परमात्मा की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता तो कुकर्म किसकी मर्जी से होता है? श्री गौरव साहेब जी
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- Опубліковано 10 січ 2025
- परमात्मा की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता तो कुकर्म किसकी मर्जी से होता है?
पूज्य संत श्री गौरव साहेब जी
सम्पर्क- 9928949563
सदगुरु कबीर साहेब एवं मानवतावादी शाश्वत विचारों को परोसने वाले संत महापुरुषों के अनमोल विचारों को सुनने समझने के लिए इस चैनल पर आपका हार्दिक स्वागत है।
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कर्म करने के लिए फ्री छोड़ा है अच्छा हो या बुरा, परिणाम परमात्मा देते हैं।
ऐसे वैज्ञानिक स्वभाव वाले विज्ञान दृष्टिकोण वाले अगर पैदा हो जाए तो पूरी धरती महान हो जाए
सत्य सिद्धांत और प्रकृति के कारण कार्य व्यवस्था की समझ रखने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
@@kabirasharm1112सत्य कहाने के लिए मुझे प्रोत्साहित करने वाले को धन्यवाद
सत्य बचन श्री मान सत्य बचन पंडित जी
जैसी करनी वैसी भरनी
आज़ जीवन में पहली बार बहुत सी बातो का सटीक उत्तर मिला है। ये विडियो नहीं अपितु ज्ञान का भंडार है। ये विडियो बेहद ही ज्ञानवर्धक है
।।सतसाहेब।। उस कबीर साहेब परमात्मा के हुक्म बिना नहीं तरवर पात हिल॔त।
सतगुरु भक्ति मुक्ति के दाता प्राणी फिरैं भटकंत।
हर जीव आत्मा की रील परमात्मा ने बना रखी है।
सतगुरु रामपाल जी भगवान् के रूप में स्वयं बंदी छोड़ सतगुरु कबीर साहेब भगवान् आये हुए हैं।
सतगुरु रामपाल जी भगवान् के तत्व ज्ञान भेद को समझकर ही जीव आत्मा के कर्मो की रील बदलती है।
कबीर साहेब परमात्मा ही सब जीव आत्माओं को कर्मों के अनुसार मशीन की तरह चक्कर कटवा रहा है।
Param pujya great krantikari satguru gaurav sahab Ji ke charno me sat sat Koti Koti naman vandan karta hoon sa Prem sahab bandagi karta hoon
बिल्कुल सत्य कहा महराज जी आपने ,मनुष्य के जीवन मे घटने वाली हर घटना का जिम्मेदार मनुष्य स्वयं है,ईश्वर न किसी को सुख देता है न दुख देता है,ईश्वर तो प्राणियो के किये हुए कर्मो का हिसाब देता है,जो जितना पाप-पुण्य करेगा ईश्वर हिसाब लगाकर उसे वही लौटा देता है,अतः कर्म से ही भाग्य बनता और बिगङता है,ईश्वर किसी के कर्म अथवा उसके फल अर्थात भाग्य मे कोई भी हस्तक्षेप नही करता है।सिर्फ कर्मो का हिसाब करता है।
जय सियाराम।
जय श्री राधे।
जय श्री कृष्ण।
बिल्कुल सही बात है परमात्मा ने मनुष्य को गीता ज्ञान देकर उसको सही गलत सब बता दिया, और सबको श्रेष्ठ कर्म करने के छोड़ दिया, अब जैसा कर्म करोगे वैसा फल पाओगे।
अंधे कोड़ी आलसी देव देव चिल्लाई शुद्ध विवेक की विज्ञान जान देव भरोसे नहीं 100% सत्य वाक्य ऐसे संतो को तहे दिल से सलूट
Bihar sarkar badh apada ka pisa loot khasot kar hadp leta hai
Lakshmi. Sah
Lakshmi sah vashli Bihar se
महाराज जी, मेरे विचार से परमात्मा की प्रकृति में जो उथल पुथल होती है बह परमात्मा की इच्छा से होता है जिसे यह कहा गया कि उसकी बिना मर्जी के एक पत्ता नहीं हिलता बाकी सारे कार्य करने के लिए मनुष्य स्वतन्त्र है। जैसा करेगा वैसा भरेगा।
प्रकृति में जो उथल-पुथल होती है वह किसी व्यक्ति रुपी परमात्मा की इच्छा से नहीं बल्कि प्रकृति के जो गुण धर्म है जो स्वगत नियम है उसे नियमों के तहत होती है ऐसा समझ लेना ही सत्य का बोध है
Apke hisab se prakrati hi sb kuch he bhagwan jesi kuch nhi he
कोउ न काहु सुख-दुःख कर दाता, निज कृत कर्म भोगु सब भ्राता।
तार्किक विचार 👌👌
Jay Shriram Jay Shriram Jay Shriram
बहुत ही सुंदर ज्ञानवर्धक, जानकारी आप हमेशा परोस्ते रहे साहब बंदगी
जाहि प्रभु दारुण दुख दही,ताकि मति पहले हर लेई
परमात्मा नहीं है तो महाराज जी परमात्मा कोन है 🙏
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय 🙏🙏‼️
जय श्री राधे कृष्णा महाराजजी जो जैसा कर्म करता है वो बेसा ही फल पाते है
Bahut hi sunder Vichar. Parkhi sant ko prnam
😂😂
परमात्मा की इच्छा से ही आप यह सब बोल पा रहे हैं 🎉🎉🎉🎉
तो परमात्मा यह बुलवा रहे हैं यह ज्ञान दे रहे इसको समझो।
Right
ज्ञानी बाबाओं की सुनामी आ गयी है
सर्व प्रथम तो सत असत का ज्ञान होना चाहिए।
बहुत सुन्दर। धन्यवाद।
Sab prmatma ki ichha se hi hota
परमात्मा किसी से कुकर्मों को करने की नही कहता है। भगवत गीता में भगवान ने कहा कि जो जैसा करेगा वैसा ही फल प्राप्त करेगा। इसलिए दुष्ट दुराचारी पापियो राक्षसों को कैंसर किडनी लकवा सहित विभिन्न प्रकार की बिमारियों से सम्मानित करता है ईश्वर।
होस सभालते अच्छे रास्ते पर चलते हुए भी बल्ड कैंसर हो जाता है 5 साल बच्चा को कैन्सर हो जाता है
भगवान निराकार है।
यानी प़रकूती ही को परमात्मा कहा है।
वेद पुराण गीता रामायण और महाभारत
ये सब। महान लेखक ने लिखा है।
ये सब में से हमें ज्ञान प्रदान होता है।
Bahut sundar ❤❤
साहेब बंदगी साहेबजी
Saheb bandagi saheb 👏👏
Aapko tatha aapke vicharon ko sat sat Naman
जन्म जीवन मृत्यु योंनी स्वर्ग नरक सुख दुःख वर्ण कुल वंश ये सब चिज कर्म के ऊपर ही निर्भर करता है।
मन विचार और क्रिया से किया हुवा कर्म ही भविष्य निर्धारण करता है।
कर्मो की गणना, कर्मो का लेखा जोखा - यमलोक के धर्माधिकारी प्रभु श्री चित्रगुप्त जी करते हैं और इनके द्वारा ही भुत काल, वर्त्मान काल, भविष्य काल निर्धारण होता है और जीवन की कुंडली बनाई जाती हैं।
जय श्री चित्रगुप्त भगवान् 🙏🙏🚩🚩
प्रकृति ही ब्रह्म है ;ब्रह्म ही माया है ।ब्रह्म को ईश्वर का नाम देकर दुनिया को डफोला बनाना शुरू से चालक लोगो ने अपनी आजीविका साधन बनाया मुर्तिया बना कर धन मिठाइया खाना दासी लीला करना शैतान कर्म ही है ;इन्सान कर्म नही है।गरीब की बुद्धि को ताला लगा दिया है ,वे विवेकहीन होकर अन्धो की चाल चल रह् है ---- भगवान बुद्ध
@Ukr-t2p ब्रह्म five elements and तीन गुण then other no god never god.
@@surtaram8662 आपने लिखने की कोशिश तो सही लिखने की है लेकिन सही से लिख नहीं पाए।ब्रह्म इस ब्रह्माण्ड का मूल कारण बीज है जो समस्त ब्रह्माण्ड का उत्पत्ति कर्ता है प्रकृति उसकी प्रेरणा शक्ति है जो सृजन करते हुए सबमें व्यापक है और ईन्वर ब्रह्म का पर्यायवाची नाम या यूं कहें कि सब सुरों यानि दैविय शक्तियों में श्रेष्ठ है इसलिए ईश्वर ही ब्रह्म है और ब्रह्म ही पूरण परमात्मा है।रही जो बातें आपने और लिखी हैं उनका इस उपरोक्त कथन से कोई मेल नहीं बैठता।बह सब कर्मकाण्डियों के कार्य हैं जिन्हें कोई स्वीकार करता है तो कोई नकारता है।इस विषय में आस्तिक या नास्तिक होने का भी कोई कारण नहीं है क्योंकि अपना अपना विश्वास है। परमात्मा के होने के कुछ संकेत ऐसे हैं जिन्हें परमात्मा का प्रबल विरोधी भी अनजाने में उन संकेतों को स्वीकार कर लेता है लेकिन अज्ञानता के अंधेरे में उनको न समझना ही उसका परमात्मा पर विश्वास न करने का कारण बना रहता है लेकिन अंत मृत्यु से पहले उन संकेतों पर विश्वास तो करने लगता है पीड़ा के कारण शव्द रूप में बोलने भी लगता है लेकिन स्थिति ऐसी बन जाती है उस समय कि जैसे रोटी रोटी कहने से रोटी मूंह में नहीं जाती भूख शांत नहीं होती क्योंकि बिना प्रयास किए बिना अभ्यास किए बच्चा रोटी खाना नहीं सीखता ठीक यही स्थिति उस समय उस मृत्यु शैय्या पर पड़े मनुष्य की होती है इस लिए बह संकेत रूपी शव्द फिर उसके लिख कोई लाभ नहीं पहुंचाते। क्योंकि उन सांकेतिक शब्दों का उस व्यक्ति ने अपने जीवन काल अभ्यास ही नहीं किया।और मनुष्य कष्टकारी मृत्यु को प्राप्त हो प्राण छोड़ देता है।माफ करना समझ में आ जाए तो ठीक वरना कमेंट करके बता देना कि गलत लिखा है आपने तो मैं अपना कमेंट डिलीट कर दुंगा धन्यवाद।
Shi kaha.
मेरे हिसाब से कर्म का सिद्धांत ग़लत है।
जब जापान में नागासाकी ओर हिरोशिमा पर अणुबोम ऐटेक हुआ ओर दो ढाई लाख लोगों की मौत हो गई तो क्या ईश्वर ने इतने सब लोगों को दो शहरों में ऐसे सब के कर्म के हिसाब से इकठ्ठा कर दिया गया हो गया। ये सब सोच कर यह कर्म का सिद्धांत ग़लत साबित हो सकता है।
@@jivubhaipatel2984 ईश्वरवाद ही काल्पनिक हैं.only nature yin yan circle 's mayajal no more.
Mai kanker zila se hu, aap ka suvicha bhut acha lga dhnwad.
Pardam guru ji
निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
You are best in the world
महात्मा जी जो कुछ बता रहे है वह बिलकुल ठीक कहते है l
मान्यवर ऐसा लगता है आपका ज्ञान बहुत ही काम है आपको निष्पक्ष अध्ययन की जरूरत है. दुराग्रह से प्रेरित ज्ञान मैं कमी होती है .
Nice sweet true logical proof real gyan disclosure. Thanks a lot. OM..
Thank you ji
❤ Satnam sat Saheb Bandagi Om Prakash Das Sindhiya Samastipur
Bohot acha parwachn laga aapka ji , Jo aapne btaya vo sahi hi hai
परमात्मा न चाहे तो आपकी सांस भी नही चलेगी पंडित जी
yadi mata pita ki kirpa nahi hoti to parmatma sans kidhr dalta andh bhakt
परमात्मा ने अपनी परमाप्रकृति (creating force) के माध्यम से विश्व ब्रह्माण्ड की रचना की है। जीव जगत को अपने अपने कर्म के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया है। तदनुसार कर्मफल भोगता है। परमात्मा की इच्छा के बिना इस ब्रह्माण्ड की रचना नहीं हो सकती।
वेद में कहा गया। में एक हूं बहुत होजाऊं ये है परमात्मा की इच्छा।
आप केवल भौतिक जगत की बात कर रहे हैं। जो ध्रुव सत्य नहीं हैं।
आप भी विचार करें।
जमुना लाल शर्मा हिंडौन सिटी
Bahut sundar vichaar pravachan parsstuti ke liye ❤ mahapurushji ko dhanbad ji satkaar bhara❤❤ dhan nirankarji❤❤❤❤❤
SANT JI.OK.BIHAR.NALANDA.
Kotisah parnam
Very good mahatma g
जैसे बछड़ा सौ गायों मे से अपनी मां को डूंढ लेता है वैसे ही करम अपने करता को डूंढ लेता है जी
OmShantiBapDadz,JiGoodafternoonThanksBabaJiThanks ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉
मनुष्य कर्म करने के लिए स्वतंत्र है भोगने के लिए परतंत्र है
कर्म करने में भी स्वतंत्र नही है l इसके लिए यह चौपाई देखे,, होईहैह सोई जो राम रची राखा ll
Bahut sundar gaurabh jee 🎉
जिसै संसार आत्मा कह रही है वो हमारा परम चैतन्य शरीर हे जिसको ईस लोक परलोक और मृत्यु लोक का ऐहसास करता है आत्मा अजर-अमर निर्बंध नित्य नवीन अविनाशी निर्लेप और निर्छुत हे ऊसे कोई भी चीज छू नही शकती है हमारा परम चैतन्य शरीर जो हमारा मुल है ईसको मिटना ही पुर्ण मुक्ति हे आत्मा परमात्मा को किसी भी ऐहसासो की जरूरत नहीं है सुख दुःख मान अपमान लाभ हनी ऐ सब हमारे-आपके परम चैतन्य शरीर को ऐहसास होता है आत्मा को ऐ सब सारी बातें स्पर्श नही करती हे आत्मा सदा के लिए मुक्त है और चेतन्य ता ऐ आत्मा का गुण नही नही तो आत्मा बंधन मे माना जाएगा इसलिए चेतना (ऐहसास करनी की शक्ति) ऐ आत्मा नही हे ऐ अटल सत्य है,👈👈👈👈👈👈🙏🙏🌹🌹🌹
🌹 saheb bandagi saheb guruji 🌹
कर्म शुभा शुभ देइ विधाता्
कर्म शुभाशुभ देइविधाता।
पता अगर ईश्वर की मर्जी से हिलता है तो बुरे कर्म भी ईश्वर की ही मर्जी से हो रहा है तो फिर इंसान की ग़लती क्या है
Kaha likha hai iswer ki marzi se patta hilta hai ye sab bible ki baat hai sanatan dharm me kahi nhi likha iswer karm aur karm fal me koi hastakshep krta hai
@@spiritualwithscientificpro7805 exactly 💯😊😊😊
Insan ke andar do atmaen Hoti hai ek atma aur ek sukshm atma jisko jivatma kahate Hain yahi Satya hai Jay Mahakal
@@spiritualwithscientificpro7805Jo Insan Apne atma ko jaanta hai vah Parmatma ko kabhi bhi galat raste per nahin chalne dega yani apne aap ko galat rasta nahin chalayega to vahi Satya ko jaanta hai baki nahin Jay Mahadev
@@VikekBhai acha sahab gyaan Dene ke liye dhanyawaad
🎉 साहेब बंदगी गेरेनपडताहेकयो
जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे श्याम 🙏🙏‼️
राधे राधे जय श्री कृष्ण 🙏🙏🙏
Satya Saheb Bandagi Om Prakash Das Sindhiya Samastipur
ईस,शरीर,के,अनदर,दो,सरकार है,सन्त,जी,कुकरम,मन,की,सरकार,के दवा रहा,होता,है,कयोकि,मनुसय,को,खुद,मुखतार,बना ,दिये,है❤सत,साहेब,जी❤❤❤
ॐश्री दादू दयाल सतगुरु गुरु दाता गुरु पिताजी दादू संत शिरोमणि दादू संत श्री श्री 1008 श्री श्री दादू संत शिरोमणि दादू संत कबीर दास जी महाराज ही है ही
ॐश्री दादू दयाल सतगुरु गुरु दाता गुरु पिताजी दादू संत शिरोमणि दादू संत श्री श्री 1008 श्री श्री दादू संत शिरोमणि दादू संत दादू दयाल जी महाराज ही है ही
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
साहेब आपने बिल्कुल सत्य कहा कि मनुष्य स्वतंत्रत है इसके उपर किसी की सत्ता नहीं है, कोई अलौकिक शक्ति नहीं है यहां तक तो सत्य है, पर जब कहते हैं कि कर्म फल से भगवान भी नहीं बच पाए तो मनुष्य किस खेत की मूली है, यही वाणी आपकी सारी महत्वपूर्ण वाणियों पर कालिख पोत देती है। एक जगह कहते हैं कोई ईश्वर नहीं है तो फिर भगवान कहां से आया। अपनी वाणी पर ध्यान दीजिए। साहेब बंदगी साहेब।
Guruji ki Jai Ho
शक्ति भगवान की और इच्छा जीव की इसलिए किए गए कर्मों का फल जीव को प्राप्त होता है अच्छे कर्मों का अच्छा बुरे कर्मों का बुरा
जीव कर्म करने में स्वतंत्र है
पत्ता हिलने की भी एक दृष्टि होती है l ज्ञात अज्ञात रूप से दृष्टिगतनहीं होती है l ❤🎉😂❤
Saprem saheb bandagi Saheb ji 🙏🙏🙏
He govind he sri Krishna he basudev he dewakinandan sri Krishn aap ki kripa aapram par h
आपका सतसगॅ मुझको अछा लगा हॅ आपको कोटि कोटि नमनः परणाम
धन्यवाद जी
ऐसा लगता है आपका ज्ञान भ्रामक ज्ञान है .
❤ Satay bachan Saheb bandagi Satnam Saheb
Shree sad gharu Maharaj kee jay❤❤❤
परम्+आत्मा अर्थात् परमात्मा केवल सकारात्मक ऊर्जा है जो हमें बुराई से आगाह कराती है,,, स्वार्थ और मनमानी से ही हम कुकर्म करते हैं
इवान प्रारंध बोध का उद्यान है जहां नियति परक स्मृति की भूमिका हर प्राणी निभाता है।
Saheb bandagi saheb ji sader charn sparse ❤❤❤
Sahi bat
Jai gurudev Datta Jai shree ram ji ki jai shree Mata
Authentic philosophy
I support you.
Guruji aapne bilkul sahi bataya eshwar kisi manushya ka bhagya nahi banata hai manushya apne karmo ke dowara apna bhagya banata hai 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩jay shri ram
ਸਹੀ ਬੋਲਾ ਸ਼ੁਕਰੀਆ
Saheb Jee Saheb bandagi bahut he sunder perbachan tha
परमात्मा एक बहुत बड़ी शक्ति। है इसका मूल है उसकी प्रेरणा के कोई भी उसकी इच्छा विरुद्ध कोई काम नहीं हो सकताहै मनुष्य जीव जन्तु कोई हरक़त नहीं कर सकता है यह बड़ा सूक्ष्म विषय है अन्तर ज्ञानी ही इसको समझ सक्ता है परिस्थितियाऊबनती हैं घटना घटेगी पूर्व जन्म के कर्मों के कारण क्योंकि हानि लाभ जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ
कर्म,किसी,का,सगा,नहीं,,,भले, मन्दिर,जाओ,,कर्म,नहीं, छोड़ता है,,,भगवान,कही,नहीं, है,जो, है,कर्म, है,,,,जिसने,जन्म,लिया,वो,भगवान,नहीं,हो,सकता,,,
इंशान,परिवार,के,लिए,बुरे,कर्म,करता, है,उसका,फल, बच्चो,ओर,पत्नी,को,भुगतना,पड़ता,कर्म,किसे,नहीं, छोड़ेगा,ओर,पता,फिर, चलता, है
प्रभु कभी किसी का अहित नहीं करते उन्होंने तो राक्षसो को मोक्ष प्रदान कर दिया
Bahut. Hi. Achcha. Satsang. Lagha. ❤.
परमात्मा तो सदैव अच्छा ही करता है अच्छा बुरा हमारी बुद्धि समझता हैइतनी सी बात नहीं समझ पाऐ
जे सत्संग बुरे कर्म करने से रोकता है । अच्छे कर्म करने को प्रेरणा देता है।
पर भगवान है जो कुछ भी कर सकता है।
परमात्मा(आत्मा) की मर्जी से नहीं होता बल्कि उसकी सत्ता से जीव(प्रकृति वशीभूत) कर्ता होता है आत्मा(परमात्मा) अकर्ता होता है
परंतु उसके(आत्मा) सकाश से होता है
यदि जीव अपने मूल स्वरुप( आत्मा) में लौट जाए तो वह स्वंय आत्मा(परमात्मा) ही है।
पूण्य और पाप मन की मर्जी से होता है
Apki soch satiya hai guruji
तो प्रभु जी अगर कर्म ही सब कुछ है,कर्म ही करना और भोगना का दायित्व मनुष्य पर खुद ही है तो भगवान का क्या रोल रहे गया। कृप्या रोशनी डालिए इस कथन पर
चोरी, डकैती, बलात्कार सब परमात्मा के मर्जी से ही होता है
परमात्मा मे इतनी शक्ति है हि नहीं कि वह पते को हिला दे '
આપકે પાસ શક્તિ હૈ તો સાંસ લિએ બિના બતાવો ૐ શાંતિ ૐ
🙏
Jai ho guru jee
Saheb Bandagi
Namo budhdhay
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया 🙏🙏‼️
Saheb bandagi Ji bahgwanwadi
श्रीमान जी कबीर जी स्पष्ट कुर्मा रहे हैं।
ना कुछ किया ना कर सकूं ना कुछ करें शरीर करने वाला और है लोग कहे कबीर कबीर।।
अच्छा बुरा लाभ हानि दुख सुख मरना मरना चोरी करना बदी करना नेकी करना। अगर इन्हें परमात्मा को अर्पण कर दिया जाए। तो आदमी बंधन मुक्त हो जाएगा किसी को ब्रह्म ज्ञान कहते हैं।
मनुष्य कब फसता है जब वह अपने ऊपर लेता है इसी कारण बंधन में बढ़ जाता है।
अच्छा या बुरा मैं नहीं किया सब मैं तेरा हुकुम है। सब में तेरी ताकत है। मेरी ताकत का तो कोई मतलब ही नहीं बनता। तो बताइए मैं क्या किया?🎉🎉🎉🎉🎉🎉
सत्य यही लगता है।❤
पर कर्म करते समय परमात्मिक स्मरण हो तो ज्यादा अच्छा है।यह जानकारी भी परमात्मा ही de रहे हैं,हमें।
@@kavigovindsoniyatharth5403 उसके लिए ही तो निरंतर सुमिरन बताया है। अंत काल में जहां मनुष्य का ध्यान होगा खुशी नहीं जाना पड़ेगा।
@@kavigovindsoniyatharth5403 जय श्री कृष्णा
AAP sahi kah rahe h I like it video Jai bheem Jai savidhan Jai mulnivashi namo bhuday
जय श्री राम राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम हरे हरे 🙏🙏‼️
जब परमात्मा स्वयं कह रहे हैं कि यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत .......यानी मैं अधर्म का विनाश करके सत्य धर्म की स्थापना करता हूं तो परमात्मा अधर्म कार्य कैसे कर सकते हैं यह मनुष्य को खुद सोचना चाहिए।
सही बात है परमात्मा के बगैर पता नहीं हिलता है
रही बात कुकर्म की जो जैसा कर्म और कुकर्म किया है उसके साथ वैसा ही कर्म और कुकर्म होता है
यह विधि का विधान है
आप भी अपने कर्म और कुकर्म के अनुसार ही प्रवचन दे रहे है
और परम पिता परमात्मा पर कमेंट कर रहे हैं
आपका दुर्भाग्य है
खुद को देखिए खुद में रहिए खुद को तौलिए
क्योंकि खुद ही में खुदा है
भगवान तो कहते हैं जो भी होता है सब मेरे मर्जी से होता है
मरने वाला भी मैं हूं मारने वाला भी मैं ही हूं
जय हो संता की