खुशखबरी शिक्षा सेवा चयन आयोग II UPPSC BIG NEWS II APS PCS J ASSISTANT PROFESSOR VACANCY शिक्षक भर्ती
Вставка
- Опубліковано 13 вер 2024
- t.me/psparihar...
"TARGETWITHPSPARIHAR.ONLINE वेबसाइट या एप पर जाये solved paper answer keyतो इसलिए भीषण गर्मी मे लाईब्रेरी फुल । प्रयागराज छात्र छात्राओं ने बताई पूरी हकीकत UPSSSC SSC UPPSC target with P S Parihar link 👇🔕NTPC BEST BOOKS RRB GROUP D VACANCY RAILWAY VACANCY LATEST NEWS B TECH छात्रों ने की JE और TGT मे आवेदन की माँग UPSSSC JE VACANCY B TECH Vs DIPLOMA UP TET NOTIFICATION NEWS UPSSSC PET NEWS LT GRADE UPDATES UPPSC NEWS SSC RECRUITMENT UPTET UP PRT TGT PGT असि प्रोफेसर शिक्षा सेवा चयन आयोग BIG NEWS II SI VACANCY NEWS NEET EXAM BED TGT PGT असिस्टेंट प्रोफेसर UPP EXAM स्टाफ नर्स पेपर लीक NEWS II बेरोजगारी भत्ता I शिक्षक भर्ती UPPSCupsssc pet upsssclatestnews reet cut off reet latest news reet result reet answer key शिक्षक भर्ती रद्द।। कलकत्ता हाईकोर्ट का बेहतरीन फैसला पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती UPSC NEW VACANCY OUT II CAPF असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती पद योग्यता चयन प्रक्रिया पूरी जानकारी UPPSC: UPSSSC PET UPTET NEWSup teacher vacancy 2024 up teacher vacancyup teacher vacancy 2023l4 latest newsup teacher vacancy latest news #upssscupdate #upsssc up teacher vacancy news up teacher vacancy update up teacher vacancy process up teacher vacancy • UPTET UP PRT TGT PGT अ... #exampur ठंड में पढ़ने के सही तरीके II 5 TIPS FORpolice constable vacancy paper leakRO ARO VACANCY ALLAHABAD HIGH COURT VACANCYtarget with P S Parihar new ukpsc exam calendar शिक्षा सेवा चयन आयोग TGT PGT EXAM UGC BIG NEWS RO ARO UPP RE EXAM JE YOGA NEW VACANCY SSC bpsc TGT PGT EXAM शिक्षा सेवा चयन आयोग शिक्षक भर्ती P S PARIHAR NEWS PBS PARIHAR LATEST NEWS शिक्षा सेवा चयन आयोग POLICE VACANCY RE EXAM NOTICE जारी बड़ा बदलाव हो गया है ADMIT CARD शिक्षा सेवा TGT PGT नियमावली से बड़ा झटका और विरोध II भर्तियों को लेकर CM YOGI का बयान UPSSSC UPP शिक्षक भर्ती शिक्षा सेवा चयन आयोग बैठक TGT PGT EXAM निर्देश II BPSC PAPER LEAK RAILWAY VACANCY BPSC PAPER BED 8खुश खबरी 62000 पुलिस भर्ती कार्यक्रम जारी II TGT PGT असिस्टेंट प्रोफेसर UPSSSC NEW VACANCY NEWSUP TET NOTIFICATION NEWS UPSSSC PET NEWS LT GRADE UPDATES UPPSC NEWS SSC RECRUITMENT खुशखबरी : लेखपालों का वेतन 1.5 गुना II आदेश जारी II अब कुल वेतन इतना LEKHPAL SALARY upsssc pet reet cut off reet latest news reet result UPPSC: UPSSSC PET UPTET NEWSup teacher vacancy 2023 up teacher vacancyup teacher vacancy 2023 latest newsup शिक्षक भर्ती LT grade up teacher vacancy latest newsup teacher vacancy 2023 latest news up teacher vacancy news up teacher vacancy update up teacher vacancy process up teacher vacancy latest newsup shikshak up tgt pgt new vacancy 2023 up tgt vacancy 2023 up tgt syllabus up tgt syllabus 2024up tgt english syllabusup primary teacher salary details up primary teacher vacancy 2024up primary teacher latest newsup primary teacher latest news up up assistant teacher up assistant teacher vacancy 2024up assistant teacher salary up assistant teacher cut off 2024up assistant professor eligibilityuttar pradesh teacher bharti uttar pradesh teacher vacancy 2024uttar pradesh teacher news uttar pradesh teacher upsc 2024 answer keyuttar pradesh teacher salary uttar h super tet news super tet new vacancy 2023 super tet news today high court UPPSC: UPSSSC PET UPTET NEWSup teacher vacancy 2024 up teacher vacancyup teacher vacancy 2023l4 latest newsup teacher vacancy latest news #upssscupdate #upsssc up teacher vacancy news up teacher vacancy up
सर जब दुकान me समान होता h tb ग्राहक आते na की ग्राहक के आने के बाद समान लाया जाता h ये बात sarkar को समझ नहीं आती
सेलरी के लिए रूपए तेरे पिता जी देंगे
100%correct
Jab customer kisi cheez ki baar baar demand karege tab to vo saman apne shop par rakhoge..nahi to maal dump hoga..Seedhi baat hai...jab tak gov. School me infrastructure, padai ka level nahi badega, tab tak bacche nahi badege...
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
Hindi,English ka gyan Acharya hai
Upsssc के अध्यक्ष और पेंडिंग exam कब होगा
कुछ इस पर भी प्रकाश डाले 😅
नियमावली, विसंगति,अहर्ता स्पष्ट ना होना ये रोगीनाथ के मजबूत हथियार है जिनसे भर्ती को 5 6 साल तक लटकाया जा सकता है
जो लोग धरने पर बैठ कर आरक्षण का उच्चन्यायली आदेश लागू करने के लिय कह रहे है , वह लोग उच्चतम न्यायालय के आदेश को भी लागू करने की बात करे एससी एसटी क्रीमी लेयर वाला,उसके लिए नही बोल रहे है , दोगली नीति
Ye Sarkar nikammi hai aur Kuch bhi nahi school band karne ke bajy students ki sankhya badhane ke liye sochna chahiye
नौकरी सबको प्रायमरी में चाहिए, पर अपने बच्चे पढ़ाएंगे प्राइवेट में, विश्वाश नही अपने समर्थ पर और सिस्टम पर
Jab teacher hi nahi to students hi kyo rahege gov yahi to chahati h 😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅
School Tod k math kholega baba 💔💯😭
सभी सरकारी भर्ती को संविदा और आउटसोर्स पर की जाए🙏🙏
Sarkar aur parents primary school ke liye jimmedaar hai esliye sarkaari school me padai acchi nhi hoti hai
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
Roj Roj Naya vigyapan le ke atye hai
Ye jo pahle se govt teachers hai inhone humarey bharti hone ka rasta block kar diya hai...govt job hone ke baad they stop teaching fir wha se bachey khisak letey hai..aur school band.. kendriya vidyalaya ku nhi hotey band kyuki wha sab imandari se padhatey hai
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
@@rajnishsahni6588 dekho challenges tou hai sarkari teachers ki life mein but 90,%. Teacher nhi padha rahe hai.. mein deled kar rhi sarkari school mein teaching practice kar rhi hu wha sab teacher kuch nhi padhatey...
7:50
Na siksha hogi na tum sikhit hoge aur na saghas karoge
कंप्यूटर टीचर के लिए योग्यता क्या होती है
Good morning sir Om prakash Varanasi se
Up sssc junior assistant 5512ka exam kb tk hoga sir
2026 me
Sir Lt Grade से कंप्यूटर की वेकेंसी आनी चाहिए।
Permanent vacancy आनी चाहिए ना कि contract basis पर कुछ कीजिए Sir...
Qualification kya hai????
Sir deled 2024 ka notification kab tak aayega
Parihaar Saab aap sabse zyada berojgar lag rhe h 😂
जी शिक्षक दोषी हैं। हमारे यहाँ शिक्षक स्वयं नहीं पढ़ाते बल्कि दूसरे को पढ़ाने के लिए रख रहे हैं। कहते हैं स्वास्थ्य खराब है। कोई मुझे ये बताये ऐसा कौन सा विभाग है जहां कर्मचारीदूसरे से करवाते है।
जैसा आप कह रहे हैं ऐसा बहुत ही कम जगह होता है, और ऐसा करना बहुत ही गलत बात है
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
@@rajnishsahni6588 भाई साहब सैलरी भी देख ले। एक बार
@@rajnishsahni6588 साथ में ये भी बता दीजिए भाई चुगली भी तो बतियाना है।
@@rajnishsahni6588 मैं भी सरकारी स्कूल में पढ़ी हूं। लेकिन मेरा वहां भी प्रवेश शुल्क लगा था दिन भर चुगली होती थी आज 20 साल बाद भी लोग वही है। बच्चों का भविष्य खराब कर रहे हैं। इनके बच्चे अच्छे स्कूल में गरीब के बच्चे खराब और नही तो शिक्षामित्र पत्नि सहायिका बेटी अपर प्राइमरी में शिक्षक के जगह पढ़ा रही है। क्यो
computer teacher ki qulification kya hogi ????????
Hamre yahan teacher bachcho ko gali bhi de dete hai
गाली देना बहुत ही गलत बात है
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
Good Question Sir....
धन्यवाद सर जी
Parihar Ji Namaskar,
Computer Teacher ke liye kya qualification hoti h please batae.
Modi ji kehte han digital India or yogi baba ke Adhikari kehte han ki India digital India nai banega
Agta ka exam kab hoga sir
Lok seva aayog
Rti kaise file krte hai
Iske liye ek vidio bna de
Primary teacher teacher keval Ishq ladate h female teacher bhi km nhi hai
Sarkar ye bhi to kar sakti hai ki school mai bachhe kyu nhi aa rhe hai uska karan search karke us par kaam kare
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
Sir night me aap ne khuch bola aur morning me khuch tgt pgt ko lekar ,itne jaldi news aap ke paas aa kha se jaate he😮😃
Jb adhiyach bheja jata h to category wise hi bheji jati h
Fir se avedan time pass kr liye liya tha uska uddeshya bhrti n Krna h
Sir jaha tak mujhe lagta hai....gov prt school aur private school ke padai level me bahut difference hai.. private me class 2 ya 3 se hi computer, sst, science jaise subject aa jate hai..aur mostly bacche padte bhi hai..but gov. Me jayadatar bacche mid day meal ke chakkar me aate hai.. infrastructure ka bhi issue hai.
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
@@rajnishsahni6588 logo ko sirf end result se matlab hota hai..aap kya apne baccho ko sarkari school bhejege? Govt.teacher khud apne baccho ko acche convent school me padate hai.. mostly teacher ko sirf salary se matlab hai...agar school Bina manyata se chal raha hai to complaint kariye.aur kisne aap se kaha ki kvs me extra work teacher se nahi liya jata hai..mere khud kai dost kvs me teacher hai..aapko extra work se pareshani hai... To teacher ki salary kam karke school me clerks rakha ja sakta hai..lekin isse bhi teachers ko hi pareshani hogi.dikkat hai kai log sirf comfort aur salary ke chakkar me prt teacher bante hai..
Ap to roj khushkabri hi dete hai
In logo ki roti kaise chalege
It lekhapal ki vancey KB to ayegi
Sir primary vacancy ayegi ki nhi aur ayegi to kb tk? Please reply🙏
Sir junior aidded ke bare me information dijiye
Smksh vivad ka koi ata pta nhi h
Savinda se hoga
गुड न्यूज ❤
Abyibhavak bahuut dosi hai kuchh percent sarkar kuchh teacher bhi
Yogi ko hato 2027 me tbhhi vacancy ateggi..
Upsssc pet 2024 kab tak ayaga
@@virendra7021 November
Lt gic 2018 ki joining kab
Aayog se aapko apne no pata chale kya RTI ke madhyam se ???
Sir lower pcs pet23 se ayega ya 24 se
Primary school ko bilkul private kro kyo ye. Baccho ko karab kar rahe hai khud ke bacche acchi jagay hai padha rahe hai
जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l
1 ❤❤
Frst weiw