Please sir ap video bano but iss apna aap ko jaana ki journey ko please simple karke bato taki ham bigganer bhi accha sa samgh saka or apni life mai grow kR paaya 😊
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हम देखना नहीं चाहते बल्कि हम जरूर देखना चाहते हैं कोशिश भी बहुत करते हैं लेकिन हम देख नहीं पाते box के छोटे gap की तरह आपने बिल्कुल सही उदाहरण दिया विचारों में बॉक्स जितना छोटा गैप भी दिखाई नहीं पडता यहां तक की इंस्टा reel में भी बीच में ब्लैक पट्टी होती है उसके बाद दूसरी reel आती है कुछ भी हो Point पे आते है मुख्यबिंदु तो यह है देखना जरूरी है लेकिन हमें नहीं मालूम किस तरह देखें? जिस तरह आप देख लेते हैं हम कैसे देखें ये बता दीजिए problem यही है हम तो कुछ और ही देख लेते हैं और कुछ और ही समझ जाते हैं डेढ़ साल से यही तो हो रहा है इसीलिए अब आप ही बताएं जिस तरह आप देख लेते हैं हम भी उसी तरह कैसे देखें आप कौन से तरीके से अर्थात कौन से नजरिए से देखते हैं वह नजरिया या तरीका हमें बता दीजिए ताकि हम भी स्पष्ट हो सके 🙏 अंत में एक बात कहूंगा कन्फ्यूजन अगर ना हो तो हम भी मौन हो जायें कन्फ्यूजन बनी ही रहती है इसलिए हम कमेंट करते हैं आके क्योंकि कन्फ्यूजन अभी भी है इसीलिए कमेंट की और मैंने पूरी कोशिश की आपको समझाने की अगर आपको समझ आ गई हो कि क्यों कंफ्यूज हूं तो बताएं अगर ना भी समझ आई हो तो मैं बता देता हूं क्या कंफ्यूजन है the confusion : मुझे ऐसा लगता है जिस तरीके से आप विचारों को देख लेते हैं उस तरीके से मैं आज तक देख ही नहीं पाया इसलिए इतनी गड़बड़ हो जाती है मेरे साथ आज मुझे वह तरीका बता दीजिए जिस तरीके से आप देखते कोई उदाहरण दीजिए स्टार्ट कहां से करते हैं सिर्फ यह एक ही बात बता दीजिए ताकि मैं भी देख सकूं 1.2 years काफी लंबा समय होता है अभी तक नहीं देख सका भ्रांतियों में ही भटक रहा हूं क्योंकि काफी वक्त गंवाया है अब और नहीं भटकना चाहता इस एक चीज को ही समझने में अगर मुझे यह एक बात मालूम हो जाए कि आप विचार को किस प्रकार देखते हैं तो मैं पक्का यकीन के साथ कह सकता हूं कि मैं भी देखने लग जाऊंगा आज से ही क्या आप मुझे बताने के लिए तैयार हैं बोलिए
Summarise : Observe the thoughts running inside your mind...and then ask yourself Where is it coming from.You will see the reason and the thought will drop instantly.. keep repeating it as much as possible..
Sir in Advaita vedanta why it is accepted that the world ( prakrit ) is Brahman ( God ) if Brahman is also manifested world then will it not limit the Brahman ? Because this world is full of changes , sorrows or evil things. I don't want to accept this limited world as God i want God as pure without any limitations or changes
Kya hosh mtlb har ek vichar ke aane ka pta hona? Kya hame har ek yaani saare 60 hazaar vicharo ke aane ka pta hona chahiye? Kya koi vichar kyu aa rha hai uska past experience ko analyze krke javaab dena kya ye hosh hai? Jaise mujhe ye vichar aaye ki vicharo ko mitadena hi adhyatam hai , to mei ye savaal puchoo ki mujhe ye kaise pta aur javaab aaye ki so calles guruo sei suna hai , kya ye hosh hai ?Aap baato ko ghumaya mat kre sirf saaf ek hi chiz par video bnaye ki hosh kya hai!!!
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
Silence is ultimate tool.
Thinker is thought yaani jeevan hi vichar hai😭
No .. Parth aap logical thik laga rahe hai lekin .. bat sirf logic nhi hai jivan logic se pare hai.
Sir confused mind pe video banavo please 🙏🙏🙏❤
Please sir ap video bano but iss apna aap ko jaana ki journey ko please simple karke bato taki ham bigganer bhi accha sa samgh saka or apni life mai grow kR paaya 😊
🙏🙏🙏🙏🙏
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हम देखना नहीं चाहते बल्कि हम जरूर देखना चाहते हैं कोशिश भी बहुत करते हैं लेकिन हम देख नहीं पाते box के छोटे gap की तरह
आपने बिल्कुल सही उदाहरण दिया विचारों में बॉक्स जितना छोटा गैप भी दिखाई नहीं पडता यहां तक की इंस्टा reel में भी बीच में ब्लैक पट्टी होती है उसके बाद दूसरी reel आती है
कुछ भी हो Point पे आते है मुख्यबिंदु तो यह है देखना जरूरी है लेकिन हमें नहीं मालूम किस तरह देखें?
जिस तरह आप देख लेते हैं हम कैसे देखें ये बता दीजिए
problem यही है हम तो कुछ और ही देख लेते हैं
और कुछ और ही समझ जाते हैं डेढ़ साल से यही तो हो रहा है इसीलिए अब आप ही बताएं
जिस तरह आप देख लेते हैं हम भी उसी तरह कैसे देखें आप कौन से तरीके से अर्थात कौन से नजरिए से देखते हैं वह नजरिया या तरीका हमें बता दीजिए ताकि हम भी स्पष्ट हो सके 🙏
अंत में एक बात कहूंगा कन्फ्यूजन अगर ना हो तो हम भी मौन हो जायें कन्फ्यूजन बनी ही रहती है इसलिए हम कमेंट करते हैं आके क्योंकि कन्फ्यूजन अभी भी है इसीलिए कमेंट की और मैंने पूरी कोशिश की आपको समझाने की अगर आपको समझ आ गई हो कि क्यों कंफ्यूज हूं तो बताएं
अगर ना भी समझ आई हो तो मैं बता देता हूं क्या कंफ्यूजन है
the confusion : मुझे ऐसा लगता है जिस तरीके से आप विचारों को देख लेते हैं उस तरीके से मैं आज तक देख ही नहीं पाया
इसलिए इतनी गड़बड़ हो जाती है मेरे साथ आज मुझे वह तरीका बता दीजिए जिस तरीके से आप देखते कोई उदाहरण दीजिए स्टार्ट कहां से करते हैं सिर्फ यह एक ही बात बता दीजिए ताकि मैं भी देख सकूं 1.2 years काफी लंबा समय होता है अभी तक नहीं देख सका भ्रांतियों में ही भटक रहा हूं क्योंकि काफी वक्त गंवाया है अब और नहीं भटकना चाहता इस एक चीज को ही समझने में अगर मुझे यह एक बात मालूम हो जाए कि आप विचार को किस प्रकार देखते हैं तो मैं पक्का यकीन के साथ कह सकता हूं कि मैं भी देखने लग जाऊंगा आज से ही
क्या आप मुझे बताने के लिए तैयार हैं बोलिए
Krishnamurti nei bass identity crisis dena ka kaam kiya aur kuch nhi😭
Vicharo ke alava mujhe apna astitva kahi dikhai hi nhi de rha 😭 jeevan berang hogya hai😭
Kaha gayab hogye great point ......
@@parth-gs2zv क्या हुआ क्या तुम्हें मोक्ष मिल गया क्या परम मित्र ❤️🪷🙏
@@greatpoint-X yes mahasamadhi ghatit hogyi🙏 jokes aside.....bhai tum wa pei aao na kaha gayab ho
Dhanyavaad bhai 🙏🌸🌸
Bro dil se thanks 🙏🙏❤
Thank you so much 🙏🏻🌷
Overthinking is product of deep rooted Fear in our psyche.
❤️❤️❤️🙏🙏🙏❤️
How to learn anything fast 🙏🙏🙏
Summarise : Observe the thoughts running inside your mind...and then ask yourself Where is it coming from.You will see the reason and the thought will drop instantly.. keep repeating it as much as possible..
Knowledgeable
Do we really understand anything deeply ?
@@StateOfStillness absolutely
Haa....
Nahi sir
Antar mukhi nahi ho parah
Man bahot havi he
❤❤❤❤
Very very nice
Ok
Guruji , mere jo guru hai wo khete hai ki wo past life mei gautam buddha ke shishya the, kya ye sbh chizo par maan na chahiye?
Hello sir.. Mujhe aapse ek baar baat karna hai..
Sir in Advaita vedanta why it is accepted that the world ( prakrit ) is Brahman ( God ) if Brahman is also manifested world then will it not limit the Brahman ? Because this world is full of changes , sorrows or evil things. I don't want to accept this limited world as God i want God as pure without any limitations or changes
Apko toh sunta hu bas internet me
Kya hosh mtlb har ek vichar ke aane ka pta hona? Kya hame har ek yaani saare 60 hazaar vicharo ke aane ka pta hona chahiye? Kya koi vichar kyu aa rha hai uska past experience ko analyze krke javaab dena kya ye hosh hai? Jaise mujhe ye vichar aaye ki vicharo ko mitadena hi adhyatam hai , to mei ye savaal puchoo ki mujhe ye kaise pta aur javaab aaye ki so calles guruo sei suna hai , kya ye hosh hai ?Aap baato ko ghumaya mat kre sirf saaf ek hi chiz par video bnaye ki hosh kya hai!!!
Swami ji your contact no.