उच्च कोटि के विद्वान हर विषय के प्रकांड पंडित बेबाक हरियाणवी संस्कृति के मर्मज्ञ ज्ञाता मेरे पिता समान आदरणीय डा प्रताप कुंडू के श्री चरणों में प्रणाम करता हूं डा. साहब ने अंधेरे में घूम रहे लोगो को जगा दिया इनके द्वारा कही गई हर बात साहित्यक दृष्टि सौ प्रतिशत सत्य है
बहुत बढ़िया जानकारी दी डाॅ. प्रताप कुण्डू साहब जी नै । बहुत बहुत धन्यवाद भाई पवन मलिक जी । आपने अपना कीमती समय निकाल कर डाॅ. साहब जी का साक्षात्कार लिया।
मेहरसिंह की सर्वाधिक व शुद्ध रागनियां दुनियाभर में केवल मेरे पास हैं।पर नकली ठेकेदार नहीं चाहते कि ये सामने आयें। सारी किताब में ऊल - जलूल लिखकर भी चौड़े हुए फिरते हैं। समाज में शहीद की गल्त रागनियां फैला रहे हैं। मैनें वर्षों की तपस्या के बाद्द इन रचनाओं का संग्रह किया है।
जाट मेहरसिंह जी को गाणे की खटक पृथ्वी सिंह बेधड़क जी के भजन सुनकर लगी थी। इस बात को बहुत से भाई जानते हैं। "काला पहाड़" किस्सा पृथ्वी सिंह बेधड़क जी ने बणाया था । हमने वो भी पढ़ा था। उसकी बहुत सी रागणी मेहरसिंह जी ने भी बणा राखी है। वे भी पढ़ी। और किसी सांगी,भजनी नै इस किस्से को न बणाया,न गाया।
वो भाई सुरेश रोहिल्ला (Real baba voice) रोज मायना जाता है वो ले लेगा इनका इंटरव्यू। रोज उनकी झूठ को बढ़ावा देता रहता है। उसके लिए हुए इंटरव्यू का जवाब डाक्टर साहब इस चैनल पर दे देंगे।
साहब दयाचंद ने खुद मेंहरसिंह की छाप से गा रखा है नेताजी का किस्सा, कई जगह। गांव निलोठी (बहादुरगढ़-खरखौदा रोड़ पर) में जाके कोए भी सज्जन पूछ सकता है । परंतु हरिजन चौपालों/अपनी रिश्तेदारी के ब्याह शादी में दयाचंद ने अपनी छाप से गाया है क्योंकि हरिजन चौपालों में हरिजन बिरादरी के अलावा कोए नहीं जाता था उस समय। तो अपनी डफ़ली अपना राग था। वही इन टट्टूओं कै सही बैठ गई।
4 लाख रूपये लगा चुके कि कोए डाक्टर साहब की बातों को झुठला सके। परंतु तथाकथित ज्ञानी पता नहीं कहां छुपे हैं। कमेंट देखकर भी नहीं बोलते । क्या पुरे हरियाणा में कोए नहीं है एसा। तो इसका मतलब डाक्टर साहब की बातों पर निसंदेह विश्वास कर लेना चाहिए। कोए वाद विवाद शेष नहीं रह गया। धन्यवाद डाक्टर साहब।
जो आपने कहा है कि गुरू लखमी पै ज्ञान मेहर सिंह लिया दिखै सै यू आप ग़लत कह है यूं फिकरा न्यू है गुरु मुंशी पै ज्ञान दयाचंद लिया दिखै सै ढोला डाट कहार के मेरा पिया दिखै सै और यह हकीकत राय के किस्से की रागिनी है जो कि आदरणीय स्वर्गीय श्री दयाचंद मायना वाले जी की बनाई हुई है
@@BharatSingh-vp4fb साहब दयाचंद ने खुद मेंहरसिंह की छाप से गा रखा है, कई जगह। गांव निलोठी में जाके कोए भी सज्जन पूछ सकता है । परंतु हरिजन चौपालों में अपनी छाप से गाया है क्योंकि हरिजन चौपालों में हरिजन बिरादरी के अलावा कोए नहीं जाता था। तो अपनी डफ़ली अपना राज था
लता , मौहम्मद रफी , शंकर जयकिशन , अनूप छिल्लर, बराही ने किसी को गुरु नहीं माना। भेंट मेंं कभी किसी को गुरु नहीं मनाया न ही कभी अपने सिवाय किसी भी कवि की रागनी गाई।
मालिक साहब डाक्टर साहब ने बिल्कुल ठीक बताया है मालिक साहब मेरे नाना जी आजाद हिन्द फौज में थे वो भी बताते थे कि ये रागनी। मेहरसिंह जी ने तुरंत बना कर गाई थी
Veer Hakikat ka kissa Mehar Singh ka banaya huaa ha hi nhi ye kissa Mahashya Dayachand ka ha 100/. Kisi ko sak ha to kundu ji bhi samne baith kar bat camare ke samne
Sab kavi mhan te apni apni qwalty te sabki alag alag dada nandlal ki apni alag se qwalty te lakhmichand ki apni alag mhersingh ki apni alag mangeram ki alag dayachand ki apni alag baje bhagat ki apni alag dhanpat chanderbadi ki apni alag or bhi bhut kavi hue alag alag qwalty te sabki sab mhan te
आज जातिवाद ही रह गया जी लख्मी चन्द जी सूर्य कवि हुए है उनको देखने वाले वेदपाठी ब्राह्मण रघुबीर जी अगर आज हो तो उनसे मिलाओ इनको सुरेश रोहिला के पास उनके अनेक प्रसंग है
शहीद मेहरसिंह जी ने जर्मन का परिदृश्य मद्देनजर रखते हुए उसी समय रागनी बनाईं थी। 1952 मेंं तो सुभाष की फिल्मी तर्जों वाली रागनी बनाकर मेहरसिंह जी की रागनियों मेंं जोड़ी गई थी।किसी की बातें उसकी मृत्यु के बाद ही लिखी जाती हैं, जीवनकाल मेंं नहीं; इस थोथी दलील को कौन मानेगा?
ये प्रताप सिंह कुंडू मेहर सिंह जी के समकालीन थे इन्होंने मेहर सिंह जी को देखा है मेहर सिंह जी ने उनको सारी बातें बताई हैं इसलिए यह दावे से ऐसा बोल रहा है लेकिन इनकी उम्र इतनी नहीं लग रही के इनका जन्म भी 1918 के आसपास होगा
कौम पर दाग है ये, क्या इंटरव्यू ले इसका, फेमश होणे का ड्रामा, वो सुरेश रोहिल्ला ले लेगा और भी इंटरव्यू इसके, वो पड़ा रहा है वहीं मायना की हरिजन चौपाड़ में ।वो कर लेगा इस झूठे नै फेमश।
@@dr.pratapkundu मनै इंटरव्यू से अगले दिन ही पवन राठी को ललकार दिया था। परंतु लगता है वो भी दयाचंद की तरह सिर्फ हरिजन चौपालों का ही रास्ता जानता है।वो मायना गांव से बाहर नहीं निकल सकता। कुएं का मेंढक। या वो सुरेश रोहिल्ला को इंटरव्यू देगा अभी। क्योंकि सुरेश भी उनका ही पिछलग्गू बन चुका है
@@dr.pratapkunduaap itni ghamand se baat kr re ho.... Kha k vidvaan ho aap kya fayda itne Gyan ka..... Or bol re ho sare sansar m mere se gyani nhii h..... Bhot durander h duniya m
Bhai ji aap to Mayna k gulam ho chuke ho Puri trah aap vichardhara ki bat mat kro plz, apka channel dekha h humne, bevkufo v anpadho ki fouj h apke channel pr
तुम्हारे द्वारा बनाईं गई हैं क्या? 75 साल से सुनते आ रहे हैं। तुम्हारे सारे प्रमाण ठुस्स कारतूस हैं। दूसरै की सीख पर कूद रहे हो। यह बात किसने कही है:--- देक्खे देक्खे हमनै, नकली महाशय भाई।
बेटे वो तो कवि ही था, सड़कछाप रागनी बनाने वाला नहीं था, जो जीवनपर्यंत अपना एक किस्सा भी मशहूर नहीं कर पाया जबकी खुद गाता बजाता घूमता रहता था। और एक तरफ मेहरसिंह, जो हर देश से बाहर भी रागनी बना गया और उसके साथी उन रागनियों को यहां ले आए। क्योंकि घी को सनंध की जरूरत नहीं होती, उसकी तो महक ही बता देती है। दूसरी तरफ चेहड़ू, जो एक किस्सा भी मशहूर नहीं कर पाया जीवंते जी। इसलिए घी और चूहड़ू का मुकाबला नहीं करना चाहिए।
ताऊ कुंडू केवल दो सच बोल रहा है कि मेहर सिंह जी का गुरु कोई नही था क्योंकि गुरू बनाने का मोका ही नहीं मिला दुसरी सच्चाई ये है की बरोना केमेटी ने रागनीयो के साथ छेड़छाड़ करके बदल डाली हैं
@@dr.pratapkunduरागनियां की गैल छेड़छाड़ का मतलब यो नहीं है अक यो किस्सा गलत लिखा है किताब में कमैटी नै। किस्सा तो मेहरसिंह जी का ही है बेटे, कुछ रागनियों के शब्दों की बात कर रहे हैं डाक्टर साहब।
Kundu shab ki kise bat me dam nhi h rhi bat guru banane ki jaruri nhi jisse se seksa le use ko guru banane jannat ke kitne chele h jo kabhi unse seksa nhi Li vikash pasor Ranbir ka cela h kabhi kise ne usko Ranbir ki satej par dekha ta kya Ranbir ke sath master satbir ke bhi. Bhut chele h ase
अनूप छिल्लर ( बराही) ने मेहरसिंह को खूब गाया। उसका कोई गुरु नहीं था। लता और मौहम्मद रफी का कोई गुरु नहीं था। और शहीद मेहरसिंह ने खुद कह रखा है :--- जैसे बिना गुरु के मेहरसिंह नै पा लिया था ज्ञान जल़े। बिना इन्टरव्यू सुने तर्कहीन व टुच्ची टिप्पणी न करें।
Esna k Sabit k krr deya Ek aadmi kk khna tt k etne sare log juthhe ho java k ( Pure Juth Bola Koe fayda koni kitab pddn ka Bagwan ka namm le Umer Ho rhhe hh tere)
पढ़ण - लिखण मै जीरो, बणना चहवै हीरो। आंख फूट रही हैं, किताब नहीं देखी शहीद की। एक दमड़ी की कीमत्त ना, पर लाल बणे चाहवैं सैं। असल का हो तो सामने आ। इसी बकवास करकै भतेरे मर लिये।
दो लाख रूपये का खुला चैलेंज है अगर कोए दयाचंद का सिद्ध कर दे तो। किंतु शोशल मिडिया पर चिल्लाने से मेहरसिंह का बनाया हुआ किस्सा चोरा नहीं जा सकता। सामने आओ बैठो बात रखो। फेर बतावैंगे थमनै अक मांगे हर कै भाई थे।
सुभाष चन्द्र बोस का किस्सा दयाचन्द मायना का बनाया हुआ है मलिक साहब आप मेरा इन्टरव्यू ल्यो मैं बताउंगा सारी बात सुभाष चन्द्र बोस के किस्से के बारे में । क्यू झूठ बोल्लै सै खाम खा बुढ़ापे में ।
तेरा बाप मेरे से भी बड़ा होकर झूठ बोल रहा है, तब शर्म नहीं आती बाप-बेटे को। जो बाप - बेटे ने पहले इन्टरव्यू दिये थै क्या वे पागलपन मेंं दिये थे? बरौणे वाले ललकार रहे हैं, आओ नै बाप -बेटा उनके सामने । थारा बाप - बेटे व सभी हिमातियों का वह हाल है कि --" टाड्डै सै क्यूं ? अक भिड़ूंगा । छेरै से क्यूं ? अक डर लाग्गे सै।
@@dr.pratapkunduये सब बड़गुज्जर के पढ़ाए हुए रट्टू तोते हैं डाक्टर साहब। इनको गधे की तरह आंखों पर पत्ते बांध रखे हैं की बस सामने देखो और चलते रहो झूठ को लेकर। इनको ये भी नहीं पता होगा की कुल कितनी रागनियां हैं किस्से में
तुम्हारे जैसे भतेरे लालबुझक्कड़ शर्मा लिख लेते हैं।तुम्हारी सात पीढियों को भी नहीं पता होगा कि गुरु का क्या अर्थ होता है।मेरे सामने आकर बता दे, किसी से पूछकर आकर बता दे। यहां बकवास करने से क्या फायदा?
Kaha se aagye ye gyaani purush ab .mahashay dyachand ji ka kissa h or bahut saare saboot h jisse ye clear hota h pr inko to aadat hogi kabhi kuch kbhi kuch
सामने आओ वे सबूत लेकर। तुम्हारे आका की हिम्मत नहीं पड़ रही; तुम किस खेत की मूली हो।शोसल मीडिया पर कोई भी बक सकता है। एक दमड़ी की कीम्मत ना पर लाल बणे चाहवैं सैं। पढ़नी तो दूर, कभी देक्खी है ज्ञान की कोई किताब?
अपना कथित ज्ञान लेकर तनिक आओ तो मेरे सामने। या अपने किसी हिमायती को भेज दो। मुंह मेंं दही जम जायेगी। सोशल मीडिया पर कोई भी ऐरा- गैरा नत्थूखैरा कुछ भी बकवास कर देता है।
दयाचंद के खुद के किस्से कितने प्रसिद्ध हैं जो इस किस्से पर इतना जोर जमा रहे हो। खुद तो वो भी जीवनपर्यंत एक किस्सा अपना मशहूर नहीं कर पाया परंतु छाप काटकर आने वाली पीढ़ी के लिए जंग छोड़कर चला गया । इतना बड़ा कवि होता तो इतने बुढ़ापे तक एक भी किस्सा मशहूर नहीं कर पाया, जबकि खुद गाता भी था, प्रचार भी करता था। आश्चर्यजनक। कोए भी इस पहलू को नहीं सोच रहा है, हद है।
🙏🏽 स्वः दादा लख्मीचंद की जय . स्वः दादा दयाचन्द जी की जय . स्वः दादा मेहरसिंह जी की जय . स्वः दादा मांगेराम जी की जय . स्वः दादा बाजेभगत की जय . स्वः दादा राय धनपत जी की जय . स्वः दादा जगननाथ जी की जय . सभी कवियों की जय जय जय🙏🏽
बहुत अच्छा इंटरव्यू। धन्यवाद पवन भाई और नमस्ते kundu साहब। जय हो शहीद कवि दादा जाट मेहर सिंह जी की
उच्च कोटि के विद्वान हर विषय के प्रकांड पंडित बेबाक हरियाणवी संस्कृति के मर्मज्ञ ज्ञाता मेरे पिता समान आदरणीय डा प्रताप कुंडू के श्री चरणों में प्रणाम करता हूं
डा. साहब ने अंधेरे में घूम रहे लोगो को जगा दिया
इनके द्वारा कही गई हर बात साहित्यक दृष्टि सौ प्रतिशत सत्य है
इन पाखंडी ने अपने आप को ऊंचा साबित करने के लिए लख्मीचंद को मेहर सिंह का गुरुबताया
तेरी माँ क़ा बोसडा किसको पाखड़ी बोलरा है साले सदा ऊंचे थे और आगे भी रहेंगे
बहुत बढ़िया जानकारी दी डाॅ. प्रताप कुण्डू साहब जी नै । बहुत बहुत धन्यवाद भाई पवन मलिक जी । आपने अपना कीमती समय निकाल कर डाॅ. साहब जी का साक्षात्कार लिया।
डॉ कुण्डू जी को प्रणाम। हरियाणवी रागनी जगत में आपका योगदान अतुलनीय है।
भाई मेरे,इंटरव्यू छोटा है । एक लम्बा सा इन्टरव्यू और बणाओ।ऐसे महान व्यक्ति बार बार जन्म नहीं लेते। डाक्टर साहब को ह्रदय से नमन।
मेहरसिंह की सर्वाधिक व शुद्ध रागनियां दुनियाभर में केवल मेरे पास हैं।पर नकली ठेकेदार नहीं चाहते कि ये सामने आयें। सारी किताब में ऊल - जलूल लिखकर भी चौड़े हुए फिरते हैं। समाज में शहीद की गल्त रागनियां फैला रहे हैं। मैनें वर्षों की तपस्या के बाद्द इन रचनाओं का संग्रह किया है।
दादा मेहर सिंह की रागनियो का शोधकर्ता प्रणाम है डॉ साहब को
सबूत होते तो सामने आते, अन्धेरे मेंं तीर नहीं चलाते।
जवान्नी में तुम्हारी तरह बेशक हमेशा झूठ बोलते रहो। अपने अन्दर झांके।
Very good information Dr Kundu aapane bataiye
सैकड़ों की सन्तुष्टि शीतलता देती है। अनेक हीनबुद्धि तो ईश्वर से भी सन्तुष्ट नहीं।
बिल्कुल सही कहा जी 🙏🙏
बहोत ही तथयात्मक बातें व सटीक जानकारी, और भी विस्तार पूर्वक साक्षात्कार करो डा साहब जी से,
-सुमित धनखड़ Bhut hi jabardast interview
जाट मेहरसिंह जी को गाणे की खटक
पृथ्वी सिंह बेधड़क जी के भजन सुनकर
लगी थी। इस बात को बहुत से भाई जानते हैं।
"काला पहाड़" किस्सा
पृथ्वी सिंह बेधड़क जी ने बणाया था । हमने वो भी पढ़ा था।
उसकी बहुत सी रागणी मेहरसिंह जी ने भी बणा राखी है। वे भी पढ़ी।
और किसी सांगी,भजनी नै इस किस्से को न बणाया,न गाया।
बिल्कुल सत्य ❤❤
क्या पं लख्मीचन्द व शहीद मेहरसिंह की बातों का जानकार उनका समकालीन ही होना चाहिय्ये.। मूर्खतापूर्ण टुच्ची टिप्पणी।
मूर्ख आदमी ही एसी टिप्पणी कर सकता है डाक्टर साहब
बिलकुल सही कहा ताऊ ने बिना गुरु का नुगरा नहीं होता
💯%☑️
तथ्यात्मक व सटिक बातें
सही अंकन
Dada mehar Singh 🙏❤❤❤❤
वो भाई सुरेश रोहिल्ला (Real baba voice) रोज मायना जाता है वो ले लेगा इनका इंटरव्यू। रोज उनकी झूठ को बढ़ावा देता रहता है। उसके लिए हुए इंटरव्यू का जवाब डाक्टर साहब इस चैनल पर दे देंगे।
Bahut badhiya interview Dr. Sahab ka pawan bhai bahut bahut dhanyawad es interview k liye
सौ प्रतिशत झूठे तो तुम हो। चार फिल्मी तर्जों की रागनी जोड़ने से किस्सा नहीं बन जाता।
सत्य वचन डाक्टर साहब
Mehar Singh jaat pt Lakme chand ji ka chela nhi tha ji
वेद ज्ञान मूल ज्ञान है। वेद ज्ञान और इसके अनुसार प्रसृत ज्ञान सारा पवित्र ज्ञान है।
धन्य हो आप
डॉक्टर साहब एक कुशल व्याख्याकार हैं। ईश्वर इनको अच्छा स्वास्थ्य दें।
बकवास तो तुमने की बहुत दिन। अब लगा है तमाचा।
साहब दयाचंद ने खुद मेंहरसिंह की छाप से गा रखा है नेताजी का किस्सा, कई जगह। गांव निलोठी (बहादुरगढ़-खरखौदा रोड़ पर) में जाके कोए भी सज्जन पूछ सकता है । परंतु हरिजन चौपालों/अपनी रिश्तेदारी के ब्याह शादी में दयाचंद ने अपनी छाप से गाया है क्योंकि हरिजन चौपालों में हरिजन बिरादरी के अलावा कोए नहीं जाता था उस समय। तो अपनी डफ़ली अपना राग था। वही इन टट्टूओं कै सही बैठ गई।
4 लाख रूपये लगा चुके कि कोए डाक्टर साहब की बातों को झुठला सके। परंतु तथाकथित ज्ञानी पता नहीं कहां छुपे हैं। कमेंट देखकर भी नहीं बोलते । क्या पुरे हरियाणा में कोए नहीं है एसा। तो इसका मतलब डाक्टर साहब की बातों पर निसंदेह विश्वास कर लेना चाहिए। कोए वाद विवाद शेष नहीं रह गया। धन्यवाद डाक्टर साहब।
जय हिंद डाक्टर साहब ने सच्चाई को बताया जाट मेहर सिंह अमर रहे
जो आपने कहा है कि गुरू लखमी पै ज्ञान मेहर सिंह लिया दिखै सै यू आप ग़लत कह है यूं फिकरा न्यू है गुरु मुंशी पै ज्ञान दयाचंद लिया दिखै सै ढोला डाट कहार के मेरा पिया दिखै सै और यह हकीकत राय के किस्से की रागिनी है जो कि आदरणीय स्वर्गीय श्री दयाचंद मायना वाले जी की बनाई हुई है
बेटे तेरहवीं बात नहीं करते। यहां सड़कछाप फिल्मी कवियों की बात नहीं हो रही इसलिए आप वार्ता से दूर रहें
मैनें कहां कह रखा है कि मेहरसिंह ने इनसे ज्ञान लिया था। कान साफ करवाकर सुनें।
@@dr.pratapkundu ये बड़गुज्जर के रट्टू तोते हैं जी, सुनते नहीं हैं ये, बस जितना बताया है वहीं टैं टैं करते रहते हैं ।
सुभाष चन्द्र बोस का किस्सा दयाचंद मायना जी का है हजारों सुबुत है हमारे पास
Bete 1 bar dr. Shab k samne aajao, pajama na gila ho Jaye to batana
आपके पास सबूत होते तो आप दयाचंद के जीवते जी कोर्ट में चुनौती देते।आपकी तो झूठ बोलने की आदत हो गई है।है बात में दयाचंद की थी।
@@BharatSingh-vp4fb साहब दयाचंद ने खुद मेंहरसिंह की छाप से गा रखा है, कई जगह। गांव निलोठी में जाके कोए भी सज्जन पूछ सकता है । परंतु हरिजन चौपालों में अपनी छाप से गाया है क्योंकि हरिजन चौपालों में हरिजन बिरादरी के अलावा कोए नहीं जाता था। तो अपनी डफ़ली अपना राज था
@@BharatSingh-vp4fb कोर्ट तो कभी भी ज़ाया जा सकता है।
पवित्र ज्ञान और मूल ज्ञान में क्या अंतर है डॉ प्रताप जी🙏🏻🙏🏻
Dr kundu itna gyan kisi ko nhi hai jat meharsing Or lakhmichand ji ki raganiyo ke bare me ydi ho to me usko 1 lakh rupye dunga
धन्यवाद बेटे। किसी कै भी सामने आने की हिम्मत हो ही नहीं सकती। मैनें सभी बखुबी झाड़ - पिछोड़ कर दैख रखै हैं। सभी आजमा रखे हैं।
एकलव्य ने भी द्रोण चार्य से कोई शिक्षा नही ली थी
लेकिन एकलव्य का गुरु द्रोणाचार्य था
लता , मौहम्मद रफी , शंकर जयकिशन , अनूप छिल्लर, बराही ने किसी को गुरु नहीं माना। भेंट मेंं कभी किसी को गुरु नहीं मनाया न ही कभी अपने सिवाय किसी भी कवि की रागनी गाई।
मालिक साहब डाक्टर साहब ने बिल्कुल ठीक बताया है मालिक साहब मेरे नाना जी आजाद हिन्द फौज में थे वो भी बताते थे कि ये रागनी। मेहरसिंह जी ने तुरंत बना कर गाई थी
बिल्कुल सही कहा।
कुछ कपटी और चोरटे माणस, तेरी कविता चोर लेगे
जो श्रेय तनै मिलणा था, वा शाबाशी और लेगे
(चौधरी मेहरसिंह जी के लिए हैं ये लाइनें)
फिर आप भी खुल कर मीडिया के सामने आओ और उस दिव्य आत्मा को समर्पित हो जाओ
Foji meharsingh ka koi guru nahi tha
बेशक।
डॉ कुण्डू जी एकमात्र ऐसे इंसान है जिन्होंने अपनी कमाई को वर्षों की मेहनत और शोध में लगाया है। इनका कहा एक एक शब्द निःसंदेह सत्य है।
अकलमन्द इस दुनियां के मै बिन टोहे पावैं सै ।
एक दमड़ी की कीमत ना पर लाल बणे 14:29 चाहवैं सैं।
बहुत खूब कहा
Lakhon m vaar kartaa koi soorma akela Dr kundu gyaan k soorma hain
Very right sir
Jaatiwaad me leen ha ye dusra kavi koi nhi ha or koi kuchh nhi janta sirf ye hi janta ha sab kuch
बिल्कुल जानता हूं। क्यों आग लग गई?सोशल मीडिया पर बकवास करनेवाले तुम्हारे जैसे लालबुझक्कड़ लाखों हैं।
आती जाती पुलिस कैदियो का ठिया दिखय सै दयाचंद की रागनी है
ढ़ोल पिट लिया किसकी है।
चौधरी मेहरसिंह जी की अनुपम रचना है बेटे ये। दयाचंद के पुर्खे भी नहीं बना सकते एसी रागणी। ये जाट के शब्द है प्योर किसी अन्य के नही
JAI HO DADA SHRI NAGDEVTA MAHARAJ SAMCHANA WALE KI JAI HO DADA SHRI JAGNNATH JI KI FILMI TARAJ DADA SHRI JAGNNATH JI KI GAI HUYI HAIN
DADA LAKHMICHAND KA MATALAB VED SASTRA
Veer Hakikat ka kissa Mehar Singh ka banaya huaa ha hi nhi ye kissa Mahashya Dayachand ka ha 100/. Kisi ko sak ha to kundu ji bhi samne baith kar bat camare ke samne
उसकी सारी किताब मेंं एक भी रागनी शहीद मेहरसिंह के मुकाबले की नहीं।
Mehar singh
Lakhmi chand
Ye kalpnik h
अपने पुरखों व परिवार को भी तो काल्पनिक ही मानते होगे।
इनकी सोच दर्शाती है कि इनके पिताजी भी काल्पनिक थे
Kyu 1 mala ke liye mehar singh ka naam kheab kro ho
Barone aale ne na bera thamne bera patgya koi guru nhi tha
बेशक।
Kisan chand or mhersingh dono sath te foj me dono ki ragniya achhi h
But kirshanchand ko unke ristedaro ne ye kha ki jaat ko guru q banaya
Sab kavi mhan te apni apni qwalty te sabki alag alag dada nandlal ki apni alag se qwalty te lakhmichand ki apni alag mhersingh ki apni alag mangeram ki alag dayachand ki apni alag baje bhagat ki apni alag dhanpat chanderbadi ki apni alag or bhi bhut kavi hue alag alag qwalty te sabki sab mhan te
आज जातिवाद ही रह गया जी
लख्मी चन्द जी सूर्य कवि हुए है
उनको देखने वाले वेदपाठी ब्राह्मण रघुबीर जी अगर आज हो तो उनसे मिलाओ इनको सुरेश रोहिला के पास उनके अनेक प्रसंग है
खुद ले आओ नै। दो लाख रु० दूंगा, जवाब देने पर। हर रागनी के लाख तक। जो हजारों सोशल मीडिया पर ठेकेदार बने हैं, वे क्यों बिल मेंं बड़े हैं?
लाते भी नहीं बोलते भी नहीं। पता नहीं क्या हो रहा है लोगों को।
Jhuthe ha kundu sahb aap
असल का जाम हो तो सामने आ। अनचाही औलाद सिर्फ सोशलमीडिया पर बकवास करती है।
Guru munsi te gyan Dayachand Liya dikh s
परमेस्सर तैं ग्यान मेहरसिंह , लीया दीक्खै सै।
शहीद मेहरसिंह जी ने जर्मन का परिदृश्य मद्देनजर रखते हुए उसी समय रागनी बनाईं थी। 1952 मेंं तो सुभाष की फिल्मी तर्जों वाली रागनी बनाकर मेहरसिंह जी की रागनियों मेंं जोड़ी गई थी।किसी की बातें उसकी मृत्यु के बाद ही लिखी जाती हैं, जीवनकाल मेंं नहीं; इस थोथी दलील को कौन मानेगा?
ये प्रताप सिंह कुंडू मेहर सिंह जी के समकालीन थे इन्होंने मेहर सिंह जी को देखा है मेहर सिंह जी ने उनको सारी बातें बताई हैं इसलिए यह दावे से ऐसा बोल रहा है लेकिन इनकी उम्र इतनी नहीं लग रही के इनका जन्म भी 1918 के आसपास होगा
@@The_Sanatan_Media आपके पेट में दर्द क्यों हो रहाहै
आपने बिल्कुल सत्य व बेबाक बातें कही डाक्टर साहब -सुमित धनखड़
@@The_Sanatan_Mediaजरूरी नहीं समकालीन ही सब बातें जानते हों
💯 % सत्य वचन डाॅ, साहब 🌷🌷🙏🙏🌷🌷
Pavan Bhai Pawan Rathi Mayna ka bhi interview lo
कौम पर दाग है ये, क्या इंटरव्यू ले इसका, फेमश होणे का ड्रामा, वो सुरेश रोहिल्ला ले लेगा और भी इंटरव्यू इसके, वो पड़ा रहा है वहीं मायना की हरिजन चौपाड़ में ।वो कर लेगा इस झूठे नै फेमश।
जो ओरों को इन्टरव्यू दिये क्या वे सारे झूठे , बोगस और बेदम थे। असल जाम सै तै मेरे आग्गै दे दे इन्टरव्यू आकर।
@@dr.pratapkundu मनै इंटरव्यू से अगले दिन ही पवन राठी को ललकार दिया था। परंतु लगता है वो भी दयाचंद की तरह सिर्फ हरिजन चौपालों का ही रास्ता जानता है।वो मायना गांव से बाहर नहीं निकल सकता। कुएं का मेंढक। या वो सुरेश रोहिल्ला को इंटरव्यू देगा अभी। क्योंकि सुरेश भी उनका ही पिछलग्गू बन चुका है
Mahan kavi mahasay dayachand mayana ji ka kisa h subhash chander boss ka ye galat bol raha h
है सामने आकर बोलने की हिम्मत? बरसाती मेंढक की तरह यहां टर्राने का क्या फायदा?
बेटे सामने आओ दो लाख रुपए का खुला चैलेंज है। दम तो दिखाओ ।
Inke apne vichaar nahi milte
मेरे विचार दिल को निश्चय ही चीर रहे होंगे।तुम्हारे आका की भी सामने आने की हिम्मत नहीं; तुम तो हो किस खेत की मूली।
मिला लेंगे विचार कोए सामने तो आओ
@@dr.pratapkunduaap itni ghamand se baat kr re ho.... Kha k vidvaan ho aap kya fayda itne Gyan ka..... Or bol re ho sare sansar m mere se gyani nhii h..... Bhot durander h duniya m
कविताओं में विचारधारा,,की बात करो
Bhai ji aap to Mayna k gulam ho chuke ho Puri trah aap vichardhara ki bat mat kro plz, apka channel dekha h humne, bevkufo v anpadho ki fouj h apke channel pr
विचारधारा और काव्य से शून्य ज्ञान वाले ही तिलमिला रहे हैं। है कुण्डु के सामने बैठने का दम?
Kundu shab us time dada lakhmichand bhut bada nam tha har aadmi koe kalakar guru banane me apni bhut badi upladi mante te
Aise to uss time har sangi pr. Lakhmichand ji ka chela hona chahiye tha
शहीद मेहरसिंह नहीं मानते थे। दादा बस्तीराम ने जी भरकर बुराई की है। पं हरिकैश पटवारी ने निन्दा की है।
कवि सारे बढिया हुए हैं ये सिर्फ जातिवाद है ये सब जानते हैं श्री लख्मीचन्द के बाल के बराबर भी नहीं है कोई भी
ऐसी बकवास वह करता है, जो काव्य- ज्ञान मेंं शून्य होते हैं। जातवाद की बू मेंं तुम सड़ते हो।
75 साल के बाद 450 रागनी कहां से पैदा की सब जानते हैं ये पब्लिक है
तुम्हारे द्वारा बनाईं गई हैं क्या? 75 साल से सुनते आ रहे हैं। तुम्हारे सारे प्रमाण ठुस्स कारतूस हैं। दूसरै की सीख पर कूद रहे हो।
यह बात किसने कही है:---
देक्खे देक्खे हमनै, नकली महाशय भाई।
Right
बेटे वो तो कवि ही था, सड़कछाप रागनी बनाने वाला नहीं था, जो जीवनपर्यंत अपना एक किस्सा भी मशहूर नहीं कर पाया जबकी खुद गाता बजाता घूमता रहता था। और एक तरफ मेहरसिंह, जो हर देश से बाहर भी रागनी बना गया और उसके साथी उन रागनियों को यहां ले आए। क्योंकि घी को सनंध की जरूरत नहीं होती, उसकी तो महक ही बता देती है। दूसरी तरफ चेहड़ू, जो एक किस्सा भी मशहूर नहीं कर पाया जीवंते जी। इसलिए घी और चूहड़ू का मुकाबला नहीं करना चाहिए।
पब्लिक. ही तो देख रही है, सड़कछाप 100रागवियों पर शहीद की 1 रागनी ही भारी है।
Dr Partap Singh ji subhash chander Bose ka kissa 1952 me bana jabki mehar Singh ji 31 dec 1944 ko sahid ho gaye the
बच्चे ज्ञान चाहिए तो डाक्टर साहब के पास जाकर पता करना
ये फुस कारतूस डा० कुण्डु के आगे नहीं चलेंगे।
🎉चार निम्न कोटि की फिल्मी तर्जों की सड़कछाप रागनी शहीद मेहरसिंह की मूल रागनियों पर अभिशाप हैं।
ताऊ कुंडू केवल दो सच बोल रहा है कि मेहर सिंह जी का गुरु कोई नही था क्योंकि गुरू बनाने का मोका ही नहीं मिला दुसरी सच्चाई ये है की बरोना केमेटी ने रागनीयो के साथ छेड़छाड़ करके बदल डाली हैं
मूर्ख व अनाड़ी के अनुरूप सच बाकि नहीं। कैसी मूर्खतापूर्ण बात कही है। लोमड़ी वाली वृत्ति अच्छी नहीं।
@@dr.pratapkunduरागनियां की गैल छेड़छाड़ का मतलब यो नहीं है अक यो किस्सा गलत लिखा है किताब में कमैटी नै। किस्सा तो मेहरसिंह जी का ही है बेटे, कुछ रागनियों के शब्दों की बात कर रहे हैं डाक्टर साहब।
डॉक्टर साहब की बातों से कोई भी संतुष्ट नहीं हो सकता
जब सामने आकर बैठोगे तो खुद बखुद संतुष्ट हो जाओगे
Kundu shab ki kise bat me dam nhi h rhi bat guru banane ki jaruri nhi jisse se seksa le use ko guru banane jannat ke kitne chele h jo kabhi unse seksa nhi Li vikash pasor Ranbir ka cela h kabhi kise ne usko Ranbir ki satej par dekha ta kya Ranbir ke sath master satbir ke bhi. Bhut chele h ase
अनूप छिल्लर ( बराही) ने मेहरसिंह को खूब गाया। उसका कोई गुरु नहीं था। लता और मौहम्मद रफी का कोई गुरु नहीं था। और शहीद मेहरसिंह ने खुद कह रखा है :--- जैसे बिना गुरु के मेहरसिंह नै पा लिया था ज्ञान जल़े।
बिना इन्टरव्यू सुने तर्कहीन व टुच्ची टिप्पणी न करें।
यह छद्म पं जगन्नाथ को जन्नत लिखता हैऔर लालबुझक्कड़ की तरह सर्वथा ज्ञानशून्य है।एक दमड़ी की कीम्मत नाह् , पर लाल बण्या चाहवैं सैं।
Esna k Sabit k krr deya Ek aadmi kk khna tt k etne sare log juthhe ho java k ( Pure Juth Bola Koe fayda koni kitab pddn ka Bagwan ka namm le Umer Ho rhhe hh tere)
पढ़ण - लिखण मै जीरो, बणना चहवै हीरो। आंख फूट रही हैं, किताब नहीं देखी शहीद की।
एक दमड़ी की कीमत्त ना, पर लाल बणे चाहवैं सैं। असल का हो तो सामने आ। इसी बकवास करकै भतेरे मर लिये।
@@dr.pratapkundu ये केवल सोशल मिडिया पर टर्राने वाले मेंढक हैं जी।
Totally fabricated man is he
Kbi inke samne aake bat krna pta lag jayega fabricated kon h
Totally fabulous man is he.Do not talk rot.
क्यों झूठा ज्ञान फैला रहा है, लख्मीचन्द जी का शिष्य होना भी एक गर्व की बात है।
झूठ तुम जैसों ने फैला रखा था । लख्मीचन्द के चैलों के अतिरिक्त अन्य सैकड़ों भजनी सांगी हूए क्या उन्होंनें लख्मीचन्द को गुरु बनाया?
@@dr.pratapkundu ये तो इस लड़के नै बेतुकी बात कही है जी। फेर तो सारी दुनिया का गुरु लख्मीचंद ही होना चाहिए था।
कट्टर आर्यसमाजी घोर शराबी को गुरु कैसे बना सकता है ?
@@dr.pratapkundu tera Gra tt piva tha k sarab vo jo muhh m tt aage vo kh deva h
कड़वी मगर सत्य बात को सुनने व सहने की तहजीब सीख।एक दमड़ी की कीमत्त नाह् , पर लाल बणे चाहवैं सैं।
सुभाष का किसा दयाचंद जी का है बुढा बकवास कर रहा है
बकवास तो तुम करते आये हो। तुम बेशक झूठ बोलो। बिना तर्क की निपट बकवास तुम्हारी है।
दो लाख रूपये का खुला चैलेंज है अगर कोए दयाचंद का सिद्ध कर दे तो। किंतु शोशल मिडिया पर चिल्लाने से मेहरसिंह का बनाया हुआ किस्सा चोरा नहीं जा सकता। सामने आओ बैठो बात रखो। फेर बतावैंगे थमनै अक मांगे हर कै भाई थे।
तुम्हारे जैसे महाअज्ञानी करते रहे हैं बकवास।
सुभाष चन्द्र बोस का किस्सा दयाचन्द मायना का बनाया हुआ है मलिक साहब आप मेरा इन्टरव्यू ल्यो मैं बताउंगा सारी बात सुभाष चन्द्र बोस के किस्से के बारे में । क्यू झूठ बोल्लै सै खाम खा बुढ़ापे में ।
Bete tere bap k baap ko b itna Gyan ni hoga jitna inko Gyan h ... Juban ko sambhal k bola kar nahi to aise hi buri sunega
तूं बी दयाचंद का ए लड़का है के
अरे थारा के कहना है,, हम तेरे गांव मे गए थे। थारा मुंह सुख गया था।। ओर kade भी मिल भाई तू हम फिर तेरे गाम m आ जाएंगे,, तू टाइम तो दे दे मिलन का
@@ashishdahiya329 भाई इनमें दम नहीं है।
तेरा बाप मेरे से भी बड़ा होकर झूठ बोल रहा है, तब शर्म नहीं आती बाप-बेटे को। जो बाप - बेटे ने पहले इन्टरव्यू दिये थै क्या वे पागलपन मेंं दिये थे? बरौणे वाले ललकार रहे हैं, आओ नै बाप -बेटा उनके सामने । थारा बाप - बेटे व सभी हिमातियों का वह हाल है कि --" टाड्डै सै क्यूं ? अक भिड़ूंगा । छेरै से क्यूं ? अक डर लाग्गे सै।
Yah sari Baat Jhooth Hai Meri Singh ne ki Ragani Nahin Hai
Jaat Mahersingh ki ragni h bete, 2 lakh ka open challenge h, aao dum h to
बुद्धिहीन को नाम तक लिखना आता नहीं और तीसमारखाँ बनना चाहता है।
@@dr.pratapkunduये सब बड़गुज्जर के पढ़ाए हुए रट्टू तोते हैं डाक्टर साहब। इनको गधे की तरह आंखों पर पत्ते बांध रखे हैं की बस सामने देखो और चलते रहो झूठ को लेकर। इनको ये भी नहीं पता होगा की कुल कितनी रागनियां हैं किस्से में
DADA LAKHMICHAND JI TO DADA LAKHMICHAND JI THEY KALIYUG KEY AVATAR THEY
क्या मेहर सिंह जर्मनी मे थे नेता जी के साथ थे कितनी झुट बोलता है ताऊ
ना और दयाचंद था वहां। इंजन समारने वाला
Doctor sahab jhooth bol rahe hain bakwas interview
सच से लग गई तन बदन मेंं आग। इन्टरव्यू तो तमाचा है।
बिल्कुल सही कहा आपने डाक्टर साहब
@@dr.pratapkundu to k jana h guru k chij ho huh padd k bol to deya tna
तुम्हारे जैसे भतेरे लालबुझक्कड़ शर्मा लिख लेते हैं।तुम्हारी सात पीढियों को भी नहीं पता होगा कि गुरु का क्या अर्थ होता है।मेरे सामने आकर बता दे, किसी से पूछकर आकर बता दे। यहां बकवास करने से क्या फायदा?
कोण है यू
पं लख्मीचन्द व जाट मेहरसिंह की सर्वाधिक बातों का जानकार। लगे होंगे पतंगे।
@@dr.pratapkundu 🤪🤪🤪
मलिक साब क्यू अपणा टैम ख़राब कर रे हो
पतंगे लग रहे हैं, मत सुनो वीडियो। सच्चाई बड़ी कड़वी होती है।
@@dr.pratapkundu 🙈🙈🙈
रोओगे इसी तरह जिन्दगी भर। तुम्हारे नसीब मेंं रोना ही लिखा है।
@@dr.pratapkundu😄😄😄
Kaha se aagye ye gyaani purush ab .mahashay dyachand ji ka kissa h or bahut saare saboot h jisse ye clear hota h pr inko to aadat hogi kabhi kuch kbhi kuch
सामने आओ वे सबूत लेकर। तुम्हारे आका की हिम्मत नहीं पड़ रही; तुम किस खेत की मूली हो।शोसल मीडिया पर कोई भी बक सकता है।
एक दमड़ी की कीम्मत ना पर लाल बणे चाहवैं सैं। पढ़नी तो दूर, कभी देक्खी है ज्ञान की कोई किताब?
बड़गूजर खुद बिल में घूस गया है । ये क्या सबूत दिखाएंगे। दो लाख रुपए का Open चैलेंज है। सिद्ध करके ही दिखा दो
Hol world nahi whole world na bera ho to
Angrej Bhai whole .hol bola ja ga , W silence rahta hai 🤣🤣
Subhash chander Bos ka kisa Dayachand maina ji ka h ye puri Duniya janti h Dr. Kundu ji
Jaat Mahersingh ki ragni h bete, 2 lakh ka open challenge h, aao dum h to
सिर्फ नासमझ मानते हैं, समझदार एक भी नहीं।
Very right Dr. Shab
Tthakatit Gyan ka ghmand hai isko
कभी सामने आके देखो पजामा गीला हो जाएगा और सांस तक नहीं आएगा
अपना कथित ज्ञान लेकर तनिक आओ तो मेरे सामने। या अपने किसी हिमायती को भेज दो।
मुंह मेंं दही जम जायेगी। सोशल मीडिया पर कोई भी ऐरा- गैरा नत्थूखैरा कुछ भी बकवास कर देता है।
सही कहा डाक्टर साहब। ये शोशल मिडिया पर ही टर्राने वाले मेंढक हैं केवल।
Batt Sahhe hh
@@PriyanshVlogs-f9t Tera hoga tha k🤣🤣
Neta Shubhash ka Kissa only Rastrya Kavi Dyachand mayna ka likha hua hai
सामने आओ। लोमड़ी वाली वृत्ति : मत अपनाओं।
दयाचंद के खुद के किस्से कितने प्रसिद्ध हैं जो इस किस्से पर इतना जोर जमा रहे हो। खुद तो वो भी जीवनपर्यंत एक किस्सा अपना मशहूर नहीं कर पाया परंतु छाप काटकर आने वाली पीढ़ी के लिए जंग छोड़कर चला गया । इतना बड़ा कवि होता तो इतने बुढ़ापे तक एक भी किस्सा मशहूर नहीं कर पाया, जबकि खुद गाता भी था, प्रचार भी करता था। आश्चर्यजनक। कोए भी इस पहलू को नहीं सोच रहा है, हद है।
शहीद मेहरसिंह की एक- एक रागनी घन की चोट हैँ। इनकी भटपेड़ मेंं मत आइय्यो, सारी उम्र रोते फिरोगे।
ये कुंडू मेहर सिंह जी के सम कालीन थे क्या
समकालीन नहीं परंतु इन्होंने बोहोत मेहनत करके ये ज्ञान प्राप्त किया है
निपट मूर्खतापूर्ण टुच्ची टिप्पणी।
मुझे रामायण- महाभारत का ज्ञान है। क्या मैं उनके समकालीन हो गया? यह व्यक्ति महामूर्ख है।एक दमड़ी की कीमत्त नाह्, पर लाल बणे चाहवैं सैं।
🙏🏽 स्वः दादा लख्मीचंद की जय . स्वः दादा दयाचन्द जी की जय . स्वः दादा मेहरसिंह जी की जय . स्वः दादा मांगेराम जी की जय . स्वः दादा बाजेभगत की जय . स्वः दादा राय धनपत जी की जय . स्वः दादा जगननाथ जी की जय . सभी कवियों की जय जय जय🙏🏽
Jhut ka pulida kewal .Kundu sahab .
Sabhi Kaviyon ko Sat Sat Naman
@@satishjind94562 लाख लेकर आजाओ डाक्टर साहब के सामने सत्पुरुष आदमी। खुल्ला चैलेंज दे रखा है कमेंट्स में। नहीं तो अपनी जीह्वा पर लगाम रखो।