प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व मुख्य न्यायाधीश अगर आपस में मिलते हैं तो भला क्या बुराई है? मिलने का मतलब यह नहीं होता कि वे एक दुसरे के अनुसार ही अपने पद का कार्य करेंगे! बड़े लोगों का उठना बैठना बड़े मध्य ही तो होगा, आखिर उनका भी व्यक्तिगत जीवन है! हो सकता है कि वे सब आपस में सहमति से राष्ट्रहित में कुछ योजना बनाएं! सिर्फ कानून की फाइल में हस्ताक्षर करने से कुछ भला नहीं होने वाला, उसका सही क्रियान्वयन जरूरी है। देश के तीनों महामहिम का आपस में नियमित मिलना एक स्वस्थ परंपरा है जो भूतकाल में कभी भी नहीं हुआ, अब इसका स्वागत किया जाना चाहिए। विरोध करने के लिए विरोध करना कहा तक उचित है! 🌻🙏जय बाप्पा मोरया 🙏🌻
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व मुख्य न्यायाधीश अगर आपस में मिलते हैं तो भला क्या बुराई है? मिलने का मतलब यह नहीं होता कि वे एक दुसरे के अनुसार ही अपने पद का कार्य करेंगे! बड़े लोगों का उठना बैठना बड़े मध्य ही तो होगा, आखिर उनका भी व्यक्तिगत जीवन है!
हो सकता है कि वे सब आपस में सहमति से राष्ट्रहित में कुछ योजना बनाएं! सिर्फ कानून की फाइल में हस्ताक्षर करने से कुछ भला नहीं होने वाला, उसका सही क्रियान्वयन जरूरी है। देश के तीनों महामहिम का आपस में नियमित मिलना एक स्वस्थ परंपरा है जो भूतकाल में कभी भी नहीं हुआ, अब इसका स्वागत किया जाना चाहिए। विरोध करने के लिए विरोध करना कहा तक उचित है!
🌻🙏जय बाप्पा मोरया 🙏🌻
🇮🇱🇮🇱🚜🌹🛕🚜🇮🇱🚜🌹🚜🇮🇱 देश के जनता को दोगले नेता दोगले हिन्दू नहीं चाहिए सिर्फ हिन्दू धर्म चाहिए
Modi,ji,ko,nahi,jana,chahiye