खुशखबरी शिक्षा सेवा चयन आयोग II UPPSC BIG NEWS II APS PCS J ASSISTANT PROFESSOR VACANCY शिक्षक भर्ती

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КОМЕНТАРІ • 88

  • @kuldeepsrivastava5461
    @kuldeepsrivastava5461 18 днів тому +32

    सर जब दुकान me समान होता h tb ग्राहक आते na की ग्राहक के आने के बाद समान लाया जाता h ये बात sarkar को समझ नहीं आती

    • @aione1115
      @aione1115 18 днів тому

      सेलरी के लिए रूपए तेरे पिता जी देंगे

    • @rajneshkumar3025
      @rajneshkumar3025 18 днів тому

      100%correct

    • @ankitagrawal294
      @ankitagrawal294 18 днів тому +2

      Jab customer kisi cheez ki baar baar demand karege tab to vo saman apne shop par rakhoge..nahi to maal dump hoga..Seedhi baat hai...jab tak gov. School me infrastructure, padai ka level nahi badega, tab tak bacche nahi badege...

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

    • @RaviShankar-vx3ef
      @RaviShankar-vx3ef 18 днів тому

      Hindi,English ka gyan Acharya hai

  • @tribhuvanpandey2894
    @tribhuvanpandey2894 18 днів тому +9

    Upsssc के अध्यक्ष और पेंडिंग exam कब होगा
    कुछ इस पर भी प्रकाश डाले 😅

  • @manasdwivedi6002
    @manasdwivedi6002 18 днів тому +8

    नियमावली, विसंगति,अहर्ता स्पष्ट ना होना ये रोगीनाथ के मजबूत हथियार है जिनसे भर्ती को 5 6 साल तक लटकाया जा सकता है

  • @sandeepkumarsingh1407
    @sandeepkumarsingh1407 18 днів тому +3

    जो लोग धरने पर बैठ कर आरक्षण का उच्चन्यायली आदेश लागू करने के लिय कह रहे है , वह लोग उच्चतम न्यायालय के आदेश को भी लागू करने की बात करे एससी एसटी क्रीमी लेयर वाला,उसके लिए नही बोल रहे है , दोगली नीति

  • @manishyadav-yq1wh
    @manishyadav-yq1wh 18 днів тому +3

    Ye Sarkar nikammi hai aur Kuch bhi nahi school band karne ke bajy students ki sankhya badhane ke liye sochna chahiye

  • @gyanexpres8246
    @gyanexpres8246 16 днів тому

    नौकरी सबको प्रायमरी में चाहिए, पर अपने बच्चे पढ़ाएंगे प्राइवेट में, विश्वाश नही अपने समर्थ पर और सिस्टम पर

  • @manojkumar-ll6xo
    @manojkumar-ll6xo 16 днів тому +1

    Jab teacher hi nahi to students hi kyo rahege gov yahi to chahati h 😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅

  • @dharmendrayadav6095
    @dharmendrayadav6095 18 днів тому +4

    School Tod k math kholega baba 💔💯😭

  • @vksingh-gv4kb
    @vksingh-gv4kb 18 днів тому

    सभी सरकारी भर्ती को संविदा और आउटसोर्स पर की जाए🙏🙏

  • @ashishshankhwar7032
    @ashishshankhwar7032 18 днів тому +2

    Sarkar aur parents primary school ke liye jimmedaar hai esliye sarkaari school me padai acchi nhi hoti hai

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

  • @deepakpathak8798
    @deepakpathak8798 18 днів тому +1

    Roj Roj Naya vigyapan le ke atye hai

  • @indiankitchenrecipes2546
    @indiankitchenrecipes2546 18 днів тому +1

    Ye jo pahle se govt teachers hai inhone humarey bharti hone ka rasta block kar diya hai...govt job hone ke baad they stop teaching fir wha se bachey khisak letey hai..aur school band.. kendriya vidyalaya ku nhi hotey band kyuki wha sab imandari se padhatey hai

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

    • @indiankitchenrecipes2546
      @indiankitchenrecipes2546 18 днів тому

      @@rajnishsahni6588 dekho challenges tou hai sarkari teachers ki life mein but 90,%. Teacher nhi padha rahe hai.. mein deled kar rhi sarkari school mein teaching practice kar rhi hu wha sab teacher kuch nhi padhatey...

  • @Bishnukumar-uk5pe
    @Bishnukumar-uk5pe 17 днів тому

    7:50

    • @Bishnukumar-uk5pe
      @Bishnukumar-uk5pe 17 днів тому

      Na siksha hogi na tum sikhit hoge aur na saghas karoge

  • @mahendrakumargupta7791
    @mahendrakumargupta7791 18 днів тому +2

    कंप्यूटर टीचर के लिए योग्यता क्या होती है

  • @arjunsingh-fn2bk
    @arjunsingh-fn2bk 18 днів тому +2

    Good morning sir Om prakash Varanasi se

  • @mohityadav2682
    @mohityadav2682 18 днів тому +3

    Up sssc junior assistant 5512ka exam kb tk hoga sir

  • @mithileshyadav5543
    @mithileshyadav5543 18 днів тому +1

    Sir Lt Grade से कंप्यूटर की वेकेंसी आनी चाहिए।
    Permanent vacancy आनी चाहिए ना कि contract basis पर कुछ कीजिए Sir...

  • @riyasahu661
    @riyasahu661 18 днів тому

    Sir deled 2024 ka notification kab tak aayega

  • @Themadengineer7
    @Themadengineer7 18 днів тому +1

    Parihaar Saab aap sabse zyada berojgar lag rhe h 😂

  • @kumarisadhana4964
    @kumarisadhana4964 18 днів тому +1

    जी शिक्षक दोषी हैं। हमारे यहाँ शिक्षक स्वयं नहीं पढ़ाते बल्कि दूसरे को पढ़ाने के लिए रख रहे हैं। कहते हैं स्वास्थ्य खराब है। कोई मुझे ये बताये ऐसा कौन सा विभाग है जहां कर्मचारीदूसरे से करवाते है।

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जैसा आप कह रहे हैं ऐसा बहुत ही कम जगह होता है, और ऐसा करना बहुत ही गलत बात है

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

    • @kumarisadhana4964
      @kumarisadhana4964 18 днів тому

      @@rajnishsahni6588 भाई साहब सैलरी भी देख ले। एक बार

    • @kumarisadhana4964
      @kumarisadhana4964 18 днів тому

      @@rajnishsahni6588 साथ में ये भी बता दीजिए भाई चुगली भी तो बतियाना है।

    • @kumarisadhana4964
      @kumarisadhana4964 18 днів тому

      @@rajnishsahni6588 मैं भी सरकारी स्कूल में पढ़ी हूं। लेकिन मेरा वहां भी प्रवेश शुल्क लगा था दिन भर चुगली होती थी आज 20 साल बाद भी लोग वही है। बच्चों का भविष्य खराब कर रहे हैं। इनके बच्चे अच्छे स्कूल में गरीब के बच्चे खराब और नही तो शिक्षामित्र पत्नि सहायिका बेटी अपर प्राइमरी में शिक्षक के जगह पढ़ा रही है। क्यो

  • @ramkumar0040
    @ramkumar0040 18 днів тому +1

    computer teacher ki qulification kya hogi ????????

  • @Studywithrky
    @Studywithrky 18 днів тому +1

    Hamre yahan teacher bachcho ko gali bhi de dete hai

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      गाली देना बहुत ही गलत बात है

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

  • @user-ci5dn5dm8m
    @user-ci5dn5dm8m 18 днів тому

    Good Question Sir....

  • @pallavitiwari6643
    @pallavitiwari6643 18 днів тому

    धन्यवाद सर जी

  • @himanshubhushan8052
    @himanshubhushan8052 18 днів тому

    Parihar Ji Namaskar,
    Computer Teacher ke liye kya qualification hoti h please batae.

  • @lovekush-ej4rr
    @lovekush-ej4rr 18 днів тому

    Modi ji kehte han digital India or yogi baba ke Adhikari kehte han ki India digital India nai banega

  • @avadheshkumarpatel6119
    @avadheshkumarpatel6119 18 днів тому +1

    Agta ka exam kab hoga sir

  • @ARJUNSINGH-xw7yu
    @ARJUNSINGH-xw7yu 18 днів тому

    Lok seva aayog
    Rti kaise file krte hai
    Iske liye ek vidio bna de

  • @user-gt2jj1pg1o
    @user-gt2jj1pg1o 18 днів тому

    Primary teacher teacher keval Ishq ladate h female teacher bhi km nhi hai

  • @ChandraShekhar-iy5yb
    @ChandraShekhar-iy5yb 18 днів тому

    Sarkar ye bhi to kar sakti hai ki school mai bachhe kyu nhi aa rhe hai uska karan search karke us par kaam kare

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

  • @user-vk4yp4pz2d
    @user-vk4yp4pz2d 18 днів тому

    Sir night me aap ne khuch bola aur morning me khuch tgt pgt ko lekar ,itne jaldi news aap ke paas aa kha se jaate he😮😃

  • @user-gt2jj1pg1o
    @user-gt2jj1pg1o 18 днів тому

    Jb adhiyach bheja jata h to category wise hi bheji jati h

  • @user-gt2jj1pg1o
    @user-gt2jj1pg1o 18 днів тому

    Fir se avedan time pass kr liye liya tha uska uddeshya bhrti n Krna h

  • @user-wt4hl6sw9t
    @user-wt4hl6sw9t 18 днів тому +1

    Sir jaha tak mujhe lagta hai....gov prt school aur private school ke padai level me bahut difference hai.. private me class 2 ya 3 se hi computer, sst, science jaise subject aa jate hai..aur mostly bacche padte bhi hai..but gov. Me jayadatar bacche mid day meal ke chakkar me aate hai.. infrastructure ka bhi issue hai.

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

    • @user-wt4hl6sw9t
      @user-wt4hl6sw9t 18 днів тому +2

      @@rajnishsahni6588 logo ko sirf end result se matlab hota hai..aap kya apne baccho ko sarkari school bhejege? Govt.teacher khud apne baccho ko acche convent school me padate hai.. mostly teacher ko sirf salary se matlab hai...agar school Bina manyata se chal raha hai to complaint kariye.aur kisne aap se kaha ki kvs me extra work teacher se nahi liya jata hai..mere khud kai dost kvs me teacher hai..aapko extra work se pareshani hai... To teacher ki salary kam karke school me clerks rakha ja sakta hai..lekin isse bhi teachers ko hi pareshani hogi.dikkat hai kai log sirf comfort aur salary ke chakkar me prt teacher bante hai..

  • @awanishpanday2967
    @awanishpanday2967 18 днів тому

    Ap to roj khushkabri hi dete hai

  • @deepakpathak8798
    @deepakpathak8798 18 днів тому

    In logo ki roti kaise chalege

  • @AbhijitSingh-h8r
    @AbhijitSingh-h8r 18 днів тому

    It lekhapal ki vancey KB to ayegi

  • @deepeshpatel3544
    @deepeshpatel3544 18 днів тому +1

    Sir primary vacancy ayegi ki nhi aur ayegi to kb tk? Please reply🙏

  • @ArchanaSaxena-ow4wx
    @ArchanaSaxena-ow4wx 18 днів тому +2

    Sir junior aidded ke bare me information dijiye

  • @user-gt2jj1pg1o
    @user-gt2jj1pg1o 18 днів тому

    Smksh vivad ka koi ata pta nhi h

  • @sachinsingh8088
    @sachinsingh8088 18 днів тому

    Savinda se hoga

  • @NarenMis
    @NarenMis 18 днів тому +1

    गुड न्यूज ❤

  • @gscompetitionsuccess7654
    @gscompetitionsuccess7654 18 днів тому

    Abyibhavak bahuut dosi hai kuchh percent sarkar kuchh teacher bhi

  • @sachinsingh8088
    @sachinsingh8088 18 днів тому

    Yogi ko hato 2027 me tbhhi vacancy ateggi..

  • @virendra7021
    @virendra7021 18 днів тому

    Upsssc pet 2024 kab tak ayaga

  • @SantoshYadav-oj9yb
    @SantoshYadav-oj9yb 18 днів тому +1

    Lt gic 2018 ki joining kab

    • @currentaffairs7117
      @currentaffairs7117 18 днів тому

      Aayog se aapko apne no pata chale kya RTI ke madhyam se ???

  • @anoopkumarsingh529
    @anoopkumarsingh529 18 днів тому

    Sir lower pcs pet23 se ayega ya 24 se

  • @johndevar8996
    @johndevar8996 18 днів тому

    Primary school ko bilkul private kro kyo ye. Baccho ko karab kar rahe hai khud ke bacche acchi jagay hai padha rahe hai

    • @rajnishsahni6588
      @rajnishsahni6588 18 днів тому

      जब गांव गांव धरने से प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं तो कहां से बच्चे स्कूल में आ जाएंगे सरकारी में, प्राइवेट स्कूल वाले दो 250रुपए महीने में पढ़ाने लगते हैं बिना मान्यता के, इस पर कोई रोक नहीं लग रही है सरकार, एक एक गांव में दो दो प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं l और रही बात केंद्रीय विद्यालय की तो केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक को फालतू के एक्स्ट्रा काम नहीं दिया जाता है करने के लिए, प्राइमरी के अध्यापक को दिन भर फालतू कामों में उलझाया रहते हैं 15 से ज्यादा रजिस्टर होते हैं जिनको हर रोज कुछ ना कुछ अपडेट करना होता है स्कूल में पौधे लगा हो तो उसकी वेबसाइट पर लिंककरो स्कूल में नाम लिखो तो उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करो ,रजिस्टर में चढ़ाओ, कोटेदार से हिसाब किताब करो चावल और गेहूं का, रोज मिर्च मसाला नमक तेल सब्जी की चिंता करो क्या घाटा है क्या नहीं उसको खरीदो, फिर हर सोमवार को फल खरीदने की चिंता, फिर क्लास में उसको बटवाने की चिंता, फिर उसे छिलके को डस्टबिन में डलवाने की चिंता , की कहानी बच्चे छिलके को इधर उधर बिखर ना दें, हर बुधवार को दूध खरीद कर और उसको बटवाने की चिंता, ऑफलाइन ट्रेनिंगकी चिंता, ऑनलाइन ट्रेंनिंगकी चिंता, अध्यापक और अभिभावक की मीटिंगकी चिंता और उसका रजिस्टर तैयार करने की चिंता, अधिकारी से अध्यापक की मीटिंग की चिंता ऑफलाइन और ऑनलाइन भी, बगल के कहीं गड्ढे में बरसात में पानी भरा हो तो उसमें बच्चे के गिरने की चिंता कि कहीं कोई बच्चा गड्ढे में गिर गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी टीचर की होती है, लंच में टीचर खाना खाता है तो उसमें बच्चे झगड़ते हैं उसको सुलझाने की चिंता, सफाई कर्मी वाला समय से आगे सफाई नहीं किया तो उसको फोन करके सफा ने की चिंता, गैस सिलेंडर खत्म हो गया है तो गैस वाले का इंतजार करके गैस बदलने की चिंता, इस तरह से और भी 20 -30 काम गिना सकते हैं, इतनी सारी जिम्मेदारी सरकारी अध्यापक पर डाल दिए हैं क्या प्राइवेट अध्यापक पेपर बनाने एग्जाम करने और पढ़ने के अलावा कोई काम करता है नहीं ना तो फिर सरकारी अध्यापक से इतने सारे काम क्यों लिए जाते हैं, बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है पैसा भी देता है समय से स्कूल भी जाता है किताब भी खरीद लेता है ड्रेस भी खरीद लेता है और उसको घर पर होमवर्क करने के लिए हुआ चाचा मौसी कोई ना कोई जरूर होता और वह ट्यूशन भी पढता है लेकिन सरकारी बच्चा केवल स्कूल में पढ़ता है उसको घर पर करवाने के लिए होमवर्क कोई नहीं होता है और नहीं वह ट्यूशन पड़ता है बताओ कितनी असमानता होने के बाद प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूल के बच्चों की तुलना कैसे कर सकते हैं l

  • @Ankit.Yadav_
    @Ankit.Yadav_ 18 днів тому +1

    1 ❤❤

  • @guatamguatam4323
    @guatamguatam4323 18 днів тому

    Frst weiw