#सजदेकरे_खुदाईनू_आलम_बड़ा_कबीर नानक देव जी को कबीर साहेब सुल्तानपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में बेई नदी पर जिंदा महात्मा के वेश में आकर मिले थे। उन्हें सचखंड यानी सत्यलोक के दर्शन कराए थे, जिसके बाद नानक जी ने आंखों देखी कबीर साहेब की महिमा गाते हुए गुरु ग्रन्थ साहिब राग सिरी महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29 में कहा है: फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।। खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।। Satguru Rampal Ji Maharaj
चारों युग प्रमाण सतयुग में सत सुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनींद्र मेरा। द्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।। कबीर परमात्मा चारों युगों में विभिन्न नामों से इस पृथ्वी पर सशरीर प्रकट होते हैं व अपनी जानकारी स्वयं ही देते हैं।
सत साहेब बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा सत्य साहिब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी भगवान की जय हो
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है। परमात्मा साकार है! गुरु ग्रन्थ साहेब, राग आसावरी, महला 1 के कुछ अंश - पृष्ठ 463
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है। परमात्मा साकार है! गुरु ग्रन्थ साहेब, राग आसावरी, महला 1 के कुछ अंश - पृष्ठ 463
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दिया जाने वाला ज्ञान अनमोल है वेद शास्त्रों के अनुकूल है जिससे पूर्ण परमात्मा की जानकारी होती है
सत साहेब जी
Sat guru rampal maharaj is tetew drshi sant
Sat saheb ji
Kabir is supreme god 🙏
#सजदेकरे_खुदाईनू_आलम_बड़ा_कबीर
नानक देव जी को कबीर साहेब सुल्तानपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में बेई नदी पर जिंदा महात्मा के वेश में आकर मिले थे। उन्हें सचखंड यानी सत्यलोक के दर्शन कराए थे, जिसके बाद नानक जी ने आंखों देखी कबीर साहेब की महिमा गाते हुए गुरु ग्रन्थ साहिब राग सिरी महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29 में कहा है:
फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।।
खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।।
Satguru Rampal Ji Maharaj
चारों युग प्रमाण
सतयुग में सत सुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनींद्र मेरा।
द्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।।
कबीर परमात्मा चारों युगों में विभिन्न नामों से इस पृथ्वी पर सशरीर प्रकट होते हैं व अपनी जानकारी स्वयं ही देते हैं।
Sat Sahib ji ❤❤❤❤❤
🙏संत रामपाल जी महाराज जी नास्तिक हो चुकी आधी दुनिया को फिर से परमात्मा के गुणों से परिचित करवा के उनके महा कष्टों से शांति दिलवा रहे है
सत साहेब बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा सत्य साहिब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी भगवान की जय हो
Jai ho bandi chhod ki jai ho 🙏
Ramta ram japo re parani aab tum sun lo ram ram kahani
कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान।
गुरू बिन दोंनो निष्फल है, पूछो वेद पुराण।।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
परमात्मा साकार है!
गुरु ग्रन्थ साहेब, राग आसावरी, महला 1 के कुछ अंश - पृष्ठ 463
Sbhi dhrm ke log a rhe kya is aasrm me
Jaibolobandichhodkisardarjiyouareveryverylucky nowyouhavebeenabletoknowwhatissatnaamwaheguru please tell thisknowledgetoyourotherfriendsandrelatives
Sat sahib ji ❤
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
परमात्मा साकार है!
गुरु ग्रन्थ साहेब, राग आसावरी, महला 1 के कुछ अंश - पृष्ठ 463