Best Of Atal Ji | Atal Bihari Vajpayee | Manoj Muntashir Latest | Hindi Poetry
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- Опубліковано 27 вер 2024
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Watch the manoj muntashir latest video. This video is a must watch for fan of manoj muntashir songs, hindi poetry and manoj muntashir shayari.
Manoj Muntashir is eminent lyricist of Bollywood who has written many hindi songs like- teri mitti, galliyan, tere sang yara and etc. He is also the dialogue writer of bahubali and many other upcoming & latest bollywood songs & movies.
Manoj Muntashir also write and recites urdu shayari and hindi poetry. He is a guest artist and regular feature at rekhta sahitya aajtak and jashn-e-rekhta.
Channel Management-
Research, Analytics & Promotion: Sukrit Banerjee
Video Created By: Veer Kanabar, Virat Bhardwaj
Editor : Ranjit Sharma, Chandan Yadav
Team MME: Neelam Muntashir, Shafique Ansari, Nidhi Verma, Anurag Shukla, Ritesh Rajwada, Vinay Tripathi & Sikandar Saifi.
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जो जन्म लिए वो "नर" है,
जो अजन्मे वो "नारायण"।
जो मिट जाए वो "रेखा" है,
जो न मिटती वो "लक्ष्मण रेखा"।।
जो रिकॉर्ड बनाए टूट गए,
जिसने रचा इतिहास वो "अमर" हुआ।
कितने आए और चले गए,
मैं "अटल" रहा और अटल रहा।।
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
जय श्री राम
Manoj sir aap mahan hindustani hai aapko mera pranam 🙏🙏🌹🙏🙏
मनोज सर आपसे हरएक काहानी सुननेका मजा ही कुछ और है. आपकी आवाज और काहानी सुनानेका अंदाज बडा प्यारा है..आपको देखके तो ऐसा महसुस होता है की आप बडे सच्चे और नेक ईन्सान होंगे. भगवान आपको हमेशा खुश रखे.🙂🙂
寶寶貴妃
सर क्या आप हिन्दी को पूरे विश्व स्तर पर ले जाएंगे?
अपने देश में कभी अवसर मिले तो छोटे बच्चों के लिए हिन्दी का अध्यापक जरूर बनायेगा ।
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता,
टूटे हुए मन से कोई बड़ा नहीं होता।❤️🙏🏽✒️🖋️📖✒️🖋️
पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्रपुरुष, एवं कविहृदय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन।
❤️
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
शब्दों से न अटल जी की कीर्ति सुनाई जा सकती है और न आपकी, आप भारत माता के ऐसे सपूत हैं जिसे युगों तक याद किया जाएगा अटल जी की तरह...
Yes
A
Jee haa
एक उत्तम नेता... एक उत्तम नेतृत्व.... एक ऐसा व्यक्तिमत्व जो हर भारतवासी के दिल में सदैव रहेंगे !! 🙏🙏
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार
डमरू की वह प्रलयध्वनि हूं जिसमे नचता भीषण संहार
रणचंडी की अतृप्त प्यास मै दुर्गा का उन्मत्त हास
मै यम की प्रलयंकर पुकार जलते मरघट का धुँवाधार
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूं मै
यदि धधक उठे जल थल अंबर जड चेतन तो कैसा विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै आज पुरुष निर्भयता का वरदान लिये आया भूपर
पय पीकर सब मरते आए मै अमर हुवा लो विष पीकर
अधरोंकी प्यास बुझाई है मैने पीकर वह आग प्रखर
हो जाती दुनिया भस्मसात जिसको पल भर मे ही छूकर
भय से व्याकुल फिर दुनिया ने प्रारंभ किया मेरा पूजन
मै नर नारायण नीलकण्ठ बन गया न इसमे कुछ संशय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै अखिल विश्व का गुरु महान देता विद्या का अमर दान
मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग मैने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान
मेरे वेदों का ज्ञान अमर मेरे वेदों की ज्योति प्रखर
मानव के मन का अंधकार क्या कभी सामने सकठका सेहर
मेरा स्वर्णभ मे गेहर गेहेर सागर के जल मे चेहेर चेहेर
इस कोने से उस कोने तक कर सकता जगती सौरभ मै
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै तेजःपुन्ज तम लीन जगत मे फैलाया मैने प्रकाश
जगती का रच करके विनाश कब चाहा है निज का विकास
शरणागत की रक्षा की है मैने अपना जीवन देकर
विश्वास नही यदि आता तो साक्षी है इतिहास अमर
यदि आज देहलि के खण्डहर सदियोंकी निद्रा से जगकर
गुंजार उठे उनके स्वर से हिन्दु की जय तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
दुनिया के वीराने पथ पर जब जब नर ने खाई ठोकर
दो आँसू शेष बचा पाया जब जब मानव सब कुछ खोकर
मै आया तभि द्रवित होकर मै आया ज्ञान दीप लेकर
भूला भटका मानव पथ पर चल निकला सोते से जगकर
पथ के आवर्तोंसे थककर जो बैठ गया आधे पथ पर
उस नर को राह दिखाना ही मेरा सदैव का दृढनिश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मैने छाती का लहु पिला पाले विदेश के सुजित लाल
मुझको मानव मे भेद नही मेरा अन्तःस्थल वर विशाल
जग से ठुकराए लोगोंको लो मेरे घर का खुला द्वार
अपना सब कुछ हूं लुटा चुका पर अक्षय है धनागार
मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयोंका वह राज मुकुट
यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरिट तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै वीरपुत्र मेरि जननी के जगती मे जौहर अपार
अकबर के पुत्रोंसे पूछो क्या याद उन्हे मीना बझार
क्या याद उन्हे चित्तोड दुर्ग मे जलनेवाली आग प्रखर
जब हाय सहस्त्रो माताए तिल तिल कर जल कर हो गई अमर
वह बुझनेवाली आग नही रग रग मे उसे समाए हूं
यदि कभि अचानक फूट पडे विप्लव लेकर तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम
गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया
कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया
कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी
भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै एक बिन्दु परिपूर्ण सिन्धु है यह मेरा हिन्दु समाज
मेरा इसका संबन्ध अमर मै व्यक्ति और यह है समाज
इससे मैने पाया तन मन इससे मैने पाया जीवन
मेरा तो बस कर्तव्य यही कर दू सब कुछ इसके अर्पण
मै तो समाज की थाति हूं मै तो समाज का हूं सेवक
मै तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
Poem Written by
Ex PM Shri Atal Bihari Vajpayee
ua-cam.com/video/9cMwDxreprE/v-deo.html
Ji ek dum satik analysis kiya hai aap ne.
दुनिया में सबसे मीठा होता है शहद उससे भी मीठी है आपकी वाणी शत शत नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मै अखिल विश्व का गुरु महान्, देता विद्या का अमरदान।
मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग, मैने सिखलाया ब्रह्मज्ञान।
मेरे वेदों का ज्ञान अमर, मेरे वेदों की ज्योति प्रखर।
Proud to be a Hindu.
Atal ji always is in our heart🙏🏻
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार
डमरू की वह प्रलयध्वनि हूं जिसमे नचता भीषण संहार
रणचंडी की अतृप्त प्यास मै दुर्गा का उन्मत्त हास
मै यम की प्रलयंकर पुकार जलते मरघट का धुँवाधार
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूं मै
यदि धधक उठे जल थल अंबर जड चेतन तो कैसा विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै आज पुरुष निर्भयता का वरदान लिये आया भूपर
पय पीकर सब मरते आए मै अमर हुवा लो विष पीकर
अधरोंकी प्यास बुझाई है मैने पीकर वह आग प्रखर
हो जाती दुनिया भस्मसात जिसको पल भर मे ही छूकर
भय से व्याकुल फिर दुनिया ने प्रारंभ किया मेरा पूजन
मै नर नारायण नीलकण्ठ बन गया न इसमे कुछ संशय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै अखिल विश्व का गुरु महान देता विद्या का अमर दान
मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग मैने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान
मेरे वेदों का ज्ञान अमर मेरे वेदों की ज्योति प्रखर
मानव के मन का अंधकार क्या कभी सामने सकठका सेहर
मेरा स्वर्णभ मे गेहर गेहेर सागर के जल मे चेहेर चेहेर
इस कोने से उस कोने तक कर सकता जगती सौरभ मै
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै तेजःपुन्ज तम लीन जगत मे फैलाया मैने प्रकाश
जगती का रच करके विनाश कब चाहा है निज का विकास
शरणागत की रक्षा की है मैने अपना जीवन देकर
विश्वास नही यदि आता तो साक्षी है इतिहास अमर
यदि आज देहलि के खण्डहर सदियोंकी निद्रा से जगकर
गुंजार उठे उनके स्वर से हिन्दु की जय तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
दुनिया के वीराने पथ पर जब जब नर ने खाई ठोकर
दो आँसू शेष बचा पाया जब जब मानव सब कुछ खोकर
मै आया तभि द्रवित होकर मै आया ज्ञान दीप लेकर
भूला भटका मानव पथ पर चल निकला सोते से जगकर
पथ के आवर्तोंसे थककर जो बैठ गया आधे पथ पर
उस नर को राह दिखाना ही मेरा सदैव का दृढनिश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मैने छाती का लहु पिला पाले विदेश के सुजित लाल
मुझको मानव मे भेद नही मेरा अन्तःस्थल वर विशाल
जग से ठुकराए लोगोंको लो मेरे घर का खुला द्वार
अपना सब कुछ हूं लुटा चुका पर अक्षय है धनागार
मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयोंका वह राज मुकुट
यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरिट तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै वीरपुत्र मेरि जननी के जगती मे जौहर अपार
अकबर के पुत्रोंसे पूछो क्या याद उन्हे मीना बझार
क्या याद उन्हे चित्तोड दुर्ग मे जलनेवाली आग प्रखर
जब हाय सहस्त्रो माताए तिल तिल कर जल कर हो गई अमर
वह बुझनेवाली आग नही रग रग मे उसे समाए हूं
यदि कभि अचानक फूट पडे विप्लव लेकर तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम
गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया
कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया
कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी
भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै एक बिन्दु परिपूर्ण सिन्धु है यह मेरा हिन्दु समाज
मेरा इसका संबन्ध अमर मै व्यक्ति और यह है समाज
इससे मैने पाया तन मन इससे मैने पाया जीवन
मेरा तो बस कर्तव्य यही कर दू सब कुछ इसके अर्पण
मै तो समाज की थाति हूं मै तो समाज का हूं सेवक
मै तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
Poem Written by
Ex PM Shri Atal Bihari Vajpayee
हिंदू तन मन, हिंदू जीवन |
रग रग हिंदू मेरा परिचय ||
राजनीति के पितामह, भारत रत्न श्री अटल जी को शत् शत् नमन |
Rajneet ke yudhisthir ..
Bhishma nhi
कवि कुल के पितामह है वो
@@sudhanshupratapsingh6219
Bhai unhone kisi bhi kemat pr glt ka saath nhi diya
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार
डमरू की वह प्रलयध्वनि हूं जिसमे नचता भीषण संहार
रणचंडी की अतृप्त प्यास मै दुर्गा का उन्मत्त हास
मै यम की प्रलयंकर पुकार जलते मरघट का धुँवाधार
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूं मै
यदि धधक उठे जल थल अंबर जड चेतन तो कैसा विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै आज पुरुष निर्भयता का वरदान लिये आया भूपर
पय पीकर सब मरते आए मै अमर हुवा लो विष पीकर
अधरोंकी प्यास बुझाई है मैने पीकर वह आग प्रखर
हो जाती दुनिया भस्मसात जिसको पल भर मे ही छूकर
भय से व्याकुल फिर दुनिया ने प्रारंभ किया मेरा पूजन
मै नर नारायण नीलकण्ठ बन गया न इसमे कुछ संशय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै अखिल विश्व का गुरु महान देता विद्या का अमर दान
मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग मैने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान
मेरे वेदों का ज्ञान अमर मेरे वेदों की ज्योति प्रखर
मानव के मन का अंधकार क्या कभी सामने सकठका सेहर
मेरा स्वर्णभ मे गेहर गेहेर सागर के जल मे चेहेर चेहेर
इस कोने से उस कोने तक कर सकता जगती सौरभ मै
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै तेजःपुन्ज तम लीन जगत मे फैलाया मैने प्रकाश
जगती का रच करके विनाश कब चाहा है निज का विकास
शरणागत की रक्षा की है मैने अपना जीवन देकर
विश्वास नही यदि आता तो साक्षी है इतिहास अमर
यदि आज देहलि के खण्डहर सदियोंकी निद्रा से जगकर
गुंजार उठे उनके स्वर से हिन्दु की जय तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
दुनिया के वीराने पथ पर जब जब नर ने खाई ठोकर
दो आँसू शेष बचा पाया जब जब मानव सब कुछ खोकर
मै आया तभि द्रवित होकर मै आया ज्ञान दीप लेकर
भूला भटका मानव पथ पर चल निकला सोते से जगकर
पथ के आवर्तोंसे थककर जो बैठ गया आधे पथ पर
उस नर को राह दिखाना ही मेरा सदैव का दृढनिश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मैने छाती का लहु पिला पाले विदेश के सुजित लाल
मुझको मानव मे भेद नही मेरा अन्तःस्थल वर विशाल
जग से ठुकराए लोगोंको लो मेरे घर का खुला द्वार
अपना सब कुछ हूं लुटा चुका पर अक्षय है धनागार
मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयोंका वह राज मुकुट
यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरिट तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै वीरपुत्र मेरि जननी के जगती मे जौहर अपार
अकबर के पुत्रोंसे पूछो क्या याद उन्हे मीना बझार
क्या याद उन्हे चित्तोड दुर्ग मे जलनेवाली आग प्रखर
जब हाय सहस्त्रो माताए तिल तिल कर जल कर हो गई अमर
वह बुझनेवाली आग नही रग रग मे उसे समाए हूं
यदि कभि अचानक फूट पडे विप्लव लेकर तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम
गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया
कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया
कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी
भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै एक बिन्दु परिपूर्ण सिन्धु है यह मेरा हिन्दु समाज
मेरा इसका संबन्ध अमर मै व्यक्ति और यह है समाज
इससे मैने पाया तन मन इससे मैने पाया जीवन
मेरा तो बस कर्तव्य यही कर दू सब कुछ इसके अर्पण
मै तो समाज की थाति हूं मै तो समाज का हूं सेवक
मै तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
Poem Written by
Ex PM Shri Atal Bihari Vajpayee
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार
डमरू की वह प्रलयध्वनि हूं जिसमे नचता भीषण संहार
रणचंडी की अतृप्त प्यास मै दुर्गा का उन्मत्त हास
मै यम की प्रलयंकर पुकार जलते मरघट का धुँवाधार
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूं मै
यदि धधक उठे जल थल अंबर जड चेतन तो कैसा विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै आज पुरुष निर्भयता का वरदान लिये आया भूपर
पय पीकर सब मरते आए मै अमर हुवा लो विष पीकर
अधरोंकी प्यास बुझाई है मैने पीकर वह आग प्रखर
हो जाती दुनिया भस्मसात जिसको पल भर मे ही छूकर
भय से व्याकुल फिर दुनिया ने प्रारंभ किया मेरा पूजन
मै नर नारायण नीलकण्ठ बन गया न इसमे कुछ संशय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै अखिल विश्व का गुरु महान देता विद्या का अमर दान
मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग मैने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान
मेरे वेदों का ज्ञान अमर मेरे वेदों की ज्योति प्रखर
मानव के मन का अंधकार क्या कभी सामने सकठका सेहर
मेरा स्वर्णभ मे गेहर गेहेर सागर के जल मे चेहेर चेहेर
इस कोने से उस कोने तक कर सकता जगती सौरभ मै
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै तेजःपुन्ज तम लीन जगत मे फैलाया मैने प्रकाश
जगती का रच करके विनाश कब चाहा है निज का विकास
शरणागत की रक्षा की है मैने अपना जीवन देकर
विश्वास नही यदि आता तो साक्षी है इतिहास अमर
यदि आज देहलि के खण्डहर सदियोंकी निद्रा से जगकर
गुंजार उठे उनके स्वर से हिन्दु की जय तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
दुनिया के वीराने पथ पर जब जब नर ने खाई ठोकर
दो आँसू शेष बचा पाया जब जब मानव सब कुछ खोकर
मै आया तभि द्रवित होकर मै आया ज्ञान दीप लेकर
भूला भटका मानव पथ पर चल निकला सोते से जगकर
पथ के आवर्तोंसे थककर जो बैठ गया आधे पथ पर
उस नर को राह दिखाना ही मेरा सदैव का दृढनिश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मैने छाती का लहु पिला पाले विदेश के सुजित लाल
मुझको मानव मे भेद नही मेरा अन्तःस्थल वर विशाल
जग से ठुकराए लोगोंको लो मेरे घर का खुला द्वार
अपना सब कुछ हूं लुटा चुका पर अक्षय है धनागार
मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयोंका वह राज मुकुट
यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरिट तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै वीरपुत्र मेरि जननी के जगती मे जौहर अपार
अकबर के पुत्रोंसे पूछो क्या याद उन्हे मीना बझार
क्या याद उन्हे चित्तोड दुर्ग मे जलनेवाली आग प्रखर
जब हाय सहस्त्रो माताए तिल तिल कर जल कर हो गई अमर
वह बुझनेवाली आग नही रग रग मे उसे समाए हूं
यदि कभि अचानक फूट पडे विप्लव लेकर तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम
गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया
कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया
कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी
भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै एक बिन्दु परिपूर्ण सिन्धु है यह मेरा हिन्दु समाज
मेरा इसका संबन्ध अमर मै व्यक्ति और यह है समाज
इससे मैने पाया तन मन इससे मैने पाया जीवन
मेरा तो बस कर्तव्य यही कर दू सब कुछ इसके अर्पण
मै तो समाज की थाति हूं मै तो समाज का हूं सेवक
मै तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
Poem Written by
Ex PM Shri Atal Bihari Vajpayee
ऐसे धर्मात्मा पुरुष की जीवनी आप के मुख से सुनकर हर एक हिन्दुओ के जेहन मे वीर रस उत्पन्न हो जायेगा🙏😊
अद्भुत है आपकी बोलने की शैली... आप वो तारा हैं जो कभी अस्त नहीं होता...❤️🙏
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार
डमरू की वह प्रलयध्वनि हूं जिसमे नचता भीषण संहार
रणचंडी की अतृप्त प्यास मै दुर्गा का उन्मत्त हास
मै यम की प्रलयंकर पुकार जलते मरघट का धुँवाधार
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूं मै
यदि धधक उठे जल थल अंबर जड चेतन तो कैसा विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै आज पुरुष निर्भयता का वरदान लिये आया भूपर
पय पीकर सब मरते आए मै अमर हुवा लो विष पीकर
अधरोंकी प्यास बुझाई है मैने पीकर वह आग प्रखर
हो जाती दुनिया भस्मसात जिसको पल भर मे ही छूकर
भय से व्याकुल फिर दुनिया ने प्रारंभ किया मेरा पूजन
मै नर नारायण नीलकण्ठ बन गया न इसमे कुछ संशय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै अखिल विश्व का गुरु महान देता विद्या का अमर दान
मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग मैने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान
मेरे वेदों का ज्ञान अमर मेरे वेदों की ज्योति प्रखर
मानव के मन का अंधकार क्या कभी सामने सकठका सेहर
मेरा स्वर्णभ मे गेहर गेहेर सागर के जल मे चेहेर चेहेर
इस कोने से उस कोने तक कर सकता जगती सौरभ मै
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै तेजःपुन्ज तम लीन जगत मे फैलाया मैने प्रकाश
जगती का रच करके विनाश कब चाहा है निज का विकास
शरणागत की रक्षा की है मैने अपना जीवन देकर
विश्वास नही यदि आता तो साक्षी है इतिहास अमर
यदि आज देहलि के खण्डहर सदियोंकी निद्रा से जगकर
गुंजार उठे उनके स्वर से हिन्दु की जय तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
दुनिया के वीराने पथ पर जब जब नर ने खाई ठोकर
दो आँसू शेष बचा पाया जब जब मानव सब कुछ खोकर
मै आया तभि द्रवित होकर मै आया ज्ञान दीप लेकर
भूला भटका मानव पथ पर चल निकला सोते से जगकर
पथ के आवर्तोंसे थककर जो बैठ गया आधे पथ पर
उस नर को राह दिखाना ही मेरा सदैव का दृढनिश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मैने छाती का लहु पिला पाले विदेश के सुजित लाल
मुझको मानव मे भेद नही मेरा अन्तःस्थल वर विशाल
जग से ठुकराए लोगोंको लो मेरे घर का खुला द्वार
अपना सब कुछ हूं लुटा चुका पर अक्षय है धनागार
मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयोंका वह राज मुकुट
यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरिट तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै वीरपुत्र मेरि जननी के जगती मे जौहर अपार
अकबर के पुत्रोंसे पूछो क्या याद उन्हे मीना बझार
क्या याद उन्हे चित्तोड दुर्ग मे जलनेवाली आग प्रखर
जब हाय सहस्त्रो माताए तिल तिल कर जल कर हो गई अमर
वह बुझनेवाली आग नही रग रग मे उसे समाए हूं
यदि कभि अचानक फूट पडे विप्लव लेकर तो क्या विस्मय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम
गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया
कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया
कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी
भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
मै एक बिन्दु परिपूर्ण सिन्धु है यह मेरा हिन्दु समाज
मेरा इसका संबन्ध अमर मै व्यक्ति और यह है समाज
इससे मैने पाया तन मन इससे मैने पाया जीवन
मेरा तो बस कर्तव्य यही कर दू सब कुछ इसके अर्पण
मै तो समाज की थाति हूं मै तो समाज का हूं सेवक
मै तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
Poem Written by
Ex PM Shri Atal Bihari Vajpayee
आप काव्य प्रेमी एवं कला पारखी है। 🙏
ua-cam.com/video/Yqtm9W77MCk/v-deo.html
अतः एक विनम्र निवेदन है कि ऊपर दिये लिंक को देख नव काव्य पाठ का प्रोत्साहन करने की महती कृपा करें। 🙏
सादर सद्भावनाओं सहित धन्यवाद। 🙏
गुरुदेव , नमस्कार !🙏 , अटल जी के व्यक्तित्व ( जीवन ) पर अत्यंत शानदार ,अद्भुत , अवाक प्रस्तुती । ईश्वर से हमारी यही प्रार्थना हैं की आप और ऊंचाइयों को छुए और नए - नए कीर्तिमान स्थापित करें ।।
हिंदू तन मन , हिंदू जीवन ।🚩
रग - रग हिंदू , मेरा परिचय ।।🇮🇳
महान व्यक्तित्व के धनी , भारत रत्न
अटल बिहारी बाजपेई जी को शत - शत नमन 🙏🙏
#सदैव_अटल
अटल पुरुष
अटल व्यक्तित्व
#अटल_स्मृति
कोटि-कोटि नमन 🙏
ua-cam.com/video/9cMwDxreprE/v-deo.html
Aapki language bohot achi hai Manoj ji....jaisa duniya ka ugam ek jagah se hua hai waise ham sb ki hai sikhne ka ugam ek jagah se hua hai......Chetan hai.....thank u so much .....awchetan hai ye sb
मुझे लगता है अटल जी की तरह आपकी कीर्ति भी अटल होगी।मेरी आयु तो इतनी नही की आपको आशीर्वाद दे सकूँ।आप मेरे लिए प्रेरणा पुंज हैं।बस ईश्वर से यही प्रार्थना है की आप वर्धतां अभिवर्द्धताम की स्थिति को प्राप्त हो।हमारे यश की भी आयु आपको लग जाये।
Bilkul shi kha h aapne Bhai 💯💯🔥🔥
Bhai aapki bat ne dil jeet liya❤️
Aise Madhur baat kahan se aata hai bhai, mujhe pata karna hai.
धन्यवाद मनोज भइया
Pranam krta hu ap jaise Acharya maharaj ji aur Manoj ji dil me ha hi
न भीतो मरणादस्मि केवलं दूषितं यशः ।
This line touched our heart...🤗
मुझे गर्व है इस भारत मां पर जो समय समय पर हर युग में हमें एक ऐसा दीप हमें उपहार में देती है जो दीप पूरी दुनिया को प्रकाशित करती है लेकिन दुख इस बात का है कि यहां ऐसे लोगों को भी पाए जाते है जो अपने राष्ट्र के खिलाफ ही खड़े रहते है जिन लोगों ने हमारी सोने कि चिड़ियां का गला घोंट दिया 🙏
At the age of 62, I am discovering India through your vlogs. I see glimpses of Atalji in you. The combination of Ojaswa, patriotism & sensitive heart are the rare combination in the present times. May you continue in your endeavours relentlessly and be remembered as one of the great sons of this soil.
Wow love u Sir or madam ye ishwar ki den h
हमारे भारत के पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को सत सत नमन
I am a Big fan of Manoj Muntashir Sir. Love you Sir आप जिए हजारों साल। आपकी कीर्ति दसो दिशाओं में फैलती रहे।Jai Hind🙏
कहते हैं कि गहराई का एहसास उसे ही होता है जो गर्त से निकल कर आया हो , शिखर से देख कर अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है ! जो आपमें है सर 💗💗🙏🙏
आपके शब्दों का चयन दिल को झंकझोर देने वाला है अटल जी तो अमर है ही आपके शब्दों ने उन्हें फिर से जीवित कर दिया। ❤️❤️
हिंदी हिंदू हिंदुस्तान! जय हिन्द जय भारत, वन्दे मातरम्! 🇮🇳👏👏🇮🇳
आपके शब्द सत्यवचन 🙏🙏🙏🙏
#हिंदी #हिंदु #हिंदुस्तान जय सनातन 🚩🚩🚩
अद्भुत हैं आपके शब्द जो हमें मंत्र मुग्ध कर देते है अद्भुत हैं अटल जी की क्रित्या जय हो नव भारत की जय हो 🙏🙏
अटल है अटल थे और अटल रहेंगे 🚩❤️😍🇮🇳
श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी को शत शत नमन ❤️🙏🤩
मेरे पास कहने के तो नहीं है लेकिन लगता है कि अटल जी की आत्मा आपके अंदर में है आप कोटी कोटी नमन
नमन ऐसे देशभक्त को अटल जैसा कोई नही ,🙏🙏🙏💐💐💐
आपसे निवेदन है मनोज मुंतसिर सर
आप हमेसा मॉर्निंग में एक स्टोरी लेकर आए
इससे हमे बहुत प्रेरणा मिलती है
आपकी इस ओजस्वी वाणी से
I love india 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
🔥🔥🔥🔥💯💯💯
😘😘😘😘
बहुत बहुत आभार कवि वर जो आपने ऐसी घटनाओं को हमसे साझा किये,, 🙏🙏
मनोज जी क्या कला है आप के अंदर ,बांध लेते है आप । ऐसे ही धर्म ध्वजा ,राष्ट्रीय ध्वजा विश्व में लहराते रहो 🙏🙏😊🙌
देश के अनमोल रत्न अटल , कलाम, मनोज सर ❣️❣️❣️❣️❣️
अटल बिहारी वाजपेई जी को शत् शत् नमन 🙏
सनातन संस्कृति के गौरव शाली इतिहास को हम सब के बीच इतनी खूबसूरती से रखने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद...आपने एक ही व्याख्यान में हमे गौरवान्वित महसूस कराया.... हमें हंसाया... हमें रूला भी दिया...प्रभु श्रीराम की इच्छा हुई और संयोग बना तो आपसे मिलने का सौभाग्य जरूर मिलेगा... ❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏
आज कुछ नई बात पता चली आपके माध्यम से अटल जी के बारे में की वो भी कभी बेइंतिहा प्यार करते थे किसी से, अटल जी उन महान आत्माओं में से एक थे, ऐसे लोग मर कर भी अमर रहते हैं, उनकी सकसियत उनकी पहचान कभी कम नहीं हो सकती, बहुत बहुत धन्यवाद।
in your voice somewhere i find the voice of Atal ji. best wishes .
आपकी वाणी का जादू सर चडकर असर करता है, दिल बाग बाग हो जाता है।
अटल जी एक ऐसे नेता थे जो आजीवन हिन्दू रहे 🙏🏿 मतलब किसी भी परिस्थिति में दृढ़ हिन्दुत्व नहीं त्यागा🙏🏿🙏🏿🙏🏿
स्वर्गीय अटल जी की ज़ुबानी - 
घर चाहे कैसा भी हो.. उसके एक कोने में..
खुलकर हंसने की जगह रखना..
सूरज कितना भी दूर हो..
उसको घर आने का रास्ता देना..
कभी कभी छत पर चढ़कर..
तारे अवश्य गिनना..
हो सके तो हाथ बढ़ा कर..
चाँद को छूने की कोशिश करना .
अगर हो लोगों से मिलना जुलना..
तो घर के पास पड़ोस ज़रूर रखना..
भीगने देना बारिश में..
उछल कूद भी करने देना..
हो सके तो बच्चों को..
एक कागज़ की किश्ती चलाने देना..
कभी हो फुरसत,आसमान भी साफ हो..
तो एक पतंग आसमान में चढ़ाना..
हो सके तो एक छोटा सा पेंच भी लड़ाना..
घर के सामने रखना एक पेड़..
उस पर बैठे पक्षियों की बातें अवश्य सुनना..
घर चाहे कैसा भी हो.. घर के एक कोने में..
खुलकर हँसने की जगह रखना.
चाहे जिधर से गुज़रिये
मीठी सी हलचल मचा दिजिये,
उम्र का हरेक दौर मज़ेदार है
अपनी उम्र का मज़ा लिजिये.
ज़िंदा दिल रहिए जनाब,
ये चेहरे पे उदासी कैसी
वक्त तो बीत ही रहा है,
उम्र की ऐसी की तैसी…!¡!
Sir is kavita to be ek baar boliye🙏🙏🙏
अतिसुंदर❣️
@@FashionCenter-t9i ❤🌺
चरण स्पर्श अटल ji ko.. bhagwan bhole nath उनको sdda ही jannat me rakhe.. ॐ शांति. ॐ शांति
मैं बिहारी किंतु वाजपेई अटल बिहारी हैं ।
जय श्रीराम 🙏🏻🙏🏻🕉️
एक बेहतरीन नायक के प्रति एक बेहतरीन रचनाकार की बेहतरीन प्रस्तुति। 🙏🏼
सर आपके वाणी में मुझे अटल जी झलकते दिखाई देते हैं आपको दिल से धन्यवाद जो भारत के असली हिरो के कहानी सुनाते हैं
सर जब आप अटल जी की कविता दोहरा रहे थे तब ऐसा लग रहा था कि मानो अटल जी ही कविता पढ़ रहे हो। अपने पसंदीदा लेखक के शब्दों से अपने पसंदीदा राजनेता को सुनकर मन प्रफुल्लित हो उठा। अटल जी जितने महान है उतने ही महान उनके किस्से हैं। जय हिंद जय भारत सर
भारत रत्न अटल जी को सत सत नमन :
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
🙏 आपके स्वर जोश से भरे हैं, आपके द्वारा प्रस्तुत कविता जीवन मे नया जोश भर देती है।आपको सादर नमन🙏
अटल जी कीर्ति उनकी ही तरह अटल रहेगी ❤🙏
जीते रहिए मनोज.. इस भारत को तुम्हारे रूप में एक और अटलजी मिल रहे हैं.....तुम्हारी वाणी अटलजी की तरह ही ओजस्वी
है.....तुम्हारा बोला गया हर शब्द बहुत प्रभावशाली है....जनमानस पर अपनी छाप छोड़ रहा है👍
कल जन्मदिन है अटल जी का
अटल जी आपको एडवांस मे जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Apki awaj aisi hai k sunte rehne pe bewas ho jata hai.
Atal ji ki to baat hi alag hai.
Unke jaisa koi nai ho sakta hme unse sikhna chaia k apne virasat pe kaise garv krna chaia jo suchme baht hi majboot hai.
Unki hazir jawabi ki to baat hi alag hai.
Wo amar hai aur rahenge .
Hme apne kitabo me unka warnan krna chaia hmare agle pidhi k lia qki inki vaiktitwa hmara hardm marg darshan krne k lia kafi hai.
I LOVE YOU SIR 💓💓💓💓 मैं भी एक गीतकार बनना चाहता हूं सर ! मैं भी एक दिन मुंबई जाऊंगा , 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏आपकी जो वीडियो जोश TALKS पर आया मुझे उससे बहुत जोर मिला🙏🙏🙏🙏🙏
बंधु मनोज जी अटलजी के बाद मैं किसी के भाषा सौंदर्य से प्रभावीत हूं तो आप हो !!! माँ सरस्वती ऐसे ही आप पर कृपा रखे !!!!
Har har Mahadev 🙏🏻🙏🏻,aapki aawaz bhi milti hai Atal Ji ki aawaz se
Very good talk about Atalji. He was very practical, confident, great poet,reality based,devoted toMa Bharti. I adore him for his frankness also. I am so glad you are bringing out all his qualities. Thank you Manojji
Superb sir 👌👌, really your voice directly comes from Atal ji🙏🙏
जय श्री राम 🚩🚩🛕🚩🚩
💐
आभार आपका इस अद्भुत प्रेरक प्रस्तुति हेतु,
जय हिंद जय भारत वन्देमातरम्
You are Great Sir ❤️🙏🇮🇳
जो जन्म लिए वो "नर" है,
जो अजन्मे वो "नारायण"।
जो मिट जाए वो "रेखा" है,
जो न मिटती वो "लक्ष्मण रेखा"।।
जो रिकॉर्ड बनाए टूट गए,
जिसने रचा इतिहास वो "अमर" हुआ।
कितने आए और चले गए,
मैं "अटल" रहा और अटल रहा।।
अटल जी महान नेता और महान व्यक्तित्व के मालिक थे।
लेकिन हमारी जनता प्याज की वजह से इतने सच्चे और अच्छे इंसान की सरकार गिरा दिया
Sir Aap tho hame hamare Atalji jese bate yad ata hai n rona bi ata hai Aapko Atalj ka Aashirwad hai Namskar 🌹🙏🏻
25 December Date of Birth Day Our Bharat Ratna atal Bihari Vajpayee Sir..🌺🌼🌺🙏🙏
आपकी वाणी पर माँ सरस्वती की कृपा बनी रहे
Atal ki is a God level player in indian history!!
शत शत नमन है भारत भूमि और सनातन संस्कृति पर 🙏🚩🇮🇳
Dhanyabad Manoj Ji 🙏❤️
आपके लेखनी, आपके बोलने की शैली और आपके विचार को कोटिशः प्रणाम ।।
मां भारती आपको शक्ति प्रदान करे और आप इसी तरह भारत माता और उनके सपूतों की यश और कीर्ति को अपने शब्दो में पूरे संसार को बताए यही कामना करता हूं ।
साधुवाद आपको मनोज जी
नमस्कार
आदरणीयअटल बिहारी वाजपेई हमारे दिल सदैव जीवित रहेंगे
आपके शब्दों में ऐसी जादू है जो हर एक सुनने वाले के अंतर्मन पर कब्जा कर लेती है। युग पुरुष श्री अटल बिहारी वाजपेई के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालना कोई साधारण बात नहीं है। शायद आप में भी नहीं यह तो प्रभु श्री राम की कृपा है। युग पुरुष अटल जी की कृपा है जो उनकी कहानी आपकी जुबानी हम सब तक पहुंच रही है।।
अटल जी को अपना आदर्श मानकर उनके पद चिन्हों पर चलने का अथक प्रयास करता हूं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर पुलवामा हमले के बाद मैंने एक कविता लिखी थी। जिसका शीर्षक है "पुलवामा"
*पुलवामा*
खौल उठा है खुन हमारा
धधक उठी नस नस में ज्वाला
आओ सब मेरे साथ सभी
जो भारत पर मर मिटने वाला।।
कभी ऊरी कभी पुलवामा की
बगीया जो उजाड़ा है।।
पुछेंगे हम मिलकर ,साले..
तेरा क्या बिगाड़ा है।।
एक एक का लेगा बदला
यह भारत का रखवाला
उठा लिया है बंदूक
अब एक कलम चलाने वाला।।
कवि:- अमित प्रेमशंकर
एदला,सिमरिया,चतरा (झारखण्ड)
दूरभाष:- ९९८७५६३१०८
जय हिंद जय भारत वंदे मातरम् 🇮🇳
Desh ke dutiya पितामहा अटल बिहारी बाजपेयी जी को मेरा कोटी कोटी चरण स्पर्श
Manoj bhaiya aap to har bar dil aur dimak par chha jate ho.. 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Bharat Mata ki jai 🙏❤️
This gives goosebumps. .... 🙏
हर हर महादेव सर श्री अटल बिहारी वाजपेई अमर रहे
ऐसे महान व्यकित्व को सादर नमन 🙏🙏
JAI HIND VANDE MATARAM ⚔️⚔️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳⚔️⚔️
Wah manoj ji very satik nHradaysparshi Chitran of great n out standing jan jan ke leader Atalji ko shat2 Naman opsharma n uma
हवाओं के भरोसे मत उड़,
चट्टाने तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं,
अपने पंखों पर भरोसा रख,
हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं।
🙏❤️❤️
वाह! क्या लाइन लिखी है❤️
मनोज जी खुप ही अच्छा .अटलजी को सुनकर आखे भर आयी.बेटा आपको खुप खुप धन्यवाद .
Sir I am a big big fan of you. I always wish for your good health and happiness. You are a gift 🎁 for Indian nationalism. We proud of you sir, 👍
Man ko chhu jati hai atal ji ki baate
प्यारे अटल जी को नमन 🙏🙏🙏🇮🇳
आपका एक एक शब्द समंदर की गहराइयों से गहरा और आसमां की ऊंचाईयों से भी ऊंचा है। शब्द शब्द में रस घुल गया है।
आदरणीय अटल जी की तरह आपकी वाणी में भी अपार देशप्रेम छलकता है।
Really you are such a great and inspirable for youth genaration
शत शत नमन ऐसे महापुरुष को 🙏🙏
Only smile while listening 😊..proud to be hindu
आपको सादर चरण स्पर्श मुंतजिर भाई
जो जन्म लिए वो "नर" है,
जो अजन्मे वो "नारायण"।
जो मिट जाए वो "रेखा" है,
जो न मिटती वो "लक्ष्मण रेखा"।।
जो रिकॉर्ड बनाए टूट गए,
जिसने रचा इतिहास वो "अमर" हुआ।
कितने आए और चले गए,
मैं "अटल" रहा और अटल रहा।।
सारा भारत "राष्ट्रपुरुष" को नमन करता है।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
अति सुंदर वर्णन। मनोज जी आप ने श्रद्धेय अटलजी को जो आदरांजली अर्पित की है वो अवर्णनीय है। अटलजी की यादों को नमन💐🙏🇮🇳
You are full of wisdom, blessed with awesome poetry, and it's powerful recitation ..🙏 🙏May God bless you more and more 🙏 salute to you .
आप काव्य प्रेमी एवं कला पारखी है। 🙏
ua-cam.com/video/Yqtm9W77MCk/v-deo.html
एक विनम्र निवेदन है कि ऊपर दिये लिंक को देख नव काव्य पाठ का प्रोत्साहन करने की महती कृपा करें।
सादर सद्भावनाओं सहित धन्यवाद। 🙏
अटल जी जैसा व्यक्तित्व किसी राष्ट्र में शायद एकाध शताब्दियों में मिल जाए ,वह राष्ट्र और उसकी जनता बहुत सौभाग्यशाली होगी , ऐसी मेरी मान्यता है। मोहन सिंह सिनसिनवार, गांव पथेंना ,जिला भरतपुर , राजस्थान।
आपको अटल नमन आपकी सोंच को कोटि कोटि नमन
यहां का कंकर कंकर शंकर है 🥺वाह बहुत ही अद्भुत रचना अटल जी अमर रहे 💯🙏
I'm proud to born in a Hindu's family....
अटल जी की किस्से और इतनी महानता धन्य है मेरा देश ।। आज भी ऐसा है जहाँ bjp के द्वारा किये गए कार्य विकाश रोजगार सामाजिक असमानताएं की बात नहीं कि जाती है बल्कि सिर्फ नेताओं के गुणगान किये जाते हैं ।।
Thanks for Remembering ATAL Ji...🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सुन्दर प्रस्तुति, अटल जी को नमन, प्रणाम।
SALUTE TO ATAL JI🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳. JAI HIND🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Sir Aapka bahut bahut aabhar ..... 🙏🙏🙏🙏
अटल था नाम उनका - अपनी बात पर अटल रहे।
विरोधियों के सामने - गोलिया बन खड़े रहे।
सत सत नमन अटल जी को🙏
Bahut hi sundar abhivyakti,। आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Jai Shri ram ⛳🇮🇳
बहुत ही सुंदर वक्तव्य अटल जी पर भैया. आपका एक -एक शब्द रग- रग में जोश भर देता है भैया. आप जिस ढंग से अपनी बात प्रस्तुत करते हैं वह ढंग निराला है अन्यथा आजकल के कुछ कवि एवं कवियित्रियाँ जोश के नाम पर बहुत ही चिल्लाते हैं, वह मुझे बिलकुल नहीं पसंद. पर जब आपको सुना तो लगा ,नहीं कोई तो है जो अपनी बात सही तरीके से कहता है. आपको सुनकर आनंद आ जाता है और रोम- रोम पुलकित हो जाता है.🙏🙏