उत्तराखंड की लोक कहानियां (32) - गंगू रमोला (Uttarakhand ki Lok Kahaniyan- Gangu Ramola)
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- Опубліковано 5 гру 2019
- उत्तराखंड की लोक कहानियां (32) - गंगू रमोला (Uttarakhand ki Lok Kahaniyan- Gangu Ramola) उत्तराखंड की प्राचीन गाथाओं का एक पात्र है गंगू रमोला जिनके बारे में कई तरह से कहानियां सुनायी जाती है। घसेरी में आज सुनते हैं इस अद्भुत पात्र की कहानी जिसने भगवान कृष्ण के तमाम चमत्कारों को नकार दिया था लेकिन आखिर में क्या हुआ, जरूर सुनिये।
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जय मेरे ईष्ट देव आपकी सदा जय हो आपकी गाथा युगों युगों तक चलता रहे आप सदा ईष्ट देव के रूप मै हर घर मै पूज्य हो यही प्रार्थना हैं परभु आपसे
आभारी है हम आपके जो हमारी संस्कृति को बचाने की अनूठी पहल कायम किये हो
बहुत ही सुंदर कहानी है देवु रमोला की मे भी रमोला बनदु। हू
आपकी यह कहानी मैंने पहले कभी नहीं सुनी और न ही यह कहानी उस इलाके में जहां से गंगू रमोला का संबंध है यानी रमोली पट्टी में यह कहानी नहीं सुनी जाती है जहां तक आपने गंगू रमोला का जो वर्णन किया है उसमें उनको घमण्डी और न जाने किन किन अपशब्दों से संबोधित किया है जो कि उचित नहीं है वह हमारे आदि पुरुष है और पुज्यनीय भी उनकी जो कहानी हमें मालूम है वह इस प्रकार है कि गंगू रमोला एक बहुत वीर बलशाली भड था उन के दो थे गढ एक रौल्या गढ और दूसरा रैका गढ गंगू रमोला बहुत ही संपन्न धन धान्य से पूर्ण गणपति थे यह कहानी तब शुरू होती है जब महाभारत समाप्त हो गया तो भगवान कृष्ण को आत्मग्लानि हुई कि उन की वजह से इतना रक्तपात हुआ वह चहाते तो महाभारत न होता इसलिए उन्होंने भगवान शिव से आत्मशांति का उपाय पूछा तो उन्होंने उन्हें पंच प्रयाग के दर्शन करने की सलाह दी भगवान कृष्ण ने यही करने के लिए नदीयो से चलकर पंच प्रयाग जाने का निर्णय लिया पर जब उन्होंने नदी के पत्थरों पर अपने पैर रखने चाहे तो वह उनको शिवलिंग नजर आने लगे तो वह उनके ऊपर पैर कैसे रखते उन्होंने फिर भगवान शिव को याद किया तो भगवान शिव ने उन्हें सलाह दी कि वह सांप का रुप में नदी मार्ग से पंच प्रयाग के दर्शन करें क्यों कि सर्प के पैर नहीं होते इसलिए उत्तराखंड में कहीं भी कृष्ण मंदिर नहीं है परन्तु श्री कृष्ण नाग्रजा या नागराज के रुप में हर घर और हर गांव में पूजे जाते हैं। इसी भ्रमण के दौरान श्री कृष्ण को रमोली पट्टी की खूबसूरती का पता चला तो वह ब्राह्मण का रुप धारण कर के गंगू रमोला से जमीन मांगी परन्तु उन्होंने नहीं दी तो फिर भगवान कृष्ण ने छल बल कर उनके भैंसों का दूध सुखा दिया उनकी बकरी भेड़ों को पत्थरों में बदल दिया उनके राज्य में अकाल कर दिया। गंगू रमोला की पत्नी मैनावती बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति की थी उन्होंने भगवान की आराधना करी और भगवान खुश हुए और भगवान कृष्ण ने मैनावती को अपनी बहन बनाया और मैनावती को दो पुत्रों का वरदान दिया फिर गंगू रमोला ने भगवान कृष्ण से राक्षसी का बध करने की प्रार्थना की तो भगवान कृष्ण ने उस राक्षसी का बध किया और भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला का सारा वैभव पुनः स्थापित कर दिया और भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला के स्वप्न में आकर उनका मंदिर बनाने को कहा तो उन्होंने बनाया पर जब वह बन जाता और अगले दिन को स्थापित करने जाते तो वह गायब हो जाता इस प्रकार छः मंदिर गुम हुए फिर गंगू रमोला ने भगवान कृष्ण की प्रार्थना की तो फिर भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला के स्वप्न में आकर उस स्थान पर जहां कि अशोक का पेड़ था और एक शिला थी वहां पर मंदिर बनाने को कहा इसलिए उसको प्रकटा सेम कहा जाता है और वह अशोक का पेड़ और वह शिला आज भी मौजूद है।
आपका आभार महेश रमोला जी। मैंने पहले ही कहा था कि गंगू रमोला की कहानी अलग अलग तरह से सुनायी जाती है। किसी भी पौराणिक कहानी पर हम पहले शोध करते हैं और उसी के बाद उसे प्रसारित किया जाता है। इस कहानी के मामले में भी ऐसा ही किया गया है। आपके इस पक्ष को लेकर भी जरूर अध्ययन करूंगा। कुछ कहानियों में यह भी कहा गया है कि गंगू रमोला की दो पत्नियां थी। पौराणिक गाथाओं के बारे में दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि कौन सही है और कौन गलत।
मेरी आपत्ति पर प्रतिक्रिया देने के लिए घसेरी का धन्यवाद गंगू रमोला पर कई पौराणिक दंत कथाएं मौजूद हैं जिनको मैंने पढ़ी या सुनीं है अधिकतर कहानियां मिलती-जुलती है परन्तु उनमें से किसी भी कहानी में मैंने यह नहीं सुना की गंगू रमोला को कोढ़ हुआ या वह द्वारिका गये या उनकी दो पत्नियां थीं। मैंने जो कहानी लिखी है वह और भी ज्यादा विस्त्रित है जिसको कि यहां लिख पाना संभव नहीं है मेरी आप से सलाह है कि आप एक बार सेम नागराज जाय और वहां के पुजारियों से भी पता करें तथा मुखेम गांव में भी बुजुर्गों से पूछें फिर आप गंगू रमोला के बारे में विस्तार से जान सकेंगे।
धन्यवाद
निश्चित तौर पर आपकी सलाह पर गौर करूंगा। आपका आभार।
mahesh ramola धन्यवाद आप का जोहमरी पूरण जगर व कथा जीवित रखणछ
mahesh ramola धन्यवाद आप का जोहमरी पूरण जगर व कथा जीवित रखणछ
आपका बहुत बहुत धन्यवाद। काफी ज्ञानवर्धक जानकारी देने के लिये। आशा है कि आगे भविष्य में भी इसी प्रकार ज्ञानवर्धक जानकारी देते रहेंगे जी।
Bhut time se wait tha is story ka, thank you so much bheji
Are waah हमारी गगवरस्यूं घाटी अर हमारू गौ ujyadi aaigi 😍🥰🙏
I'm from Uplii Ramoli ( Gangu ramola ki ramoli ) Tehri Garhwal ❤
बहुत सुंदर कहानी लग भगवान सेम नागराज कु बारम्बार प्रणाम हमर तरफ बटीक
आपका हार्दिक आभार।
Bahut bahut bhali kahani chhe.
भली 🙏🏻🙏🏻
Bhut achi khani chai bhagwan pe vishvash jrur krna chaiye jai nagraja
Jai hoo
बहुत अच्छी लगी, कुमाऊँ में भी इसकी गाथा सुनाई जाती है और बौल में भी गाथा गायी जाती है, हमारे पुराने बुजुर्ग इस गाथा को सुनाते थे
❤❤❤🎉🎉😢बहुत सुंदर कहानी है ❤❤❤❤🎉🎉🎉
सुपर कहनी है मुझे बहुत अच्छा लगता है कहनी सुनने में अपने उत्तराखंड के बारे में जानने को भी मिलता है
Pranam pant ji
Jay baba east dev❤
Verynice ilikeit
Mast kAhani hai ji
बहुत बहुत धन्यवाद भेजी 🙏🙏 इन कहानी सुनाना कु मन ते बहुत सुकून मिली
Gjb lgi
Kahani or aapki aawaj ,sunane ka tarika sb bahut achhe Hain😍
Bhal lagi re
Boht hii jyadaa achii kahanii....👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
Jaii ho sem nagaraja....🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Bahut sunder kahani
Bhut Sundar Maire esht sem nagraja hai par etni Maine bhi nhi suni bhut bhut dhnyawad aapka...
Nagraja aapke sankat hare
Aap ka bahut bahut dhanyawad aap n uttarakhand ke dharohar Ko sabhi Tak phuchya jai uttarakhand ❤️❤️❤️👍 salute 🙏🙏
जय श्री कृष्णा भगवान। राधे श्याम हरि
Jai ganu Ramola hum v Ramola
Hi
7440712044
ham dav bhumi se hae yhai hamre liya gourvit hae ❤❤
Bhut achi lagi aaj ki khani..... Dhnaywad....
Bhahut badiya bhai ji jai uttrakand
Bahut sunder bhaji dhanyavaad
bahut badiya kahani thankyou.
Bhot badhiya Jay Sri krishna
Sundr
बहुत बढ़िया पंत जी
धन्यवाद
bhut jyada achi
Bahut mazedar kahani sunai aapne bhaiji. Many many thanks to you
जय श्री कृष्णा जी
बहुत उपयोगी कहानी
बहुत अच्छी कहानी
Jai Ramola dev 👏🙏🙏
Bahut acchi kahaniyan sunaeye
भाईजी मैं भी रमोली पट्टी कु रेवासी छूं आपन जु कहानी सुनाई या बिलकुल सटीक नी छ हमारा क्षेत्र मां हमारा बुजुर्ग लोगुन हमु तैं कुछ और ही सुनाई हैं आप तैं वी जानकारी भेजी सकदा
आपका स्वागत है शैलेश जी। आप वह जानकारी ghaseri99@gmail.com पर भेजने का कष्ट करें। आभार
Ati sundar 🙏🙏
Muje to bshut sunder laga
Bahut sunder jai sem nagraja bhagwan
Bahut kub bheji ...jay ho sem nagrajaa...
बहुत बढ़िया प्रस्तुति। आपको धन्यवाद
Jay shree krishna🙏
Bhut badiya laghe
Jai shree krishna
Jai गघुं रमोला
बहुत ही सुन्दर
जय श्री कृष्णा
Bahut achi katha 👌👍🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Very good
Sunkr.bahut.acha.lga. jai.samenagraj🙏🙏
बहुत ही सुंदर कहानी धन्यावाद आप कु
Jai mera meti Devta...🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌼🌸🌸🌺🌺🌷🌹🌻🌻
Bhut bdiya lgi khani
Bahut badiya kahani chi bheji
Apka bahut bahut dhanyawad aisi purani kahani ko le kar k 🙏🙏
Bhot mast
Bàhut hi Sundar kahani hai ji wow Very nice 👌👌👍👍👏👏 jai Dev bhumi
बहुत सुन्दर कहानी
Om
बहुत भल लागौ👌
बहुत सुन्दर कहानी 🙏🙏🙏
Jay semmukem❤❤
Apke gadwali bolne ka andaz bhot mast hai 😊👌👌👌
Bhai kappu chauhan ki bhi sunao
Bahut Sundar....ji
बहुत अच्छी कहानी भाई जी
जय सेम मुखेम
Gajab ji....
Wah👌👌👌👌
बहुत सुंदर आपका बहुत-बहुत आभार
Bahat Sundar kahnoyani
Bahut khoobsoorat ❤️ tarike se kahani sunaai
Bahut sundar
Bahut achi lagi .
सुंदर कहानी, श्रीमान जी
JAI ram Ji ki..
बहुत बढ़िया
Parnaam pant bheji, bahut Achi LAGI Kahani, hum to kho Gaye the Kahani me, thanks
Bahut khub🚩🚩🚩🚩🚩
Jai bidry Vishal ki Jai all uttarakhand,
खूब चा भैजी
बहुत ऐतिहासिक महत्व है।
Apki awaj Or bolne ka dhang mujhe bahut pasand hai sir
बहुत सुंदर कहानी जी
बहुत सुन्दर कथा।
Achi legi bheji dhanyabad
Bahut badiya bhayiya
Bahut sunder kahani aapki jubani
jai sidu bidu ramola....
बहुत ही भली लगून कहानी भेजें
Kahani bahut achhi lagi
Jai Shri kirshna
बहुत सुंदर प्रस्तुति 🙏 🙏