बहुत , बहुत, बहुत,बहुत, बहुत ही महत्वपूर्ण वीडियो, सर आपका बहुत बहुत साधुवाद! आपने ने तो आंखें खोल दी। आप हमको अंधकार से प्रकाश की ओर ले जा रहे हो। आप स्वस्थ्य रहें! आपका बहुत-बहुत आभार !🎉
धन्यवाद सर आपका वीडियो बहुत बहुत इंपॉर्टेंट है। वैसे मैं संस्कृत एवं पाली भाषा जानता हूं। Thodi प्राकृत Bhasha bhi jaanta hun. स्वामी द्वारिका दास शास्त्री ने पाली भाषा में भागवत गीता का अनुवाद किया है। उसकी भूमिका में उन्होंने इस विषय को बहुत अच्छे से स्पष्ट किया है। विपस्सना ध्यान साधना करने वाले भंवरसिंह सेहवाल और अन्य अनेक साधकों ने भी इसी विषय को स्पष्ट किया है। सम्यक प्रकाशन से ये किताबे प्रकाशित हुई है।
बोधिसत्व कृष्ण और बोधिसत्व राम, बोधिसत्व तारा देवी और नागकन्या मंजूश्री जैसे असली पात्र , पाली प्राकृत साहित्य से चूराया गया है। उसके बाद, इन पात्रों को चूरा कर, इन महापुरुषों का चरित्रहनन कर, मध्यकाल में संस्कृत साहित्य लिखा गया है।
❤🎉 बहुत ही सुन्दर जानकारी दें रहें हैं , सर जी, निरन्तर जानकारी देते रहें ,जिससे सही और गलत में क्या क्या अंतर है,मिलता रहेगा ,आप और आपके सहयोगी गणों को बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं।
जितना भी ब्राह्मण धर्म ग्रंथ लिखा है और सभी मुगलों के समय में लिखा गया है रिफरेन्स कों सही से रिसर्च करना सभी का झुठ सामने आ जाएगी ब्राह्मण की लिखी हुई यानी मनूवादी कोई भी रिसर्चर सही से इमानदार लेखक मनूवादी कभी भी नहीं हों सकता कहानी में कहीं ना कहीं बाहमनी करण ज़रूर करते हैं कभी भी किसी मनूवादी पर आंख बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए जय भीम नमः बुधाय
🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻मेरी सभी "हमारा अतीत" के पाठकों से विनम्र बिनती है, कि वह हमारा अतीत के चॅनल कों ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, और सभी भारतवासियों को भारत की प्राचीनतम एवं अखंड सच्चाई से अवगत कराएं, और ईस नेक काम कों सराहने के साथ साथ आपसे जितना भी बन सकें चॅनल कों न्युनतम हि सही,अर्थदान जरुर करें, 💐नमो बुद्धाय, 💐नमो बुद्धाय,💐 नमो बुद्धाय,🌺 सब का कल्याण हो,🌺 मंगल हों.🌺🌺💐💐💐 धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
नमस्कार सर, महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आपका आभार 🙏🏽 मैंने सुना है वेद पहले संख्या में तीन ही थे जिन्हें संयुक्त रूप से ' वेदत्रयी ' कहा जाता था चौथा वेद बादमें जोड़ा गया। कृपया इस बारे में भी बताइए।
Aapney jo prachin Bharat ke Itihash par jankari rakhi aur tathyon ke Aadhar par JANKARI diya ,o Aam janta tak bhi pahuchna chahiye Duniya ka prachin dharm Bhudhism hai ,aur sabhi dharm ki janani hai ,aur ushi Bhudhism ko Aalag nam dekar unke granth ko chori karkey Anya name diya gaya Aapka mehnat Jarur Bharttiyon ko ghyanwan banayega
❤❤❤❤❤ Sachchai Batakar Logo ko Jagruk Karane ke liye Aap ko koti koti Namami Abhinandan Aabhar v Badhai Namo Buddhay Buddhamay BharatVarsh Jai Vigyan Jai Kisan Jai Jawan Jai Samvidhan Jai Bhim Jago Jago Andhabhakton Jago OBC ScSt bhahujano Mulniwasiyon Jago Abhi nahi to kabhi nahi Manuvadi RSS BJP Hatao Desh Pradesh Samvidhan Bachao
किसीको नीचा कर कोई अपने आपको ऊंचा नहीं हो सकता उल्टा नीचा हो नाचा जाता हैं अंतमे आश्रय किया है वही महत्व बाबत होती है नही की कोन कहा किसको उदेश कर बोल रहा है कार्य का या बोलने का उद्देश्य मैन चीज़ है
छठी सातवीं शताब्दी में थानेसर (स्थानेश्वर, आधुनिक कुरुक्षेत्र) राजा हर्षवर्धन की राजधानी था और प्रसिद्ध बौद्ध केंद्र था। गीता की रचना भी निकटवर्ती गांव ज्योतिसर में हुई बताई जाती है। इसलिए गीता में बौद्ध कालीन शब्दों का इस्तेमाल होना सामान्य बात है। यह साबित करता है की गीता राजा हर्षवर्धन के बाद ही लिखी गई है।
Sir mai aapka bohot bada fan hu aapke vedio ka hamesh intezar karta rehta hu.mai aapke sath Kam karna chata hu mujhe bhi history pe research karna hai jaise aap karte.kya mujhe bhi aap apne sath Kam karne denge kya. Please reply kariye sir. I am your very big fan ❤❤
Hamare Attit ji, I have one question, in india when British came uss samay Ashok samrat and Buddha ke old shilaalekh mile, uss se pahle koi bhi Buddha ke baare mai nahi janta thaa except south Asia or Tibbat Nepal mai. Only in karela mai ek book Manju……., toh iska matlab geeta ka janam British raaj mai hua tha…🤔 because Alburini ne apni book mai iska jikar nahi hai, only Vaasu dev ka naam aaya hai..
Dear - बुद्ध की विरासत को भारत से मुगल काल में गायब किया गया है । मुगल काल से पहले बुद्ध की विरासत भारत में मौजूद थी और उसके प्रमाण भी मिलते हैं । अलबरूनी अपने ग्रंथ में वासुदेव और महाभारत का उल्लेख तो करता है, परंतु उस समय की कहानी और आज की कहानी में जमीन आसमान का अंतर है ।
Book Link - amzn.to/3VZYobF
Dhire dhire sacha bahara araha hai 😊
Is saal kartik purnima ke din mein Bouddha dhamma grahan karunga 🎇
Namo Buddhay
Ma bhi lekin kab bai ki ha purnima
❤🙌🏻
Janm se kon se dharm se ho aap
Namo buddhay 🙏
Namo Buddhaya, Sab ka Mangal ho 🙏
बहुजनों का धर्म 👉 बुद्ध धम्म 🙏
आप जों बोल रहे हें बिलकुल
सही बोल रहे हे सर
बहुत अच्छी जानकारी देते है सर 💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏
बहुत , बहुत, बहुत,बहुत, बहुत ही महत्वपूर्ण वीडियो, सर आपका बहुत बहुत साधुवाद!
आपने ने तो आंखें खोल दी। आप हमको अंधकार से प्रकाश की ओर ले जा रहे हो। आप स्वस्थ्य रहें! आपका बहुत-बहुत आभार !🎉
बुद्ध धर्म ही सर्वोत्तम धर्म ही हैं
प्रणाम् बुद्ध भगवान। नमो नमः बुद्धाय।
नमो बद्धाय भबतु सब्ब मंगलम
Sir ji 🙏 prnam.bahut hi rochak jankari.❤❤❤❤❤
🙏
धन्यवाद सर आपका वीडियो बहुत बहुत इंपॉर्टेंट है। वैसे मैं संस्कृत एवं पाली भाषा जानता हूं। Thodi प्राकृत Bhasha bhi jaanta hun. स्वामी द्वारिका दास शास्त्री ने पाली भाषा में भागवत गीता का अनुवाद किया है। उसकी भूमिका में उन्होंने इस विषय को बहुत अच्छे से स्पष्ट किया है। विपस्सना ध्यान साधना करने वाले भंवरसिंह सेहवाल और अन्य अनेक साधकों ने भी इसी विषय को स्पष्ट किया है। सम्यक प्रकाशन से ये किताबे प्रकाशित हुई है।
Behatarin jankari👌🏼❤
सो प्राउड ऑफ यू जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय पाखंड मुक्त भारत अभियान ✍️ एथिस्ट-रूपेश कुमार 📚🇮🇳💙💪🙏
Great contribution, Sir.
Dear Hamara Ateet sir ji good morning aap ko dil se Abhaar Namo buddhay Jai bhim Jai samvidhan Jai vigyan Jai bharat Jai mulnivasi 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
🙏 जय भीम 🌹नमो बुद्धाय 🙏
बोधिसत्व कृष्ण और बोधिसत्व राम, बोधिसत्व तारा देवी और नागकन्या मंजूश्री जैसे असली पात्र , पाली प्राकृत साहित्य से चूराया गया है।
उसके बाद, इन पात्रों को चूरा कर, इन महापुरुषों का चरित्रहनन कर, मध्यकाल में संस्कृत साहित्य लिखा गया है।
💐💐💐🙏 फार महत्वपूर्ण माहिती आपले धन्यवाद
I like the information sir I salute you 🤠😄
Jai bhim Namo buddhya Sir✨🪷
बेहतरीन विश्लेषण है आपका
बालू की भीत पे खड़ा है, हिंदू धर्म
❤🎉
बहुत ही सुन्दर जानकारी दें रहें हैं , सर जी, निरन्तर जानकारी देते रहें ,जिससे सही और गलत में क्या क्या अंतर है,मिलता रहेगा ,आप और आपके सहयोगी गणों को बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं।
जितना भी ब्राह्मण धर्म ग्रंथ लिखा है और सभी मुगलों के समय में लिखा गया है रिफरेन्स कों सही से रिसर्च करना सभी का झुठ सामने आ जाएगी ब्राह्मण की लिखी हुई यानी मनूवादी कोई भी रिसर्चर सही से इमानदार लेखक मनूवादी कभी भी नहीं हों सकता कहानी में कहीं ना कहीं बाहमनी करण ज़रूर करते हैं कभी भी किसी मनूवादी पर आंख बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए जय भीम नमः बुधाय
Thank you so much sir for opening the eye & exploring the real indian history ❤
मै बुध्द की सरण मे जाता हू,
मै धम्म की सरण मे जाता हू,
मै संघ की सरण मे जाता हू ।
🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻मेरी सभी "हमारा अतीत" के पाठकों से विनम्र बिनती है, कि वह हमारा अतीत के चॅनल कों ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, और सभी भारतवासियों को भारत की प्राचीनतम एवं अखंड सच्चाई से अवगत कराएं, और ईस नेक काम कों सराहने के साथ साथ आपसे जितना भी बन सकें चॅनल कों न्युनतम हि सही,अर्थदान जरुर करें, 💐नमो बुद्धाय, 💐नमो बुद्धाय,💐 नमो बुद्धाय,🌺 सब का कल्याण हो,🌺 मंगल हों.🌺🌺💐💐💐 धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मोदी जी जाति जनगणना करो,
वरना कुर्सी खाली करो 🙏🙏
Great work sir ji 🙏🙏
Thanks, Team Hamara Ateet 🙏🏻
adbhut👌👌👌👌👌
Dhanyawad sir, aap bas video banate rhe🙏💙
Bohot badhiya jankari sirji 🙏
Sir aap jankary bahut achi dete h namo budhay sir 12 sadi me up ke raja pasi ke bare me bhi video banaiye
NamoBuddhay-🙏
sir.
Very true ❤
बहुत अच्छी जानकारी है।
उत्तम ज्ञान बताया है।
बेहतरीन विडियो सर, ❤❤❤❤❤
Bilkul sahi vishleshan kiya hai sir apne 🙏🙏🙏🙏
Sabka Mangal ho.
Namo buddhay 🙏
Bahut achchhi jankari
Great analysis sir
नमस्कार सर,
महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आपका आभार 🙏🏽
मैंने सुना है वेद पहले संख्या में तीन ही थे जिन्हें संयुक्त रूप से ' वेदत्रयी ' कहा जाता था चौथा वेद बादमें जोड़ा गया। कृपया इस बारे में भी बताइए।
Aapney jo prachin Bharat ke Itihash par jankari rakhi aur tathyon ke Aadhar par JANKARI diya ,o Aam janta tak bhi pahuchna chahiye
Duniya ka prachin dharm Bhudhism hai ,aur sabhi dharm ki janani hai ,aur ushi Bhudhism ko Aalag nam dekar unke granth ko chori karkey Anya name diya gaya
Aapka mehnat Jarur Bharttiyon ko ghyanwan banayega
Thank you sir ji
Everyone plz Like & Share As well as Maximum... ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Itni mahatvapurna jankari humse sajha karne ke liye aap ka bohot bohot dhanyawad 🙏
बहुत बढ़िया। क्या गीता को पढ़ा है यदि नहीं तो एक बार जरूर पढ़ें।
धम्मपद ही गीता ह ❤❤❤ जय समण संघ
BAHUT SAHI JAANKARI HAI!
Good wark sir 🙏🙏
Very very very important.
Namobudhay
Infometiv ❤❤❤❤❤
Good job keep it up👍
Namo buddhay 💗💗❤️ 💕
गीता बौद्ध धर्म की नकल है,चोरी है.
Very good speech
Very rare and informative ❤️🙏🌹👍🏼👑
True information
Very nice.
Very good sir Ji 🙏🙏🙏🙏👌👍
❤❤❤❤❤ Sachchai Batakar Logo ko Jagruk Karane ke liye Aap ko koti koti Namami Abhinandan Aabhar v Badhai Namo Buddhay Buddhamay BharatVarsh Jai Vigyan Jai Kisan Jai Jawan Jai Samvidhan Jai Bhim Jago Jago Andhabhakton Jago OBC ScSt bhahujano Mulniwasiyon Jago Abhi nahi to kabhi nahi Manuvadi RSS BJP Hatao Desh Pradesh Samvidhan Bachao
Bahut achhi jankari
Bilkul sahi namo buddhay
किसीको नीचा कर कोई अपने आपको ऊंचा नहीं हो सकता उल्टा नीचा हो नाचा जाता हैं अंतमे आश्रय किया है वही महत्व बाबत होती है नही की कोन कहा किसको उदेश कर बोल रहा है कार्य का या बोलने का उद्देश्य मैन चीज़ है
If everything from Buddhism then Brahmin always for appreciation coz they rule on everyone for his knowledge.
नमो बुद्धाय जय भारत
❤❤❤
Nice 👍🏻
Pipal ka bhoot khanai hmra taraf bhi bhut suna ko milti h jab hum chota tha tab ki baat h
सर आपकी किताब जल्दी जल्दी से जल्दी आणि चाहिए क्यों की बताने के लिए बोहोत कुछ है।
प्रणाम सर जी🙏 बहुत सुंदर जानकारी. बहुत बहुत धन्यवाद.
Great Budha ❤ Great India
मैं तो बुद्ध मै पहले से ही हूं
Very nice
कुल मिला कर बात तो गीता की है..
Jai Bheem Namo Buddha 🙏🌷☸️.
Namo buddhay sar ji
Sir caste history par video babao. ❤
Tq❤ se sr🙏
Sir ji apne Aaj tak Ram ke ke ithash ke Bare Me video Nhi Banaya ki Ram kon hai
जय श्री राम जय छ्त्रपती शिवाजी महाराज 🧡
नमस्कार, गीता महाभारत का ही अंश है. अर्थात गीता के लेखक व्यास हैं.
GoodNews
Namo budhaye
छठी सातवीं शताब्दी में थानेसर (स्थानेश्वर, आधुनिक कुरुक्षेत्र) राजा हर्षवर्धन की राजधानी था और प्रसिद्ध बौद्ध केंद्र था। गीता की रचना भी निकटवर्ती गांव ज्योतिसर में हुई बताई जाती है। इसलिए गीता में बौद्ध कालीन शब्दों का इस्तेमाल होना सामान्य बात है। यह साबित करता है की गीता राजा हर्षवर्धन के बाद ही लिखी गई है।
Sir विज्ञान भैरव तंत्र पर भी वीडियो बनाइए मुझे लगता है यह भी बुद्ध के विपस्याना का फोटोकॉपी है
Sir ji Aardh Magdhi bhasa kis kaal ka hai?
Sir please kashyap rishi ke bare mein bataye inka asli itihas kya hai thank you sir ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sir mai aapka bohot bada fan hu aapke vedio ka hamesh intezar karta rehta hu.mai aapke sath Kam karna chata hu mujhe bhi history pe research karna hai jaise aap karte.kya mujhe bhi aap apne sath Kam karne denge kya.
Please reply kariye sir.
I am your very big fan ❤❤
Good night sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
Hamare Attit ji, I have one question, in india when British came uss samay Ashok samrat and Buddha ke old shilaalekh mile, uss se pahle koi bhi Buddha ke baare mai nahi janta thaa except south Asia or Tibbat Nepal mai. Only in karela mai ek book Manju……., toh iska matlab geeta ka janam British raaj mai hua tha…🤔 because Alburini ne apni book mai iska jikar nahi hai, only Vaasu dev ka naam aaya hai..
Dear - बुद्ध की विरासत को भारत से मुगल काल में गायब किया गया है । मुगल काल से पहले बुद्ध की विरासत भारत में मौजूद थी और उसके प्रमाण भी मिलते हैं । अलबरूनी अपने ग्रंथ में वासुदेव और महाभारत का उल्लेख तो करता है, परंतु उस समय की कहानी और आज की कहानी में जमीन आसमान का अंतर है ।
Thank you very much Sir for enlightening us!!!
Ye Sach Hai 🎉
भागवत गीता तो महाभारत महाकाव्य का एक हिस्सा हैं तो महाभारत भी बौद्ध ग्रंथ है क्या? गीता में मांसाहार मना किया गया हैं ये बौद्ध संप्रदाय मानता है क्या
Sir Gita aur Dhammapad mein bhi similarity hai plz make a vedio on same