इस भजन में आचार्य कुलदीप जी ने एक श्लोक का वाचन किया है धनानी भूमि पशु नारी गृह द्वारा शाखा शमशान है इन्होंने कहा यह श्लोक महाराज भरथरी का है किंतु यह महाराज भरथरी का लिखा हुआ नहीं है कृपया सुधार करें
🙏सादर प्रणाम जी, अच्छा सराहनीय वीडियो है, PLEASE PLEASE READ 🙏इसे पूरा जरूर पढ़िए जी,, मेरा एक मित्र विदेश में रहेता है फोरेंन में धार्मिक है आस्तिक है वह मेरा मित्र वंहा के लोकल सिटिज़न को अपने जो उनका सह वयस्क सह आयु मित्र था उनको एक बार वंहा के लोकल हिन्दू टेम्पल में अपने साथ आने को कहेता है तो वेस्टर्न समाज तो वैसे ही बड़ा उदारवादी, व्यावहारिक फॉरवर्ड होता है और लेट्स ट्राई एक बार देख लेते है ट्राई कर लेते है के फिलोसोफी में विशवास रखता है तो वह मेरे मित्र का वह विदेश लोकल वेस्टर्न दोस्त उनके साथ हिन्दू टेम्पल जाता है वह वेस्टर्न व्यक्ति बड़ा सुव्यवस्थित है नशेडी वगैरह उस टाइप का नहीं है तो वह वेस्टर्न यंग सज्जन वंहा हिन्दू टेम्पल में ज्यादा ही दिलचस्पी दिखाते है अधिक समय तक मंदिर में देखते है निरिक्षण करते है और जैसे फिर क्या था !! वेस्टर्न लोग प्रत्येक या बहोत सी चीज वास्तु पद्दत्ति का पूरी तरह से अभ्यास करते है वैसे वह भी हिंदूइस्म का अभ्यास करते है थोरो स्टडी करने में जूट जाते है 3 4 महीनो या उससे अधिक तक धार्मिक पुस्तके पढ़ते है बहोत से वीडियो देखते है बहोत से गुरुओ के प्रवचनों के वीडियो देखते सुनते है , और ?!! और फिर निकल पड़ते है पहुँच जाते है गुरुओ के द्वारा सो कोल्ड सन्यासी ओ के घर छोड़ निर्मित फाइव स्टार आश्रममें फिर वंहा की आश्रमों की ठग पाखंडी सन्यासी गुरु जन्हा का बिग बोस होता है वंहा हरेक सबकुछ कैसे चलता है कैसे सब हो रहा है क्या क्या चल रहा है वंहा के आराम फुल कम्फोर्ट लाइफस्टाइल को देखते आश्रम में 3 महीनो तक रहेते है और कुलमिलाकर लगभग एक वर्ष पर्यंत वह वेस्टर्न व्यक्ति मेरे उस दोस्त को जो उसे मंदिर ले आया था उसे कहेते है समजाते है के यह तुम्हारा हिन्दू धर्म या तो परम जूठ असत्य है बकवास है या फिर अत्याधिक प्रदूषित कन्तामिनेटेड हो चुका है वह वेस्टर्न व्यक्ति आगे कहेते है के में पहेले ही दिन मंदिर में इतने अधिक भगवान् देख कर मेरे मन का प्रथम फर्स्ट इंस्टेंट रिएक्शन यह था के यह क्या ? व्हाट इस धिस नॉनसेंस ?!!!!! कहेते है यह क्या पागलपन है इतने अधिक देवी देवता भगवानो की पूजा थोड़े ही करता है कोई!?? लाइन लगा रखी है जमावड़ा बना रखा है शिवो भैरवो भैरवी हनुमान राम दुर्गा फिर उनके अनेक अलग अलग 8 9 10 दस प्रकार के विभिन्न स्वरुप फिर 4 चार वेद अनेक उपनिषद हरेक वायु अग्नि...... सभी का अलग अलग मालिक देवता अनेक प्रकार के केम्प फायर आग जलालो जिसे तुम यज्ञ होम हवन कहेते हो इसे अधिक हास्यास्पद और क्या हो सकता है यह सब कपोल कल्पित हो सकता है या शुध्ध व्यापार जितने अधिक भगवान् देवी देवता वेद उपनिषद फिर उनके काल्पनिक ऋषि आचार्य होम हवन यज्ञ उनके जैसे केम्प फायर हमारे वेस्टर्न कंट्रीस में हुन्ही लोग जला लेते है उतना ही अधिक पंडो का धर्म के ठेकेदारों का आचार्यो महामंडलेश्वरो का संत महंत गुरुओ का अधिक फायदा अधिक व्यापार,... भगवान् कभी भी इतने अधिक होते ही नहीं परम सत्य एक ही होता है जूठ धोखाधड़ी के ठगी के इतने अधिक अलग अलग प्रकार अलग अलग सिद्दांतो अलग कक्षाओ के स्वरुप होते है तुम्हारा हिन्दू धर्म और उनके अत्याधिक सो कोल्ड भगवन ग्रन्थ पुस्तक किस्से कहानिया फिल्मे और फेंटेसी काल्पनिक कहानियों मात्र है और हिन्दू समाज उसे अपने पे ढो रहा है ढोये जा रहा है जीवन जी नहीं रहा पूरा वर्ष ऐसे अनेक भगवानो के गुरुओ की तिथिया त्यौहार मनाने में ही अपना कीमती समय और धन खर्च करे जा रहा है जीवन जीने से अपने आप को deprive कर रहा है जीवन के सभी सुखो से अपने आप को वंचित deprive वंचित रख रहा है तुम्हारा धर्म हिन्दू धर्म और शिवा रामा हनुमाना दुर्गा वह अपने आप में स्वयं में एक बहोत बड़ा बोज है burden है और समाज पर बहोत बड़ा बोज है बर्डन है तुम्हारे ऐसे व्यापारिक pure business मॉडल आधारित अति निम्न तुच्छ कक्षा के ऐसे हिन्दू धर्म की जितनी निंदा की जाए उतनी कम ही है , उस मेरे फिरेंन में रहेने वाले मित्र के वेस्टर्न लोकल मित्र ने एक बार मिन्दिर जा कर देख कर फिर एक वर्ष तक अनेक प्रकार से सोच बिचार कर अभ्यास कर हिन्दू धर्म का इस प्रकार निष्कर्ष कहा है जी 🙏
Om Om Om Om Om Om Om Om
🕉️🙏🙏🙏ji bahut sundar bhajan hai.💐💐💐🚩🚩🚩 Vedic dharam ki jai ho 🚩🚩🚩
Om om bahaut Sunder prenadaysk
उत्तम
ओ३म् ओ३म् ओ३म्
🙏🙏
Aaj वैज्ञानिक युग है
Aapki dergh aayu ho ✌👌👌
ओ३म नमस्ते जी🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
Very nice
Nic
Good👍
इस भजन में आचार्य कुलदीप जी ने एक श्लोक का वाचन किया है धनानी भूमि पशु नारी गृह द्वारा शाखा शमशान है इन्होंने कहा यह श्लोक महाराज भरथरी का है किंतु यह महाराज भरथरी का लिखा हुआ नहीं है कृपया सुधार करें
🙏सादर प्रणाम जी, अच्छा सराहनीय वीडियो है, PLEASE PLEASE READ 🙏इसे पूरा जरूर पढ़िए जी,, मेरा एक मित्र विदेश में रहेता है फोरेंन में धार्मिक है आस्तिक है वह मेरा मित्र वंहा के लोकल सिटिज़न को अपने जो उनका सह वयस्क सह आयु मित्र था उनको एक बार वंहा के लोकल हिन्दू टेम्पल में अपने साथ आने को कहेता है तो वेस्टर्न समाज तो वैसे ही बड़ा उदारवादी, व्यावहारिक फॉरवर्ड होता है और लेट्स ट्राई एक बार देख लेते है ट्राई कर लेते है के फिलोसोफी में विशवास रखता है तो वह मेरे मित्र का वह विदेश लोकल वेस्टर्न दोस्त उनके साथ हिन्दू टेम्पल जाता है वह वेस्टर्न व्यक्ति बड़ा सुव्यवस्थित है नशेडी वगैरह उस टाइप का नहीं है तो वह वेस्टर्न यंग सज्जन वंहा हिन्दू टेम्पल में ज्यादा ही दिलचस्पी दिखाते है अधिक समय तक मंदिर में देखते है निरिक्षण करते है और जैसे फिर क्या था !! वेस्टर्न लोग प्रत्येक या बहोत सी चीज वास्तु पद्दत्ति का पूरी तरह से अभ्यास करते है वैसे वह भी हिंदूइस्म का अभ्यास करते है थोरो स्टडी करने में जूट जाते है 3 4 महीनो या उससे अधिक तक धार्मिक पुस्तके पढ़ते है बहोत से वीडियो देखते है बहोत से गुरुओ के प्रवचनों के वीडियो देखते सुनते है , और ?!! और फिर निकल पड़ते है पहुँच जाते है गुरुओ के द्वारा सो कोल्ड सन्यासी ओ के घर छोड़ निर्मित फाइव स्टार आश्रममें फिर वंहा की आश्रमों की ठग पाखंडी सन्यासी गुरु जन्हा का बिग बोस होता है वंहा हरेक सबकुछ कैसे चलता है कैसे सब हो रहा है क्या क्या चल रहा है वंहा के आराम फुल कम्फोर्ट लाइफस्टाइल को देखते आश्रम में 3 महीनो तक रहेते है और कुलमिलाकर लगभग एक वर्ष पर्यंत वह वेस्टर्न व्यक्ति मेरे उस दोस्त को जो उसे मंदिर ले आया था उसे कहेते है समजाते है के यह तुम्हारा हिन्दू धर्म या तो परम जूठ असत्य है बकवास है या फिर अत्याधिक प्रदूषित कन्तामिनेटेड हो चुका है वह वेस्टर्न व्यक्ति आगे कहेते है के में पहेले ही दिन मंदिर में इतने अधिक भगवान् देख कर मेरे मन का प्रथम फर्स्ट इंस्टेंट रिएक्शन यह था के यह क्या ? व्हाट इस धिस नॉनसेंस ?!!!!! कहेते है यह क्या पागलपन है इतने अधिक देवी देवता भगवानो की पूजा थोड़े ही करता है कोई!?? लाइन लगा रखी है जमावड़ा बना रखा है शिवो भैरवो भैरवी हनुमान राम दुर्गा फिर उनके अनेक अलग अलग 8 9 10 दस प्रकार के विभिन्न स्वरुप फिर 4 चार वेद अनेक उपनिषद हरेक वायु अग्नि...... सभी का अलग अलग मालिक देवता अनेक प्रकार के केम्प फायर आग जलालो जिसे तुम यज्ञ होम हवन कहेते हो इसे अधिक हास्यास्पद और क्या हो सकता है यह सब कपोल कल्पित हो सकता है या शुध्ध व्यापार जितने अधिक भगवान् देवी देवता वेद उपनिषद फिर उनके काल्पनिक ऋषि आचार्य होम हवन यज्ञ उनके जैसे केम्प फायर हमारे वेस्टर्न कंट्रीस में हुन्ही लोग जला लेते है उतना ही अधिक पंडो का धर्म के ठेकेदारों का आचार्यो महामंडलेश्वरो का संत महंत गुरुओ का अधिक फायदा अधिक व्यापार,... भगवान् कभी भी इतने अधिक होते ही नहीं परम सत्य एक ही होता है जूठ धोखाधड़ी के ठगी के इतने अधिक अलग अलग प्रकार अलग अलग सिद्दांतो अलग कक्षाओ के स्वरुप होते है तुम्हारा हिन्दू धर्म और उनके अत्याधिक सो कोल्ड भगवन ग्रन्थ पुस्तक किस्से कहानिया फिल्मे और फेंटेसी काल्पनिक कहानियों मात्र है और हिन्दू समाज उसे अपने पे ढो रहा है ढोये जा रहा है जीवन जी नहीं रहा पूरा वर्ष ऐसे अनेक भगवानो के गुरुओ की तिथिया त्यौहार मनाने में ही अपना कीमती समय और धन खर्च करे जा रहा है जीवन जीने से अपने आप को deprive कर रहा है जीवन के सभी सुखो से अपने आप को वंचित deprive वंचित रख रहा है तुम्हारा धर्म हिन्दू धर्म और शिवा रामा हनुमाना दुर्गा वह अपने आप में स्वयं में एक बहोत बड़ा बोज है burden है और समाज पर बहोत बड़ा बोज है बर्डन है तुम्हारे ऐसे व्यापारिक pure business मॉडल आधारित अति निम्न तुच्छ कक्षा के ऐसे हिन्दू धर्म की जितनी निंदा की जाए उतनी कम ही है , उस मेरे फिरेंन में रहेने वाले मित्र के वेस्टर्न लोकल मित्र ने एक बार मिन्दिर जा कर देख कर फिर एक वर्ष तक अनेक प्रकार से सोच बिचार कर अभ्यास कर हिन्दू धर्म का इस प्रकार निष्कर्ष कहा है जी 🙏