#Tractor

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  • Опубліковано 6 лют 2025
  • #Tractor पे कम खर्च मे हो रहा कपास और Vegetables की कूडाइ तुसाइ।
    यदि पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हैं तो कपास की फसल को मई माह में ही लगाया जा सकता हैं सिंचाई की पर्याप्त उपलब्धता न होने पर मानसून की उपयुक्त वर्षा होते ही कपास की फसल लगावें। कपास की फसल को मिट्टी अच्छी भूरभूरी तैयार कर लगाना चाहिए।
    यह किस्म 160-170 दिन में पक कर तैयार हो जाती है इसलिए यह किस्म कपास-गेहूँ व कपास - राया फसल चक्र के लिए उपयुक्त है । इस किस्म की औसत पैदावार 8.6 क्विंटल प्रति एकड़ है व अधिकतम पैदावार 15.4 क्विंटल प्रति एकड़ है।
    एक एकड़ में लगभग चार किलो बीज लगाना चाहिए। इसको ज़मीन के अंदर लगभग 4 से 5 सेंटीमीटर नीचे डालना चाहिए। इसके अलावा अधिक क्षारीय भूमि में कपास की खेती करने के लिए मेड़ों के ऊपर बीज लगाएं। कपास की सिंचाई: इसकी खेती में कम पानी की ज़रूरत पड़ती हैं।
    डा. केशव राज क्रांति ने बताया कि दुनियाभर में कपास के बड़े उत्पादक देश आस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन और मेक्सिकों जैसे देशों में भी कपास की फसल 150 दिन में तैयार होती है, लेकिन भारत में इसकी खेती में बहुत समय लगता है।
    कपास की सघन खेती में कतार से कतार 45 सेमी एवं पौधे से पौधे 15 सेमी पर लगाये जाते है, इस प्रकार एक हेक्टेयर में 1,48,000 पौधे लगते है। बीज दर 6 से 8 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखी जाती है। इससे 25 से 50 प्रतिशत की उपज में वृद्धि होती है ।
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