आसरो बालाजी म्हने थारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिये पधारो, थारी मैं बुलावा जय जय कार ॥ सालासर में सज्यो है दरबार, अंजनी का लाला दुखियारा दातार, थाने जो धेयावे करोथे बेडा पार, काटजो घणो यो दुःख म्हारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिये पधारो, थारी मैं बुलावा जय जय कार॥ सारया हो थे राम जी रा काज, शरण पड्या की राखो जी म्हारी लाज, बैठया मैं उडीका बजरंगी थाने आज चालणो नहीं रे कोई लारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिये पधारो, थारी मैं बुलावा जय जय कार॥ बल देवो में बड़ो ही कमजोर, हे तारण हार में पापी घणघोर, थे सुणोगा सुणोगे कुण और, थारो ही यो सरल विचारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिये पधारो, थारी मैं बुलावा जय जय कार॥ आसरो बालाजी म्हने थारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिये पधारो, थारी मैं बुलावा जय जय कार॥
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आसरो बालाजी म्हने थारो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगणिये पधारो,
थारी मैं बुलावा जय जय कार ॥
सालासर में सज्यो है दरबार,
अंजनी का लाला दुखियारा दातार,
थाने जो धेयावे करोथे बेडा पार,
काटजो घणो यो दुःख म्हारो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगणिये पधारो,
थारी मैं बुलावा जय जय कार॥
सारया हो थे राम जी रा काज,
शरण पड्या की राखो जी म्हारी लाज,
बैठया मैं उडीका बजरंगी थाने आज
चालणो नहीं रे कोई लारो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगणिये पधारो,
थारी मैं बुलावा जय जय कार॥
बल देवो में बड़ो ही कमजोर,
हे तारण हार में पापी घणघोर,
थे सुणोगा सुणोगे कुण और,
थारो ही यो सरल विचारो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगणिये पधारो,
थारी मैं बुलावा जय जय कार॥
आसरो बालाजी म्हने थारो,
थे कष्ट निवारो,
पधारो म्हारे आंगणिये पधारो,
थारी मैं बुलावा जय जय कार॥