निष्काम कर्मी को कैसे पहचाने? || आचार्य प्रशांत (2024)
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- Опубліковано 26 вер 2024
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वीडियो जानकारी: 11.04.24, गीता सत्र, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ निष्काम कर्मी को कैसे पहचाने?
~ कैसे पहचाने कि कोई प्रसिद्ध व्यक्ति निष्काम कर्मी है या नहीं?
~ अपने जीवन में कामनाओं को कैसे पकड़ें और समझें?
~ ढर्रों को कैसे बदलें जीवन में?
~ अपने आदर्श कैसे चुनें?
संगीत: मिलिंद दाते
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#acharyaprashant
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उसकी कामना को पकड़ने के लिए अपनी कामना का पता होना जरूरी है,उसकी चलाकियों को पकड़ने के लिए अपनी चलाकियों का पता होना जरूरी है,उसके लिए आत्मज्ञान चाहिए, स्वयं का ज्ञान होना चाहिए,
आत्मज्ञान का अर्थ होता है पूरे जहान का पता चल गया, क्योंकि ये पूरा जहान है तो मेरी ही छाया, जो खुद को जान गया वो सबकुछ जान गया,
जो स्वयं को जानता है,वो सबसे बड़े दुश्मन को जान गया।।
आत्मज्ञान के प्रकाश में, अन्धे कर्म सब त्याग दो
निराश हो निर्मम बनों, ताप रहित बस युद्ध हो।
करुणा को नहीं कामना को पकड़ो,
निष्कामना को नहीं सकामना को पकड़ो,
जो स्वयं को जानता है ,वो अपने सबसे बड़े दुश्मन को जान गया।।❤❤
जो स्वयं को जान जाता है वो सबको जन जाता है ❤
आप को बहुत बहुत आभार 🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी कोटि कोटि प्रणाम
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namo Narayan Radhe radhe
namastey acharya ji ❤
जो स्वयं के भीतर शत्रु को पहचान लेता है उसको बाहर का शत्रु क्या बिगाड़ सकता है।
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Aacharya ji parnam
प्रणाम आचार्य जी ❤❤
Good sir 🙏
आत्मा बोध है,प्राण है,जगत का कल्याण है,
आत्मा नहीं तो सर्वत्र सब,निरर्थ नाशवान है।
आचार्य जी नमस्कार।
Aacharyaji ahut satik arth batate hai aap ko bahutbahut dhanyabad.
Just chill 😅
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