हनुमान बाहुक

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  • Опубліковано 12 вер 2024
  • गोस्वामी तुलसीदास जी की रचनाओं में हनुमान बाहुक एक महत्वपूर्ण कृति है। इसका पाठ करने से सभी प्रकार की पीड़ाओं से निवृत्ति होती है।एक बार
    तुलसीदास जी की बाहु में भयंकर पीड़ा हुयी। किसी भी प्रकार से वह दूर नहीं हुयी ,तो उन्होंने श्री हनुमान जी की आराधना की थी। चौवालीस छन्दों में की गयी प्रार्थना को हनुमान बाहुक के नाम से जाना जाता है।
    श्रवण कीजिए हनुमान बाहुक

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