Ayub khan ne mere saath bhi aisa hi kiya hai.mujhe kewal 8-9 anko ki interview me aavashyakata thi. interview bhi achchha gaya.25 minutes interview huaa par reserve me rakh diya.isake khilaf sarkaar ko gyapan dena chahiye
बच्चों को साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग करने की मांग करनी चाहिए।ताकि साक्षात्कार में प्रभावी पारदर्शिता आ सके। इससे साक्षात्कार बोर्ड का मुखिया सही आकलन करने के लिए बाध्य होगा। आजकल दबाव बनाने से सब संभव है।बस युवाओं को मोर्चा खोलना होगा। वैसे भी ये सब सदस्य कांग्रेस सरकार के समय के लगे हुए हैं। इसलिए वर्तमान सरकार के सामने पक्षपात या पारदर्शिता की कोई बात रखेंगे तो सरकार उनकी बात को सुनेगी भी।
सर अब जिसका इसमें नम्बर आफ गया है उनकी नौकरी पक्की हो गई है ना मेरे मन में ये 37 अभ्यर्थी जिनके परिणाम सील बंद लिफाफे में है उसके बारे में प्रश्न है कृपया बताए क्या ओर परिणाम आएगा क्या
आयोग एक स्वतंत्र प्राधिकरण है।इसके खुद के नियम कायदे है। कोई दबाव नहीं। इन्होंने भर्ती के फार्म भरने के समय जो नियम उल्लेखित कर दिये उनका शत-प्रतिशत पालन किया जाता है और करवाया जाता है। यदि रिजल्ट नहीं आया तो यह जिम्मेदारी आयोग की नहीं है।वो अभ्यर्थी न्यायालय चले गये। न्यायालय ने सिर्फ उनको सुना और आयोग से जवाब मांग लिया। आयोग अब बता देगा कि निर्धारित तिथि तक इन्होंने प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किये और खारिज हो जायेगा।इनका कुछ नहीं होना।इनको भी पता है कुछ नहीं होना सिर्फ साक्षात्कार देने का अनुभव जरूर हो गया जो आगे की भर्ती में काम आयेगा।
सही कहा। मेरी बिटिया को भी साक्षात्कार में अच्छे अंक दिये। लिखित में 136अंक थे। मूल सूची में तो नहीं आई परन्तु ओबीसी आरक्षित सूची में 91 वां स्थान मिला। जिसका कट आफ 153 से ऊपर रहा।अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसको साक्षात्कार में कितने अंक मिले। साक्षात्कार में भाग्य व दिन ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। क्यों कि बोर्ड का मुखिया कौन है।आपका साक्षात्कार शुरू किस दिशा में हुआ है। अर्थात आपके रूचि व तैयारी के विषय से संबंधित है या और किसी रूप में। कोई शिक्षक लगा है तो उसके स्कूल की गतिविधियों से हो जाता है जहां से पढ़ाई की है वहां से शुरू कर देते हैं इसलिए यह याद रखें हम हर बात के लिए तैयार रहें। क्यों कि बीच साक्षात्कार में सारि कह दिया इसका मतलब अंक कटने शुरू हो गये।बेटी ने तीसरी बार साक्षात्कार दिया। पहला अच्छा नहीं हुआ बारह अंक मिले दूसरे में दो बार सारि कहना पड़ा चौदह मिले और इसमें कोई सारि नहीं और मंडल पूरा संतुष्ट बीस के आसपास अंक मिले। इस साक्षात्कार में कुछ न्याय भी हुआ है। सदस्य जेल की सलाखों के पीछे है इसलिए बोर्ड सदस्यों को भय भी है। बच्चों के प्रदर्शन के आधार पर नंबर दिये गये है। परन्तु सभी सदस्य समान नहीं है।इसका एक ही इलाज है बच्चों को साक्षात्कार की यह कहते हुए मांग करनी चाहिए कि कुछ सदस्य भेदभाव करते हैं इसलिए रिकार्डिंग हो ताकि जरूरत पड़ने पर विधार्थी ले सके। आजकल दबाव से सब संभव है। यदि ऐसा करेंगे तो दबाव बनेगा तथा साक्षात्कार और पारदर्शिता के साथ हो पायेंगे। संतोष चंद तंवर।
लोगों का कहना ग़लत नहीं है। मेरा लंबा अनुभव है। मैं स्वयं आयोग में 1995 में गया हुआ हूं। मेरी एक बेटी 2010 में गई थी। कामयाब हुई। मेरी दूसरी बेटी 2011 में गई कामयाब नही हुई।बाद में उस पद के लिए साक्षात्कार बंद हो गये सिर्फ लिखित हुए वह स्कूल लेक्चरर बन गई।अब वह तीसरी बार इस पद के लिए गई है। शादी शुदा महिलाओं की कुछ सीमाएं होती है।और यदि पहले से ही प्रशासनिक पद पर हो तो लिखित परीक्षा में दूसरों से पिछड़ जाती है।इस बार बेहतर हुआ। बोर्ड ने अंक भी खूब दिये।अब आते हैं सच्चाई पर।एक सदस्य जैल की सलाखों के पीछे है साथ ही कुछ महिला सदस्यों के घर पर ईडी के छापे पड़ चुके हैं।बदनामी के डर से सदस्य सहमें हुए हैं। सिफारिश व पैसा दूर हो गया है।तथा यह भी ज्ञात हुआ है कि विषय विशेषज्ञ भी राजस्थान से बाहर के बुलाये गये है।इसका असर साक्षात्कार की गुणवत्ता पर पड़ना स्वाभाविक है। कुछ सदस्यों के कम अंक देने की बात आ रही है इसके लिए भी विधार्थियों को लोक सेवा आयोग को यह कहते हुए दबाव बनाना चाहिए कि कुछ सदस्य भेदभाव कर रहे हैं इसलिए साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग करवाईं जावे।चाहे रिकार्डिंग शुरू न हो परन्तु सदस्यों पर अप्रत्यक्ष दबाव आयेगा जिसका फायदा बच्चों को मिलेगा।
यह तो बहुत ही चिंताजनक है। आठ मिनट में क्या होगा।इस बारे में सामूहिक रूप से आयोग को राजस्थान सरकार को अवगत कराया जाना चाहिए। साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग की मांग करनी चाहिए।
@@SC-mj3zn विधार्थियों को साक्षात्कार में उचित बदलाव के लिए आवाज उठानी चाहिए। चौबीस की जगह बीस अंक किये जावे।यह संदेह उठ रहे हैं कि मिलीभगत करके साक्षात्कार सूचियों में अंक बदले जाते हैं इसका इलाज यह है साक्षात्कार तिथि के दिन ही शाम को अभ्यर्थी के मैल एकाउंट पर साक्षात्कार में उसे दिये गये अंक आ जाने चाहिए।साथ ही अंक सूची पर मैंबर के साथ विषय विशेषज्ञ के हस्ताक्षर भी हों। ऐसा करने से कुछ पारदर्शिता आ सकती है।
Ayub khan ne mere saath bhi aisa hi kiya hai.mujhe kewal 8-9 anko ki interview me aavashyakata thi. interview bhi achchha gaya.25 minutes interview huaa par reserve me rakh diya.isake khilaf sarkaar ko gyapan dena chahiye
149 marks the phir bhi nhi hua
Obc category
Nameste sir🙏🏻
Apko धन्यवाद sir orr बधाई 💐
Ab hmari bari 1 grade walo ki
Ayub Khan ne sbke bhavishya ke sath khilwad kiya hai
सही है मेरे साथ भी यही हुआ 💯
अंक मिलते नहीं दिए जाते हैं मेने प्रत्यक्ष देखा है SET पास कैंडिडेट को 20 ओर NET JRF पास को 6 नंबर दे दिए गए इतना भ्रष्टाचार RPSC में
सर DV की मेरिट सामान्य से अधिक क्यों गई और महिला साथियों को इससे क्या नुकसान रहा ? इस पर भी प्रकाश डालिए।
Sbhi question k utar Dene k bad bhi no nhi diye
Ye ayub khan ne kisi ko bhi nomber nhi diye 😢
apko kitne diye?
बच्चों को साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग करने की मांग करनी चाहिए।ताकि साक्षात्कार में प्रभावी पारदर्शिता आ सके। इससे साक्षात्कार बोर्ड का मुखिया सही आकलन करने के लिए बाध्य होगा। आजकल दबाव बनाने से सब संभव है।बस युवाओं को मोर्चा खोलना होगा। वैसे भी ये सब सदस्य कांग्रेस सरकार के समय के लगे हुए हैं। इसलिए वर्तमान सरकार के सामने पक्षपात या पारदर्शिता की कोई बात रखेंगे तो सरकार उनकी बात को सुनेगी भी।
जी सब को बर्बाद कर डाला 😢
Sir please hindi 2gared teacher ke liye kuch book btao kya pde ki es bar ho jaye
Hindi ki waiting list kb tk aayegi sir please
हमारा सामान्य विधवा श्रेणी में भी num नहीं आया कितनी कट ऑफ गई सर सामान्य विधवा की हमारे 79थे
How to check marks sir
🎉🎉
सर अब जिसका इसमें नम्बर आफ गया है उनकी नौकरी पक्की हो गई है ना मेरे मन में ये 37 अभ्यर्थी जिनके परिणाम सील बंद लिफाफे में है उसके बारे में प्रश्न है कृपया बताए क्या ओर परिणाम आएगा क्या
उनको नम्बर ही नही दिए इंटरव्यू में
आयोग एक स्वतंत्र प्राधिकरण है।इसके खुद के नियम कायदे है। कोई दबाव नहीं। इन्होंने भर्ती के फार्म भरने के समय जो नियम उल्लेखित कर दिये उनका शत-प्रतिशत पालन किया जाता है और करवाया जाता है। यदि रिजल्ट नहीं आया तो यह जिम्मेदारी आयोग की नहीं है।वो अभ्यर्थी न्यायालय चले गये। न्यायालय ने सिर्फ उनको सुना और आयोग से जवाब मांग लिया। आयोग अब बता देगा कि निर्धारित तिथि तक इन्होंने प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किये और खारिज हो जायेगा।इनका कुछ नहीं होना।इनको भी पता है कुछ नहीं होना सिर्फ साक्षात्कार देने का अनुभव जरूर हो गया जो आगे की भर्ती में काम आयेगा।
2014 assistant professor ka result ab tk nii aaya sheild cover ka...
2016 के रिजल्ट लिफाफों में शील्ड है उनमें भी पूरा घोटाला हुआ है
सर लिखित में कितने नंबर लाए की इंटरव्यू पर निर्भरता नहीं हो सर 🙏
160
Kitne me se @@jeevrajpuri5524
Asal me vah, likhit exam hai he nahi. MCQ exam hai😊
संस्कृत विभागAP का रिजल्ट कब तक आ जाएगा
सर tooper के written में कितने नंबर honge कुछ आइडिया
न्यूनतम 4 अधिकतम 23 दे रहें है
सही कहा। मेरी बिटिया को भी साक्षात्कार में अच्छे अंक दिये। लिखित में 136अंक थे। मूल सूची में तो नहीं आई परन्तु ओबीसी आरक्षित सूची में 91 वां स्थान मिला। जिसका कट आफ 153 से ऊपर रहा।अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसको साक्षात्कार में कितने अंक मिले। साक्षात्कार में भाग्य व दिन ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। क्यों कि बोर्ड का मुखिया कौन है।आपका साक्षात्कार शुरू किस दिशा में हुआ है। अर्थात आपके रूचि व तैयारी के विषय से संबंधित है या और किसी रूप में। कोई शिक्षक लगा है तो उसके स्कूल की गतिविधियों से हो जाता है जहां से पढ़ाई की है वहां से शुरू कर देते हैं इसलिए यह याद रखें हम हर बात के लिए तैयार रहें। क्यों कि बीच साक्षात्कार में सारि कह दिया इसका मतलब अंक कटने शुरू हो गये।बेटी ने तीसरी बार साक्षात्कार दिया। पहला अच्छा नहीं हुआ बारह अंक मिले दूसरे में दो बार सारि कहना पड़ा चौदह मिले और इसमें कोई सारि नहीं और मंडल पूरा संतुष्ट बीस के आसपास अंक मिले। इस साक्षात्कार में कुछ न्याय भी हुआ है। सदस्य जेल की सलाखों के पीछे है इसलिए बोर्ड सदस्यों को भय भी है। बच्चों के प्रदर्शन के आधार पर नंबर दिये गये है। परन्तु सभी सदस्य समान नहीं है।इसका एक ही इलाज है बच्चों को साक्षात्कार की यह कहते हुए मांग करनी चाहिए कि कुछ सदस्य भेदभाव करते हैं इसलिए रिकार्डिंग हो ताकि जरूरत पड़ने पर विधार्थी ले सके। आजकल दबाव से सब संभव है। यदि ऐसा करेंगे तो दबाव बनेगा तथा साक्षात्कार और पारदर्शिता के साथ हो पायेंगे। संतोष चंद तंवर।
लोगों का कहना ग़लत नहीं है। मेरा लंबा अनुभव है। मैं स्वयं आयोग में 1995 में गया हुआ हूं। मेरी एक बेटी 2010 में गई थी। कामयाब हुई। मेरी दूसरी बेटी 2011 में गई कामयाब नही हुई।बाद में उस पद के लिए साक्षात्कार बंद हो गये सिर्फ लिखित हुए वह स्कूल लेक्चरर बन गई।अब वह तीसरी बार इस पद के लिए गई है। शादी शुदा महिलाओं की कुछ सीमाएं होती है।और यदि पहले से ही प्रशासनिक पद पर हो तो लिखित परीक्षा में दूसरों से पिछड़ जाती है।इस बार बेहतर हुआ। बोर्ड ने अंक भी खूब दिये।अब आते हैं सच्चाई पर।एक सदस्य जैल की सलाखों के पीछे है साथ ही कुछ महिला सदस्यों के घर पर ईडी के छापे पड़ चुके हैं।बदनामी के डर से सदस्य सहमें हुए हैं। सिफारिश व पैसा दूर हो गया है।तथा यह भी ज्ञात हुआ है कि विषय विशेषज्ञ भी राजस्थान से बाहर के बुलाये गये है।इसका असर साक्षात्कार की गुणवत्ता पर पड़ना स्वाभाविक है। कुछ सदस्यों के कम अंक देने की बात आ रही है इसके लिए भी विधार्थियों को लोक सेवा आयोग को यह कहते हुए दबाव बनाना चाहिए कि कुछ सदस्य भेदभाव कर रहे हैं इसलिए साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग करवाईं जावे।चाहे रिकार्डिंग शुरू न हो परन्तु सदस्यों पर अप्रत्यक्ष दबाव आयेगा जिसका फायदा बच्चों को मिलेगा।
Marks kab aaye ??
Obc में मेरे 152.66नम्बर थे मेरे भी नहीं हुआ sir
😢
Interview board me kon tha
😢😢😢😢
Mere 147 no. The mera bhi nhi hua....kesri Singh ka bord tha mere to
Aapki reserve merit ky hai?
अयूब खान का ही था 8मिनट ही साक्षात्कार लिया
Bas 8 mint hi
@@SunitaKumari-xz5uf Inka kuch pta nhi kese no. Dete h ...mera bhi nhi
यह तो बहुत ही चिंताजनक है। आठ मिनट में क्या होगा।इस बारे में सामूहिक रूप से आयोग को राजस्थान सरकार को अवगत कराया जाना चाहिए। साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग की मांग करनी चाहिए।
@@santoshtanwar5917 interview ki recording hogi to phir paise kaise lenge
आप का दर्द मैं समझ सकता हूं मुझे भी 15मिनट के इंटरव्यू के बाद लगभग 5, 6ही अंक मिले है
इसमें बहुत कदाचार हुआ है
@@SC-mj3zn विधार्थियों को साक्षात्कार में उचित बदलाव के लिए आवाज उठानी चाहिए। चौबीस की जगह बीस अंक किये जावे।यह संदेह उठ रहे हैं कि मिलीभगत करके साक्षात्कार सूचियों में अंक बदले जाते हैं इसका इलाज यह है साक्षात्कार तिथि के दिन ही शाम को अभ्यर्थी के मैल एकाउंट पर साक्षात्कार में उसे दिये गये अंक आ जाने चाहिए।साथ ही अंक सूची पर मैंबर के साथ विषय विशेषज्ञ के हस्ताक्षर भी हों। ऐसा करने से कुछ पारदर्शिता आ सकती है।