Rajasthan की रानियाँ ग़ुलामों के साथ भागकर क्यूँ गई Uttarakhand? Arun joshi ,Newsnasha

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  • Опубліковано 22 гру 2024

КОМЕНТАРІ • 1,1 тис.

  • @mainaurmerabharat4328
    @mainaurmerabharat4328 3 роки тому +146

    आप के कथन मैं द्वेष भावना जलक्ति है
    वरना ये लिखा हुआ नजर नहीं आता की गुलामों के साथ भाग कर आ गई

    • @satishcjha2021
      @satishcjha2021 3 роки тому +23

      yah sala jhutha hai aur Bhartiyo ko gali deta hai

    • @Suprat0555
      @Suprat0555 3 роки тому +4

      Bharat is a dying nation. 99% are traitors

    • @roshanrawat8237
      @roshanrawat8237 3 роки тому +11

      Eski ma kese ke sath bhagi hogi ye jin thatu or raniyo ke liy khan rha h agr wo shi h to us wkt m kuch beshyaye v hoti hongi, ye unhi ki oulad h, 100%

    • @NARESHSINGH-zg5eo
      @NARESHSINGH-zg5eo 3 роки тому

      😂🤣😂😂🤣🤣🤣😂🤣🤣😂

    • @mohanbhatt8988
      @mohanbhatt8988 3 роки тому +3

      @@Suprat0555 तो भाई जहर खाले। कैसे भी हो ख़ुदकुशी कर ले।।

  • @Titu.JitendraRawat
    @Titu.JitendraRawat 3 роки тому +150

    Don't tell ghulam, they are true warriors and faithful supporters.

    • @bhanoiji2096
      @bhanoiji2096 3 роки тому +1

      Chutiye j lunchup hi Mughals ko invite kr k aye the to satisfy their greed n to take their revenge

    • @bikashlimboo6067
      @bikashlimboo6067 3 роки тому +4

      I m fully agree with you n you are right Rawat bro👍the word ghulam should not be use anywhere.

    • @GTPower-mf6eo
      @GTPower-mf6eo 3 роки тому +3

      Ye sahab sakal se gulam aur raja me antar bata rahe hain..!

    • @awakeningindia5316
      @awakeningindia5316 3 роки тому +7

      Uttrakhand m muslaam ko naa anaa diya jaye....ye khud muslam bana gaye aur ye Islam humko mitna chaate h...pure desh se...ab fir inka sannghar Krna hoga

    • @basantirawat3499
      @basantirawat3499 3 роки тому +1

      Correct answer Rawat ji

  • @murlidhar7025
    @murlidhar7025 3 роки тому +21

    तथ्य से परे संकीर्ण सोच मनगढ़ंत इतिहास को आपने ग़लत दिशा दी है

  • @sonurawat4510
    @sonurawat4510 2 роки тому +34

    Uttarakhand Kshatriyon ki bhumi hai yahn Rajput or pandat rhate hai Uttarakhand ke rajputon ne kabhi prajaye sweekar nahi ki bhale hi apna sir katwa diye per mughle ke age kabhi jhuke nahi Uttarakhand ek maatra aisi jagha hai jhn ke Rajputon ko gulaam nahi bana paya ... jai Devbhumi Uttarakhand 🙏 jay jay bhawani jay rajputana 🙏🚩🚩🚩

    • @soch3834
      @soch3834 10 місяців тому +1

      Lekin Rajput hai kiski santaan unhe to Bhagwan Pershuram ne puri trh is Dherti se mita deya tha teb khan se paida hue tum? Manusmriti ped lena teb pta leg jaega

    • @nareshkhairiya8408
      @nareshkhairiya8408 9 місяців тому +2

      उत्तराखंड के मूल निवासी कौन थे, इतिहास की सही जानकारी रखो।
      पुरे गढ़वाल और कुमाऊँ सभी क्षत्रिय और ब्राह्मण राजा थे क्या?

    • @VivekBisht-ji8mv
      @VivekBisht-ji8mv 4 місяці тому

      ​@@nareshkhairiya8408bahut sahi reply..yahan kol hain khas(khasya)hain aur aaj ke majority thakurs unhi khaso ke descendants hain + Garhwal ke Nirola baman aur kumau me khas baman...aur naagvanshi bhi pr aaj unke descendants bhi mix ho gaye hain abhi bhi log purane caste census dekhenge 1841-42 ke 1965 aur 1972 ke aur agar history ki sahi knowledge ho logo ko to unhe pata lagega jo aaj khud ko rajput kah rahe hain wo khaso ki hi auladen milengi...kirats ko add nahi karunga kyuki unka koi aisa direct descendant nahi hai wo bhi mix ho gaye pr kaafi Kam honge..native population me khas dominant krte hain fir kuch rajputs jo Raj darbaar ke hain aur kuch aur families jinka recorded hai sab kuch..aur fir sarola gangadi baman aur kumau ke thul aur dusre baman aur sabka recorded hai...

    • @VivekBisht-ji8mv
      @VivekBisht-ji8mv 4 місяці тому

      Sorry...1865 aur 1872 ke

    • @Indian_898
      @Indian_898 4 місяці тому +1

      Wrong hai history pdho kumaoni garhwali kbhi rajput nhi the nahh hoo skte hain.... Yai khas samj k log hain tribal community kai joo bss apne koo ucchi jati kaa dikhane k liyee uss time bnn gye the

  • @tenzingayatso6401
    @tenzingayatso6401 3 роки тому +72

    श्रीमान कृपया उन पुस्तकों के नाम दीजिए जिनपर ये तथ्य लिखित हैं , हम भी स्वयं पढ़ना चाहेंगे

    • @harendrashisodia
      @harendrashisodia 3 роки тому +3

      Fake story hai ye

    • @tenzingayatso6401
      @tenzingayatso6401 3 роки тому +2

      @@harendrashisodia Bhaiji fake ho ya real ye toh jab video post daalne wale reference denge tabhi pata chalega, kyunki bina reference ke kisi bhi tathya ki satyata pramanit nahi kar sakte ...

    • @basantirawat3499
      @basantirawat3499 3 роки тому +1

      Correct answer 👍
      Fake' video

    • @harendrashisodia
      @harendrashisodia 3 роки тому

      @@tenzingayatso6401 maine tathya bhi diye hain, link ko dekh leejiye comment box mei diya hai...fake means fake ab 🌞 Sun ko 🌙 moon thode maan loonga...
      Post dalne wale ko sochna hai kya faltoo bol rahe...

    • @sitaramsagar6606
      @sitaramsagar6606 3 роки тому

      @@tenzingayatso6401 aQPQÀÀ

  • @ArunKumar-hh9dg
    @ArunKumar-hh9dg 3 роки тому +28

    आपकी जानकारी बिल्कुल सच है मैं 1976 से 78 तक बतौर कांस्टेबिल पीलीभीत जनपद में रहा इस जनपद में नेपाल व खटीमा से सटा एक गांव है सुंदरनगर जो बोदीभूड़ गांव में लगता है वहां भी उन ग्रामवासियों ने यही बात बताई थी लेकिन गुलाम नहीं सेवकों के साथ रानियों को भेजना बताया था चौके में पुरुष नहीं जा सकते थे उन्हे खाना चौके से बाहर थाली खिसका कर दिया जाता था थाऊ पुरुष और स्त्रियों के रंग रूप आपके बताये अनुसार थे और राणा समुदाय से थे यह जनपद पीलीभीत का एकमात्र थारू जनजाति का गांव है

    • @amitkanyal4286
      @amitkanyal4286 6 місяців тому

      में खटिमा से हू थारू एक जनजाति है राजपूतों से इनका कोई सम्बन्ध नहीं है

  • @VplusV1711Vlog
    @VplusV1711Vlog 3 роки тому +5

    तो फिर लाखों वीरांगनाएं कौन थी??
    जिन्होंने युद्ध भी लड़ा और जब बात आत्मसम्मान की आयी तो अपने जौहर से इस धरती के सम्मान को बनाए रखा!
    आप की बातें द्वेषपूर्ण है,वामवादी विचारधारा को लेकर गढ़े गए नैरेटिव की पहचान बहुत आसानी से की जा सकती है।
    इसके लिए आप पर केस भी चल सकता है

  • @dalbiir-raawatdilbar8261
    @dalbiir-raawatdilbar8261 7 місяців тому +3

    कुछ इतिहास कारों ने अपने लेखों में ये बताया है उत्तराखंड के क्षत्रिय समाज राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से आए थे। जिन्हें संभावित युद्धों के परिणामों को महसूस कर ऐसी क्षत्रानिया जो गर्भवती थी और ऐसे बच्चे जो दस साल से कम उम्र के थे जिन्हें तलवार उठाने की सामर्थ्य नहीं थी अपने चुनिंदा भरोसेमंद सरदारों की सुरक्षा में पहाड़ों की और सुरक्षित स्थान में भेज दिया था और ये आदेश किए थे जब तक उनको बुलाया न जाए वापस नहीं आए। गुलाम शब्द उससे बहुत पहले या मुगलिया सल्तनत का दिया हुआ नाम है। राजस्थान में नौकर चाकर जिनमे रसोइया कपड़े धोने के लिए यहां तक कुछ ऐसे सामंत जो हर तरह से प्रवीण थे मार्गदर्शन में ऊंचे क्षेत्रों की और जाने को कहा। बहुत समय बाद जब मुखियाओं का कोई समाचार नही आया तब राजपूत सरदारों और युवा हो चले राजपूत बच्चो के साथ अपना समय बिताने के लिए विवशता हो गई देखती थी। जो भी है जानकारी ज्ञान में वृद्धि करती है

  • @pradeepnegi5904
    @pradeepnegi5904 3 роки тому +48

    मैं उत्तराखंड से हूं , ये कहनी है बस।

    • @amankumarsingh5027
      @amankumarsingh5027 3 роки тому +5

      Bhai ye pandat sale kuch bhi bol rha hai ...
      Aur Mewar KE sisodiya ke bare me jha par JOHAR hota hai .

    • @amankumarsingh5027
      @amankumarsingh5027 3 роки тому +4

      @@Gudgudi_Adda yhi to hum bol rhe hai ,, paharo par Jana ,, goolamo se saadhi to nhi hota ..

    • @chillaxgauravhere
      @chillaxgauravhere 3 роки тому

      @@Gudgudi_Adda to sala Kya hai jat hmara golam hai tu apna BAAP sa poch phartiyal ho mehra Ja BAAP ko mut sika

    • @rajeevdhyani4671
      @rajeevdhyani4671 3 роки тому +1

      @@Gudgudi_Adda ye sab jhoot bol.rha hai

    • @rajeevdhyani4671
      @rajeevdhyani4671 3 роки тому +1

      @@amankumarsingh5027 jab kuch pta na ho beech me nhi guste smjh aai kya pandat pandat kar rha hai tera kya lena dena hai tu tera rajasthan dekh bss smjh aai

  • @ravisingh6788
    @ravisingh6788 3 роки тому +82

    कुछ किताबों को पढ़ने के बाद कुछ लोगों को खुद से ही ज्यादा उम्मीद हो जाती है।वो खुद को ही महान विद्वान समझ कर कोई भी बात कहते हैं उसमें तर्क और ज्ञान हो या न हो। समाज से भी ऐसा चाहते हैं जब नहीं होता तो वो कुंठित हो जाते हैं।

    • @harirajak6296
      @harirajak6296 3 роки тому +6

      आप अपने बारे में परिचय दें आप की शिक्षा-दीक्षा इतिहास के ज्ञान के बारे में आपने कहां तक अध्ययन किया तर्क दिया नहीं तो उसको मार दिया नहीं और दूसरे व्यक्ति को गलत ठहराने का आपके पास कोई अधिकार नहीं यदि आप इतिहास के विद्यार्थी

    • @ashudryclenarssnp.532
      @ashudryclenarssnp.532 3 роки тому +2

      नमस्कार 🙏 श्रीमान जी आज तक जितने भी इतिहासकार हिन्दूस्तान की धरती पर पैदा हुए हैं सभी ने इस्लाम धर्म और मुस्लिमों को बदनाम करने की कोशिश की है किसी ने भी इतिहास को सही तरीके से पेश नहीं किया है। वो वक़्त ऐसा ही था जब एक राज्य दूसरे राज्यों पर ओर एक देश दूसरे देशों के साथ युद्ध करता था। क्यों ,, श्री राम जी ने लंका पर चढ़ाई कर युद्ध किया, क्यों महाभारत युद्ध किया, जबकि श्री कृष्ण जी उस वक्त मौजूद थे क्यों लाखों सैनिकों को युद्धभुमि में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी,, क्यों एक दुर्योधन की गलियों के कारण कौरवों के महाराज धृतराष्ट्र को अपने 100 पुत्रों की आहुति देनी पड़ी,, अगर श्री कृष्ण जी भगवान चाहते तो युद्ध रोक सकते थे ‌। श्रीमान जी उस वक्त यौद्धाओं का धर्म जंग करना था । श्रीमान जी क्या आज तक किसी ने राजा रावण को,,या कौरवों, ओर महाराज कर्ण,, को गाली देते देखा है क्या। लेकिन आप जैसे इतिहासकारों की वजह से हिन्दुस्तान में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है गालियां देते हैं मारपीट, ओर यहां तक की जान से मारा जा रहा है। क्यों किसी को मुस्लिम शहीदों की याद नहीं आती जिन्होंने भारत की आज़ादी में अपना खून बहाया था,, क्या किसी ने उस पिता की व्यथा महसूस की जिसकी आंखें फोड़कर उसके सामने उसके पुत्रों के सर काट कर थाली में सजाकर परोसें गयें थे। क्यों अंग्रेजों से नफ़रत नहीं करते, क्या अंग्रेज भारत में अपने मामा के घर,,या सैर सपाटा करने भारत आए थे, क्या अंग्रेजों ने हिन्दुस्तानियों ओर हिन्दूओं का नरसंहार नहीं किया,अरे जनाब हिन्दू क्या हिन्दू, मुस्लिम, सिख, सभी का नरसंहार किया अंग्रेजों ने। क्यों आज तक अंग्रेजों की जी हुजूरी करता है भारत,, लेकिन जनाब जैसे मुस्लिमों को बदनाम किया है ,आप जैसे इतिहासकारों ने, किसी ने अंग्रेजों की सच्चाई को भी पेश किया है क्या ? जनाब अगर आप कलम को धर्म मानते हैं तो अंग्रेजों के खिलाफ ,, आवाज बुलंद करके उनकी सच्चाई से हिन्दुस्तानियों को रूबरू करायें । धन्यवाद,,जय हिन्द जय भारत जय जवान जय किसान 🙏🙏

    • @ashudryclenarssnp.532
      @ashudryclenarssnp.532 3 роки тому +2

      @@harirajak6296 नमस्कार 🙏 श्रीमान जी आज तक जितने भी इतिहासकार हिन्दूस्तान की धरती पर पैदा हुए हैं सभी ने इस्लाम धर्म और मुस्लिमों को बदनाम करने की कोशिश की है किसी ने भी इतिहास को सही तरीके से पेश नहीं किया है। वो वक़्त ऐसा ही था जब एक राज्य दूसरे राज्यों पर ओर एक देश दूसरे देशों के साथ युद्ध करता था। क्यों ,, श्री राम जी ने लंका पर चढ़ाई कर युद्ध किया, क्यों महाभारत युद्ध किया, जबकि श्री कृष्ण जी उस वक्त मौजूद थे क्यों लाखों सैनिकों को युद्धभुमि में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी,, क्यों एक दुर्योधन की गलियों के कारण कौरवों के महाराज धृतराष्ट्र को अपने 100 पुत्रों की आहुति देनी पड़ी,, अगर श्री कृष्ण जी भगवान चाहते तो युद्ध रोक सकते थे ‌। श्रीमान जी उस वक्त यौद्धाओं का धर्म जंग करना था । श्रीमान जी क्या आज तक किसी ने राजा रावण को,,या कौरवों, ओर महाराज कर्ण,, को गाली देते देखा है क्या। लेकिन आप जैसे इतिहासकारों की वजह से हिन्दुस्तान में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है गालियां देते हैं मारपीट, ओर यहां तक की जान से मारा जा रहा है। क्यों किसी को मुस्लिम शहीदों की याद नहीं आती जिन्होंने भारत की आज़ादी में अपना खून बहाया था,, क्या किसी ने उस पिता की व्यथा महसूस की जिसकी आंखें फोड़कर उसके सामने उसके पुत्रों के सर काट कर थाली में सजाकर परोसें गयें थे। क्यों अंग्रेजों से नफ़रत नहीं करते, क्या अंग्रेज भारत में अपने मामा के घर,,या सैर सपाटा करने भारत आए थे, क्या अंग्रेजों ने हिन्दुस्तानियों ओर हिन्दूओं का नरसंहार नहीं किया,अरे जनाब हिन्दू क्या हिन्दू, मुस्लिम, सिख, सभी का नरसंहार किया अंग्रेजों ने। क्यों आज तक अंग्रेजों की जी हुजूरी करता है भारत,, लेकिन जनाब जैसे मुस्लिमों को बदनाम किया है ,आप जैसे इतिहासकारों ने, किसी ने अंग्रेजों की सच्चाई को भी पेश किया है क्या ? जनाब अगर आप कलम को धर्म मानते हैं तो अंग्रेजों के खिलाफ ,, आवाज बुलंद करके उनकी सच्चाई से हिन्दुस्तानियों को रूबरू करायें । धन्यवाद,,जय हिन्द जय भारत जय जवान जय किसान 🙏🙏

    • @sharvan823
      @sharvan823 3 роки тому +5

      @@ashudryclenarssnp.532 मुस्लिमो का इतिहास पढ़ लो पहले।
      हिन्दू राजावो औऱ मुस्लिम दोनों में से कौन धर्म अनुसार युद्ध लड़ता है पहले यह जान ले।

    • @onlytruth308
      @onlytruth308 3 роки тому +2

      @@ashudryclenarssnp.532 , ek word zoot kitna bhi lamba likho sach nahi ho jayega.

  • @bhawanishekhawat1508
    @bhawanishekhawat1508 3 роки тому +31

    होता है होता है
    बुढ़ापे में बुद्धि आपके जैसी हो जाती है

  • @abkhan7
    @abkhan7 3 роки тому +13

    अच्छे टॉपिक को इतना खराब तरीके से बोला गया है के सुनना एक बहुत मुश्किल और धैर्य का काम है।

  • @b.s.chauhan4330
    @b.s.chauhan4330 3 роки тому +36

    श्रीमान पाली और पुष्कर के ब्राह्मणों के बारे में आपकी क्या राय है यह उत्तराखंड में किसके साथ भागकर आए हैं?

    • @mohanrajput2610
      @mohanrajput2610 3 роки тому

      😂😂🤣🤣🤣🙇🙇🙋💁🙆

    • @realities8733
      @realities8733 3 роки тому

      😀😀

    • @amankumarsingh5027
      @amankumarsingh5027 3 роки тому +1

      Ye ponga Pandit hi ,, Raja maharaja o ke itihas ko badnam Kiya hai ..
      Ye nhi batayega ,, kshamir see kyse bag gya Aur kiske saath bag gye.

    • @zaadon439
      @zaadon439 3 роки тому

      सही कहा आपने भाई जी

    • @alsingh648
      @alsingh648 3 роки тому

      दूसरों को नीचा दिखाना इनके खून में है

  • @satishshankar2945
    @satishshankar2945 3 роки тому +12

    मुगलों नें सिर्फ राजपूतों पर ही अत्याचार किया बाकी जातियां उस समय क्या कर रही थीं. यह एक रहस्य है इसे उजागर करना चाहिए.

    • @theanalysts8391
      @theanalysts8391 3 роки тому +1

      राजपूतों ने क्या किया ये इतिहास में है।पहले वो पढलो।L P Sharma ki medieval history hindi me uplabdh hai. ias ki book hai.

  • @praveenrawat6570
    @praveenrawat6570 Рік тому +10

    This is only for tharu not only for whole Uttarakhand people.Chand Vansh,katyuri Vansh,Parmar Vansh.

  • @jkmeena7819
    @jkmeena7819 3 роки тому +7

    सर जी आपकी बात सही हो सकती है मैं 2010 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गया था कौन गांव में गया था जहां पर वह लोगों ने बताया कि हम राजस्थान से हमारे पूर्वज राजस्थान से आए हुए हैं दिमाग सही है कि राजस्थान के गए हुए हैं कई वहां लोगों ने हमें बताया

    • @dhaneshwarprasad4752
      @dhaneshwarprasad4752 2 роки тому

      अधिकांश लोग विभिन्न भागों से उत्तराखण्ड के पहाडो़ में गये. जो समय के साथ वहीं के हो गये. नून लोटा की परंपरा आज भी हिमाचल प्रदेश में सुनी जाती है.

    • @gauravgauravsingh7189
      @gauravgauravsingh7189 7 місяців тому

      Garhwal mai kuch Rajput or barhaman Rajasthan or Gujarat se aaye h or kuch Yhi k mul niwasi the

    • @amitnegi586
      @amitnegi586 5 місяців тому

      Rajasthan se bas mahilaye aayi thi or kuch sainik aaye Uttarakhand mai or garhwal kumaun ne unki rakhsa ki thi mugglo se or santaan matao baheno ki raksha ki thi

  • @chaarvipatil3002
    @chaarvipatil3002 3 роки тому +29

    अगर महिलाओं का वर्चस्व है तो वो आर्य या क्षत्रिय नही हो सकता क्योंकि ये जनजातीय लोगो की पहचान है

    • @amitdebnath9314
      @amitdebnath9314 3 роки тому

      absolutely

    • @pushparana791
      @pushparana791 8 місяців тому

      Kisne kaha.Rajputin me striyon ko bahut samman diya jata hai.padiye veer vinod.tum log kya apni striyon ko juute ki nok rakhte ho.yah janjatiya lakcan hai.

    • @cheemaokeree
      @cheemaokeree 3 місяці тому

      ​@@pushparana791Raniyaan vidhwa hokar vidroh nahin, jauhar karti thi. To iska matlab unhein dabaya nahin jata tha ek purush ke dwara. balki poora samaj vaisa tha.

  • @kushbeersinghchauhan3876
    @kushbeersinghchauhan3876 4 місяці тому +2

    उत्तराखंड में लुटेरों या चोरों का कभी डर नहीं था आपका इतिहास बिलकुल काल्पनिक है

  • @aaditya509575
    @aaditya509575 3 роки тому +19

    Though I am from Bijnor west UP but raised in Dehradun
    I must say
    Living standard of people of uttarakhand and himachal is far better as compared to uttar pradesh Rajasthan etc despite whatever they claim
    People of uttarakhand may have some knowledge of Rajasthan
    But people of Rajasthan don't have any knowledge about uttarakhand
    Jaise aaj ke time sena mein Jo bharti hota hai WO sainik kahlata hai
    Shayad usi tarah puraney time mein Jo sena related hota hoga WO rajput kahlata ho
    Because rajput is a very varied caste
    Area wise also

    • @nitin_the_clasher4870
      @nitin_the_clasher4870 3 роки тому

      Tu toh wahi he saale

    • @amitnegi586
      @amitnegi586 5 місяців тому

      Uttarakhand Himachal rajput royal rajput hote hai royal life style hote hai

  • @joshiukwala5761
    @joshiukwala5761 3 роки тому +13

    बिलकुल ही आधारहीन जानकारी
    थारू लोग मंगोलियन चेहरे के होते है जबकि राजस्थान म मंगोलियन चेहरे के लोग नहीं रहते हैं
    बल्कि ये बात सच है कि gharwal कुमाऊं और हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में बहुत सारे राजस्थानी परिवार आकर बसे जोकि आज भी है
    पर थारू राजी बोक्शा जनजातियां कुमाऊं के मैदानों कि मूल निवास जनजातियां है

    • @kartarsingh1451
      @kartarsingh1451 3 роки тому

      mgr vo bhi to khi se aaye honge, phado m to prakt nhi huye honge

    • @roms7626
      @roms7626 3 роки тому

      Vohi me soch ra tha

    • @bharatmatakijai5902
      @bharatmatakijai5902 3 роки тому +1

      Rajasthani bhihari ke tarah dekte hai

    • @opi829
      @opi829 3 роки тому

      Tharu log Tarai chhetra ke mul niwasi hai...ha ho sakta hai Rajasthan se koi group inme akar mila hoga

  • @sanjeevkumarverma5827
    @sanjeevkumarverma5827 Рік тому +3

    इतनी सुंदर स्त्रियों से पैदा हुए बेटे सुंदर क्यों नही जबकि बेटियां सुंदर हैं ये बात अजीब लगती है

  • @KandpalRp
    @KandpalRp 3 роки тому +34

    पहले अपना कन्फ्यूजन दूर कीजिएगा सर जी।
    हम भी उत्तराखंड से कुमाऊँनी हैं।
    कहीं कि कहीं जोड के कथा ना सुनाइयेगा °®

    • @meenatiwari3468
      @meenatiwari3468 3 роки тому +2

      I have also not heard this story. May be fictional.

    • @nishant_kharkwal
      @nishant_kharkwal 3 роки тому +1

      I have heard this story from my mom... Khatima has a lot of Tharu people.. also in bhabar and tarai area of Nepal. Further, this is an anthropological study. So, he is only describing what they have observed and told by the Tharu people. It's their ritual.. talk with some Tharu people you may know. You never heard of something doesn't mean it doesn't exist. Don't worry I am from Pithoragarh and know my region well. Please refer Badri Dutt Pandey and other historians who have written extensively about Uttarakhand.

    • @KandpalRp
      @KandpalRp 3 роки тому +1

      @@nishant_kharkwal जी हमने भी बद्रीदत्त पाण्डेय जी कि किताब पढी है।
      °®

    • @nishant_kharkwal
      @nishant_kharkwal 3 роки тому

      @@KandpalRp he has written one of the best... Further, coming to Tharu history, I have also heard the same from the people in Tarai and Bhabar region of Kumaon. What the narrator have said in the video matches with it. So, I have no issues with the description.

    • @nishant_kharkwal
      @nishant_kharkwal 3 роки тому

      May, be if the above set of historical and anthropological description is wrong please refer me some books and articles so that I can have more clarity on this. I will be highly thankful for that. History really interests me...

  • @jkmeena7819
    @jkmeena7819 3 роки тому +5

    सर जी जो अभी जनजाति बता रहे हैं थारू जनजाति यह मीणा जनजाति राजस्थान से मिलती-जुलती है जैसे दीपावली के दिन राजस्थान में मीणा जनजाति है वह पित्र तर्पण करती है दीपावली के दूसरे दिन अपने पूर्वजों के याद में खाना बनाते हैं राजस्थान में हजारों साल पहले मीणा जनजाति का हमला हुआ करता था जा आज जयपुर बसा हुआ है राजस्थान का जयपुर राजधानी इसको सही दिशा में पहुंचाने के लिए राजपूत इतिहास देखना पड़ेगा दिवाली के पिता तर्पण के दिन ही राजपूतों ने मीणाओं से राज छीना था

  • @naveenshankersharma972
    @naveenshankersharma972 3 роки тому +2

    बोक्सा जनजाति के बारे में हमने जो अपने क्षेत्र में सुना है वह यह है कि ये पानीपत के युद्ध शुरू होने पर कुरुक्षेत्र से सुरक्षित क्षेत्रों की ओर आने वाले लोग थे जिनमें रानियां उनकी सेविकाएं और सेवक थे। मराठा सेना में न सिर्फ मराठा क्षत्रप थे अपितु वर्तमान समय के राजस्थान मध्यप्रदेश गुजरात कोंकण आदि क्षेत्रों के सैनिक और क्षत्रप थे। भले ही आप इनके मध्य रहे हैं परंतु थारु और बोक्सा को आपने एक साथ मिला दिया है। आपकी वार्ता बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है। क्या ऐसा पलायन एक बार ही हुआ ? इस प्रश्न का उत्तर जोहर के काल को देखकर लगाया जा सकता है। जितनी बार जोहर हुआ उस समय सम्भव है गर्भवती स्त्रियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के बाद जोहर किया गया हो। (?) इस पर भी शोध होना चाहिए।

    • @pushparana791
      @pushparana791 8 місяців тому

      Rana aur buxa dino alag Hain.vo panwar vanshiy chatriya hain aur Tharu jinko sambodhan diya gaya vo Rana hain.

    • @pushparana791
      @pushparana791 8 місяців тому

      Tharu aur Rana is mayne alag hai ki Tharu bhagwan budh ke samay se yahan ke tarai k nivasi the .ath unhe tharu kaha Gaya.Parantu Rana kalanatar me Maharana pratap ji ke samay kal ke pas yahan aye aur unme mil Gaye oarantu riti beti ka sambandh kabhi nahi rakha gaya .

  • @rawatBoyzTraveller
    @rawatBoyzTraveller 3 роки тому +37

    Proud to be a kumaoni

  • @mukeshpaswan111
    @mukeshpaswan111 3 роки тому +7

    सच में यार यह ब्राह्मणों के कारण ही हिंदू में एकता नहीं हुई

    • @LAKHANSINGH-ht3ms
      @LAKHANSINGH-ht3ms 3 роки тому

      Sab jatiyo ne apne apne hisab se niyam kayde banae he

  • @namitarai6570
    @namitarai6570 3 роки тому +11

    नमूना चंद जोशी इतिहासकार और पत्रकार

  • @mangalsinghmalla8794
    @mangalsinghmalla8794 3 роки тому +1

    आदरणीय,
    आपको नमन।
    विस्तार पूर्वक वर्णन करने के लिए।

  • @MahipalSingh-yw5yb
    @MahipalSingh-yw5yb 3 роки тому +34

    मान्य वर ap अपने। पैतृक गांव और वंश की भी जानकारी देते तो अच्छा लगता en जातियों को 👍👍👍👍👍

  • @Kshatriya_Aniket_Singh_
    @Kshatriya_Aniket_Singh_ 3 роки тому +8

    Mewar me 3 baar johar huwa
    Mewar ki rajgahrano ki mahilaye kabhi bhi mewar chhodkar nhi gyi
    Agar gyi hoti to johaar nhi hote
    Agar gyi bhi to Ek kile (Fort) se dusre kile (forte) me
    Mewar me 52 forte the
    N ki dusre states me aur wo bhi kshtriya soldiers ke sath n ki gulaamo ke sath
    Kyoki kisi bahari hamle se kshtriya warriors hi Rajgharane ki mahilawo (women's) ki raksha karte the n ki gulaam

  • @umashankarpal9469
    @umashankarpal9469 3 роки тому +4

    पश्चिम चम्पारण, बिहार के नौरंगीया दोन, गोबरहिया दोन एवं हरणाटांड़ मे थारू जनजाति लोग है।मै कई बार इन लोगों से मिला हूँ। ये लोग बतलाते हैं कि हमारे पूर्वज राजस्थान से आये थे।कई तरह की अलग परम्परा है इन लोगों में।

  • @AnandKumar-ck4tb
    @AnandKumar-ck4tb 9 місяців тому

    Thanks for sharing the knowledge

  • @karansinghchouhan7431
    @karansinghchouhan7431 3 роки тому +17

    वाह रे वाह🥱🥱
    1 रानियों को सती कर दिया जाता था साका की परिस्थिती में🙄
    २. गुलाम क्या होता है? उनकी शक्ल का क्या कोई पेटेंट है🙄? जाति, माँ की जाति से निर्धारित होती थी और यदि माँ राजपूतानी है तो संतान का क्या वर्ण हुआ ?
    ३. मेवाड़ थार मरुस्थल का हिस्सा नहीं है🙄!!
    तंग आ गया हूँ हर किसी झंडु से सुनते सुनते की हम मेवाड से निकले हैं🤔! इस तर्क से तो 90% जनता मेवाङ से निकली है और बाकी राजस्थान बांझ था🙄
    4. जनानखाने में किसी भी पुरुष का प्रवेश निषिद्ध था तो किसी सेवक के साथ भेजने का कोई प्रशन ही नहीं खङा होता? इस तरीके के वक्त पर उन्हे उनके मायके व बच्चो को नानणे भेज दिया जाता था
    5. ये नई बात सुनी की एक चरित्र सिर्फ लिंग विशेष में रहे इस बात से अभिन्न की दोनों में जनन हो रहा है🙄
    इस तर्क के हिसाब से तो अफ्रिकी बाप व अंग्रेज मॉ की औलादो में बेटी तो योरोपियन हो व बेटा अफ्रीकी ही दिखे👏🏻👏🏻👏🏻(RIP MENDEL'S LAWS)
    6. लूण का मतलब नमक होता है व लूण लोटा खाने के बाद देते है डळी के रुप में🤦🏻 ये कौनसी परम्परा है ?
    7. गुलाम शब्द का उपयोग घृणा से सना हुआ लगता है! स्वामीभक्त सेवक का अर्थ गुलाम नहीं होता!! दुर्गादास राठौड क्या हुए फिर ??
    8. ये बकवास अपने पहाड़ों व पहाडियो मे सीमित रखना, राजस्थानी हसेंगे तुम लोगो की कहानियों व मूर्खता पर जैसे मैं हँस रहा हूँ😂😂.
    ( हाँ मैं राजस्थानी राजपूत हूँ व इसको सिरे से खारिज़ करता हूँ यद्यपि मेरे करने या नहीं करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा🤣🤣)
    # मेरे सवालों का जवाब दे दिजिए बस🙏🏻

    • @karansinghchouhan7431
      @karansinghchouhan7431 3 роки тому +3

      @@shankarbasera5132 यह रेगिस्तान ही है जिसने हमले झेले🙄
      राजपूत घर का नहीं ,ठिकाणे का होता है, शाही घराना होगा तुम्हारे सपनों का😂
      हमने तो कभी नहीं कहा की हम तुम्हारी परंपराओं का पालन करते है🙅🏻 तुम लोग ही हर चीज जोड़ते हो!!
      जिस वक्त पहाड़ में बकरियाँ चर रही थी, उस वक्त गजनवी की फौजे थार में दफन हो रही थी!
      जाहरवीर गोगा चौहान , घोघ राणा ढूढ़ना कभी!

    • @trilokiprasad2455
      @trilokiprasad2455 3 роки тому +2

      गुलाम नहीं सेवक

    • @navinkandwal7195
      @navinkandwal7195 3 роки тому +4

      भाई पूरे राजस्थान से लोग उत्तराखंड में आये , साथ ही भारत के अन्य राज्यों से भी उत्तराखंड में आकर बसे, मेरा तो गांव ही उदयपुर पट्टी में है , एही से योगी आदित्यनाथ जी भी हैं, हां जहां तक ये कहानी है वीडियो में मैंने कभी नही सुनी, रानिया आयी भी होंगी तो सवाल ही पैदा नही होता गुलामो या नौकरों में विवाह का............मेरे उदयपुर पट्टी के साथ अजमेर पट्टी भी है भाई, जो प्रमाण है राजस्थान से आने का, पट्टी का अर्थ होता है एक बड़ा भूभाग जिसमे कई सारे गांव होते हैं...........

    • @karansinghchouhan7431
      @karansinghchouhan7431 3 роки тому +3

      @@navinkandwal7195 आपके कथन अनुसार मान लेते है, क्या वहीं नाम, उपनाम व बोली का पुट है इन गाँवो की बोलियो में?
      यह पटटी तो हिमाचल में भी है मित्र🙄!!
      जितना मुझे ज्ञात है राजस्थान के राजपूत आपके इन पहाड़ी" राजपूतों" से संबंध स्थापित नहीं करते है🙅🏻
      ज्यादा हुआ तो मध्य प्रदेश व हरियाणा तक जाते है( गुजरात के बाद)!
      यह स्थितियाँ संशय पैदा करती है!

    • @navinkandwal7195
      @navinkandwal7195 3 роки тому +3

      @@karansinghchouhan7431 भाई रिश्ते आज नही होते, केवल राजपरिवारों में हुए हैं, और जातियां यहां जो राजस्थान से ठाकुरो की आयी हैं, उनमे राणा, चौहान तो आज भी हैं, पुंडीर हैं, तोमर हैं........दड़ा नामक खेल जो एक बड़ी सी चमड़े की गेंद बना कर राजस्थान में भी खेला जाता है ( इलाके का नही मालूम) वो केवल हमारे उदयपुर और अजमेर पट्टियों के बीच ही मकर संक्रांति मेले में खेला जाता है.......बाकी उत्तराखंड में और कहीं नही खेला जाता, बोली में अब केवल ण का प्रयोग ही रह गया है,

  • @KuldeepKumar-pn8nk
    @KuldeepKumar-pn8nk 3 роки тому +2

    Thanks Sir

  • @gungun_S2296
    @gungun_S2296 3 роки тому +14

    यह गलत बता रहे हो वैसे तो राजस्थान में सती प्रथा थी अगर ज्यादा युद्ध हारने की नौबत आ जाती थी तो सारी रनिया और दासिया जोहर कर लेती थी यह जाने कहां से दंतकथा उठाकर लाए गुलामों के साथ उत्तराखंड चली गई और रानियों के साथ कोई गुलाम नहीं रहता था दासिया रहती थी मैं भी मेवाड़ से हूं मेवाड़ के इतिहास की पूरी जानकारी रखता हूं

    • @adhikari6177
      @adhikari6177 2 роки тому +2

      Pehle dyaan se suno phir bolo unhone saamnt bola h or agr history PDI h to pta hoga saamnt bhi satriya hi hote the but hote wo Raja ke sanrakshan m hi the ... Agr history PDI ho to kae Raja apni rajkumariyo ka vivah saamnto se hi krte the

  • @vickyrana8749
    @vickyrana8749 4 місяці тому

    Kumawon or Gardwali kaha se aye ye bhi Bata do .....

  • @drsunitiacharya5762
    @drsunitiacharya5762 3 роки тому +6

    अति उत्तम जानकारी दी ,धन्यवाद ,अगला वीडियो आप शीघ्र बनाइये ,बहुत रोचक लगा यह वीडियो ,

    • @btkmharnatand
      @btkmharnatand 3 роки тому

      कोई उत्तम नहीं अनुत्तम सिद्धांत ओछी दलीले l

  • @rachnanegi1764
    @rachnanegi1764 Рік тому +2

    Proud to be Pahadi ❤️❤️

  • @shanukumar9241
    @shanukumar9241 3 роки тому +7

    जोसी जी ब्रम्हण औरतें किया करती थी मुगलों से बचने के लिए जरा ये भी बताए..

  • @gambhirmehta7841
    @gambhirmehta7841 3 роки тому +1

    Very informative thanks

  • @chaarvipatil3002
    @chaarvipatil3002 3 роки тому +16

    आपकी बात बहुत सत्य नही लगती,,पता नही कोई ब्राह्मण कभी सही इतिहारकर नही हो सकता,इनके बताए इतिहास पर विश्वास करने का मन नही करता

    • @ranjeetasinha8567
      @ranjeetasinha8567 3 роки тому

      Isme kuchh baato me sachhi hai kuchh me nhi.main aur jagho ke baare me nhi janti par bihar ke tharu janajati ke bare me janti hun.

    • @gangaaputra9752
      @gangaaputra9752 3 роки тому +1

      Aur kch nahi rajputo ko kalankit kar raha hai
      Rajasthan k raniya johar tak kar gyi
      Aur yeh keh raha hai k gulamo k saath bhaag gyi
      Bht chutiya aadmi hai maine ni dekha

    • @pahadigirl3632
      @pahadigirl3632 3 роки тому

      To tumhara btaya itihas ka gyan le.jisme.sirf jhoot hai

    • @gangaaputra9752
      @gangaaputra9752 3 роки тому

      @@pahadigirl3632 mai samjha ni

    • @pahadigirl3632
      @pahadigirl3632 3 роки тому

      @@gangaaputra9752 Ary ye patil ko bol rhi hu ye log beech me gus rhe jabki inka koi lena dena nhi

  • @mahirana1542
    @mahirana1542 2 роки тому +1

    राम राम sir जी अगर को राणाओ के बारे मैं बताने का इतना ही शोक है तो एक बार उधम सिंह नगर मैं आके देखिए आपको हर वो सवाल के उत्तर मिल जाएंगे । लेकिन आपने जो ये गुलाम शब्द का उपयोग किया ये बिलकुल ही अबशब्द तथा तथ्यहीन है।
    माना कि हमने अपने विकास मैं ध्यान नहीं दिया लेकिन हमारे दादा परदादा और उनके भी दादा परदादा बताते है कि राणा राजपूत थे और है ।
    जब राणा 16वी शताब्दी मैं आए तब इस तराई मैं बहुत सी अन्य जनजाति रहा करती थी।
    हमारे दादा परदादा यह भी कहते है की जब उस समय युद्ध मैं राजपूत राजा युद्ध मैं शहीद होते थे तो उनकी रनिया जोहर करदेती थी जिससे उन्हें यह समझ आया की अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम अपना कूल खुद मिटाडेंगे ।
    जिस कारण वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने अन्य राजाओं से कहा कि आप हम राजपूतों का कूल बचाने के लिए यहाँ से कही दूर चले जाए तो हमारे अधिकतर राजाओं ने ना चाहकर भी अपना वंशज बचाने के लिए युद्ध से उत्तराखंड के तराई मैं निवास लेना पड़ा । हमारे दादाजी ने तो हमारे कई वीर राजाओं के नाम भी बताए जिनका नाम “राणा वीर सिंह,राणा तारण सिंह और कई अन्य राजा भी थे, और हम महाराणा प्रताप की ही अपना सब कुछ मानते है।
    अगर आप मैं से किसीने भी यह तक पढ़कर यह सत्य जाना है तो आपका बहुत बहुत धन्यवाद🙏
    (जय राजपुताना ⚔️जय महाराणा)

    • @pushparana791
      @pushparana791 2 роки тому

      Bilkul sahi jabab.inhe inki aulad ab dikhani hi padegi.Bahut ho gaya rajputi sadgun ki har kisi ko sharan do aur unki chalakiyon ka shikar ban jao. Ye naratvme hai jo yahan naulakha mal kahe jane vale tarai bhawar par kabja karne ki taki rajputon ko mansik roop pangu banaya jaye Achoot banakar. Ye siyam bar shankar hain.

    • @mahirana1542
      @mahirana1542 2 роки тому

      राम राम पुष्पा मेम
      हम राणाओ के इतिहास की किताब कब तक पूरी हो जाएगी ।
      कृपया जरूर बताएं मुझे अपने इतिहास के बारे मैं जानने के लिए बहुत उत्सुकता हो रही है।
      पहाड़ी लोग हमे बहुत ही हीन भावना से देखते है , मैं उन्हे बताना चाहता हु की हम राणा क्या चीज है।
      आप एक असल की क्षत्राणी हो, जो हमारा खोया हुआ इतिहास हमे वापस दिला सकती है।
      धन्यवाद
      जय राजपूताना ⚔️ जय राजपूताना

  • @unreported_hindian_voice
    @unreported_hindian_voice 3 роки тому +6

    बचे हुए राजपूत राजकुमार पहाड़ों मे गए थे फिर वहा उन्होंने शादियां की.. रानियाँ तो जौहर करती थी राजस्थान में

  • @mayankjoshi8063
    @mayankjoshi8063 2 роки тому +1

    knowledgeable information

  • @DrMadanTalk
    @DrMadanTalk 3 роки тому +8

    Nice information..I interestly saw this. I also belongs from Uttarakhand. Very nice information 👍

  • @csmanori
    @csmanori 3 роки тому

    भाई कहा से reference दे रहे हों

  • @sachingadwe2068
    @sachingadwe2068 3 роки тому +3

    राजस्थान मे पुरुषप्रधान संस्कृती है और उनकाही वर्चस्व है सिर्फ आदिवासी (जनजाती) मे हि महिलाओका वर्चस्व पाया जाता है आर्यन्स या क्षत्रिय मे नही

  • @sanjeevkumarverma5827
    @sanjeevkumarverma5827 Рік тому

    बहुत बढ़िया जानकारी दी आपने
    बस एक जगह आपने मुजफ्फरपुर को मुजफ्फरनगर कह दिया। मुजफ्फरनगर तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है।

  • @vivekt4896
    @vivekt4896 3 роки тому +3

    Thanks a good knowing about our tribes

  • @nacho8054
    @nacho8054 3 роки тому

    Really actual and great report👍

  • @amarsinghbutola4987
    @amarsinghbutola4987 3 роки тому +11

    जोशियों को 14वें 15वें शदी तक उत्तर भारत में ब्राहमण का दर्जा प्राप्त नहीं था इन्हे भाट का दर्जा प्राप्त था आज भी बिजनौर व उसके आस पास तथा इन्हें भाट कहकर ही सम्बोद्धित किया जाता है । कालान्तर में राजाओं की चादुकारिता तधा ब्राहमणों की कमी के कारण काम चलाओं ब्राह्मण का दर्जा प्राप्त हुआ।

    • @RajendraSharma-gq3lr
      @RajendraSharma-gq3lr 3 роки тому +1

      ब्राह्मणों में जोशी ऐक गोत्र है और "जोशी" जिसका वर्णन आपने किया है वह भिन्न हैं जो आदिकाल में शनिवार को भिक्षा व तेल का दान लिया करते थे!

    • @snehlata2708
      @snehlata2708 3 роки тому

      Backwash h.

    • @narayanbarath3170
      @narayanbarath3170 3 роки тому +1

      True ,राजस्थान में भी यही कहा जाता है

    • @umeshsaket1085
      @umeshsaket1085 5 місяців тому

      और ऐसे लोगों को भांट नहीं भांड बोलाजाता था बाद में भांट बना दियागया और उसके बाद ब्राह्मण कहलाने लगे लेकिन ब्राह्मण उसे कहते हैं जो ब्रह्म को जानता है

    • @iu7uuu
      @iu7uuu 8 днів тому

      Sharma to badhae hota hai

  • @YashaswiRathore-di9pw
    @YashaswiRathore-di9pw 7 місяців тому +1

    इस एपिसोड को समाज के संगठनों को भेज दिया है, कार्यवाही भी होगी फिर यह ढेरा माफी भी मांगेगा

  • @ajits2011
    @ajits2011 3 роки тому +4

    आधारहीन जानकारी है..इतिहास में ऐसा कहीं नहीं है।

    • @SAM-cm6js
      @SAM-cm6js 3 роки тому

      Aapke paas aisa koi proof hai ? Sach kadwa hota hai dost

    • @ajits2011
      @ajits2011 3 роки тому

      युद्ध में मरने के बाद राजाओं की स्त्रियां सती हो जाया करती थीं..वो ग़ुलामों के साथ नहीं भागा करती थीं। सच यही है।

    • @kartarsingh1451
      @kartarsingh1451 3 роки тому

      @@ajits2011 mgr rajao ne yudhh se phle hi inhe bhej diya hoga jesa itihaskar bta rhe h

    • @ajits2011
      @ajits2011 3 роки тому +1

      @@kartarsingh1451 मैंने कर्नल जेम्स टॉड, बिंगले व अन्य इतिहासकारों की पुस्तकें पढ़ी हैं..कुतर्क का मेरे पास कोई उत्तर नहीं है।

  • @KandpalRp
    @KandpalRp 3 роки тому +8

    आपकी आधे से ज्यादा जानकारी मंनगणत लगती है -तराई के इलाके के बाद पर्वतीय हिस्सा आता है जहां घनघोर जंगल था।
    और थारू जनजाति उत्तराखंड से ज्यादा नेपाल मे है और नेपाल से ही उत्तराखंड के खटीमा वाले हिस्से मे यूपी के कुछ हिस्से और बिहार के सीमावर्ती इलाकों मे इनका रोटी बेटी का रिश्ता रहा है °®

    • @shubhankarbharadwaj2493
      @shubhankarbharadwaj2493 3 роки тому +2

      Main Bihari hoon mujhe pata hai Nepal me hamara Shadi Vivah hota hai aur aana jana bhi laga rahta hai ☺️

  • @prakashmaye7445
    @prakashmaye7445 3 роки тому +16

    Google search there is no connection with thar.
    Maharana pratap is from mewadi,not marwadi or thar desert.
    As if in u.p , Braj, avadh, rohilkhand, bundelkhand, baghelkhand etc
    Mewad is a hilly region of aravali mountains ,in Rajasthan.
    So no connection with thar or thar.
    So please do not mislead the history.
    If you want proper history of tharu, please google search.

  • @mukeshkumar-oo5gb
    @mukeshkumar-oo5gb 10 місяців тому +1

    ये कहानी केवल मनग्रट कहानी है
    मैं भी एक थारू समुदाय से हूं

  • @RajendraSharma-gq3lr
    @RajendraSharma-gq3lr 3 роки тому +8

    बडी़ सुंदर व महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने ,लेकिन वह प्रसंग गौंण ही रहा कि भोजन के समय मुखिया की पत्नी ने मुखिया की थाली से पैर का अंगूठा क्यों लगाया था?

    • @rajeshverma3881
      @rajeshverma3881 3 роки тому +2

      क्योंकि उनके पुरुष कभी गुलाम हुआ करते थे,थारू

    • @pushparana791
      @pushparana791 2 роки тому

      @@rajeshverma3881 aulad me rah apni.verma kaun si jati hoti hai batana jara.koi bi likh leta hai.

    • @mousmirana8220
      @mousmirana8220 9 місяців тому

      Yah sach nahi hai kyuki bhojan se Bhari thali ko pair nahi maarte naahi pahle tha nahi ab hai buddhe ka dimag Sarak gaya hai

  • @namitarai6570
    @namitarai6570 3 роки тому +2

    मेवाड़ मुगलों से कब डरा यही नमूना जानता है

    • @Gudgudi_Adda
      @Gudgudi_Adda 3 роки тому

      Mugalo se nhi dare pr alludin khilji k time bhot bar mewar se log nepal aur uttrakhand k pahadi pr chale gye the aur ye history written h rajasthan board ki history me

  • @mrnaibara1753
    @mrnaibara1753 3 роки тому +11

    I am from khatima and there are many tharu villages, they do say your story.

    • @sanjayjoshi8907
      @sanjayjoshi8907 3 роки тому +2

      Khatima charubeta teda ghat bari anjania

    • @AnilKumar-qz1po
      @AnilKumar-qz1po 3 роки тому +1

      I dis agree in last 600 years The Tharoo women remain purest form of Aryans and men tribals there was no mixing of genom this is against genetics

    • @mrnaibara1753
      @mrnaibara1753 3 роки тому

      @@AnilKumar-qz1po who says this. Brahmins are foreign origin but all women are Indian origin. All tharu women are not same, some r like there father tharu

    • @AnilKumar-qz1po
      @AnilKumar-qz1po 3 роки тому

      @@mrnaibara1753 you are not taking a/c the time span of 600 years there is gap of 72 generations.

  • @namitarai6570
    @namitarai6570 3 роки тому +1

    एक मुगल वीर बताओ जो मेवाड़ के वीरों से आमने सामने लड़ने की ताकत रखता हो is namune Itihaas kar Se Poochho

  • @chands9447
    @chands9447 3 роки тому +13

    मैं थारू हु। वीडियो में बताया गया कुछ ही सच्चाई है। इसमें अफवाह ज्यादा है।

    • @JantaKhabar
      @JantaKhabar 3 роки тому

      आप कहां से हैं? आप का जिला व राज्य कौन सा है?

    • @ranjeetasinha8567
      @ranjeetasinha8567 3 роки тому

      ये बात आधी सच है आधी गलत है , क्योंकि मैं भी थारू जनजाति को नजदीक से जानती हूं वो भी बिहार के पश्चिम चंपारण जिले का मैंने शोध के लिए।कुछ दिन बिताया था ये बात अलग है मैं पूरा न कर सकी मेरी कुछ मजबूरियां हो गई।

    • @satishchander733
      @satishchander733 3 роки тому +1

      Chutiya ka patta koi nowlege nahi h sab zhoot h

  • @LalitKohli0001
    @LalitKohli0001 Рік тому +1

    मान्यवर आपने भोजन की थाली में स्त्री द्वारा अंगूठा लगाए जाने का प्रसंग पूरा बताया नहीं

  • @jayho3773
    @jayho3773 3 роки тому +8

    At 9:00 mnt.....similarity...😸😊Balvivah Rajasthan me aaj bhi hota hai aur yahaa bhi hote hai.... Uske hisaab se to balvivah Africa me bhi hote hai.... To ye log vahaa ke log. Hai kya...Bilkul Bakvaas... Buddha sathiya gayaa hai

    • @gangaaputra9752
      @gangaaputra9752 3 роки тому +1

      Sahi bole bhai saab aap

    • @gangaaputra9752
      @gangaaputra9752 3 роки тому +2

      Yeh aur kch nahi rajputo ko badnaam kar rha hai
      Sisodiyao ne mughalo ki naak me dum kar diya tha
      Aur yeh keh rahe hai k sisodiya mughalo se darr k bhage hai
      Chutiya aadmi hai yeh

    • @AmanYaduvanshi-cu8vi
      @AmanYaduvanshi-cu8vi 3 роки тому +1

      Ye kamina veer Kshatriyo ko janbujh kar badnam kar raha hai ,jin sishodiya veero ke bare me ye kah raha hai unke bare me muglo se puchho ve unki sachchi veergatha sunayenge ki kaise unhone unki nak me dam kiya tha

    • @AmanYaduvanshi-cu8vi
      @AmanYaduvanshi-cu8vi 3 роки тому +1

      @@gangaaputra9752 mai aapki bat se sahmat hu jay yadav ,jay madhav,jay rajputana

  • @anandpratapsingh8866
    @anandpratapsingh8866 3 роки тому

    पूर्वी और पश्चिमी चंपारण कि जो इलाके नेपाल से सटे हैं उनके आसपास थारू जनजाति बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं जिन्हें जिन्हें थ्रू कहा जाता है रोचक जानकारी के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार

  • @sanjaygour2806
    @sanjaygour2806 3 роки тому +13

    वाकई यह मुर्ख इंसान है गुलाम मुगलों में होते थे राजपूतों में गुलाम प्रथा नहीं थी।

    • @princeshrestharoy4566
      @princeshrestharoy4566 3 роки тому

      Daas pratha to thi

    • @LAKHANSINGH-ht3ms
      @LAKHANSINGH-ht3ms 3 роки тому +1

      @Ravindra Sihag lekin bat to gulam ki ho rahi he na

    • @Gudgudi_Adda
      @Gudgudi_Adda 3 роки тому

      @@LAKHANSINGH-ht3ms hajoori kya hote the??

    • @LAKHANSINGH-ht3ms
      @LAKHANSINGH-ht3ms 3 роки тому +1

      @@Gudgudi_Adda khud ki history pad lo

    • @Gudgudi_Adda
      @Gudgudi_Adda 3 роки тому

      @@LAKHANSINGH-ht3ms padhi to hui h yar, mohmmad gori ko maarne wali, gajanavi ka last attack jato k against hone wali, sikender ko malhi jato ne marne wali, taimur ko maarne wali, maharaja ranjeet singh dwara mughlo ka kutta bna dene wali, raja mahendra pratap singh dvara desh ki ajadi k liye apni poori riyasat ki jameen daan de dene wali, bharatpur k jato dwara delhi k gate ukhaadne wali, aur DNA reports bhi padhi hui hain jisme sabse pure Aryan race india me jat hain

  • @thansingh7228
    @thansingh7228 6 місяців тому

    Ji pt. Ji pranaams.
    Bisht jati ka koi vivran nahi bataya, kripya

  • @SinghJaibharat
    @SinghJaibharat 3 роки тому +4

    सही कह रहे हैं,, इसलिए वहा खस्या जाती को राजपूत तो मानते हैं, परन्तु कुछ राजपूत जाति उनके यहाँ से रिश्ते नही करते..! इसमें रिसर्च करना होगा

  • @rajkumarsikarwar7223
    @rajkumarsikarwar7223 3 роки тому +2

    Sir apko yeh gyaan kab prapt hua , bas apka hi intzaar tha

  • @sheokumarsingh4395
    @sheokumarsingh4395 3 роки тому +3

    बहुत रोचक प्रस्तुति गढ़वाल कुमायू में रहने वाले लोगों की कहानी है पहले में क्या हुआ
    पुरूषो का स्थान नीचे महिलाओं का स्थान सर्वोपरि कहा गया है
    महिलाओं की सुंदरता का शादी का अधिकार है
    आपका विचार अच्छा लगा महिला पुरुष को खाना पैर छू कर देखती है
    भोजपुरी में कहावत है कि हरेक कोष के बाद भाषा तीन मिल पर पानी बदल जाती है
    धन्यवाद

  • @Yashh001
    @Yashh001 3 роки тому

    Budapa m AKaL par mitti pad gayi h sayad

  • @anadikrishna5595
    @anadikrishna5595 3 роки тому +10

    As tharus mostly resides in tarai region of Bihar Nepal and UP Nepal borders their name might be derived from tarai word. As they are on border areas so they get married among mangloid and cocasian races ,and got mixef features.

    • @puransingh-mf5nt
      @puransingh-mf5nt 4 місяці тому

      you seems to nevneare to the fact but tharus claim to be the clan of maharana prtap .

  • @centi123centi6
    @centi123centi6 3 роки тому +1

    आज सैंकड़ों साल हो गये इनको हो गये यहाँ आये हुए कई नस्लें पैदा हो गई तो कैसे कह सकते लडकिया रानियों की तरह और लड़के ग़ुलामों की तरह ही दिखते है कुछ लड़के माँ जैसी शक्ल रंग और कुछ लडकिया बाप जैसी शक्ल रंग ले कर पैदा होते है आपका यह तर्क ग़लत है सारी कहानी दुबारा देखे

  • @anadikrishna5595
    @anadikrishna5595 3 роки тому +4

    Tharus are also found in abundant along Bihar Nepal and UP Nepal boders

  • @WomentvIndia
    @WomentvIndia 3 роки тому +2

    Very good description

  • @anjumanirai8941
    @anjumanirai8941 3 роки тому +8

    The picture of the girls shown is from Nepali community and not from Tharu community. Please don’t make such mistakes especially when WE Nepali community in India 🇮🇳 is still fighting for our identity ....

    • @ayushpainuly4530
      @ayushpainuly4530 2 роки тому

      Why don't you go back to Nepal

    • @anjumanirai8941
      @anjumanirai8941 2 роки тому

      Why should I ?????? I am an Indian Nepalese holding an Indian passport. You better improve your knowledge

    • @anjumanirai8941
      @anjumanirai8941 2 роки тому

      @@ayushpainuly4530 Why should I ?????? I am an Indian Nepalese holding an Indian passport . You better improve your knowledge.

    • @ayushpainuly4530
      @ayushpainuly4530 2 роки тому

      @@anjumanirai8941 you are fighting for your identity.. in Nepal you won't have identity issue

    • @ayushpainuly4530
      @ayushpainuly4530 2 роки тому

      @@anjumanirai8941 your playlist on UA-cam do it private

  • @anupburamagar50
    @anupburamagar50 10 місяців тому +1

    Tharu jnjati smaj hmara nepal k dang jila k trai me bhut hee 🇳🇵🇳🇵🇳🇵

  • @threestar7006
    @threestar7006 3 роки тому +2

    इसे कहते है साहित्य जिहाद ।
    दुनिया मे कई जातियां ऐसे ही रहती है तो क्या सभी युद्ध मे हराने के बाद भागे हुए लोग है ।
    भाई अब आपकी बातों का प्रभाव कम होता जा रहा है।समझ आया,,😊😊

  • @ajaysinghsankhla6179
    @ajaysinghsankhla6179 3 роки тому +1

    आप 1947 से 1977 तक के पांच केन्द्रिय मंत्रियों द्बारा रचित पाठ्यक्रम को पढ़ कर आज के विद्धान बुद्बिजीवी है,आपने क्षत्रियो के त्याग,बलिदान व क्षत्राणियो का सती हो जाना सब गोण कर दिया,कहना नहीं चाहिये शर्तिया आप JNU से पढ़ कर निकले हैं।
    ये शोध आप राष्ट्रवाद के लिये करते तो बढ़िया होता।
    आपको दी ग‌ई तनख्वाह,भत्ते व अब दी जाने वाली पेंशन भी करदाताओं की गाढी कमाई व्यर्थ ग‌ई।

  • @NirmohiHindu
    @NirmohiHindu 3 роки тому +25

    I seriously doubt how this could be true. It may be a one off case , but it is not a trend as claimed. Why would the big khratriya clan let the queens go with the servant? We know the queens of Rajasthan took up Johar to keep their respect. And you are making this claim. The thought should be seconded by historians and not journalists. They may have origins in Rajasthan but the queens and servants claim in very doubtful.

    • @neelchauhan3960
      @neelchauhan3960 2 роки тому

      Vinayak Bhende bulkul satya kaha apne ye itihas kar farzi kahani gad kr kshatriyo ko neecha dikha raha hai : kaise gulam jb yudhh krne ka adhikar sirf kshatriyo ka tha to ese me kya kshatriya mahila bachho ki raksha ki zimmedari kisi kayar jati ko saupi ja sakti thi fir rajao ne kebal apni mahilayo hi bheji n raj kumar n dusare parivari purush : kya koi kshatrani jo jauhar kr sakti thi but gair apni shan se samjhauta nahi kr sakti thi ese me sabhi mahilayo ne gulamo se nazayaz bachhe kaise paida kiye honge jbki ye itihaskar khud kah raha hai ki bahut se kshatriya yodhha aur rajkumar pahado me akar chhip gaye : ha bahut thode cases me ye ho sakta hai ki kuchh mahilayo ne shadi kr li ho aur isi liye un mahilayo ke bachhe aaj tharu janjatio me ghul mil gaye ho iske alawa gair kshatriya gulamo ki bhi aurate aur betia bhi sath ayi hogi kyuki tb dasi bhi hazaro ki sankhya me mahalo me hua karti thi : agar sach puchha jaye to be gulam hi tharu hai unme jo mangol features hai vo yaha local me shadi sambandh se aye hai jb rajsthan se sb log aye tb sb rajsthan hi the yani aryan chahe vo raja rajkumar raniya ho ya gulam aur dasiya isiliye tharu 2 tarah ke dikhte hai :mere farrukhabad me kai jagah tharu rahate hai unki aurate admi sb ek jaise hote hai gande aur badtamiz chori loot chhinaiti kachhi sharab banana vaishya vriti inke kaam hai .agar in aurato me zara bhi kshatriya ansh hota to ye kabhi sweekar nahi karti government ne inko sudharna ke liye kai vikas yojnaye Chalai kintu ye apni adat nahi chhorte :inhe duniya kanjar ke naam se janti hai .

  • @AmitKumar-c3h7b
    @AmitKumar-c3h7b Рік тому

    Aapki baat right h

  • @vanrajgadhavi9050
    @vanrajgadhavi9050 2 роки тому +3

    ये बूढ़ा..😡
    जूठ बोल रहा है..
    मै हिस्ट्री में प्रोफ़ेसर हूं..
    गलत बात है ये..।।
    लोगो को क्यों गुमराह कर रहे हो भाई..?

    • @Indian_898
      @Indian_898 4 місяці тому

      Kya glt boll rha hai.... Uttrakhand kai Joo log apne app koo rajput bolte hain woo log sbb khas tribal community k hain yai sach h

    • @JagendraSingh-w2v
      @JagendraSingh-w2v 5 днів тому

      Ye sksh jhoot aur mn gdan krke glt trike se itihas ko pros rha hai ha. Ana kbhi sittarganj me jhan 12 rana tharu . Mharanaprtap smark me jhan se rana tharu ki niav paddi sb se phle pr kb pdfi iska pta nhi chll pay. Aur 1955 me bna sakch smark mai aap ko dikhata hu. Us se phle ka to tut gya. Aur dhol ghpol ki bate mt kiya kro. Mai ek rana tharu hu maine bhi jyda nhi itihas b srve kiya hi apne rana tharu ke bare me 1.5 bate aap ki sty bkaya ye t thy khan se mile ye mn gdnt . Mai khud rana tharu hu mai 6 ya 7 pdi ka ho skta hu meri apno bddo se suni bato ka smrn krke lgta hai

  • @RavinderSingh-yj2ln
    @RavinderSingh-yj2ln Рік тому

    It would have been better had you used words "with faithful relatives and soldiers" instead of "gulam"

  • @prabhaschandra7893
    @prabhaschandra7893 3 роки тому +8

    This is the self explored account of
    tharu community.

  • @jagdishkumawat9089
    @jagdishkumawat9089 3 роки тому +1

    मैने ये वीडियो देखने से पहले इन पहाड़ी लोगो का शादी का वीडियो देखा था तो उनके रीति रिवाज और उनके गहने करीब करीब हमारे राजस्थान से मिलते जुलते थे और भाषा भी कुछ कुछ आज मुझे पता लगा इसकी वजह का । धन्यवाद

  • @vinodjadli8251
    @vinodjadli8251 3 роки тому +7

    I don't know much about garhwal history but at some extent I agree that culture of UK match with Rajasthan.

    • @mohanbhatt8988
      @mohanbhatt8988 3 роки тому +7

      भाई मेरे गढ़वाल की संस्कृति में पूरे भारत का समावेश है। यहाँ बंगाल से पंजाब से मध्यप्रदेश से राजस्थान से कर्नाटक से गुजरात से लगभग पूरे भारत से ही लोग आये हैं। हमारा मूल स्थान कश्मीर है। जब कश्मीर में हिन्दुओ को जबरन मुस्लिम बनाया जा रहा था तब मेरे पुरखे जान बचा कर हरिद्वार आ गए थे।

    • @vinodjadli8251
      @vinodjadli8251 3 роки тому +1

      @@mohanbhatt8988 सही कहा।

    • @youthadda408
      @youthadda408 3 роки тому +1

      Is Joshi ko pucho iske maa bap Kon h ??
      Uska to isko PTA nahi... Gyan pel RHA h faltu ka... Uttrakhand ko badnaam KR RHA h...paiso k loe

    • @neenathapa2765
      @neenathapa2765 3 роки тому +2

      @@mohanbhatt8988 bhatt pant maharastra se aye hue hai dhondopant ki santan hai

    • @zaalimsinghbhatti7476
      @zaalimsinghbhatti7476 2 роки тому +1

      @@neenathapa2765 or Panwar kaha se ayae

  • @ajaysinghpanwar1503
    @ajaysinghpanwar1503 3 роки тому +2

    Dhara nagri me to humare vansj h....panwar parmar jagdev
    Mewar me sidodia

  • @ErRCMATRE
    @ErRCMATRE 3 роки тому +3

    महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी।

  • @Bharatthemasterofall5099
    @Bharatthemasterofall5099 3 роки тому +1

    लगता है शर्मा जी आपके पूर्वजो पर मुगलो का प्रभाव ज्यादा रहा है और आपके नैंन नक्श ओर रंग रूप अंग्रेज़ो से भी काफी मिलते है आपकी पहले की पण्डिताइन दादियों ने काफी सहियोग दिया है मुगलो ओर अंग्रेज़ो को

  • @SudheerKumar-qh8pm
    @SudheerKumar-qh8pm 3 роки тому +4

    ब्रहमणो ने राजपूतो को कहीं क नहीं छोड़ा

  • @Omjayshreeram3681
    @Omjayshreeram3681 3 роки тому +1

    ये जो आर्यन्स शब्द आपने प्रयोग किया है, ये इतिहास नहीं सिर्फ एक सिद्धांत है

  • @bidyutchatterjee7195
    @bidyutchatterjee7195 3 роки тому +8

    Thank you very much sir for imparting knowledge on Tharu jan jati of Kumaun !!

  • @Northeastsharma1985
    @Northeastsharma1985 3 роки тому

    Right point 🙏

  • @shivanisingh6502
    @shivanisingh6502 3 роки тому +8

    Sir Rajasthan may SATI PRATHA KA RIWAJ THA JAISALMER MAY TO MAHARAJA LOG APNAY RANIYO KA KATLA KARTAY THAY JISKO SAKAY KAY NAAM SAY WAHA JANA JATA HAI
    RAJASTHAN KAY JAISALMER MAY 1.5 SAKAY HUVAY
    JISMAY RAJAO NAY APNI RANI KO SAHID KIYA JISKO BAHUT SAMMAN KAY SATH DEKHA JATA HAI

    • @biswaruppual1183
      @biswaruppual1183 3 роки тому

      Madam kya aap is barey me aur jankari de sakti hain. Apne 1.5 likha hai...wkya hazar hain..?

    • @ashu.choudhary5431
      @ashu.choudhary5431 3 роки тому

      Acha kis kitab m pda aap n

  • @Kshatriya_Aniket_Singh_
    @Kshatriya_Aniket_Singh_ 3 роки тому +3

    Rajasthan ki mahilaye ya purus uttarkhand ya kisi dusre states bhag kar gaye
    History me iska kahi ulekh nhi milta
    Aur Agar Rajgharane ki mahilaye Dusre states bhagi hoti to Rajasthan me Ek bhi johaar nhi hota
    Saikro johaar to bahut dur ki baat hai
    Ha Rajasthan ke kshtriya warriors dusre states me attack jarur kiye hai apna kingdom Established karne ke liye
    Jaise ki maharashtra, Nepal aur other states

    • @ravirwt1434
      @ravirwt1434 8 місяців тому

      Uttarakhand me Panwar vansh Western India k rajput hi aaye the tabhi panwar vansh bna...usse phle bhi rajput vansh hi tha lekin wo 52 states the

  • @dillirajmishra1357
    @dillirajmishra1357 3 роки тому

    ये बात सहि है । मै नेपालके सुदुर पश्चिम क्षत्र से हूँ जो भारतके कुमाउ गडवाल से जुडा है। हमारे याहाँ भि थारु जाति है् । राना थारु नेपालके पस्चिम मे रहाते है्। ऊनका इतिहास जो अाप्ने कहा वहि याहाँ भि कहाते है । हम तो सव पहले से ये बात जनते थे।

  • @rajendraprasad2070
    @rajendraprasad2070 3 роки тому +5

    भील सरदार पुन्जा को महाराणा प्रताप ने खुद राणा की उपाधि दी थी शायद इसीलिए यह जनजाति भी अपने नाम के आगे राणा लगाती हो शायद यह उन्हें भी लोगों के वंशज हैं।

  • @rajendarsinghrathore1791
    @rajendarsinghrathore1791 3 роки тому +1

    ये आप की सोच के अलावा कुछ भी नहीं है कहीं से कहीं जोड़ दिया

  • @LAKHANSINGH-ht3ms
    @LAKHANSINGH-ht3ms 3 роки тому +5

    Sabhi adivashi log hamare Bhai he
    Maharatra Pratap 🔥 ke supporter rahe he

  • @ashokshudra3353
    @ashokshudra3353 3 роки тому +1

    राजपूत सिर्फ गरीबो के लिए राजपूत हैं वरना मुगलो और अंग्रेजो के सामने तो ये शूद्र ही साबित हुए हैं

    • @kailashthakur174
      @kailashthakur174 5 місяців тому

      Bache maharaja bappa Rawal ka ithas read karo maharaja bappa Rawal ki 42 muslim begam thi nawab ki ldkya dar k mugal Pathan nawab apni ldkya viha dye tie thye mastani ka baap kon

  • @narenderpiplani2156
    @narenderpiplani2156 3 роки тому +12

    जोशी को मानव विज्ञान का ज्ञान ही नहीं है ।

    • @youthadda408
      @youthadda408 3 роки тому +1

      Isko apne maa baap ka PTA nahi... Y qa btayega uttrakhand k bare me... Dalla h ye paiso k lie uttrakhand ka majk bna RHA h

    • @gangaaputra9752
      @gangaaputra9752 3 роки тому +1

      Yeh chutiya historian hai
      Sisodiyaon k liye keh raha hai k mughalo se dar k bhage the
      Sab jaante hai sisodiyao ne band bajaya tha mughalo ka