चाचा जी 16 वी सदी में जातक कथा के बासुदेव को श्री कृष्ण मान कर कपोल कल्पित कहानी लिखी गई थी यह यदुवंशी, अहीर और अभीर नही है केवल केवल इस कहानी में मिलता है कि कृष्ण का लालन पालन ग्वाले, अहीर के के घर हुआ था मनुवादियों ने अहीर समाज को भ्रमित करने का विचार धारा बनाई गई है आहिर यदुवंशी आभीर ग्वाला इत्यादि की उत्पत्ति का एविडेंस सुजाता बौद्ध भिक्षुणी थी और है जिनका प्रमाण गया बिहार से सुजाता सपूत मिला है जिसको महान सम्राट अशोक मौर्य के राजवंश में मरम्मत कराया गया है वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जी अपनी अफीसियल फाइल सुरक्षित रखा गया आज बहुत बड़ा ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है साथियों
चाचा जी 16 वी सदी में जातक कथा के बासुदेव को श्री कृष्ण मान कर कपोल कल्पित कहानी लिखी गई थी यह यदुवंशी, अहीर और अभीर नही है केवल केवल इस कहानी में मिलता है कि कृष्ण का लालन पालन ग्वाले, अहीर के के घर हुआ था मनुवादियों ने अहीर समाज को भ्रमित करने का विचार धारा बनाई गई है
आहिर यदुवंशी आभीर ग्वाला इत्यादि की उत्पत्ति का एविडेंस सुजाता बौद्ध भिक्षुणी थी और है जिनका प्रमाण गया बिहार से सुजाता सपूत मिला है जिसको महान सम्राट अशोक मौर्य के राजवंश में मरम्मत कराया गया है वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जी अपनी अफीसियल फाइल सुरक्षित रखा गया आज बहुत बड़ा ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है साथियों