जोधपुर में रेलवे स्टेशन के नाम पर मचा बवाल,राईका समाज का फूटा गुस्सा देखें वीडियो
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- Опубліковано 1 жов 2024
- जोधपुर में रेलवे स्टेशन के नाम पर मचा बवाल,राईका समाज का फूटा गुस्सा देखें वीडियो
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Produced By: Jhalko Jodhpur
Edited By: Mukesh Bohara
Reported By: Aditya Ji
Cameraman :
राजपूत समाज का पूरा समर्थन है, राईका भाईयों को👑🛡️❤️
मोतीसिंह जोधा साहब को धन्यवाद ❤ राईका एकता जिंदाबाद
में हमारे राईका भाईयों के साथ हूं, राजपूत समाज के सामाजिक नेताओ से निवेदन है कि हमारे भाईयों का सहयोग करो
राईका समाज ने हमेशा से राजपूत समाज का साथ दिया है 😮 ये किसी से छुपा हुआ नहीं है। और आगे भी देंगे 🙏🤲🌺🌹 इसलिए ऐसी घटिया हरकतों से बाज आ जाएं।
अरे ये रबारीयो की.आस.लगाये बेठै हौ की रबारी हमे साथ देंगे केसे केसे राजपुत है
देवासी+ राजपूत=💪💪
मोतीसिंह जी का आभार❤ 36 kom ka abhar,,, Raika bag,,,
राजपुत समाज हमेशा दैवासी समाज कै साथ मे रहैगा भाई साहब जय माताजी ❤
मोती सिंह जोधा पूरा राजपूत समाज क्षत्रिय देवासी राय का समाज के साथ है
राईका Rabari देवासी समाज की जायज मांग है, सरकार को जल्द पूरी करनी चाहिए मांगे 🙏🙏🚩🚩
राजस्थान की सरकार से निवेदन करता हूं कि राईका समाज(देवासी समाज )कि जायज मांग है राजस्थान सरकार को इस पर तुरंत रूप इस मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेकर तुरन्त समाधान करना चाहिए
मोतीसिंह जोधा साहब को धन्यवाद ❤❤
जय श्री हकम ❤ भाई साहब मोतिसिह जी साहब जिन्दाबाद जिन्दाबाद ❤
मोतीसिंह जोधा साहब को धन्यवाद राईका एकता जिंदाबाद
राजस्थान सरकार को समय रहते हैं इस मुद्दे को संज्ञान लिया जाए रायका समाज के भोले पन का राजस्थान सरकार फायदा ना उठाएं अन्यथा आंदोलन सरकार के लिए बुरा होगा
केन्द्रीय बस स्टैंड राईका बाग जोधपुर
तो राईका बाघ लिखना चाहिए
मोती सिह साफो जोर लागे
JAY rajputana hkm 🙏🙏 Jay mataji Jay rajsthan ❤
गजेन्द्र सिह ठाकूर ने जमीन दी उसका नाम होना चाहिए
जय राईका समाज
BJP ही हमारा समाधन नही निकालती तो फिर क्या फायदा
Bhai bjp samadhan nikalegi tension na lo kangress hoti to nahi leti bhai
@@ashapurimetalcorporation678 अपनो को अपना दुख बताना पडता है sir जब अपने भी आज आख बंद कर दे तो हम cσngrєѕѕ से तो हम आस भी नहीं रखते है. ...ऐसे काम के लिए भी हमको आन्दोलन करना पण रहा है जब की डबल ईंजन की सरकार है हमारी
आपने आषवासन दिया बहुत बहुत धन्यवाद ѕír.👏👏
मोती सिंह जोधा ❤
paras Gurjar sarpanch rajlani Jodhpur ,nsui Ke natation Sayanjok
लाल सिंह जी देवासी का शानदार कुशल नेतृत्व
Real me Raika bagh hai, Dewasi samaj ka kahna bilkul sahi hai,
❤ रजलानी सरपंच पारस जी गुर्जर सदैव ही छत्तीस कॉम की आवाज बुलंद करते आए हैं ❤ जय मारवाड़ जय जय राजस्थान ❤
Vah Bhai vah rajveer singh
रायका समाज समाज का राजपूत समाज बहुत सम्मान करता है श्री राजपूत राय का समाज के साथ है
जय पाबुजी महाराज की जय👌👌👌👏👏👏👏🚩🚩🚩🚩🚩
Devasi samaj sabhi ko bhaiyon ko Ram ram
रायका बाग जिंदाबाद इंक़लाब जिंदाबाद भारत माता की जय 🙏🙏🚩🚩💯
यह राजा महाराजाओं के टाइम का बना हुआ है राय का भाग राईकाबाग के साथ में समझौता राय का भाव के साथ खिलवाड़ करना गलत है
मोतीसिंह जी का आभार❤ 36 kom ka abhar,,, Raika bag,,,
Devasi samaj Ko sath Dene Wale samaj ka bahut bahut aabhar Rajput samaj aur Anya logon ka
Moti singh jodha ❤❤❤❤
राजपूत यानी क्षत्रीय समाज भी देवासी समाज का साथ दो ।
BOTA BOTA DAN BAD RAJVR RAEKA RAEKA BAGA
HMARH❤❤❤
🙏🙏🙏
राईका बाग हमको चाहिये
आभार सरपंच साहब
छोटे भाई मोती सिंह जी सभी छत्तीस कॉम की लड़ाई को आगे बढ़ाने वाले हैं क्योंकि इनके बारे में कहा जाता है मोती मारवाड़ रो मोती छत्तीस कॉम रो मोती सिंह जी आप संघर्ष करो छत्तीस कॉम आपके साथ है ❤ जय मारवाड़ जय जय राजस्थान ❤
Sarkar logo ke bhavanao se kyo khel rhi hai.
❤ रायका बाग पैलेस ❤ तो महाराजा शुर सैन जी के समय से था इसलिए रेल मंत्रालय और केंद्र सरकार से विनती है कि रायका बाग पैलेस स्टेशन का नाम फिर से रायका बाग पैलेस स्टेशन करने की कृपा करें ❤ जय मारवाड़ जय जय राजस्थान जय हिन्द जय भारत ❤
❤❤❤
Jay rayka samaj ki 🙏🙏🚩
राईका समाज का नारा है राईका बाग हमारा है
राईका बाग चाहिए
जय राईका रबारी देवासी समाज ❤❤
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राईका बाग पैलेस जंक्शन
राजस्थान की सरकार से निवेदन करता हूं कि राईका समाज(देवासी समाज )कि जायज मांग है राजस्थान सरकार को इस पर तुरंत रूप इस मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेकर तुरन्त समाधान करना चाहिए
जय राईका समाज
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Rayka samaj jindabad
Rajput samaj aap k saat h
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🔥🔥💪
SRI MOTI SIHGAJI JODAKO OR BAV SRPNC PARSJI GUJR EN SBKO BOTA BOTA AABARIHU M❤❤❤🙏🙏🙏
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वाह शेरों सलाम हैं एकता 💪🏽
Nice ❤❤❤❤❤
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Jayaj mang
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Jay Rajputana Jay rabari samaj ❤❤
दरबार साहिब के.नाम रखना चाहिए क्यो की.दरबार का
बाग.भी.था
राइका बाग था और राइका बाग ही रहेगा राइका समाज के साथ है हम
M shath hu rajput hu
Bhai y tu rai ka pahad hai
एक भी बोट बीजेपी को नही दिया सफेद जूठ कियू बोल रहें हो
Tune counting ki kya harishchand ke bache
🙏🙏💓
a
Bilkul devashi samaj k sath h hum
❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
❤❤❤❤❤❤❤
❤❤❤
Ram Ram sa 🙏❤️❤️❤️❤️🔥🙌
राम राम जी
RAEKA BAGA HMARAH❤❤❤🙏🙏🙏
इस माँग के पीछे की कहानी का कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है।
जो इतिहासिक सत्य है वो इस प्रकार है आज का जो यह राई का बाग़ रेलवे स्टेशन है किसी वक्त में इस जगह पर जोधपुर रियासत का शुथलखाना था यानि रियासत के ऊंट इस जगह पर रहते थे और ऊंट की देखभाल राईके करते थे, चूंकि जगह दरबार की थी परन्तु राईका लोग रहते थे।
इस जगह पर महाराजा जसवंत सिंह जी की महारानी शेखावतजी की बडारण "राई" ने जोधपुर का " राई का बाग पैलेस" शुरू में बनाया था(सिर्फ एक छोटा मकान),
यह बडारण, महाराजा जसवंत सिंहजी की रानी की दासी थी। राजस्थान की सभी रियासतों में कई बडारणो का व्यक्तित्व महत्वपूर्ण रहा है , जयपुर महाराजा का महल "रामबाग" भी किसी जमाने में एक बडारण का मकान था,
ये इतिहासिक सत्य है जो पद्म श्री लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत नें भी "गिर ऊंचा ऊंचा गढ़ा" में लिखा है परन्तु अब ये कुछ भी कहा जा सकता है..
अब बात आसारानाडा की है तो दुर्गादासजी राठौड़ के पिता आसकरणजी जिनके जागीर का मुख्य गाँव सालवा जिसके पास में उन्होंने नाडा खुदवाया जिसका नाम आसा रा नाडा रखा ( जो करणोंतों के प्रमाणित इतिहास में लिखा है ) और राईकाबाग पैलेस महाराजा जसवंतसिंहजी द्वितीय नें बनवाया जहाँ उनसे लेकर महाराजा उम्मेदसिंहजी तक की चार पीढ़ियों का निवास रहा है तत्पश्चात उम्मेद भवन के बाद तीन पीढ़ियों से वहाँ रह रहे है ये सब प्रमाणित और मेहरानगढ़ स्थित पुस्तक प्रकाश में समकालीन ग्रंथों में दर्ज है बाकी जो लोग कहते है वो सब काल्पनिक है जिसका कोई इतिहासिक आधार नहीं है।
Jalan barkarar rakhe gulaboo bai ke ladlo...😊
मारवाड़ में राईका समाज प्राचीन समय से ही निवास कर रहा है, यह घटना है वि.सं 735 की जब वहा प्रतिहारो का शासन आया उसमे शूर सिंह पीडियार का कालक्रम आया, शूतर सेना राजपूत सेना की जान मानी जाती है।उस समय उनके जो सैन्य ऊंट थे। उनमें बीमारी चली और उस समय वर्तमान जोधपुर नगर की स्थापना नहीं हुई थी वहा पर आशुजी की ढाणी थी तो राजा के सैनिकों ने उन बीमार ऊंटो को वहा छोड़ दिया ढाणी के पास ताकि यह बीमारी महामारी न बन जाए क्योंकि बहुत से ऊंटो के जानकारों से भी इसकी बीमारी का हल नहीं निकला था। जब आसूजी ने उन ऊंटो को देखा तो उनके मन में उनके प्रति दया आई और रबारी कभी भी ऊंटो के दुख को नही देख सकते हैं।वे उम्र मे थोड़े छोटे थे, सैनिकों के द्वारा उन्हें समझाया गया की ये आम ऊंट नही है इनसे दूर रहो लेकिन आशु जी बिना डरे उनकी सेवा करते हैं उसके कुछ समय बाद वे ऊंट स्वस्थ हो गए । इसकी बात राजा को पता चली ओर उन्हें राजदरबार मैं बुलाया और उन्हें राजदरबार में रहने व राजपद देने की बात कही उस समय आशूजी ने मना कर दिया की जब तक मेरे समाज का आम व्यक्ति इतने ऐशो आराम में रहेगा तभी में यहां रहूंगा अन्यथा नहीं उसके बाद उन्होंने रबारी समाज को कई गांवों में जागिरी दिलवाई,ओर बाद में जैसलमेर से विस्थापित राईका ओ को भी जागीरिया दिलवाई, पीड़ियारो के शासन में 38 गांवों की जागिरी रबारी समाज को मिली हुई थी, व आशुराम जी बाद में सेनापति के पद पर भी रहे । ओर उन्होंने ऊंट सैनिकों के लिए उम्दा शूतरखाने बनवाए। ओर बाद में उन्होंने उनकी ढाणी में नाडा खुदवाया ओर उसका नाम उन्ही से आशानाडा पड़ा। इस तरह वे राजा के खास बन गए थे। लेकिन जब रानी उनकी ढाणी से निकली तो उन्होंने देखा की ऐसी जमीन तो पूरे क्षेत्र में नही है और उनके मन में बाग बनाने का ख्याल आया ।ओर राजा से इस विषय में बात की लेकिन उन्होंने आसुरामजी से यह जगह सीधे लेना उचित नहीं समझा और उन्होंने रानी को तरकीब बताई की आप उन्हे धर्मभाई बना लो तो वो आपको चुंदड़ी ओढ़ाई में कुछ देनें की बात कहे तब यह ढाणी ही मांग लेना ओर इस तरह वे तुम्हे मना नही केरेंगे,इस तरह यह जमीन रानी के पास आई और उन्होंने इस जमीन पर बाग लगाया लेकिन इस इतिहास को अमर करने के लिए इसका नाम अपनी प्रिय जाति राईका के नाम पर राईका बाग बनवाया। उनके बाद राठोडो का शासन आया और यहां पर राजा जसवंत सिंह की रानी ने इस बाग में एक पैलेस बनवाया जिसका नाम भी पूर्व नाम पर ही रहा राईका बाग पैलेस, और फिर यहां रेलवे जंक्शन आया,उसका नाम भी इसी पर था लेकिन जब इसका नवीनीकरण हुआ तो इसका नाम राई का कर दिया जिससे इसका अर्थ ही बदल गया।
@@Socialworker723 भाई इस कहानी का इतिहासिक सन्दर्भ बताएं?
अगर सही है तो, मुझे भी जिज्ञासा है, बाकी उल्टे कमेंट करना सिर्फ मूर्खता है,
रबारी समाज मेरे लिए भी सम्मानीय हैं।
@@Chaudhary1992jat देख भाई सीधा।सीधा यही कह दे कि इसके बारे में एतिहासिक सदर्भ में साक्ष्य दो.. देख भाई रबारी समाज ईमानदार समाज है झूठ की बुनियाद पर हम किसी के इतिहासों को हम अपना नहीं बनाते।दूसरी बात यह प्रतिहारो के समय की बात है जो की बहुत प्राचीन है,इसका उल्लेख हमारे राव की बहियों में जिसको न्यायलय भी मान्यता देता है दूसरी बात जब आशुजी की मूर्ति लगी उस समय भी यही समस्या हुई ओर उस समय भी सभी साक्ष्य पूरे किए गए तभी यह मूर्ति लगी,इसके पूरे साक्ष्य समाज के राव जो की लांबिया के है उनके पास ओर हमारे समाज के डॉ.सुखरामजी जिन्होंने राईका समाज के उपर शोध किया है। के पास सभी प्रमाणिक साक्ष्य मौजूद है। दूसरी बात इस बाग में जो पैलेस है वह जसवंत सिंह प्रथम की हाड़ी रानी जसरंग दे ने करवाया था। जो कि सन् 1663- 64 में करवाया था। लेकिन उसका नाम पूर्व में भी राईका बाग था इसलिए इसका नाम राईका बाग पैलेस रखा गया था। ओर आसानाडा आशुजी ने ही खुदवाया था,ओर सिर्फ आसनाडा ही नही रातानाडा भी भी रत्ना जी गोंगल के द्वारा खुदवाया गया था जो की आशुजी के ससुराल से संबंधित थे। इसलिए किसी बिना किसी आधार के किसी समाज की जनभावना को ढेस पहुंचे ऐसा कार्य मत करिए।।
@@Chaudhary1992jatभाई सीधे सीधे यही कह दे कि इसके साक्ष्य क्या है. इसके साक्ष्य लांबिया राव जो की समाज के राव है उनकी बहियो में है जिनको आशुजी की मूर्ति लगवाई तब भी दिए थे जिसे न्यायलय ने भी माना था और मूर्ति लगाने की अनुमति मिली थी।इसके अलावा इसके साक्ष्य डॉ.सुखराम जी के पास मौजूद है जिन्होंने रबारी समाज पर हाल ही में पीएचडी की है। ओर आसानाड़ा ही नही रातानाडा भी रबारी यो ने ही खुदवाया ओर बसाया था । तुम जो साक्ष्य दे रहे हो यह सब 16 वी सदी के बाद के है उसके अलावा आज का उम्मेदनगर भी खटाना राईका ओ ने ही बसाया था जिसका पूर्व का नाम गोल था।बाद में राजा उम्मेदसिंह ने इसका नाम उम्मेदनगर किया। इन सब के बाद भी यदि कोई इसे अन्यथा ले तो यह उसकी मर्जी बाकी राईका बाग तो हो के रहेगा..बाकी आप को ओर कोई साक्ष्य चाहिए तो कॉन्टैक्ट नंबर भेज दीजिए उस पर आपको जानकारी भेज देता हूं
Rabari sahi mein boli ko mein jo bolate Hain vah Khade rahte hain jo hai vah Satya vah Satya hona chahie
Raika samaj Ko Rajput support Karen karte aaye hain aur karte rahenge Rai ka bag hai aur rahega raikabag