जमीन सर्वे के आड़ में खुलेआम रिश्वत खोरी हो रही है। अधिकारी लोग दबा कर पैसा ऐंठ रहा है।किसानों की तो खैर नहीं है। नीतीश कुमार जी इस पर ध्यान क्यों नहीं देते हैं।सबसे पहले उस अधिकारी को समेटना चाहिए। और रही बात दारू बंदी की तो दारू के चक्कर में बहुत आदमी रोडपति से करोड़पति बन गए हैं।और पुलिस ने तो दारू का होम डिलीवरी ही चालू कर दिया है ।
सरकार को चाहिए कि पुरा जमीन अपने अंडर में लेले पुरा मसला खत्म हो जायेगा लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि सरकार में जो रहेंगे वो होने नहीं देंगे क्योंकि उनका भी जमीन सरकार के अंडर में चला जायेगा।
किसी भी नेता को पक्ष -विपक्ष को आरोपित करने से परहेज करना चाहिए और इस वीभत्स घटना को सही दिशा में निष्पक्ष जांच की बात करनी चाहिए ।मांझी की मानसिक हालत ठीक नहीं है ये महोदय बिना पेंदी के लोटा की तरह है।जांच रंग बदने की दिशा में पहला कदम
नवादा का जो घटना घटा है इसका मुख्य कारण जमीन सर्वे है सरकार को इसको तुरंत रोक देना चाहिए नहीं तो पूरे बिहार में अभी और घटना घट सकता है केवल सर्वे करना किसी समस्या का समाधान नहीं है,,
गजब के मर्द आदमी है जी, सीधा सबके सामने ही बोल दिए शराब बंदी की नाकामयाबी के बारे में, हजार (1000) में 1 ही ऐसे मर्द आदमी मिलते है जो मुंह पर बोलने के लिए कलेजा रखते है, सबका सच सामने ही बोल रहे है । दिल से नमन है आपको ।
ये नीतीश कुमार का दलित महादलित बांटने का नतीजा है जिसका बेजा फायदा बीजेपी उठा रही है! नीतीश कुमार ने बीजेपी की तरह सता में रहने के लिए बहुत कुकर्म किया है!
जमीन जिसकी है उस ने खाली करवा लिया। और ये अंतिम नहीं होगा।ये सर्वे क्रिमनल केस में बड़ा उछाल लाएगा। गड़े मुर्दे उखाड़े जायेंगे, जिंदा, मुर्दे गाड़े जायेंगे। थाना, अंचल कोर्ट और हॉस्पिटल की चांदी ही चांदी है।
सरकार को चाहिए कि जो लोग बाप दादा और परदादा का जमीन आपसी सहमति से जमीन का बटबारा कर प्रेम से जोत कोर कर रहे हैं और मकान बनाकर रह रहे हैं ऐसे जमीन मालिक किसानों रैयतों को उनके जमीन पर जाकर राजस्व कर्मचारी मालगुजारी रसीद काटकर उस जमीन का मालिकाना हक मिल जाना चाहिए ताकि बाप दादा और परदादा के जमीन को बटबारे कर आपस मे प्रेम से रह रहे है इसपर सरकार को ध्यान देने की बात है ।
मेरे गाँव, अरेड थाना मधुबनी जिला में यदि दुर्गापूजा में भोज हो तो तीन क्विंटल चावल लगता है एवं अन्य दिनों में तीस किलो। यह पलायन की गंभीरता है। दस हजार से एक लाख या ज्यादा की नौकरी करते हैं। कुछ न कुछ सबके पास जमीन है।
दलित एक जाति (समाज) नहीं है,एक गोष्ठी है।उनमें बहुत सारे जातियां है,और हर जातियों का अपना अपना अलग अलग समाज है। उन जातियों के बीच अगड़ा- पिछड़ा, ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा इत्यादि भेद भाव पूरे जोर से चलता आ रहा है।उनके बीच एक दूसरे को "जन्म अछूत" भी कहते है। यह बात हम सब जानते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट आज इसे स्वीकार किया। इस फैसले से आम बहुजन लोगों का कोई नुकसान नहीं होगा।दलित वर्गों में अति पिछड़े और महादलित समाज की लोगों को ज्यादा लाभ मिलेगा। नुकसान होगा तो सिर्फ उनका,जो खुदको "दलित नेता"और "दलित चिंतक" कहते है , क्यों की, वो सब creamy layer श्रेणी के अंतर्गत आ रहे है।तो जाहिर है, यही लोग जो 77-78 साल से दलित आरक्षण का मलाई खा रहे है,वो इतनी जल्दी इस मलाई को छोड़ नहीं सकते।, वो कुछ समय के लिए उत्पात मचाएंगे । अति पिछड़े या महा दलित समाज के लोगों को कोर्ट फैसले का अर्थ समझने के लिए थोड़ा वक्त लगेगा। जब वो लोग कोर्ट का फैसला का अर्थ समझना सुरु करेंगे, तब इन creamy layer वालों को ठोकना सुरु करेंगे। यह तो तय है।अब दलितों के नाम पर राजनीति करना भी मुस्किल हो जाएगा क्यों की अब दलितों में अनगिनत नेताए उभरने वाले है।
Court kachhari mein system Hota To is Prakar ka lafada hi nahin Hota Koi system Nahin Hai vahan bhi Bihar sarkar ke Adhikari Ki Tarah log vyavhar karte hain Kisi bhi pad per Ho
जमीन सर्वे के आड़ में खुलेआम
रिश्वत खोरी हो रही है। अधिकारी लोग दबा कर पैसा ऐंठ रहा है।किसानों की तो खैर नहीं है। नीतीश कुमार जी इस पर ध्यान क्यों नहीं देते हैं।सबसे पहले उस अधिकारी को समेटना चाहिए।
और रही बात दारू बंदी की तो दारू के चक्कर में बहुत आदमी रोडपति से करोड़पति बन गए हैं।और पुलिस ने तो दारू का होम डिलीवरी ही चालू कर दिया है ।
बिल्कुल सही ओर सत्य बात कही है इस लैंड सर्वे में आभ तो आगे और बहुत कुछ होना बाकी है सरकार बिल्कुल फोलियर है
संविधान मेकोई ऊची जाति का नही है सब सामान है मनुवाद को बढ़ावा दे रहे है ये नेता लोग और लोगो में ऊंच नीच करके जातिवादी राजनीति कर रहे है
जय हो बिहार सरकार जी
आपके महिमा अपरम्पार है
बाप दादा जी कहते थे ऐसे किस्से कहानी
2024 में आंखों से देख रहे
ऐसा राज्य में जन्म लेना बेकार है
सरकार को चाहिए कि पुरा जमीन अपने अंडर में लेले पुरा मसला खत्म हो जायेगा लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि सरकार में जो रहेंगे वो होने नहीं देंगे क्योंकि उनका भी जमीन सरकार के अंडर में चला जायेगा।
सत्य और निष्पक्ष समाचार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
पत्रकार महोदय जी एक दम सही कह रहे हैं यूपी विहार में अपराध का मेन कारण राजस्व विभाग की हरामखोरी है तत्काल जजमेंट देने की जरूरत है सरकार सख्ती से निबटे
इतना बड़ा कांड, जंगल राज राजा😎 के प्यारे ही कर सकता हैं। पर्दा उठेगा सब नंगे दिख जाएगा।
Land Survey in Bihar should be stopped
कैसे मूर्ख को बुला लिए हो सर जिसको ये मालूम नही की दबंग का कोई जाति नही होती किसी भी जाति में दबंग हो सकता है।
किसी भी नेता को पक्ष -विपक्ष को आरोपित करने से परहेज करना चाहिए और इस वीभत्स घटना को सही दिशा में निष्पक्ष जांच की बात करनी चाहिए ।मांझी की मानसिक हालत ठीक नहीं है ये महोदय बिना पेंदी के लोटा की तरह है।जांच रंग बदने की दिशा में पहला कदम
नवादा का जो घटना घटा है इसका मुख्य कारण जमीन सर्वे है सरकार को इसको तुरंत रोक देना चाहिए नहीं तो पूरे बिहार में अभी और घटना घट सकता है केवल सर्वे करना किसी समस्या का समाधान नहीं है,,
गजब के मर्द आदमी है जी, सीधा सबके सामने ही बोल दिए शराब बंदी की नाकामयाबी के बारे में, हजार (1000) में 1 ही ऐसे मर्द आदमी मिलते है जो मुंह पर बोलने के लिए कलेजा रखते है, सबका सच सामने ही बोल रहे है ।
दिल से नमन है आपको ।
जमीन संबंधित जितने जो केस है उसे सरकार जल्दी से सनी करके फैसला कर दे इसमें बिना मतलब का समय ना गांव में
कहां मर गया है मुख्यमंत्री सुशासन कुमार 😢
महाजंगल राज बना दिया है बिहार को नीतीश कुमार 😢
सर्वे के दौरान भूमि पर अपना कब्जा सिद्ध करने के लिए दबंग और भी अपना कारनामा दिखाएंगे। उसके लिए प्रशासन को पहले से ही सतर्क रहना चाहिए।
सर्वे से कोई फायदा नहीं है पूरे बिहार को परेशान कर रहा है सरकार आपराधिक मामला बढ़ रहा है इसको रुक जाना चाहिए
ये नीतीश कुमार का दलित महादलित बांटने का नतीजा है जिसका बेजा फायदा बीजेपी उठा रही है! नीतीश कुमार ने बीजेपी की तरह सता में रहने के लिए बहुत कुकर्म किया है!
Chirag और मांझी बिक सकते हैं तो क्या भूखे नंगे दलित क्यू नहीं बिक सकते।
itna khul ke us 6 saal ki bachchi ke liye bola hota jo 53 saal ke buddhe ke khilaaf to aaj haalat kuchh aur hoti
Right 👍
बिहार में जमीन सर्वे का रुझान आना शुरू हो गया है इसको तत्काल रोक दियाजाए
नल दस्तक और वेद प्रकाश जी कहां है
पंकज कुमार ने दबंग का परिभाषा ही बदल दिया
चिराग पासवान नीतीश कुमार जितिन राम मांझी मिलकर एक ही काम कर रहे हैं वह है लोगों को बेघर करना सुशासन बाबू को शर्म है कि नहीं
Ek baar bhi tune nhi bola ki jalaane waale kaun hai....yhi agar kisi brahmin ne kiya hota to ab tk tera lahja badal chuka hota
सर्वे 1960 फेल चकबंदी 1980 फेल, 1960 का झगड़ा 1975 तक 1980 का झगड़ा 2000 के बाद भी।
ईमानदार बनने का कोशिश करो कोई काम में ज्यादा ऑफिस ना चलना चाहिए जो भी घटना हुआ है बहुत दुख हुआ बहुत दुख हुआ है
Jitna bhi samasya badha raha hai neta aur prashasan
कहाँ शराब नही मिलता है। औरत का चादर ओढ़कर नितीश कुमार बिहार मे शराब बेच रहे है। फिर बालु बेचने लगे। फिर जमीन।
भारतीय मीडिया ने, दलित और दबंग दलित का संज्ञा देकर राजनीति का जायका परोसा है! मीडिया की दोहरी नीति निंदनीय है
एक समय था कि बिहार में डोर टू डोर जमीन का रसीद काटा जाता था मालगुजारी और पटना का और आज एकसमय है
इन सबको सरकार जमीन दें, ना की इसे लडा़ई का रंग दिया जाए, जमीन किसका है ये जाँच हो
जमीन जिसकी है उस ने खाली करवा लिया। और ये अंतिम नहीं होगा।ये सर्वे क्रिमनल केस में बड़ा उछाल लाएगा। गड़े मुर्दे उखाड़े जायेंगे, जिंदा, मुर्दे गाड़े जायेंगे। थाना, अंचल कोर्ट और हॉस्पिटल की चांदी ही चांदी है।
मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द इनका घर बना के दिया जाए और अपराधियों को कठोर सजा मिलना चाहिए.!😢
Sat sat batane wale samachar ko namaskar
सरकार को चाहिए कि जो लोग बाप दादा और परदादा का जमीन आपसी सहमति से जमीन का बटबारा कर प्रेम से जोत कोर कर रहे हैं और मकान बनाकर रह रहे हैं ऐसे जमीन मालिक किसानों रैयतों को उनके जमीन पर जाकर राजस्व कर्मचारी मालगुजारी रसीद काटकर उस जमीन का मालिकाना हक मिल जाना चाहिए ताकि बाप दादा और परदादा के जमीन को बटबारे कर आपस मे प्रेम से रह रहे है इसपर सरकार को ध्यान देने की बात है ।
मेरे गाँव, अरेड थाना मधुबनी जिला में यदि दुर्गापूजा में भोज हो तो तीन क्विंटल चावल लगता है एवं अन्य दिनों में तीस किलो। यह पलायन की गंभीरता है। दस हजार से एक लाख या ज्यादा की नौकरी करते हैं। कुछ न कुछ सबके पास जमीन है।
दलित एक जाति (समाज) नहीं है,एक गोष्ठी है।उनमें बहुत सारे जातियां है,और हर जातियों का अपना अपना अलग अलग समाज है। उन जातियों के बीच अगड़ा- पिछड़ा, ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा इत्यादि भेद भाव पूरे जोर से चलता आ रहा है।उनके बीच एक दूसरे को "जन्म अछूत" भी कहते है। यह बात हम सब जानते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट आज इसे स्वीकार किया। इस फैसले से आम बहुजन लोगों का कोई नुकसान नहीं होगा।दलित वर्गों में अति पिछड़े और महादलित समाज की लोगों को ज्यादा लाभ मिलेगा। नुकसान होगा तो सिर्फ उनका,जो खुदको "दलित नेता"और "दलित चिंतक" कहते है , क्यों की, वो सब creamy layer श्रेणी के अंतर्गत आ रहे है।तो जाहिर है, यही लोग जो 77-78 साल से दलित आरक्षण का मलाई खा रहे है,वो इतनी जल्दी इस मलाई को छोड़ नहीं सकते।, वो कुछ समय के लिए उत्पात मचाएंगे । अति पिछड़े या महा दलित समाज के लोगों को कोर्ट फैसले का अर्थ समझने के लिए थोड़ा वक्त लगेगा। जब वो लोग कोर्ट का फैसला का अर्थ समझना सुरु करेंगे, तब इन creamy layer वालों को ठोकना सुरु करेंगे। यह तो तय है।अब दलितों के नाम पर राजनीति करना भी मुस्किल हो जाएगा क्यों की अब दलितों में अनगिनत नेताए उभरने वाले है।
Side effect of Land Survey? Will Land Survey create panic in Bihar?
Iss mai saff dikh raha hai rjd ke neta ka hat hai
Sabse achha Angrej tha . Unme Jugament karne ka tajurwa tha.
महाजंगलराज
Jamin sarkari ho ya private Jamin dakhal or dabangi hogi to paresani to badegi hi
Asa bat koinhi kah paya tha
मंत्रीदिलीपजयसवालजीजल्दबाजीमेंसर्वेकरानेपरयहीसबहोगायेतोसर्वैकाटेलरहै
Bihar me dalit log vishesh arakshan ka durupyog kar rahe hain jise sarkar najerandaj kar rahi hai
दबंग शब्द किसी जाति का खंदानी है क्या
Court kachhari mein system Hota To is Prakar ka lafada hi nahin Hota Koi system Nahin Hai vahan bhi Bihar sarkar ke Adhikari Ki Tarah log vyavhar karte hain Kisi bhi pad per Ho
Adhikari keval online and aur dastaveg sambandhi karyon. Ke 10hajar se bhi jyada mangte hain iska effect samj aur desh ke liye khatra hai
Byanbaji n kare culprit ko sana dilaao
Sab sarkar hi karwa rahi hai
Name to pura padh dete saheb bahut chalaki se sc aur obc ka name padh diye aur apne chacha ka bacha liye name dub jana chahiye aise pattalkar ko
Samay ke sath yadi dhyan nahi diya gaya to serkar nakam ho jayegi aur vipaksh apni roti isi ag me sek lenge
Rajniti to vhavsager hai jo duba vo nikel nahi pyega
Bihar me poolish parsasn ko daru sarab chhor dusra kam sujhe tub na
Dalit ho yaa Balit aisa gareeb ko aag lagaana? Nitis beta kya rahe ho?
Kya patrakar log bhi jat ka nam lene se darta hai ki kahi sc st na lag jaye
Sarwy ky nam par lut h
😂🎉🎉🎉🎉🎉
जमीनजिसकीहैउसकोमिलनीचाहियेजबरदस्तीकब्जाकरनेवालोंसेजमीनखालीकराकरजिसकीहैउसेमिलनीचाहिये