किसी पर भी कटाक्ष करना या उसे नीचा दिखाना बहुत आसान होता है और सबसे ज्यादा दुख तब होता है जब कृतज्ञता व्यक्त करने की बजाय कटाक्ष किया जाता है। अरब की आंधी के सामने जब कोई नही टिक पाया था तब 7वी सदी से लेकर 13वी सदी तक इन आक्रांताओं को अगर किसी ने रोका था तो राजस्थान वालो ने ही रोका था। दुनिया के कितने ही मजहब और नस्ले खत्म हो गयी थी पर आज यहाँ जो सनातन बचा है तो इन्ही राजस्थानियों की वजह से । 13 वी सदी में जैसे ही दिल्ली इनके पास आई तो अगले 50 वर्षों में पूरा भारत इनके पास था। किसी राजा ने अगर अपनी प्रजा या राष्ट्रहित में संधि की तो ये उसकी अपनी निजी सोच थी और पुराने समय मे एक राजपरिवार दुसरे राजपरिवार में शादी करते ही थे। इसका मतलब ये नही था कि वो दासी बनके रह रही हो। वही दूसरे राजाओ ने संधियाँ नही की और विद्रोह जारी रखा। उनकी स्त्रियों ने जौहर किया , सती हुई। बाकी मराठा 17वी सदी में ही पिक्चर में आते है। पर उस 7वी सदी से 17वी सदी तक कहाँ थे वो। 17 वी सदी में आने के बाद मात्र 100 वर्षों में ही उन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने टेक दिए। हालांकि में आपके शब्द आपको नही कहूंगा कि उन्हीने अपनी बहन बेटी अंग्रजो को देदी। सारे मराठा राजा भी अंग्रेज़ो के गुलाम ही थे और वो भी मात्र 100 साल में। कम से कम 200 साल तो लड़ते। 1947 के बाद भी सबसे ज्यादा परमवीर चक्र राजस्थान वालो को ही मिले है और ये उन्हें अपनी बहादुरी के लिए ही मिले है ना कि किसी बहादुर कौम को नीचा दिखा कर।
Me khud rajput hu lekin eak samay ke bad jub sare rajput mughalo ke ttalve chatne lage na tub sanatanko Marathi ne hi bachaya puri list he wo rajput jinhone apni behan ko mughlo ke sath Sadi karau or unke talve chatne laga kya pata he Marathi ke bare me wo paidashi Raja nahi the 1640 ke bad Marathi ne apna samrajy banaya kabhi mughlo ke talve nahi chate
@@harichndrsolunke7589 wapas ankhein khol k padh.... 7th century se lekar 17th century tak kaha the maratha.... Aur ek baat ,Ek raj pariwar dusre raj pariwar me hi shaadi karta tha... Jaise koi pariwar dusre k sath.. Baaki Maratha aurton k sath Abdali ne kya kiya hoga wo tujhe bhi pata hai... Wahi dusri aur Rajput striyon ne jauhar kiya hai aur sati bhi hui hai... Baaki tujhe rajputo se jealousy hai to uska illaj mere paas nahi hai
*तथ्यों के सम्बन्थ में गौरीशंकर हीराचंद ओझा का विचार थोड़ा अलग है।वे चारण-भाटों की बात को यथावत् स्वीकार नहीं करते । ये चारण-भाट अपने संरक्षकों की अतिरंजित प्रशंसा करने मे निष्णात थे।*
In aapsi ladayi ne mughlo ko entry dilayi bharat me,jo aaj bhi ghav de rahe h hindustan ko,yr h rajputo ki sachayi,bhale mughlo se rishta banana pade par aapas me rishta nahi sudharna
You are as a only rajputana historical because your all videos only praise of rajputana but not views of all Indian Raja maharaja and nawabs and Delhi government ,your knowledge only show rajputana history .
सर माफ करना,में आपको आदरणीय मानता हु किंतु आपने मराठों के बारे में साही नही कहा की हमारा कोई ईमान नही होता था जहा पैसे मिलते वही लड़ लेते ऐसा नही होता सर, मैं माफ़ी चाहूगा किंतु जब इन rajesthan के मुगलों और अंग्रेजो के गुलाम राजाओं ने सिर्फ अपने आराम के लिए अपनी बहन बेटी मुगलों और अंग्रेजो के बिस्तर में सुला दी थी उस वक्त हम ही थे जिन्होंने मुगलों को उनकी औकात दिखाई थी, और आटक से लेके कटक तक भगवा फहराया था, किंतू माफ किजिए अगर मेरे किसी राजस्थानी भाई को बूरा लगा हो तो माफ़ी चाहूगा 🎉
किसी पर भी कटाक्ष करना या उसे नीचा दिखाना बहुत आसान होता है और सबसे ज्यादा दुख तब होता है जब कृतज्ञता व्यक्त करने की बजाय कटाक्ष किया जाता है। अरब की आंधी के सामने जब कोई नही टिक पाया था तब 7वी सदी से लेकर 13वी सदी तक इन आक्रांताओं को अगर किसी ने रोका था तो राजस्थान वालो ने ही रोका था। दुनिया के कितने ही मजहब और नस्ले खत्म हो गयी थी पर आज यहाँ जो सनातन बचा है तो इन्ही राजस्थानियों की वजह से । 13 वी सदी में जैसे ही दिल्ली इनके पास आई तो अगले 50 वर्षों में पूरा भारत इनके पास था। किसी राजा ने अगर अपनी प्रजा या राष्ट्रहित में संधि की तो ये उसकी अपनी निजी सोच थी और पुराने समय मे एक राजपरिवार दुसरे राजपरिवार में शादी करते ही थे। इसका मतलब ये नही था कि वो दासी बनके रह रही हो। वही दूसरे राजाओ ने संधियाँ नही की और विद्रोह जारी रखा। उनकी स्त्रियों ने जौहर किया , सती हुई। बाकी मराठा 17वी सदी में ही पिक्चर में आते है। पर उस 7वी सदी से 17वी सदी तक कहाँ थे वो। 17 वी सदी में आने के बाद मात्र 100 वर्षों में ही उन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने टेक दिए। हालांकि में आपके शब्द आपको नही कहूंगा कि उन्हीने अपनी बहन बेटी अंग्रजो को देदी। सारे मराठा राजा भी अंग्रेज़ो के गुलाम ही थे और वो भी मात्र 100 साल में। कम से कम 200 साल तो लड़ते। 1947 के बाद भी सबसे ज्यादा परमवीर चक्र राजस्थान वालो को ही मिले है और ये उन्हें अपनी बहादुरी के लिए ही मिले है ना कि किसी बहादुर कौम को नीचा दिखा कर।
Poora marathwada ki border safe thi fir bhi aurangzeb ne sambhaji ko pakad kar maar diya.rajputana ki border safe nahi thi fir bhi 1000_1500 saal raaj chalaya.kisi padosi raja ke saath me lootmaar nahi ki. Bahut jyada mazboori me ya samazdaari se muglon ke saath vevahik yaa rajnitik sambhandh the. Par marathe to thode din baad hi lutere and ghamandi ho Gaye tabhi to unka patan ho gaya .rajpooton ka ab bhi vzood hai .rajput bhir bhi sher hi hai.
Aurangzeb ke mansabdaro me sabse jyada maratha hi the or angrezo k samne ghutne tek diye.....3-4 yoddha ko chor de to baki konse maratha lde...pure Rajput kaal me kisi Rajput Raja ne dusre kisi bhi Raja pr attack krke loot paat nhi ki
भाई 10 में से 7 इतिहासकारों ने मराठो को लुटेरा बताया है बापा रावल , जिन्होने रावल पिंडी की स्थापना की , रावल ने ईरान तक भगवा फलाया इनकी 100 wife थी जिनमे से 42 मुस्लिम थी 712 से 1192 तक राजस्थान कटा था 1200 के बाद भी इंडिया का सबसे ज्यादा आक्रमण झेलने वाला किला भटनेर किला राजस्थान का था मान सिंह की शादी अकबर की भतीजी से हुई खिलजी की बेटी फिरोजा को जालौर के राजा से लव करती थी लेकिन उस राजा ने युद्ध कर लिया लेकिन फिरजा से sadi नहीं की meri एक bhi बात गलत नहीं है google kar loo मराठे 1674 से 1818 तक power में थे केवल 140 साल का इतिहास
Bhai marathao ka koti koti dhnywad lekin maharaj shivaji,sambhaji,bajirao tk hi sahi tha,baad me sta glt haath me chli gyi, bhunkar loot mar baad me inhone
सबसे मजेदार बात ये इतिहास बूंदी में कोई जानता ही नही है। में बूंदी से हु
Mai bi bundi mai talab goan ke pass Nathawa gaon se hu
हम तो बूंदी को चांदी के गोलों की वजह से ज्यादा जानते है।
Chandi ke gole to Churu me chale the @@bhagwanram1994
@@bhagwanram1994wo churu he
😂😂😂
Main 69 year ka hun main aapka bahut bada fan hun Bikaner say
किसी पर भी कटाक्ष करना या उसे नीचा दिखाना बहुत आसान होता है और सबसे ज्यादा दुख तब होता है जब कृतज्ञता व्यक्त करने की बजाय कटाक्ष किया जाता है। अरब की आंधी के सामने जब कोई नही टिक पाया था तब 7वी सदी से लेकर 13वी सदी तक इन आक्रांताओं को अगर किसी ने रोका था तो राजस्थान वालो ने ही रोका था। दुनिया के कितने ही मजहब और नस्ले खत्म हो गयी थी पर आज यहाँ जो सनातन बचा है तो इन्ही राजस्थानियों की वजह से । 13 वी सदी में जैसे ही दिल्ली इनके पास आई तो अगले 50 वर्षों में पूरा भारत इनके पास था। किसी राजा ने अगर अपनी प्रजा या राष्ट्रहित में संधि की तो ये उसकी अपनी निजी सोच थी और पुराने समय मे एक राजपरिवार दुसरे राजपरिवार में शादी करते ही थे। इसका मतलब ये नही था कि वो दासी बनके रह रही हो। वही दूसरे राजाओ ने संधियाँ नही की और विद्रोह जारी रखा। उनकी स्त्रियों ने जौहर किया , सती हुई।
बाकी मराठा 17वी सदी में ही पिक्चर में आते है। पर उस 7वी सदी से 17वी सदी तक कहाँ थे वो। 17 वी सदी में आने के बाद मात्र 100 वर्षों में ही उन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने टेक दिए। हालांकि में आपके शब्द आपको नही कहूंगा कि उन्हीने अपनी बहन बेटी अंग्रजो को देदी। सारे मराठा राजा भी अंग्रेज़ो के गुलाम ही थे और वो भी मात्र 100 साल में। कम से कम 200 साल तो लड़ते।
1947 के बाद भी सबसे ज्यादा परमवीर चक्र राजस्थान वालो को ही मिले है और ये उन्हें अपनी बहादुरी के लिए ही मिले है ना कि किसी बहादुर कौम को नीचा दिखा कर।
Bahut maza aaya yaar.❤❤❤❤❤🎉🎉
Gajab bhaisahab ❤❤
Me khud rajput hu lekin eak samay ke bad jub sare rajput mughalo ke ttalve chatne lage na tub sanatanko Marathi ne hi bachaya puri list he wo rajput jinhone apni behan ko mughlo ke sath Sadi karau or unke talve chatne laga kya pata he Marathi ke bare me wo paidashi Raja nahi the 1640 ke bad Marathi ne apna samrajy banaya kabhi mughlo ke talve nahi chate
Or kisi ko pata he malhar raw holker wo jinki wajhah se aaj kashi wishwnath banaya fir se
@@harichndrsolunke7589 wapas ankhein khol k padh.... 7th century se lekar 17th century tak kaha the maratha.... Aur ek baat ,Ek raj pariwar dusre raj pariwar me hi shaadi karta tha... Jaise koi pariwar dusre k sath.. Baaki Maratha aurton k sath Abdali ne kya kiya hoga wo tujhe bhi pata hai... Wahi dusri aur Rajput striyon ne jauhar kiya hai aur sati bhi hui hai... Baaki tujhe rajputo se jealousy hai to uska illaj mere paas nahi hai
wonderful class is 😂😂😂😂❤❤❤
Yes
Sir Mewad m to raj tantra m vanshaj hue h
Parnam guru dev 😊
शर जी आप बिकानेर में कहा से है हम भी बिकानेर से है
😂😂😂😂😂😂 ladkiyan ki to baat hi alag hai
Sar kharol samaj bare mein koi jankari ho to batana
सवाई जयसिंग है या मिर्जा राजा जयसिंग
हमारे मगध में डूबते हुए सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाता है
सर लास्ट में जो बात कही है...😂
तीन पीढ़ियों के नाम सोच लेता है।।😂😂❤
Mai bhi Bundi se hi hu
*तथ्यों के सम्बन्थ में गौरीशंकर हीराचंद ओझा का विचार थोड़ा अलग है।वे चारण-भाटों की बात को यथावत् स्वीकार नहीं करते । ये चारण-भाट अपने संरक्षकों की अतिरंजित प्रशंसा करने मे निष्णात थे।*
Isme bhi poora jhooth nahin hai.kuchh kuchh baat badha Chadha kar likhi gayi hai.
इतिहास संरक्षण का काम किया किसने, आज़ादी के बाद जिसका जैसा मन हुआ वैसा इतिहास लिख दिया। बाकी किसी जाति विशेष को तेग मत करो, अपना मत अपने पास राखों।
❤❤❤❤❤
🎉
लेकिन सर एनसीईआरटी बुक में कुछ अलग ही कहानी है समझ नहीं आता किसका माने एनसीईआरटी का यह आपका
to fir dalel singh krishna kanwar ki bhuaji ka ladka huya na
In aapsi ladayi ne mughlo ko entry dilayi bharat me,jo aaj bhi ghav de rahe h hindustan ko,yr h rajputo ki sachayi,bhale mughlo se rishta banana pade par aapas me rishta nahi sudharna
Sayaji rao gaekwad bhi adopted the par great raja the
हमने भी इतिहास पडा है आप कूच ज्यादा ही माराठोको बदनाम करते है
अच्छी जानकारी दो
Hii
Mughals me esa Prakriti ka Nyaay kyu nahi hua 🤔🤔🤔
Waha to ek ke baad ek peedhi aati gayi.....
Sir aap marathon ko galat tarah se bata raha hai
Tu chup baith sale
Sir marathose koi khas dushmani hai kya hamesha badnam krte ho
You are as a only rajputana historical because your all videos only praise of rajputana but not views of all Indian Raja maharaja and nawabs and Delhi government ,your knowledge only show rajputana history .
He is preparing students for Rajasthan State level Competitive Exams, Rajputana history is main part of Rajasthan.
सही कहानी सुनाओ.. फर्जी कहानी बता रहे हो
सर माफ करना,में आपको आदरणीय मानता हु किंतु आपने मराठों के बारे में साही नही कहा की हमारा कोई ईमान नही होता था जहा पैसे मिलते वही लड़ लेते ऐसा नही होता सर, मैं माफ़ी चाहूगा किंतु जब इन rajesthan के मुगलों और अंग्रेजो के गुलाम राजाओं ने सिर्फ अपने आराम के लिए अपनी बहन बेटी मुगलों और अंग्रेजो के बिस्तर में सुला दी थी उस वक्त हम ही थे जिन्होंने मुगलों को उनकी औकात दिखाई थी, और आटक से लेके कटक तक भगवा फहराया था, किंतू माफ किजिए अगर मेरे किसी राजस्थानी भाई को बूरा लगा हो तो माफ़ी चाहूगा 🎉
किसी पर भी कटाक्ष करना या उसे नीचा दिखाना बहुत आसान होता है और सबसे ज्यादा दुख तब होता है जब कृतज्ञता व्यक्त करने की बजाय कटाक्ष किया जाता है। अरब की आंधी के सामने जब कोई नही टिक पाया था तब 7वी सदी से लेकर 13वी सदी तक इन आक्रांताओं को अगर किसी ने रोका था तो राजस्थान वालो ने ही रोका था। दुनिया के कितने ही मजहब और नस्ले खत्म हो गयी थी पर आज यहाँ जो सनातन बचा है तो इन्ही राजस्थानियों की वजह से । 13 वी सदी में जैसे ही दिल्ली इनके पास आई तो अगले 50 वर्षों में पूरा भारत इनके पास था। किसी राजा ने अगर अपनी प्रजा या राष्ट्रहित में संधि की तो ये उसकी अपनी निजी सोच थी और पुराने समय मे एक राजपरिवार दुसरे राजपरिवार में शादी करते ही थे। इसका मतलब ये नही था कि वो दासी बनके रह रही हो। वही दूसरे राजाओ ने संधियाँ नही की और विद्रोह जारी रखा। उनकी स्त्रियों ने जौहर किया , सती हुई।
बाकी मराठा 17वी सदी में ही पिक्चर में आते है। पर उस 7वी सदी से 17वी सदी तक कहाँ थे वो। 17 वी सदी में आने के बाद मात्र 100 वर्षों में ही उन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने टेक दिए। हालांकि में आपके शब्द आपको नही कहूंगा कि उन्हीने अपनी बहन बेटी अंग्रजो को देदी। सारे मराठा राजा भी अंग्रेज़ो के गुलाम ही थे और वो भी मात्र 100 साल में। कम से कम 200 साल तो लड़ते।
1947 के बाद भी सबसे ज्यादा परमवीर चक्र राजस्थान वालो को ही मिले है और ये उन्हें अपनी बहादुरी के लिए ही मिले है ना कि किसी बहादुर कौम को नीचा दिखा कर।
Poora marathwada ki border safe thi fir bhi aurangzeb ne sambhaji ko pakad kar maar diya.rajputana ki border safe nahi thi fir bhi 1000_1500 saal raaj chalaya.kisi padosi raja ke saath me lootmaar nahi ki. Bahut jyada mazboori me ya samazdaari se muglon ke saath vevahik yaa rajnitik sambhandh the. Par marathe to thode din baad hi lutere and ghamandi ho Gaye tabhi to unka patan ho gaya .rajpooton ka ab bhi vzood hai .rajput bhir bhi sher hi hai.
Aurangzeb ke mansabdaro me sabse jyada maratha hi the or angrezo k samne ghutne tek diye.....3-4 yoddha ko chor de to baki konse maratha lde...pure Rajput kaal me kisi Rajput Raja ne dusre kisi bhi Raja pr attack krke loot paat nhi ki
भाई
10 में से 7
इतिहासकारों ने मराठो को लुटेरा बताया है
बापा रावल , जिन्होने रावल पिंडी की स्थापना की , रावल ने ईरान तक भगवा फलाया
इनकी 100 wife थी जिनमे से 42 मुस्लिम थी
712 से 1192 तक राजस्थान कटा था 1200 के बाद भी इंडिया का सबसे ज्यादा आक्रमण झेलने वाला किला भटनेर किला राजस्थान का था
मान सिंह की शादी अकबर की भतीजी से हुई
खिलजी की बेटी फिरोजा को जालौर के राजा से लव करती थी लेकिन उस राजा ने युद्ध कर लिया लेकिन फिरजा से sadi नहीं की
meri एक bhi बात गलत नहीं है
google kar loo
मराठे 1674 से 1818 तक power
में थे केवल 140 साल का इतिहास
Bhai marathao ka koti koti dhnywad lekin maharaj shivaji,sambhaji,bajirao tk hi sahi tha,baad me sta glt haath me chli gyi, bhunkar loot mar baad me inhone
❤❤❤❤