मैया सुध नहीं बिसारू मैं राम की हो माँ -भैया राजेश चंद्रवंशी- जाग्रति जस मंडल सालीवाडा - कन्हान 2NDR

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  • Опубліковано 10 жов 2024
  • सुध नहीं बिसारू मैं राम की हो मां
    सुध नहीं बिसारू मैं राम की हो मां
    मैया सुधर नहीं मैं बिसारू राम की हो मां।।
    हरन लड्डुआ चली चली मधुवन नार
    उठ सीता भोजन करो लंका पे राज
    सुधी नहीं बिसारू राम की हो मां
    सुध नहीं बिसारू मैं राम की हो मां।।
    ऐसे भोजन ना करू रे मोहे नहीं रे सुहाए
    मर जौ वास पे रहने जौ राम के पास
    सुध नहीं बिसारू मैं राम की हो मां
    मैया सुधर नहीं मैं बिसारू राम की हो मां।।
    ऐसी सीता सतवंति रे एक पुरुष की नार
    एक पुरुष की नर काहे आई गढ़ लंका रहते राम के पास
    सुध नहीं बिसारू मैं राम की हो मां
    मैया सुधर नहीं मैं बिसारू राम की हो मां।।
    का कहु लक्ष्मण देवरा वचन लियो रे हारे
    टीनो लोक एक छिन में लंका कौन दिशा में
    सुध नहीं बिसारू मैं राम की हो मां
    मैया सुधर नहीं मैं बिसारू राम की हो मां।।
    बेंजो वादक -भैया बबलू जी चंद्रवंशी
    ढोलक वादक - भाई विश्वकर्मा जी
    तबला वादक -भैया विनोद जी चंद्रवंशी
    पैड वादक -भाई नीलेश चंद्रवंशी
    हार्मोनियम वादक -भैया अजय जी चंद्रवंशी
    कोरस-समस्त मंडल सदस्य

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