इस संवाद को इस तरह समझे... एकलव्य द्रोणाचार्य संवाद: द्रोणाचार्य:- किसके शिष्य हो? एकलव्य:- गुरु द्रोणाचार्य का। द्रोणाचार्य:- किन्तु मेने तो तुम्हें कोई शिक्षा नहीं दी। एकलव्य:- किन्तु मेने तो आप ही को गुरु माना है। द्रोणाचार्य:- किसके पुत्र हो? एकलव्य:- निषात् राज भिल्ल राजा का। द्रोणाचार्य:- कौन वह जरासंघ की सेना का सेनापति? एकलव्य:- जी हां गुरुदेव। द्रोणाचार्य:- इतनी योग्यता प्राप्ति के बाद तुम कहां जाओगे? एकलव्य:- मैं अपने पिता के साथ जरासंघ की सेना का नेतृत्व करूंगा। द्रोणाचार्य:- तुम ये जानते हो जरासंघ मानवता का शत्रु है? नर पिशाच है? एकलव्य:- जी गुरुदेव! मैं फिर भी वहीं जाऊंगा। द्रोणाचार्य:- ओह! तुमने मुझे गुरु माना है, तो तुम्हें मुझे गुरुदक्षिणा देनी पड़ेगी। एकलव्य:- मैं तैयार हूं। द्रोणाचार्य:- अपने दांये हाथ का अंगूठा मुझे दे दो। एकलव्य:- जो आज्ञा (एकलव्य वैसा ही करता है।) इसके बाद जाते समय गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को दांए हाथ की तर्जनी और मध्यमा दो अंगुलियों को दिखाते हुये संकेत दिया कि बाण दो अंगुलियों से भी चलाया जा सकता है। यदि युद्ध में अंगुठा कट गया तो क्या युद्ध स्थल छोड़ कर भाग जाओगे। परिणाम एकलव्य ने पुन: अभ्यास किया और पुन: पूर्ववत् दक्षता प्राप्त कर ली। प्रश्न यही उठता है कि अन्ततोगत्वा अंगूठा कटवाने का उद्देश्य क्या रहा? तो इसके समाधान हेतु यह समझना होगा कि वह किसका पुत्र था? वह निषात् राज भिल्ल् का दत्तक पुत्र था। जोकि जरासंघ की सेना का सेनापति था। वह जरासंघ जो कि अत्यन्त अत्याचारी, क्रूर एवं श्रीकृष्ण का शत्रु था। उसने अपने बल से आसपास के कई राजाओं को बन्दी बना लिया था। ऐसे में उसकी क्षमता में वृद्धि होने का अर्थ है मानव जाति के लिए संकट को बढ़ाना। इसीलिए उसका अंगूठा कटवाया।
मुझे तो बहुत गर्व है कि मैं निषाद वंश में जन्म लिया है जय निषाद ❤❤❤
Jay veer eklavya Jay Nishad Raj. Jay johar Jay aadiwasi 🏹🏹🏹💪💪💪koti koti naman ho
जय वीर एकलव्य निषाद
🙏 जय निषाद राज🙏
🚩⚔ 🕉जय ㆫ निषाद र।ज 🕉⚔🚩
Eklavya ki gurubhakti ko salam
अर्जुन से अधिक बहादुर वीर एकलव्य है
Jai Nishad raj 🚩🚩🙏
Veer Aklabya jai nisad raj
Nice
जय यदुवंशी
जय भिलराज की जेहो
best story nice story EKLAVYA NR
Very nice episode
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति रहा
Jay aklavya Jay nishad Raj
Jaiho ⛳💞🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
⁶
इस संवाद को इस तरह समझे...
एकलव्य द्रोणाचार्य संवाद:
द्रोणाचार्य:- किसके शिष्य हो?
एकलव्य:- गुरु द्रोणाचार्य का।
द्रोणाचार्य:- किन्तु मेने तो तुम्हें कोई शिक्षा नहीं दी।
एकलव्य:- किन्तु मेने तो आप ही को गुरु माना है।
द्रोणाचार्य:- किसके पुत्र हो?
एकलव्य:- निषात् राज भिल्ल राजा का।
द्रोणाचार्य:- कौन वह जरासंघ की सेना का सेनापति?
एकलव्य:- जी हां गुरुदेव।
द्रोणाचार्य:- इतनी योग्यता प्राप्ति के बाद तुम कहां जाओगे?
एकलव्य:- मैं अपने पिता के साथ जरासंघ की सेना का नेतृत्व करूंगा।
द्रोणाचार्य:- तुम ये जानते हो जरासंघ मानवता का शत्रु है? नर पिशाच है?
एकलव्य:- जी गुरुदेव! मैं फिर भी वहीं जाऊंगा।
द्रोणाचार्य:- ओह! तुमने मुझे गुरु माना है, तो तुम्हें मुझे गुरुदक्षिणा देनी पड़ेगी।
एकलव्य:- मैं तैयार हूं।
द्रोणाचार्य:- अपने दांये हाथ का अंगूठा मुझे दे दो।
एकलव्य:- जो आज्ञा (एकलव्य वैसा ही करता है।)
इसके बाद जाते समय गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को दांए हाथ की तर्जनी और मध्यमा दो अंगुलियों को दिखाते हुये संकेत दिया कि बाण दो अंगुलियों से भी चलाया जा सकता है। यदि युद्ध में अंगुठा कट गया तो क्या युद्ध स्थल छोड़ कर भाग जाओगे। परिणाम एकलव्य ने पुन: अभ्यास किया और पुन: पूर्ववत् दक्षता प्राप्त कर ली।
प्रश्न यही उठता है कि अन्ततोगत्वा अंगूठा कटवाने का उद्देश्य क्या रहा? तो इसके समाधान हेतु यह समझना होगा कि वह किसका पुत्र था? वह निषात् राज भिल्ल् का दत्तक पुत्र था। जोकि जरासंघ की सेना का सेनापति था। वह जरासंघ जो कि अत्यन्त अत्याचारी, क्रूर एवं श्रीकृष्ण का शत्रु था। उसने अपने बल से आसपास के कई राजाओं को बन्दी बना लिया था। ऐसे में उसकी क्षमता में वृद्धि होने का अर्थ है मानव जाति के लिए संकट को बढ़ाना। इसीलिए उसका अंगूठा कटवाया।
Very nice Eklavya
Thanks राजा जी. थॅन्क्स रानी जी ❤😮
jai nishad raj
Best sattori nice sattori
Jay Sree Ram
Mast
Eklavya 🏹
Vidya chori karne par bhi chori nahi hoti hai Eklavya maharaj apne to keval abhyash Kiya hai aap mahan hai
Ekalavya mahan yoddha hai
Mujhe bhi pasand hai
𝓢𝓾𝓹𝓮𝓻 𝓰𝓸𝓸𝓭
मुझे गर्व है की मैं भी निषाद राज का वंशज हूँ .. जय जय श्री राम
Jai Nishad Raj
Vineet
ସଦାପ୍ରଭୁ େମାଶାଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞା ପାଳନ କରିବା ଉଚିତ୍ ଓ ତାହାର ସମସ୍ତ େଲାକ େମା ପ୍ରତି ଦୟା ଓ େସ େସମାନଙ୍କୁ େସମାନଙ୍କର ପାପ କ୍ଷମା େଦବା ଓ ତାହାର ଅର୍ଥ େମାେତ ଉତ୍ତର ଦିଗରୁ ଆସୁଥିବା ଏକ ୟଜ୍ଞବେଦୀ େର ଓ ତାହାର ନାମ ଥିଲା ଓ ତାହାର
I Love you
nice episode
Jay Nishad Raj
Chandankumar
I like you bro
बहुत सुंदर
Rajnishkumar
Jay Nishad Raj ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Good 🤩🐢
विजया
जय निषाद राज की हमें गर्व है कि हम निषाद के वंशज है लेकिन इतिहास लिखने वालों ने कुछ और दिखा दिया
Jay Nishad Raj ❤❤❤❤❤❤
Jay nishadh
Jay veer aklavya
𝓜𝓻 𝓢𝓪𝓫𝓲𝓻 𝓚𝓱𝓪𝓷
Shoyab
Ham Nikshad Vanshad Naman Karate Vir Putra Ekalavy Ka
Jai nisad
Suraj kumar
Soyav Rajput movie
Hiij. 💏Janak😎
Jay nisad😊😊😊😊
All episode please😫🙏🙏💓
All episod plzzzz 50.51 52 53 54
ढघमयथध
Jay Nishad putra
Joi nishak puto r Eklavya🙏🙏🙏👍❤️
Eklavya = Arjuna + Arjuna + ... ♾️
Papaya
@@mahendragochhayat5661 11qqqqwqwwqwqwwwwqqqqwwwqwwqwwwwqwwqwqqtttewqwwwww11ttwttttqttwt
Please Ser! Total episode upload Kane ki kripa Kare.
Jay nishad raj
Is episode se bahut motivation hota h
Aage ka bhag 51 to last bhag do
Hi
Wow so nice 😀😃👯💐🇨🇮👄🧡👂💤💬
Fyjgfy
Jhfg
Jhnm
Hjki
Nnknvghjvghhjbv bbbb
Jjgyujggjbcgujv cbmkhdcbhjb xccvbbccvbbvvvvvcccccfhbgvhhjjjjk.
His grace and love for us
एकलव्य का रियल नेमक्या हे
इसका अगला डिक्स नहीं मिल रहा है आप इसे ऑनलाइन एम एक्स प्लेयर पर चैनल बना दीजिए जिसे आपका वीडियो एक लाइन से सभी देख सकते हैं
V
आगे के एपिसोड भेजे
Ekalavya pehela khanda
Eklavya episod agechhod na bhai dekhna hoi
Jay johar jay aadiwasi
Jay Eklavya
Age ke part kaha bhai sahab
Mooj
Eklavya 49 se age episode kha mile ga bhai
Faiz Siddiqui nhi mila
@@fulchandmeena8270 òp
एकलव्य की ध्यान शक्ति ने अहंकार के विकारों की गर्जना का मुँह बन्द कर दिया ।
Ep 50 dekhao
Krishna Kumar Rajbhar
Md noman ansari
50 episode bhag kaha hai bhai
Ganesh Prajapat
Md Sajid ali
50 ke ageka episod bhejo
All episodes plish
Ep50kidhar h
😎😎😎😎😎😎😎
Raushanbabu
#aykutkul144youtube
🙏🙏🙏🙏
❤ंं❤ंं❤ं❤ं❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Stujj
Yds
49se age ke episode kaha h bhai
Arif
M
EBRARSALMANT
E psod 1
Aklb49
50 ka apisod kidar gaya bhaisab
❤❤❤😢😅😢🎉😮
50 va episode
Gh
Guddu saxena ji
Hi
Zzuuhhz
49
Santosh Malik
A to z episode sirial
Eaklvy epsod3
Mahan eklaw
L
L
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freefire
Gamr