मन हार हियो मत हार, थारी अब पारख होसी रे। रख आँख्या में थोड़ो खार, थारी अब पारख होसी रे।। खातो हबोलो, सागर अडोलो, रुख किनारा का सुख्या। रहग्यो एक भोलो उड़ग्यो हो टोलौ टूटी पंखीडे री पाँख्याँ साथीडाँ लड्यो भार-थारी अब पारख होसी रे।।1।। लूवाँ रा लपका,आँधी रा झपका,उनाला कितराई बित्या। आँसुडा टपका ,हिवड़ै ने बरसा,छोटा थका ने सींच्या।। बै भूल गया उपकार-थारी अब पारख होसी रे।।2।। साथीडा थारा,मतलब रा प्यारा,पिगया इमरत रा प्याला। बिखरया मेला में,बिखमी बेला में,लाया जहर रा प्याला। ले हिवड़ा तू मनवार-थारी अब पारख होसी रे।।3।। राज गयो थारो,धर्म गयो थारो,लोग थारी लिछमी ले भाग्या। संपत रो भारो टुट्यो है थारो,महलाँ में दुसमण आग्या।। बै खावै थाँ पर खार-थारी अब पारख होसी रे।।4।। तन मन दियो हो,सब कुछ दियो हो,वचनाँ सूँ सैण बण्या म्हे। राता बै बितगी,बाताँ बिसरगी,रुस्याँ नै याद किया म्हे।। पण रुठ गयो करतार-थारी अब पारख होसी रे।।5।। ऐ कुण है आया,जामण रा जाया,जूग जूग रा मेला भरै है। अबके जो पाया बिछुड मत ना जाया,विधना रा आँक भरे है।। लै साँभ थारी पतवार-थारी अब पारख होसी रे।।6।। --श्री तनसिंह,
सभि महान शत्रियों को मेरा नमन जिन्होंने अपना लहू बहाकर देश और धर्म की रक्षा की जय हो जय हो सदा आप की जय हो जय महाराणा जय मेवाड जय श्री राम🚩🚩🚩🙏🙏
🚩जय संघ शक्ति🚩🙏🙏
Jay rajputana
सब यही पर है कोई नही गया दाता के पीछे बहुत सेना है क्षत्रिय समाज उसी राय पर चलने वाली सेना है जय माता जी🌹🙏
बहुत अच्छी कविता और बहुत ही अच्छी तरीके और स्वर मे गाने वाले को बहोत आभार सिंगर का क्या नाम है कोई जानता है तो बताये...
जय संग शक्ति 🙏🙏
Jai sangh Shakti!
मन हार हियो मत हार, थारी अब पारख होसी रे।
रख आँख्या में थोड़ो खार, थारी अब पारख होसी रे।।
खातो हबोलो, सागर अडोलो, रुख किनारा का सुख्या।
रहग्यो एक भोलो उड़ग्यो हो टोलौ टूटी पंखीडे री पाँख्याँ
साथीडाँ लड्यो भार-थारी अब पारख होसी रे।।1।।
लूवाँ रा लपका,आँधी रा झपका,उनाला कितराई बित्या।
आँसुडा टपका ,हिवड़ै ने बरसा,छोटा थका ने सींच्या।।
बै भूल गया उपकार-थारी अब पारख होसी रे।।2।।
साथीडा थारा,मतलब रा प्यारा,पिगया इमरत रा प्याला।
बिखरया मेला में,बिखमी बेला में,लाया जहर रा प्याला।
ले हिवड़ा तू मनवार-थारी अब पारख होसी रे।।3।।
राज गयो थारो,धर्म गयो थारो,लोग थारी लिछमी ले भाग्या।
संपत रो भारो टुट्यो है थारो,महलाँ में दुसमण आग्या।।
बै खावै थाँ पर खार-थारी अब पारख होसी रे।।4।।
तन मन दियो हो,सब कुछ दियो हो,वचनाँ सूँ सैण बण्या म्हे।
राता बै बितगी,बाताँ बिसरगी,रुस्याँ नै याद किया म्हे।।
पण रुठ गयो करतार-थारी अब पारख होसी रे।।5।।
ऐ कुण है आया,जामण रा जाया,जूग जूग रा मेला भरै है।
अबके जो पाया बिछुड मत ना जाया,विधना रा आँक भरे है।।
लै साँभ थारी पतवार-थारी अब पारख होसी रे।।6।।
--श्री तनसिंह,
बहुत बहुत धन्यवाद।
Jay satriya Sakti
Jay bhawani Jay sangh shakti
Jai Bhawani jai sang Shakti
Rajpoot m quntity ki nahi quality ki jarurat hai ab
Jai Sangh Shakti sa
जय संघ शक्ति🤺⚔️
Jai raj putan
जय संघ शक्ति
Jai rajputana
❤जय संघ शक्ती
jai bhawani