन्होंने भी गीत संगीत या गायकी और रचना दी हो आज उससे बिहार की पहचान है. सबों के योगदान सराहनीय है ❤
Copy isn't a right term, for me Vindhyavasini devi ji and Sharda ji both were like epitome of chhath. And both were unique in their own way, no one copied any one. Sharda ji took vindhyavaasini Ji's legacy ahead. She used to call her Chachi. Music is all about passing it out to next generation. That was the most authentic era of music. In current days people don't want to work hard now they are copying these legends. Well what I believe they can copy the Music but the soul you put into music can't be copied. So comparison is of no use.
कृप्या कर इस जानकारी में सुधार किया जाए ...mai Padmshree Vidhavasini devi ki बहु hun...mujhse sahi sahi jankari le kar is vidio me sudhar kar lijiye...wo kayasht family se thi 🙏
Lekin Hamare toh chathh ke lokgeet hote hain aur lokgeet bihar ke tyohar aur dusre occassions pe gaye jaate hain, jo ki bht saalon se matlab pracheen samay se gaaye jate hain,
Padmashree vindhyawasini devi ji ke husband ka naam Sahadeshwar chandra verma tha she was from kayasyha community and all of her three children are not alive now
Kuch bhi kaha jaaye per ye batayiye ki Jaativaad ker kertey sab khatam ho jaayega tab batayengey ki aseyha kuch bhi hota hai Mithilaakshar ka script 2000 yr old ka hai or 500 hundred yr old script abhi rakha hua hai per Ab sab Bangla aksher kehtey hai 😊
Vidyvasini devi ka jo news wala jati ka Nam Lia hai unko Turan mafi magna chahia bidyavasini devi ka potra ko ma 20 sal sa Jan raha hai walog kayath jati ka hai mafi maga news h. Wala
बहुत बहुत धन्यवाद। छठ गीतों की इन चारों गायिकाओं पर सटीक और सार्थक जानकारी देने के लिए। काली देवी और भिखारी ठाकुर तो करीब करीब समकालीन ही थें । और दोनों आंचलिक संगीत को ही अपनाया। इन दिनों विभूतियों से सम्बंधित जानकारी भी संजोने की कृपा करें। धन्यवाद।
Main bihar se hun. Maine bindvashini devi ke gaane redio par suni hun.aaj puri jaankari mili.menu menu thanks. Thanks. ❤🎉😊😊
Dhanyvad
बहुत बहुत धन्यवाद।इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए। बातों में कुछ जातिवाद ज्यादा ही मुखर था। फिर भी जानकारी बहुत अच्छी लगी। विंध्यवासिनी देवी का एक गाना जरूर बजाना चाहिए था। मैं तुरकौलिया मोतिहारी से हूं। संगीत में रुचि रखता हूं। छठ पर्व संगीत का इतिहास जानकर अच्छा लगा। अब चल रहा हूं युटुब पर विंध्यवासिनी देवी का गाना सर्च करने।
Ji gana bajane par copyright ka issue ho sakta hai
भूपेंद्र हजारिका जी एक बहुत महान संगीतकार थे, पर ये आपको याद रखना चाहिए कि जो छठ धुन होती है वो पारंपारिक लई के साथ पहले भी गयी जाती रही है , जब कोई रेडियो नहीं सुनता था तब भी हमारी नानी-दादी इसी धुन मे गाती थी, ऐस मेरी माँ कहती है, छठ गीत की धुन पारंपरिक है, इसमे किसी का कॉपीराइट नहीं है🙏 छठ महापर्व है हमारा और ये पारंपारिक गीतों और धुनों से कालांतर से सुशोभित है.
Bhupen Hazarika se pahle ka bhi geet hamne upload kiya hai Kali devi ka ap suniye fir apko antar pata chalega. Bahut jyada antar nahi hai but achchha khasa antar hai
विश्लेषण में आपने मेहनत किया है। जिस दौर में विंध्यवासिनी देवी जी पटना आकाशवाणी में थी, उस दौर में मेरे दादा पंडित जगन्नाथ शुक्ल भी पटना आकाशवाणी में थे। दादा जी चौपाल के पटवारी जी थी।
Swatantrata ke baad ka itihas bihar ka bahut kam likha gaya hai
छत के गीतों को गाने की अपनी पारम्परिक शैली है। भूपेन हज़ारिका जी ने यह शैली नहीं दी है। गीतों के संगीत और वाद्य यंत्रों संयोजन किया है। अच्छे पारम्परिक गीतों की पहचान यही है कि उनकी मौलिक शैली संरक्षित रहती है। इसलिए परंपरा को किसी एक संगीतकार या गायक का समानार्थी नहीं बनायें।
आपने फिर विडीओ ध्यान से देखा ही नहीं हमने विडीओ में कहा है कि हो सकता है भूपेन हज़ारिका उस समय बिहार आकर बिहार में छठ का गीत गाने वाली औरतों से मिले हो, उनके धन को समझा हो, जैसे गैंग ओफ़ वासेपर में स्नेहा ने किया था म्यूज़िक देते समय।
@@NewsHunters_ प्रश्न हो सकने का नहीं है। लोकगीत में अच्छे संगीतकार केवल वाद्य, ताल, और लया का संयोजन करते हैं।गायन शैली को वे अक्षुण्ण रखते हैं। इसलिये यह कहना गलत है कि शारदा सिन्हा सहित सभी गायकों ने भूपेन हज़ारिका की नकल बिना उन्हें श्रेय दिये की है। इन गायकों के गीतों में लय और बहुधा वाद्यों की भिन्नता भी है। शैली का साम्य तो अपेक्षित ही है।
छठ के गीत कई हजार सालों से गया जा रहा है वो भी अपने पूरे शुद्ध अंदाज में । कोई भी गीतकार या गायक ने इन गीतों को नहीं बनाया बस इन्होंने ने इन गीतों को जग जाहिर किया है ।
Ji but naye naye dhun aate hai.
Jai CHHATI MAAI 🙏🌄🌹🪔
Vindhvasini Devi ji ko Mera Salute.
बहुत ही सुंदर प्रयास किया है ❤❤❤❤❤
Dhanyvad
कृपयां औरत न कहे,महिला कहने में क्या हर्ज है।
Ji dono shabd ka istemal kiya hai
Oo baklol or aap mahabaklol😂😂😂@@rakeshroshan8799
@@raginisingh3016
feministजी! क्यूं न कहें औरत ?
समझाएं तो जरा !!
@@neelasingh9078 aurat sabd ka matalab arbi bhasa me abuse ke liye hota hai aap ek baar khud pata kar le fir bolein
‘Aurat’ word comes from Arabic word ‘awrah’ meaning female body parts that are to be modestly covered, implying owner of body parts that are to be modestly covered. Aurat has a very sexist connotation to the description of a woman. That’s why ‘Mahila’ is a more dignified word.
भूमिहार नहीं, कायस्थ थीं विंध्यवासिनी देवी
जी ठीक कर दिया गया है।
Nice information
Thanks
विंध्यवासिनी देवी मेरी माँ की भोजपुरी सिंगर थीं ... माँ बिना एक दिन गैप के हर दिन विंध्यवासिनी देवी के गीत गाती थीं ... विंध्यवासिनी देवी का हर गीत उनको कंठस्थ था ... मैं बहुत बच्ची थी उस समय इसलिए मुझे पूरा याद नहीं है कि कौन कौन से गीत थे ... लेकिन कहती थी कि रेडियो में पटना स्टेशन लगा दो अभी विंध्यवासिनी देवी का प्रोग्राम आएगा ...
Ji ha wo patna radio par regular gati thi
जी ठीक कर दिया गया है।
पहली बात, छठ गीत सैकड़ो साल पहले से गाये जा रहे है अपने पूर्ण विशुद्ध लोकधुन और बोल के साथ।
दूसरी बात, किसी फलाना, तवायफ और ढिमकाना ने छठ गीत का आविष्कार नही किया, ये पारंपरिक गीत है।
तीसरी बात, काली देवी, विंध्यवासिनी देवी, शारदा सिन्हा और अनुराधा पौडवाल ने इसे रिकॉर्ड जरूर करवाया है।
चौथी बात, लोकगीत और लोकधुन किसी की बपौती नही।
पांचवी बात, अपनी बातों का कोई ऑथेंटिक लिंक भी शेयर कीजिये, हवा में बाते नही कीजिये।
Pahali baat ham bhi mante hai ki chhat geet bahut purane hai.
Dusari bat hamne avishkar shabd ka istemal kiya hi nahi.
Teesari baat hamne video me bola hai.
Apne video fir dhyan se dekha hi nahi. Hamne bataya hai ki kis PhD thesis me Kali devi ke bare me jankari hai. Sharda Sinha aur kali devi ka preshar bharti ko diye interview ka jikra Kia.
@@NewsHunters_ पहली बात, आपके विडियो में तवायफ और उनके योगदान का ईतना महिमामंडन शुरुआत में ही था कि पूरा वीडियो देखने की इच्छा ही खत्म हो गई।
दूसरी बात, जिस थीसिस की वकालत आप कर रहे है, वैसे थीसिस दो-दो सौ में बिकते है।
@raregems7942 jis university ka wo thesis hai us university me padhne ka Sapna bhi nahi dekhte honge ap. Pahle pata kar liya kijiye
@@NewsHunters_ सुप्रीम कोर्ट भी बहुत बड़ी संस्था है, वो भी पैसों पे बिक जाती है, ये तो खैर एक यूनिवर्सिटी ही है। वैसे आपको बता दूं भारत की एक बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी से हम खुद पीएच. डी. है।
जै हिंद सर, मैं उत्तराखंड से हूं, मैं आपके द्वारा दी गई विशुद्ध जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं । इस प्रकार की जानकारी देने से हमारी संस्कृति का सबको पता चलता है। मैं पुराने भोजपुरी गाने, पुराने भोजपुरी धार्मिक गाने और छठी मईया के गाने बहुत पसंद करता हूं और सुनता हूं पर इसका इतिहास पता नहीं था आज ज्ञात हुआ कि किसने सबसे पहले इन गानों को गाया और किसने इन गानों की धुन बनाई।
Mai bhi Uttarakhand me rah chuka hu lambe samay tak
Very good video and very informative
Thanks
लोकधुन पर किसी एक का अधिकार नहीं होता है। यह परम्परागत होता है जिसे सदियों से गाँव की महिलाएँ पुरूष गाते आये हैं। जैसे- सोहर। बधाइया, चैती आदि। उसी तरह छठ गीत का भी एक पारम्परिक धुन और गायन शैली है।
Ji bilkul sahi kaha apne par us dhun me nikhar bhi lane wale kuchh log hote hai aur unka bhi apna mahatv hota hai
Chhath Geet was being sung in villages ,when radio was not introduced any whhere
It’s about getting those songs recorded professionally
कुछ भी हो बिल्कुल नई जानकारी मुझे लगा. बहुतों के comments पढ़े, जो कि काफी विरोधाभास है. जिन्होंने भी गीत संगीत या गायकी और रचना दी हो आज उससे बिहार की पहचान है. सबों के योगदान सराहनीय है ❤
Ji yahi prayas hai ki sabo ke yogdan ko saraha jaye
काली देवी।विंध्यवासिनी देवी। भूपेन हजारिका ये तीनों महान आत्मा थे
Dono important rahi ...inko SALUTE 🙏🌄🌹🪔❤❤❤❤🥰. KAALI DEVI JI dono KALAKAARON ko jinda Kiya JAI KAALI MAIYA JI 🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Vindhvasini Devi mata ki Radio per sunte the 🙏🙏
जाति के बारे में आपकी जानकारी ग़लत है, मेरे अनुसार वे कायस्थ कुल गौरव थीं।
Ji correct kar diya hai description box me
इनका कहने का मतलब यही था 🙏❤️❤️
Copy isn't a right term, for me Vindhyavasini devi ji and Sharda ji both were like epitome of chhath. And both were unique in their own way, no one copied any one. Sharda ji took vindhyavaasini Ji's legacy ahead. She used to call her Chachi. Music is all about passing it out to next generation. That was the most authentic era of music. In current days people don't want to work hard now they are copying these legends. Well what I believe they can copy the Music but the soul you put into music can't be copied. So comparison is of no use.
🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️
कृप्या कर इस जानकारी में सुधार किया जाए ...mai Padmshree Vidhavasini devi ki बहु hun...mujhse sahi sahi jankari le kar is vidio me sudhar kar lijiye...wo kayasht family se thi 🙏
Video ke description box me is galti ka jikra kar diya gaya hai
जी ठीक कर दिया गया है।
Bindhvasini devi kayashth community se thi
Ji ho sakta hai meri galti ho
कृपया अपना शोध अच्छे से करें, तथ्यों में गड़बड़ी न करें ।पद्म श्री विन्ध्यवासिनी देवी , कायस्थ कुल गौरव हैं ।
Ji is galti ka jikra description box me mentioned hai
Lekin Hamare toh chathh ke lokgeet hote hain aur lokgeet bihar ke tyohar aur dusre occassions pe gaye jaate hain, jo ki bht saalon se matlab pracheen samay se gaaye jate hain,
Bilkul apne sahi kaha but uski recording pahali baar kali devi ki awaj me hua tha
Padmashree vindhyawasini devi ji ke husband ka naam Sahadeshwar chandra verma tha she was from kayasyha community and all of her three children are not alive now
जी उनकी जाति के बारे में ठीक कर दिया गया है जानकारी
Sangit desh kaal se pare hote hai
She was from kayastha Community.
Yes corrected in the comment box
बेजोड़ विश्लेषण
पद्मश्री विंध्यवासिनी देवी भूमिहार परिवार से नहीं थी बल्कि जमींदार कायस्थ परिवार से थीं।इसे ठीक कर लें।
Description box me is galti ka jikra kar diya gaya hai
Sachhi baar hai
She was my dadi saas also
आदरणीय विंध्यवासिनी देवी भूमिहार नहीं कायस्थ जाति से हैं
Ji ho sakta hai hamari jankari adhuri hogi, wo betiya raj se sambandhit thi to mujhe laga Bhumihar hogi
@@nilamsinha8851 bhul jaw batoge to katoge jo v thi hindu thi hmri ma chachi ji dadi ji jaisi thi
Kya fark padta hai kis jati ki thi
Can u give me original kaali Devi voice
We uploaded the song on News Hunters
छठ गीतों को सबने आवाज दी है।रचना किसिने नही की।रचना आम महिलाओं द्वारा की गई है।ये सब लोक गीत है।
Ji jyadatar ghar ke angan me rachit hua hai but ab kuchh likha ja raha hai
Kumud akhauri kayastha thi
Bindyawasini devi was from chitransh family🙏
Bhojpuri bhasa per video kab aayega?
छठ के बाद सर, अभी सब सिर्फ़ छठमय है।
Kuch bhi kaha jaaye per ye batayiye ki Jaativaad ker kertey sab khatam ho jaayega tab batayengey ki aseyha kuch bhi hota hai Mithilaakshar ka script 2000 yr old ka hai or 500 hundred yr old script abhi rakha hua hai per Ab sab Bangla aksher kehtey hai 😊
Vidyvasini devi ka jo news wala jati ka Nam Lia hai unko Turan mafi magna chahia bidyavasini devi ka potra ko ma 20 sal sa Jan raha hai walog kayath jati ka hai mafi maga news h. Wala
Ap apne content ko tik kare aur upload kre vidhvashni devi meri fua hai woh kayasth hai .
Description box me is galti ka jikra kar diya gaya hai
कुछ भी कहा जाए लेकिन आपका जो विश्लेषण का कोई जोड़ नहीं हैं
Bahut bahut dhanyawad
You. have. wrong. information. about. her. cast. . Bindyawasni. Devi is. from. Kayasth. community .
Description box me likha hua hai correction
Mujhe laga nitin gadkari hai😅😅😅😅
कायस्थ हैं ये ना कि भूमिहार
Bhai description box me correct kar liya hai
Incorrect information
How?
Tumne bhumihar shabd kyo bola. Isi jagah tum ochhepan dikha diya
Pehele jankari sahi kr lein phir gyan de
She was a Kayastha women not भूमिहार 😢 bro
Yes corrected
jatiwad mat kar Bhai chhath me bhi mahaparv aur mahapavitra parv hai
आप ही बता दीजिए काली देवी को कोई क्यूँ नहीं जानता ?
@@NewsHunters_ kali devi ji ko dhunda youtube par kahi nahi mila
@@rakeshroshan8799batwara ye kaha... Tathakathit pandito ne kiya na 😂😂😂
@@shashiravi9113 ji hai teen geet hai unke uplabdh, vindhwashani devi ke gaane ke collection me hi
@rakeshroshan8799 gobar ganesh ho ka ji 🤣🤣🤣🤣
कुमुद अघोरी जी के गाने भी मैंने सुनी हैं
लेकिन मैंने काली देवी जी के गाने नहीं सुने हैं
मैं काली देवी जी के गाए हुए भोजपुरी गीत सुनना चाहूँगी
UA-cam par uplabdh hai
Vindhvasini Devi ji ko Mera Salute
Bindyawasini devi was from chitransh family🙏