[23/1, 15:39] Shalekh Gram Soni: ।।मुक्तक छंद कविता।।हृदय मे परमात्मा प्रेम रखे बिना, उसका अभिनंदन नही हो सकता। अहंकार का विसर्जन किऐ बिना,सारशब्दी राम नाम का दीदार नही हो सकता। सतगुरु सतधामी के लखाब बिना, भव पार नही हो सकता।।00।।तेरा कौनसा गुरु जिसका तू चेला, मेरा तो अगुण सगुण से परे वाला सतगुरु सतधामी सत सनातन कबीर सुजान, जिसका मै परम सारशब्दी संत अलबेला--मेरे सतगुरु के सतधाम मे परमानंद ही परमानंद है,,जिसे कहते है संसारी लोग रामानंद ही परमानंद है।।01।।तू ही अलख अल्लाह है, तू ही परमात्माराम। तू ही गाॅड और वाहे गुरु तू ही कृष्ण करीम रहीम और राम।।02।।तू ही आदि मध्य और अंत है, तू ही अविरल परम प्रेम की निर्मल धारा। तू ही सबका सहारा और किनारा है और सबके जीवन का आधारा है।।03।।तू ही सारशब्दी राम नाम अखण्ड की चित्त मे झनकार है, जो लगाती भव से बेडा पार है। तुझसे कुछ भी नही है नियारा, हम सबका परमपिता परमेश्वर पियारा।।04।।कक्का केवल पारब्रम्ह है, बब्बा बीज शरीर। रर्रा सब मे रम रहा, ताका नाम कबीर,,जब रर्रा बन जाय कबीरा तब आवे रणधीरा। यहि बाप तत्पुरुष कहावे, यही हरै सब पीर।।05।।,,सारशब्दानंद,,।।7898158018-🙏🏻🌹 [23/1, 16:11] Shalekh Gram Soni: ।।कबीर बीजक पुराना।।अथ सत्ताईसवां शब्द।।भाई अद्भुत रुप अनूप कथा है, कहो तो पतिआई। जहं जहं देखो तहं तहं सोई, सब घट रहो समाई।।01।।लखि बिनु सुख दरिद्र बिनु दुख है, नीद बिना सुख सोवे। जस बिनु ज्योति रुप बिनु आशिक, रतन बिहूना रोवे।।02।।भ्रम बिनु ज्ञान मनै बिनु निरखे, रुप बिना बहु रुपा। स्थिति बिनु सुरति रहस्य बिनु आनंद, ऐसो चरित अनूपा।।03।।कहै कबीर जगत बिनु माणिक, देखो चित्त अनुमानी। परिहरि लाभै लोभ कुटुम्ब सब, भजहुं ना शारंग पानी।।04।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-🙏🏻🌹
संत गुरु रविदास महाराज की जय हो
Gyyyyy
Wow nana g jai ho ravidas
Jai guru ravidas ji jai shree sarkar ki.baba ji aap bahut achhe Bhajan hate h guru ji ke.jai ho guru ravidas ji
Jai ravidas ❤❤❤
Jai ho baba ki
Jai ho guru ravidas ji...Jai Bheem namo buddhaye 🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹 SUPER dil se shukriya ji
jaiy sad guru Ravidas ji koti koti nmn
Mere Satguru saheb ji
🙏🏽🙏🏽 Wah Ji Wah kya baat hai
😅 7:2 7:31 7:42 7:42
Jai guru Ravidas ji maharaj
Koti koti naman Param Sant Sromani Guru Ravidas Ji Maharaj ke Jai Ho Jai Bhim Namo Buddhism
Jay ravidass baba ki
Jai ho mharaj ki
Jai guru dev ji
Dan daya tej parkas ji 🙏🙌jai sant siromani ravidas je maharaj ki jai sat saheb
Jai guru Ravidas ji maharaj Jai Hind
Satguru bhyo namah 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏☺️☺️☺️
संत शिरोमणि जगतगुरु रविदास जी महाराज जी की जय❤❤❤❤❤
Satnam waheguru Ji
JaiGurudevji🙏🙏🙏🙏🙏
Satnam satguru Ji 🙏🌹💐💐
Jai Bheem Namo Bhudhay Guru ji
🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️
Jay guru ji 🙏🙏🙏🙏🙏
[23/1, 15:39] Shalekh Gram Soni: ।।मुक्तक छंद कविता।।हृदय मे परमात्मा प्रेम रखे बिना, उसका अभिनंदन नही हो सकता। अहंकार का विसर्जन किऐ बिना,सारशब्दी राम नाम का दीदार नही हो सकता। सतगुरु सतधामी के लखाब बिना, भव पार नही हो सकता।।00।।तेरा कौनसा गुरु जिसका तू चेला, मेरा तो अगुण सगुण से परे वाला सतगुरु सतधामी सत सनातन कबीर सुजान, जिसका मै परम सारशब्दी संत अलबेला--मेरे सतगुरु के सतधाम मे परमानंद ही परमानंद है,,जिसे कहते है संसारी लोग रामानंद ही परमानंद है।।01।।तू ही अलख अल्लाह है, तू ही परमात्माराम। तू ही गाॅड और वाहे गुरु तू ही कृष्ण करीम रहीम और राम।।02।।तू ही आदि मध्य और अंत है, तू ही अविरल परम प्रेम की निर्मल धारा। तू ही सबका सहारा और किनारा है और सबके जीवन का आधारा है।।03।।तू ही सारशब्दी राम नाम अखण्ड की चित्त मे झनकार है, जो लगाती भव से बेडा पार है। तुझसे कुछ भी नही है नियारा, हम सबका परमपिता परमेश्वर पियारा।।04।।कक्का केवल पारब्रम्ह है, बब्बा बीज शरीर। रर्रा सब मे रम रहा, ताका नाम कबीर,,जब रर्रा बन जाय कबीरा तब आवे रणधीरा। यहि बाप तत्पुरुष कहावे, यही हरै सब पीर।।05।।,,सारशब्दानंद,,।।7898158018-🙏🏻🌹
[23/1, 16:11] Shalekh Gram Soni: ।।कबीर बीजक पुराना।।अथ सत्ताईसवां शब्द।।भाई अद्भुत रुप अनूप कथा है, कहो तो पतिआई। जहं जहं देखो तहं तहं सोई, सब घट रहो समाई।।01।।लखि बिनु सुख दरिद्र बिनु दुख है, नीद बिना सुख सोवे। जस बिनु ज्योति रुप बिनु आशिक, रतन बिहूना रोवे।।02।।भ्रम बिनु ज्ञान मनै बिनु निरखे, रुप बिना बहु रुपा। स्थिति बिनु सुरति रहस्य बिनु आनंद, ऐसो चरित अनूपा।।03।।कहै कबीर जगत बिनु माणिक, देखो चित्त अनुमानी। परिहरि लाभै लोभ कुटुम्ब सब, भजहुं ना शारंग पानी।।04।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-🙏🏻🌹
ऋषि मुनि ओर चंगम ये चंगम क्या होता है ये मे समंझ नहीं पाया कोई समझाओ
Jai ho gru ji
सतनाम सतरविदास जय गुरूसमनदास जी
Jai Guru Dev Ji
Jai guru dev ji .
जय गुरु देव की
Jai gurudev ji
जय गुरुदेव जी
Jai Guru Dev ji