bandar or chidia story|| वंदर और चिढिआ काहानी ||story for kids

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  • Опубліковано 4 жов 2024
  • जानवरो में एक नकलची बंदर भी था जो, सभी जानवरों से तुलना करने की कोशिश किया करता था| दरअसल, इस जंगल में एक ही बंदर था| इस वजह से वह अपनी ज़िंदगी से ख़ुश नहीं था| रोज़ाना पेड़ों में उछल कूद से, उसके दिन की शुरुआत होती लेकिन, जैसे ही वह किसी जानवर को देखता तो, उसके जैसे बनने की कोशिश में लग जाता| उसे हमेशा अपने अंदर कमी नज़र आती रहती| एक दिन बंदर तालाब के किनारे बैठा था| उसी समय उसे एक कछुआ तालाब के अंदर जाता हुआ दिखाई दिया| बंदर को लगा कि, जैसे कछुआ धीरे धीरे चलकर पानी में तैर गया, उसी तरह वह भी कर सकता है और फिर, अगले ही पल वह धीरे धीरे फिसलते हुए तालाब के अंदर जा गिरा|
    तालाब में गिरने से, उसे तैरने में परेशानी होने लगी| जैसे तैसे करके, वह तालाब के दलदल से बचकर बाहर आ गया लेकिन, इस घटना ने बंदर को अंदर से डरा दिया था| धीरे धीरे बंदर के अंदर निराशा आने लगी क्योंकि, वह किसी भी जानवर की तरह गुणवान नहीं था| दरअसल, जंगल में सभी जानवरों की अलग अलग खासियत होती है लेकिन, बंदर अपनी क्षमताओं से बेख़बर, बाहरी दुनिया में अपनी क़ाबिलियत तलाश रहा था| सभी जगह से असफल होने के बाद, बंदर को लगने लगा कि, उसे किसी और जगह जाना चाहिए ताकि, वह अपने जीवन की पूरी संभावनाओं तक पहुँच सके| अगले दिन सुबह सुबह वह बिना किसी से कुछ कहे, जंगल से बाहर जाने के लिए निकला| थोड़ा दूर पहुँचते ही, उसे एक पहाड़ पर आग जलती हुई दिखाई दी| आग काफ़ी नज़दीक थी| बंदर को लगा कि, शायद वहाँ कोई जानवर, मदद की तलाश में हो इसलिए, वह आग की तरफ़ पेड़ों के सहारे पहुँच गया| आग के नज़दीक पहुँचते ही, बंदर को एक चिड़िया रोती हुई दिखाई दी

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