yadagirigutta, yadgiri Temple ,भारत मे भगवान लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर तेलंगाना राज्य

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  • Опубліковано 19 вер 2024
  • yadagirigutta, yadgiri Temple ,भारत मे भगवान लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर तेलंगाना राज्य
    यदागिरिगुट्टा भारतीय राज्य तेलंगाना के नलगोंडा जिले में एक जनगणना शहर है। त्रेतायुग में, महान ऋषि ऋष्यश्रृंग और सांता देवी के पुत्र यदऋषि नाम के एक ऋषि रहते थे, जिन्होंने भोंगिर (भुवनगिरी) और रायगिरी (अब नलगोंडा में) के बीच इस पहाड़ी पर अंजनेया ( हनुमान ) के आशीर्वाद से एक गुफा के अंदर तपस्या की थी।
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    स्कंद पुराण में इस मंदिर का उल्लेख, यहां भगवान नृसिंह तीन रूपों में विराजित, साथ में लक्ष्मी भी
    लगभग 1500 प्लान तैयार किए गए थे, 1900 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई
    2.5 लाख टन ग्रेनाइट पत्थर से 500 मूर्तिकार मंदिर को भव्य रूप दे रहे
    ग्रेनाइट पत्थर से बनने वाला भारत का सबसे बड़ा मंदिर
    हैदराबाद. 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद तेलंगाना में एक कमी थी। प्रसिद्ध तिरुमाला तिरुपति मंदिर आंध्र के हिस्से में था। तेलंगाना सरकार ने इस कमी को पूरा करने के लिए पौराणिक महत्व के यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर को 1800 करोड़ रुपए की लागत से तिरुपति की तर्ज पर भव्य रूप दे दिया है। इसे यदाद्रीगिरीगुट्टा मंदिर भी कहा जाता है। दिसंबर 2019 में तेलंगाना को अपना “तिरुपति” मंदिर मिल जाएगा। हैदराबाद से करीब 60 किमी दूर यदाद्री भुवनगिरी जिले में मौजूद लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का रिकॉर्ड 3 साल में कायाकल्प किया गया है। इसके लिए इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स ने करीब 1500 नक्शों और योजनाओं पर काम किया। 2016 में इसकी योजना को मंजूरी मिली थी। यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का उल्लेख 18 पुराणों में से एक स्कंद पुराण में मिलता है। हजारों साल पुराने इस मंदिर का क्षेत्रफल करीब 9 एकड़ था। मंदिर के विस्तार के लिए 300 करोड़ में 1900 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई। इसकी भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंदिर में 39 किलो सोने और करीब 1753 टन चांदी से सारे गोपुर (द्वार) और दीवारें मढ़ी जाएंगी। इसकी योजना पर काम चल रहा है। मंदिर की पूरी परिकल्पना हैदराबाद के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट आनंद साईं की है।

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