श्री कृष्ण ने बलराम और अक्रूर को सुनाई महाराज मुचुकन्द की कथा | श्री कृष्ण | दिव्य कथाएँ
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- Опубліковано 24 січ 2025
- "भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
Watch the video song of 'Darshan Do Bhagwaan' here - • दर्शन दो भगवान | Darsh...
संसार में यदि मनुष्य को कर्म के साथ धर्म के सही सामंजस्य को समझना हो तो इसके लिए श्रीमद् भगवत गीता से बड़ा ग्रंथ नहीं हो सकता। यह ग्रंथ दिव्य है इसीलिए विश्व में सनातन धर्म के अलावा अन्य धर्मों को मानने वाले मनुष्य भी श्री मद् भगवत गीता और श्री कृष्ण के अनुयायी है। सनातन धर्म में श्री भगवान कृष्ण को सोलह कलाओं से पूर्ण अवतार माना गया है। मानव जीवन से जुड़े सभी प्रश्नो का उत्तर आपको श्रीकृष्ण के जीवन से मिल सकता है। श्री भगवत् गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद व उपदेशों का संकलन है। इन उपदेशों को आप अपने जीवन में समाहित कर परमात्मा से जुड़ सकते है। “तिलक” अपने संकलन “दिव्य कथाएं” के इस चरण में श्री कृष्ण से जुड़े प्रसंगों को आपके समक्ष प्रस्तुत करेगा। भक्ति भाव से इनका आनन्द लीजिये और तिलक से जुड़े रहिये।
जब बलराम श्री कृष्ण से पूछते है कि कालयवन को कौन मारेगा? श्री कृष्ण कहते है कि उसे शिव जी के वरदान के कारण कोई भी योद्धा उसे अस्त्र या शस्त्र से नहीं मार सकता। इसलिए उसे हम नहीं कोई और मारेगा, इसलिए हमें ऐसे पुरुष को ढूंढ़ना पड़ेगा जो बिना युद्ध के उसे मार सके और वह पुरुष है त्रेतायुग के इच्छावाकु वंश के परम प्रतापी राजा मुचुकन्द। वह द्वापर युग में अभी तक मथुरा के पास एक गुफा में सो रहे है। एक समय जब देवासुर संग्राम के समय इंद्र के सहायता माँगने पर मुचुकन्द ने देवताओं की ओर से उस युद्ध में भाग लिया और उन्होंने इतनी वीरता के साथ युद्ध किया जिससे असुर पराजित हो कर भाग गए। जब मुचुकन्द धरती पर वापस जाने की आज्ञा माँगते है कि इंद्र उन्हें बताते है इस समय काल की गति के कारण उनका धरती पर कोई नहीं रहा। हमारे एक वर्ष में धरती पर एक युग बीत गया, कि अब न आपके पुत्र रहे, न रानियाँ और न प्रजा। यहाँ तक कि आपके इक्ष्वाकु वंश का नाम लेने वाला भी कोई नहीं रहा। यह सुन मुचुकन्द इंद्र से मोक्ष प्रदान कर करने के लिए कहते है, लेकिन इंद्र मोक्ष के स्थान पर कुछ और वर माँगने के लिए कहते है। तब मुचुकन्द कहते है कि वह युद्ध करते हुए थक गए है इसलिए वह जी भर कर सोना चाहते है। इसलिए मैं जब सोऊं तो मेरी निद्रा में कोई बाधा न डाले। इस पर इंद्र कहते है कि आप किसी गुप्त स्थान पर जाकर सो जाइए, मेरी वरदान है कि जो भी प्राणी आपको नींद से जगाएगा, उस पर आपकी दृष्टि पड़ते ही वो उसी क्षण भस्म हो जाएगा। श्री कृष्ण मुचुकन्द के बारे में विस्तार बताने के पश्चात बलराम और अक्रूर से अपनी योजना बताते हुए कहते है कि मैं किसी तरह से कालयवन को उसकी गुफा तक ले जाऊँगा और उनकी योजना तभी सफल होगी, जब मैं कालयवन के सामने अकेला और निहत्था जाऊँ।
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Jay shree Krishna 🙏
Jay shree krishna
Jai ho devtayo k raja
Jay Shri Krishna Jay Shri Krishna Jay Shri Krishna Jay Shri Krishna Jay Shri Krishna Jay Shri Krishna Jay Shri Krishna Jay Shri Krishna
Shree krishna
Nice video
Raja ache rhe.Raja ka samrajye acha rhe.Tathaastu
Jai shree krishna
Jai shri krishna ji ki 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jay shree Krishna