अपने सम्मान की रक्षा मैं खुद करूंगी!बेटा,तुम्हारी मां हूं, कोई फालतू सामान नहीं!Writer:Shilpa Sikka

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  • Опубліковано 6 лис 2024
  • यह कहानी एक बूढ़ी विधवा मां की कहानी है, जिसे अपने बेटे बहू के घर में तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। अपने पोते पोतियो से मिलने नहीं दिया जाता। और फिर एक दिन बेटा बहु उसे वृद्धाश्रम भेजने की तैयारी कर लेते हैं। लेकिन वह वृद्ध आश्रम जाना बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करती और अपने पुश्तैनी घर में वापस आ जाती है। और वहां अकेले रहकर जिंदगी गुजारना शुरु करती है फिर अचानक उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ आता है। और शुरू होता है एक नया अध्याय। आखिर क्या हुआ ऐसा कि बेटा बहू को अपनी गलती का एहसास हुआ।
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