सद्गुण समपन्न वैराग्य वान धर्म धुंन्धर क्रान्ती कारी आधुनिक स्वतंत्र विचारक मेरे परम पुज्य वर गुरुदेव देव जी की पावन चरणों में कोटिकोटि प्रणाम कबीर कल्याण आश्रम लाफिन खुर्द महासमुं छ० ग० ❤❤❤
सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3 Supreme God is Kabir
क्रांति कारी निर्णय वादी पुज्य श्री सतेंन्द्र साहेब जी की पावन चरणों में सादर सप्रेम साहेब बंदगी साहेब जी कबीर कल्याण आश्रम लाफिन खुर्द महासमुं छ० ग० ❤❤❤❤
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं। #सर्वशक्तिमान_कबीरभगवान
बहुत ज्ञान है वेद का मंत्र का अर्थ करने भी आता है? या केवल भाषा टीका पढ़कर जो रामपाल बताया उसे ही मानते हो। वेद पढ़ने वाला और उसका अर्थ जानने वाला व्यक्ति तुम्हारे जैसे नही होता।
सरीर के अंदर प्राण आत्मा नहीं तो बाहर कुछ देखेगा सरीर। मृत्यु लोक में पाखंडी सत लोक बना दिया वह भी आश्रम कितना हास्यास्पद है। अंधे उसको भगवान मान रहे हैं। यह घोर कलयुग का प्रभाव हैं। कुकर्मी भगवान जेल में हैं फिर भी अंधे पूज रहे हैं।
विना प्राण के वाणी वेद पुराण का क्या मतलब। सब कर परम प्रकासक जोई। राम अनादि अवध पति सोई। प्राण पाँवर आत्मा जिस सरीर में नहीं क्या वहाँ प्रकाश है। प्राण आत्मा राम अनादि अवध के राजा राम तो सो गए चिर निद्रा में।
साहिब बन्दगी संत समाज को, साहिब जी क्षमा करना, मेरी शंका है कि राम को आराध्य क्यों माना है जब कि राम शब्द से अधिक शक्ति साली शब्द शिव, बुध्द, आदि काफी शब्द है जिनसे भाव प्रकट होते हैं?
राम का मतलब हमारी आत्मा राम जीव चेतन जिसकी वजह से हम बोलते हैं चलते हैं सुनते हैं देखते हैं सोचते हैं मनन करते हैं चिंतन करते हैं सारा काम तो हमारी अंतर आत्माराम के द्वारा ही हो रहा है तो राम को महत्व देने में गलत क्या है रही बात शिव बुद्ध आदि महापुरुषों की उनको भी सम्मान सम्मान देते हैं दशरथ राम को भी सम्मान देते हैं लेकिन हम अपनी अंतर आत्माराम को सबसे अधिक सम्मान देते हैं जो हर घाट में विराजमान है उसी को हम राम मानते हैं चेतन मानते हैं जीव मानते हैं धन्यवाद साहिब बंदगी
तुमलोग जितने हो, सब लोग कबीर के पुस्तक के अर्थ अलग अलग करते हो, एक दूसरे से विपरीत बात करते हो, पहले आपस में निर्णय करलो की एक ही पुस्तक अर्थ हर लाइन का क्या करना है, फिर वही अर्थ करो।
कबीर का क्या अस्तित्व है, राम के आगे कबीर क्या हैं, एक जुलाहे परिवार में जन्म लिया, दुख के कारण वो व्यंग मारते थे, क्यों की वो अपने जीवन के कष्ट से बहुत दुःखी थे, पर भजन करने पर भी उनका दुख रहा आया इसलिए वो व्यंग मारने लगे, पर तुरन्त का खाया भोजन भी शरीर में नही लगता, और पूर्व जन्म के कर्म बंधन में बधकर जीव आता हैं, जो पूर्व जन्म का है उसे तो भोगना ही पड़ेगा, कबीर से ज्यादा ज्ञानी तपस्वी तो गोस्वामी तुलसी दास थे, पर वो कभी नहीं कहां की मैं परमात्मा हूं, क्यों की ऐसा जो बोलेगा वो केवल मूर्ख ही होगा, भगवान राम नारायण का अवतार होते हुए भी कभी भगवान नही कहा, जो को पहले चतुर्भुज में प्रकट हुए, उसके बाद शिशु बनकर रोना शुरू किए।
तुमलोग कबीर को सन्त मानो या महन्त मानो या महापुरुष या अवतारी पुरुष मानो। कोई दिक्कत नही, पर देवी देवताओं का अपमान न करो, कलयुग के प्रत्यक्ष देवता हनुमान जी है, वो आज भी पृथ्वी पर है, राम भगवान की निन्दा वो नही सुनेगे, अगर वो रुष्ट हुए तो फिर न तुम्हारे कबीर बचाएंगे, और न रामपाल, एक बात ये की कबीर भी अपने को परमात्मा नही कहे, वो एक सन्त थे। तुमलोग कबीर के नाम पर दुकान चला रहे हो।
PM Modi ji says that I will provide whatever facilities the public asks for, the Indian people are a country with a religion decorated in countless precious gold, silver, diamond and pearl bouquets on which the entire public has the right. Be careful of people doing business in a political manner. don't let your rights be taken away
मुझे तो लगता हैं कि आध्यात्म का समझ कम है कोई भी प्रमाणिक गुरु परंपरा के लोग इसप्रकार की बातें नही कहते राम का नाम और राम में कोई अन्तर नही है राम का नाम ना तो पाप से मुक्ति के लिए ना ही दुख निवारन के लिए किया जाता है यहाँ तक की मुक्ति के लिए भी नही तो थोड़ा सोचये राम नाम की कितना mahima है नाम तो पंचम पुरुषअर्थ भगवद प्रेम प्रदान करती है आध्यात्मिक जगत मे यहाँ का गनित काम नही करते राम और उनका नाम में कोई अन्तर नही है आपका निर्विशेष परक सिद्धांत है जो की मायावाद भाष्य कहलाता है काफी खतरनाक विचार होता है कृपया ऐसे pravachan ना करे सभी महातमा एक स्वर मे नाम की महत्व को उजागर किया है इस युग में विशेष है ये (sentimental) भावना प्रधान नही (science )है जो निर्गुण उपासक समझ नही सकते अपनी कपोलकल्पित भरम पूर्ण ज्ञान मत फैलावो एक केवल कबीर जी का ही ग्रंथ पढकर सिद्धांत नहीं जाना जा सकता हमारे वैदिक शास्त्रों का भी कुछ ज्ञान होना चाहिये कबीर जी तो नाम जापक थे तो फिर आप इतने नाम विरोधी क्यों प्रभुपाद स्वामी सम्पूर्ण विश्व में नाम का प्रचार कर लोगों का जीवन पवित्र कर दिया सिर्फ नाम के प्रभाव से ! आध्यात्मिक शबद तरग का बहुत प्रभाव होता है
न कबीर भगवान है न रामपाल, तुमलोग पूर्ण रूप से कलयुग के चपेट में आ गए, हो जाग जाओ और भक्ति की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश करो, पर कर नही पाओगे, क्यों की कलयुग का पूरा प्रभाव हो गया है तुमलोगो पर।
लगता है यह भास्कर चतुर्वेदी नही बोल रहा परंतु भैंसका चूतियदि बोल रहा है । जिन वेदों से ये लोग जनता को सदियों से बेवकूफ बना रहे थे अब सदगुरु संत रामपाल जी महाराज द्वारा सचाइ की रह पर लाए जा रहे हैं, जिस से इन लोगों की रोजी रोटी अब बंद हो रही है शायद इसीलिए यह भोंक रहा है, इसमें कोई अचरज की बात नहीं है 👌👌😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
तुमलोग केवल सोशल मीडिया में ही धर्मात्मा बने घूम रहे हो, जमीन में तो लात घूसे खाते देखा, जो किताब बाट रहे थे, कई जगह बचाया भी, आरएसएस और बजरंगदल शिवसेना कहां देखे वही उठक बैठक करा देते हैं, जो ज्ञान गंगा नाम की पुस्तक बांटते फिरते है, वो 300 सौ रूपये में आते हैं उनको न कबीर पता न रामपाल, वो खुद बताए 300 सौ रूपये में आया हूं, मुझे नही पता क्या लिखा है।
आप जी का विचार निंदनीय है । मैं इसकी हृदय से निंदा करता हूं क्योंकि आप जन्मदाता को नही समझते । ❤ कबीर ❤ कबीर ही सबकुछ हैं । अगर अभी मान लोगे तो ठीक नहीं तो एक दिन तो मानना ही पड़ेगा ।❤ कबीर ❤
कबीर भारत वर्ष में दो हुए हैं, कौन से कबीर को भगवान बना रहे हो कबीर का पूरा इतिहास बता दूंगा, जिस की कहोगे, भगवान खुद अपनी सत्ता को बना कर रखते हैं, अब कलयुग है, तो कबीर या रामपाल जैसे ढोंगी को ही भगवान बनायेंगे, ये वही हाल है, उष्ट्रानाम् विवाहेषु गीतं गायति गर्दभः। ऊट के विवाह में गधा गीत गा रहा था, ऊट बोले वाह भाई वाह, तुम लोग वही हो।
Saheb bandgi. ...
Sahi
सद्गुण समपन्न वैराग्य वान धर्म धुंन्धर क्रान्ती कारी आधुनिक स्वतंत्र विचारक मेरे परम पुज्य वर गुरुदेव देव जी की पावन चरणों में कोटिकोटि प्रणाम कबीर कल्याण आश्रम लाफिन खुर्द महासमुं छ० ग० ❤❤❤
कटु सत्य ❤
अद्भुत सत्संग जो आपके जीवन को हमेशा खुशियों से जगमगा दे। जो दे आपको नई जीने की राह।
अधिक जानकारी के लिए आज ही मंगाएं निःशुल्क पुस्तक "जीने की राह"।
जैसा चश्मा लगाइए गा वैसा ही दुनिया दिखाई देगा
Jay Shri Saint Rampalji Maharaj ❤
सभी संत गुरूवार के महान करतबय सुनते ही मन भ्रम दूर कर देता है
Ba
निज इच्छा निर्मित तन माया गुन गो पार।
प्रभुअपनी इच्छा के अनुसार सरीर धारण करता है।जो सभी प्राणियों से भिन्न गुणों से सम्पन्न होता है।
सत साहेब बंदगी
सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
- ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
Supreme God is Kabir
क्रांति कारी निर्णय वादी पुज्य श्री सतेंन्द्र साहेब जी की पावन चरणों में सादर सप्रेम साहेब बंदगी साहेब जी कबीर कल्याण आश्रम लाफिन खुर्द महासमुं छ० ग० ❤❤❤❤
किसके बात kke pher me kewal katna निरर्थक बात हुई केवल अपनी बात कहना ही उचित होता है महाराज
@@drsanjaykumarpandey707-c1g hi
कबीर साहेब कहते है:
कोई सतगुरु संत कहावै, जो नैनन अलख लखावै।
आँख ना मूंदे, कान ना रूँधे ना अनहद उलझावे। जो सहज समाधि बतावै।
हैरानी इस बात की है।
विना प्राण पाँवर के वीडियो बनाना संभव नहीं।
सब के सब विडिओ ही परोस रहे हैं।
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं
यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
#सर्वशक्तिमान_कबीरभगवान
बहुत ज्ञान है वेद का मंत्र का अर्थ करने भी आता है? या केवल भाषा टीका पढ़कर जो रामपाल बताया उसे ही मानते हो। वेद पढ़ने वाला और उसका अर्थ जानने वाला व्यक्ति तुम्हारे जैसे नही होता।
जहाँ माया उससे डरती है।माया जड़ हो जाती है। माया के बस सभी प्राणी दिख रहे हैं।
सरीर के अंदर प्राण आत्मा नहीं तो बाहर कुछ देखेगा सरीर।
मृत्यु लोक में पाखंडी सत लोक बना दिया
वह भी आश्रम कितना हास्यास्पद है।
अंधे उसको भगवान मान रहे हैं।
यह घोर कलयुग का प्रभाव हैं।
कुकर्मी भगवान जेल में हैं फिर भी अंधे पूज रहे हैं।
विना प्राण के वाणी वेद पुराण का क्या मतलब।
सब कर परम प्रकासक जोई।
राम अनादि अवध पति सोई।
प्राण पाँवर आत्मा जिस सरीर में नहीं क्या वहाँ प्रकाश है।
प्राण आत्मा राम अनादि अवध के राजा राम तो सो गए चिर निद्रा में।
SAHEB BANDAGI
साहिब बन्दगी संत समाज को, साहिब जी क्षमा करना, मेरी शंका है कि राम को आराध्य क्यों माना है जब कि राम शब्द से अधिक शक्ति साली शब्द शिव, बुध्द, आदि काफी शब्द है जिनसे भाव प्रकट होते हैं?
राम का मतलब हमारी आत्मा राम जीव चेतन जिसकी वजह से हम बोलते हैं चलते हैं सुनते हैं देखते हैं सोचते हैं मनन करते हैं चिंतन करते हैं सारा काम तो हमारी अंतर आत्माराम के द्वारा ही हो रहा है तो राम को महत्व देने में गलत क्या है रही बात शिव बुद्ध आदि महापुरुषों की उनको भी सम्मान सम्मान देते हैं दशरथ राम को भी सम्मान देते हैं लेकिन हम अपनी अंतर आत्माराम को सबसे अधिक सम्मान देते हैं जो हर घाट में विराजमान है उसी को हम राम मानते हैं चेतन मानते हैं जीव मानते हैं धन्यवाद साहिब बंदगी
तुमलोग जितने हो, सब लोग कबीर के पुस्तक के अर्थ अलग अलग करते हो, एक दूसरे से विपरीत बात करते हो, पहले आपस में निर्णय करलो की एक ही पुस्तक अर्थ हर लाइन का क्या करना है, फिर वही अर्थ करो।
कबीर का क्या अस्तित्व है, राम के आगे कबीर क्या हैं, एक जुलाहे परिवार में जन्म लिया, दुख के कारण वो व्यंग मारते थे, क्यों की वो अपने जीवन के कष्ट से बहुत दुःखी थे, पर भजन करने पर भी उनका दुख रहा आया इसलिए वो व्यंग मारने लगे, पर तुरन्त का खाया भोजन भी शरीर में नही लगता, और पूर्व जन्म के कर्म बंधन में बधकर जीव आता हैं, जो पूर्व जन्म का है उसे तो भोगना ही पड़ेगा, कबीर से ज्यादा ज्ञानी तपस्वी तो गोस्वामी तुलसी दास थे, पर वो कभी नहीं कहां की मैं परमात्मा हूं, क्यों की ऐसा जो बोलेगा वो केवल मूर्ख ही होगा, भगवान राम नारायण का अवतार होते हुए भी कभी भगवान नही कहा, जो को पहले चतुर्भुज में प्रकट हुए, उसके बाद शिशु बनकर रोना शुरू किए।
तुमलोग कबीर को सन्त मानो या महन्त मानो या महापुरुष या अवतारी पुरुष मानो। कोई दिक्कत नही, पर देवी देवताओं का अपमान न करो, कलयुग के प्रत्यक्ष देवता हनुमान जी है, वो आज भी पृथ्वी पर है, राम भगवान की निन्दा वो नही सुनेगे, अगर वो रुष्ट हुए तो फिर न तुम्हारे कबीर बचाएंगे, और न रामपाल, एक बात ये की कबीर भी अपने को परमात्मा नही कहे, वो एक सन्त थे। तुमलोग कबीर के नाम पर दुकान चला रहे हो।
ईस्वर हर जीव में विद्यमान है।लेकिन कोई प्रगट क्योँ नहीं कर रहा है।
यदि ऐसा कर रहा है तो वह भी झूठ बोल रहा है।
PM Modi ji says that I will provide whatever facilities the public asks for, the Indian people are a country with a religion decorated in countless precious gold, silver, diamond and pearl bouquets on which the entire public has the right. Be careful of people doing business in a political manner. don't let your rights be taken away
जैसे ये अर्थ कर रहा इसको यही नही पता राम कोई भोजन या कोई वस्तु नही हैं।
मुझे तो लगता हैं कि आध्यात्म का समझ कम है कोई भी प्रमाणिक गुरु परंपरा के लोग इसप्रकार की बातें नही कहते राम का नाम और राम में कोई अन्तर नही है राम का नाम ना तो पाप से मुक्ति के लिए ना ही दुख निवारन के लिए किया जाता है यहाँ तक की मुक्ति के लिए भी नही तो थोड़ा सोचये राम नाम की कितना mahima है नाम तो पंचम पुरुषअर्थ भगवद प्रेम प्रदान करती है आध्यात्मिक जगत मे यहाँ का गनित काम नही करते राम और उनका नाम में कोई अन्तर नही है आपका निर्विशेष परक सिद्धांत है जो की मायावाद भाष्य कहलाता है काफी खतरनाक विचार होता है कृपया ऐसे pravachan ना करे सभी महातमा एक स्वर मे नाम की महत्व को उजागर किया है इस युग में विशेष है ये (sentimental) भावना प्रधान नही (science )है जो निर्गुण उपासक समझ नही सकते अपनी कपोलकल्पित भरम पूर्ण ज्ञान मत फैलावो एक केवल कबीर जी का ही ग्रंथ पढकर सिद्धांत नहीं जाना जा सकता हमारे वैदिक शास्त्रों का भी कुछ ज्ञान होना चाहिये कबीर जी तो नाम जापक थे तो फिर आप इतने नाम विरोधी क्यों प्रभुपाद स्वामी सम्पूर्ण विश्व में नाम का प्रचार कर लोगों का जीवन पवित्र कर दिया सिर्फ नाम के प्रभाव से ! आध्यात्मिक शबद तरग का बहुत प्रभाव होता है
न कबीर भगवान है न रामपाल, तुमलोग पूर्ण रूप से कलयुग के चपेट में आ गए, हो जाग जाओ और भक्ति की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश करो, पर कर नही पाओगे, क्यों की कलयुग का पूरा प्रभाव हो गया है तुमलोगो पर।
लगता है यह भास्कर चतुर्वेदी नही बोल रहा परंतु भैंसका चूतियदि बोल रहा है ।
जिन वेदों से ये लोग जनता को सदियों से बेवकूफ बना रहे थे अब सदगुरु संत रामपाल जी महाराज द्वारा सचाइ की रह पर लाए जा रहे हैं, जिस से इन लोगों की रोजी रोटी अब बंद हो रही है शायद इसीलिए यह भोंक रहा है, इसमें कोई अचरज की बात नहीं है 👌👌😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
तुमलोग केवल सोशल मीडिया में ही धर्मात्मा बने घूम रहे हो, जमीन में तो लात घूसे खाते देखा, जो किताब बाट रहे थे, कई जगह बचाया भी, आरएसएस और बजरंगदल शिवसेना कहां देखे वही उठक बैठक करा देते हैं, जो ज्ञान गंगा नाम की पुस्तक बांटते फिरते है, वो 300 सौ रूपये में आते हैं उनको न कबीर पता न रामपाल, वो खुद बताए 300 सौ रूपये में आया हूं, मुझे नही पता क्या लिखा है।
कबीर कुत्संग का बकवास
आप जी का विचार निंदनीय है । मैं इसकी हृदय से निंदा करता हूं क्योंकि आप जन्मदाता को नही समझते । ❤ कबीर ❤ कबीर ही सबकुछ हैं । अगर अभी मान लोगे तो ठीक नहीं तो एक दिन तो मानना ही पड़ेगा ।❤ कबीर ❤
@@rattanlal8372 ईश्वर ही सबकुछ है ईशद्रोहीजनद्रोही कबीर औकात तृणसम भी नही है अत तूरंत तज ईशशरण में आ जाओ वरना पछताओगे
@@rattanlal8372 ईशद्रोही हो ईसलिए तुम निदनीय हो
कबीर भारत वर्ष में दो हुए हैं, कौन से कबीर को भगवान बना रहे हो कबीर का पूरा इतिहास बता दूंगा, जिस की कहोगे, भगवान खुद अपनी सत्ता को बना कर रखते हैं, अब कलयुग है, तो कबीर या रामपाल जैसे ढोंगी को ही भगवान बनायेंगे, ये वही हाल है, उष्ट्रानाम् विवाहेषु गीतं गायति गर्दभः। ऊट के विवाह में गधा गीत गा रहा था, ऊट बोले वाह भाई वाह, तुम लोग वही हो।